Diary of a young Poet by Swapnl Saundarya Ezine

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दो त क दो ती के नाम मेर कुछ रचनाएं ............

खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. ताह उ

रहगे हम कजदार तेरे,

तूने हम खुिशय का ठकाना दया. नफ़रत के दौर म जल रहे थे हम, तूने ठं ड़ हवाओं का नज़राना दया. खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. माँ-बाप ने पाला और बड़ा कर दया, बेसहारे को जैसे पैर के बल खड़ा कर दया. कमी महसूस हई ु फर भी,एक अदव सहारे क मुझ,े दो त ने आ के उस कमी को भी पूरा कर दया. ह मत, हौसला, सुख दख ु बन कर ,दो त ने भी करतव कर दया. कृ ण-सुदामा सर खी दो ती िनभाकर, हमार दो ती को भी अमर कर दया. खुदा तूने रहमत का खज़ाना दया, इतने सारे दो त का तराना दया. ***********************************************


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