Goods and service tax sudhir halakhandi (1)

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अभी भी दरू है जी.एस.टी. जी.एस.टी. में क्या व्यापार एवं उद्योग जगत की भी सन ु ी जायेगी ?

- सध ु ीर हालाखंडी बजट आने के पहले हर वर्ष समाचार पत्रों में बजट साल के अगले साल जी.एस.टी. लागू होने की काफी जोर शोर से छपती है लेककन एक बात हर बार होती है कक कही ना कही बाद में यह खबर आती है कक राज्यों और केंद्र के बीच ककसी एक या अधधक मद्द ु े पर मतभेद है और सहमती के प्रयास ककये जा रहे है

और यह कर एक बार

कफर टल जाता है . लेककन यहा​ाँ हर बार यह ध्यान रखे कक मतभेद ससफष केंद्र और राज्य सरकार के मध्य ही होता है और कभी भी आधधकाररक स्तर पर यह नहीं कहा जाता है कक इस सम्बन्ध में व्यापार एवं उद्योग जगत के क्या ववचार है जबकक यह पूरा ही कर व्यापर एवं उद्योग जगत पर ही लगना है और उन्हें ही इसे एकत्र कर सरकार को जमा कराना है और ककसी भी अप्रत्यक्ष कर की सफलता केवल उद्योग एवं व्यापार के सकारात्मक सहयोग से ही संभव है लेककन शायद जी.एस.टी. को लेकर केंद्र एवं राज्य सरकारों का पूरा ध्यान ससफष आपस के वववाद सुलझाने में ही है एवं इस जी.एस.टी. की सफलता के इस महत्वपूर्ष भाग की ओर अभी तक सरकार का ध्यान नहीं गया है .


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