Hindi - Testament of Dan

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अध्याय 1
क्रोधके
"यहअजीबदृबिदेताहै।
1 दान के वचनोों की नकल, जो उस ने अपके जीवन के एक सौ पच्चीसवें वर्ा में, अपके अन्तिमबदनोोंमें अपके पुत्रोोंसे कहे। 2 क्ोोंबक उस ने अपके घराने को इकट्ठे करके कहा, हे दानके बेटोों, मेरीबातें सुनो; औरअपने बपताकीबातपरध्यानदो। 3 मैं ने अपने मन में और अपने सारे जीवन में उससत्यकोप्रमाबितबकयाहै न्याय से व्यवहार करना अच्छा है, और परमेश्वर को प्रसन्न करता है, और झूठ और क्रोध बुरे हैं, क्ोोंबकवे मनुर्ष्कोसबदुिताबसखाते हैं। 4 इसबलये हे मेरे बालको, मैं आज तुम्हारे साम्हने अोंगीकार करता हों, बक मैं ने अपने मन में अपने भाई यूसुफ को जो सच्चा और भला मनुर्ष्है, मरने काबनश्चयकरबलयाहै। . 5 और मैं ने आनन्द बकया, बक वह बबक गया, क्ोोंबक उसका बपता हम से अबधक उस से प्रेम रखताया। 6 क्ोोंबक डाह और घमण्ड की आत्मा ने मुझ से कहा, तू भीउसकापुत्रहै। 7 और बेबलयार की आत्माओों में से एक ने मुझे उकसाया, और कहा: यह तलवार लो, और इससे यूसुफ को मार डालो: तेरा बपता मरने पर भीतुझसे प्रेमकरेगा। 8 अब यह क्रोध की आत्मा ही है, बजस ने मुझ को यूसुफ को ऐसे कुचल डालने के बलये उकसाया, जैसे चीता बकरी के बच्चे को कुचल डालताहै। 9 परिु मेरे बपतरोोंके परमेश्वरने उसे मेरे हाथमें पड़ने न बदया, बक मैं उसे अकेला पाकर घात करों , और इस्राएल के दूसरे गोत्र को नाश करों। 10 और अब, हे मेरे बच्चोों, देखो, मैं मर रहा हों, और मैं तुम से सच सच कहता हों, बक यबद तुम झूठ और क्रोध की आत्मा से दूर न रहोगे, और सत्य और धीरज से प्रीबत न रखोगे, तो नि हो जाओगे। 11 क्ोोंबक क्रोध अन्धापन है, और मनुर्ष् को सत्यसे मुोंहदेखने नहीोंदेता। 12 क्ोोंबक चाहे माता वा बपता हो, तौभी वह उन से बैरी सा बतााव करता है; यद्यबप वह उसका भाई है, तौभी वह उसे नहीों जानता; चाहे वह यहोवा का भबवर्ष्द्वक्ता ही क्ोोंन हो, तौभी वह उसकी आज्ञा नहीों मानता; वह धमी होकर भी उस पर ध्यान नहीोंकरता; बमत्र होते हुए भी वह उसे स्वीकारनहीोंकरता। 13 क्ोोंबक क्रोध की आत्मा उसे छल के जाल में फोंसाती है, और उसकी आोंखोों को अोंधी कर देती है, और झूठ बोलकर उसकी बुन्ति को अन्तन्धयाराकरदेतीहै, औरउसे अपनीहीभाोंबत कीदृबिदेतीहै। 14 और उसकी आोंखें बकस से बघरी हुई हैं? हृदयमें घृिासे, बकअपने भाईसे डाहकरे। 15 क्ोोंबक हे मेरे बालको, क्रोध बुरी वस्तु है, वहप्रािकोभीदुुःखदेताहै। 16 और वह क्रोध करनेवाले के शरीर को अपना बना लेती है, और उसके प्राि पर अबधकार कर लेती है, और उसके शरीर को सबप्रकारकाअधमा करने कीशन्तक्तदेतीहै। 17 और जब शरीर ये सब काम करता है, तो आत्मा उसे उबचत ठहराती है, क्ोोंबक वह ठीक नहीोंदेखती। 18 इसबलये जो क्रोध करनेवाला हो, यबद वह शूरवीर हो, उसके क्रोध में तीन प्रकार की शन्तक्त होती है, एक तो अपने सेवकोों की सहायता से; और दूसरा अपने धन से, बजस से वह बहकावे और अन्याय से जय पाए; और तीसरा, अपनी प्राकृबतक शन्तक्त होने के कारि वहदुिताकाकाया करताहै। 19 और क्रोध करनेवाला भले ही बनबाल हो, तौभी उस में स्वभाव से दुगुनी शन्तक्त होती है;
याकूबऔरबबल्हाकासातवााँपुत्र।ईर्ष्ाालुवह
ब़िलाफ़सलाहदेतेहुएकहतेहैंबक
" क्रोधपरयहएक उल्लेखनीयथीबससहै।
क्ोोंबक क्रोध सदैव ऐसे लोगोों को अधमा में सहायताकरताहै। 20 यह आत्मा सवादा शैतान की दाबहनी ओर झूठ बोलता रहता है, बक वह क्रूरता और झूठ के द्वाराउसके कामबनकाले। 21 इसबलये तुम क्रोध की शन्तक्त को समझ लो, बकवहव्यथा है। 22 क्ोोंबक वह सब से पबहले वचन ही से भड़काता है; बफर वह क्रोध करने वाले को कमों से दृढ़ कर देता है, और भारी हाबन से उसके मन को व्याकुल कर देता है, और उसके प्रािकोबड़े क्रोधसे भड़कादेताहै। 23 इसबलये, जब कोई। जो तुम्हारे बवरोध में बोलता है, उस पर क्रोध न करना; और यबद कोई तुम को पबवत्र मनुर्ष् जानकर स्तुबत करे, तो उदास न होना; न तो प्रसन्न होना, और न घृिाकरना। 24 क्ोोंबक पबहले तो यह सुनने को भाता है, औरमनकोउकसाने काकारिजानने के बलये उत्सुक करता है; और बफर क्रोबधत होकर वह सोचताहै बकवहउबचतहीक्रोबधतहै। 25 हे मेरे बालको, यबद तुम बकसी हाबन वा बवनाश में पड़ो, तो उदास न होना; क्ोोंबक वही आत्मा मनुर्ष् को नाशवान वस्तुओों की अबभलार्ा कराती है, बक वह क्लेश के कारि क्रोबधतहो। 26 और यबद तुम स्वेच्छा वा अनचाहे हाबन उठाते हो, तो घबराओ मत; क्ोोंबक झझलाहट से झूठसे क्रोधउत्पन्नहोताहै। 27 और झूठ बोलने से क्रोध भी दोहरा होता है; और वे हृदय को व्याकुल करने के बलये एक दूसरे की सहायता करते हैं; और जब आत्मा बनरिर व्याकुल रहती है, तब यहोवा उसके पास से चला जाता है, और बेबलयार उस पर प्रभुताकरताहै। अध्यायदो राि र के पापोों , बन्धुवाई , बवपबियोोंऔरअोंबतम पुनर्स्ाापनकीभबवर्ष्वािी।वेअभीभीईडन कीबातकरतेहैं(श्लोक18 देखें )।भबवर्ष्वािी कीदृबिसेश्लोक23 उल्लेखनीयहै। 1 इसबलये, हे मेरे बच्चोों, यहोवा की आज्ञाओों का पालन करो, और उसकी व्यवर्स्ा का पालन करो; क्रोध और झूठ से बैर रखो, बजस से यहोवा तुम्हारे बीच में बनवास करे, और बेबलयार तुम्हारे पाससे भागजाए। 2 हर एक अपने पड़ोसी से सच बोले। इसबलये तुम क्रोध और भ्रम में न पड़ना; परिु शान्ति के परमेश्वर के कारि तुम शान्ति से रहोगे, इस कारियुितुमपरप्रबलनहोगा। 3 जीवन भर प्रभु से प्रेम रखो, और एक दूसरे से सच्चे मनसे प्रेमरखो। 4 मैं जानता हों, बक अि के बदनोोंमें तुम यहोवा से दूर हो जाओगे, और लेवी को क्रोध बदलाओगे, और यहदा से लड़ोगे; परिु तुम उन पर प्रबल न होना, क्ोोंबक यहोवा का दूत उन दोनोोंको अगुवाई देगा; क्ोोंबक उनके द्वारा इस्राएल खड़ा रहेगा। 5 और जब तुम यहोवा से दूर हो जाओगे, तब सब प्रकार की बुराई करते हुए अन्यजाबतयोों के समान घृबित काम करोगे, और अधबमायोों की न्तियोों के पीछे हो कर व्यबभचारी बनोगे, और दुिात्माएों तुम में सब प्रकार की दुिता के साथ कामकरतीरहेंगी। 6 क्ोोंबक मैं ने धमी हनोक की पुस्तक में पढ़ा है, बक तुम्हारा हाबकम शैतान है, और सब दुि और घमण्डी आत्माएों लेबवयोों की घात में लगी रहती हैं, औरउनसे यहोवाके साम्हने पापकराते हैं। 7 और मेरे बेटे लेवी के बनकट आकर सब बातोों में उन से पाप करेंगे; और यहदा के पुत्र लोभी होकरबसोंहोोंकीनाईपराये धनकोलूटलेंगे। 8 इस कारि तुम उनके साय बन्धुवाई में पहुोंचाए जाओगे, और वहाों तुम्हें बमस्र की सब बवपबियाों, और अन्यजाबतयोोंकी सब बवपबियाों भोगनीपड़ेंगी। 9 और इस प्रकार जब तुम प्रभु के पास लौटोगे तो तुम पर दया होगी, और वह तुम्हें अपने पबवत्रर्स्ानमें ले आएगा, औरतुम्हें शाोंबतदेगा।
10 और यहदा और लेवी के गोत्र में से यहोवा का उिार तुम्हारे बलये उत्पन्न होगा; और वह बेबलयारके बवरियुिकरेगा. 11 और हमारे शत्रुओों से सदा का पलटा लेना; और वह पबवत्र लोगोोंके प्रािोोंको बेबलयार में से बन्धुवाई में से ले लेगा, और अवज्ञाकाररयोों के मनोों को प्रभु की ओर फेर देगा, और जो उसे पुकारते हैं उन्हें अनि शान्तिदेगा। 12 और पबवत्र लोग अदन में बवश्राम करेंगे, और धमी लोग नये यरशलेम में आनन्द करेंगे, और यह परमेश्वर की मबहमा के बलये सवादा बना रहेगा। 13 और यरशलेम बफर उजाड़ न होगा, और इस्राएल बन्धुवाई में न जाएगा; क्ोोंबक यहोवा उसके बीच में रहेगा [मनुर्ष्ोोंके बीच में रहेगा], और इस्राएल का पबवत्र उस पर दीनता और दररद्रता के साथ राज्य करेगा; और जो उस पर बवश्वास करेगा वह मनुर्ष्ोों के बीच सच्चाई से राज्यकरेगा। 14 और अब, हे मेरे बच्चोों, यहोवा काभय मानो, और शैतान और उसकी आत्माओों से सावधान रहो। 15 परमेश्वर और उस दूत के बनकट आओ जो तुम्हारे बलये मध्यर्स्ता करता है, क्ोोंबक वह परमेश्वर और मनुर्ष् के बीच मध्यर्स् है, और इस्राएल की शान्ति के बलये वह शत्रु के राज्य के बवरिखड़ाहोगा। 16 इसबलये शत्रु उन सभोोंको जो यहोवा को पुकारते हैं नाशकरने कोउत्सुकहै। 17 क्ोोंबकवहजानताहै, बकबजसबदनइस्राएल मन बफराएगा, उस बदन शत्रु का राज्य समाप्त होजाएगा। 18 क्ोोंबक मेल का दूत ही इस्राएल को दृढ़ करेगा, ऐसा न हो बक वह बुराई की चरम सीमा परपहुोंचजाए। 19 और इस्राएल के अधमा के समय में यहोवा उन से अलग न होगा, परिु उनको एक ऐसी जाबत में बदल देगा जो उसकी इच्छा पर चलती है, क्ोोंबक कोई भी स्वगादूत उसके तुल्य न होगा। 20 और उसका नाम इस्राएल के सब र्स्ानोों में, औरअन्यजाबतयोोंमें प्रगटहोगा। 21 इसबलये हे मेरे बालको, सब बुरे कामोों से अपनी रक्षा करो, और क्रोध और सब झूठ को दूरकरो, औरसत्यऔरधीरजसे प्रेमरखो। 22 और जो बातें तुम ने अपके बपता से सुनी हैं, उन्हें अपके बालकोोंको भी समझाओ, बक अन्यजाबतयोोंका उिारकताा तुम्हें ग्रहि करे; क्ोोंबकवहसच्चाऔरसहनशील, नम्रऔरदीन है, और अपने कामोों से परमेश्वर की व्यवर्स्ा बसखाताहै। 23 इसबलये सब अधमा से दूर हो जाओ, और परमेश्वर की धाबमाकता में लगे रहो, और तुम्हारा वोंशसवादाके बलये बचारहेगा। 24 और मुझे मेरे पुरखाओों के बनकट बमट्टी देना। 25 और ये बातें कह कर उस ने उन्हें चूमा, और बुढ़ापे में सोगया। 26 और उसके पुत्रोों ने उसे बमट्टी दी, और उसके बाद उसकी हबियाों ले जाकर इब्राहीम, इसहाक, औरयाकूब के पासरखीों। 27 तौभी दान ने उन से भबवर्ष्द्वािी की, बक वे अपके परमेश्वर को भूल जाएों, और अपके बनज भाग के देश से, और इस्राएल के वोंश से, और अपने वोंशके कुलसे अलगहोजाएों।

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