दो त क दो ती के नाम मेर कुछ रचनाएं ............
खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. ताह उ
रहगे हम कजदार तेरे,
तूने हम खुिशय का ठकाना दया. नफ़रत के दौर म जल रहे थे हम, तूने ठं ड़ हवाओं का नज़राना दया. खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. माँ-बाप ने पाला और बड़ा कर दया, बेसहारे को जैसे पैर के बल खड़ा कर दया. कमी महसूस हई ु फर भी,एक अदव सहारे क मुझ,े दो त ने आ के उस कमी को भी पूरा कर दया. ह मत, हौसला, सुख दख ु बन कर ,दो त ने भी करतव कर दया. कृ ण-सुदामा सर खी दो ती िनभाकर, हमार दो ती को भी अमर कर दया. खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. ***********************************************