Shivganga Newsletter July'22

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Newsletter JULY'22


स्वच्छ गाँव स्वस्थ परिवार प्रशिक्षण एवं पर्यावरण सप्ताह

10 जुलाई को शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में 'स्वच्छ गाँव-स्वस्थ परिवार' कार्यक्रम से पर्यावरण सप्ताह का शुभारंभ हुआ। कार्यक्रम में 300 परिवारों ने शामिल होकर 12-12 फलदार पौधे गोद लिए और 21 गाँव के लोग अपने गाँव के मातावनों के लिए पौधे लेकर गए। इन फलदार पौधों को अपने घरों में लगाने से ग्रामवासियों को वर्ष भर उनके पोषण की पूर्ति होती हैं और रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहती हैं। कार्यक्रम में आई.आई.टी इंदौर के निदेशक डॉ सुहास जोशी जी व अन्य प्रोफे सर, रोटरी क्लब इंदौर की अध्यक्षा श्रीमती लालिमा तिवारी जी एवं अन्य सदस्य, शिवगंगा इंदौर चैप्टर के अतिथि और झाबुआ एस.डी.एम श्री एल. एन. गर्ग विशेष रूप से शामिल हुए। पर्यावरण सप्ताह प्रतिदिन अलग-अलग विकास खंडों में मनाया गया। इस वर्ष कु ल 1500 परिवार और 21 गाँव के मातावनों को मिलाकर 40000 वृक्ष लगाये गए।

वन संवर्धन



ग्राम गुरुकु ल प्रकाशन वर्ग

ग्राम गुरुकु ल प्रकाशन के अन्तर्गत पिछले वर्ष नवभगीरथ पुस्तक का प्रकाशन किया गया थाI उसी क्रम को आगे बढ़ाते हुए, ग्राम गुरुकु ल प्रकाशन के ग्रामीण कार्यकर्ताओं के लिए प्रथम प्रशिक्षण वर्ग आयोजित किया गयाI श्री महेश शर्मा ने वर्ग की भूमिका रखते हुए कहा ग्राम गुरुकु ल प्रकाशन झाबुआ के पारंपरिक व देशज ज्ञान तथा आधुनिक युग के नव विज्ञान के बीच एक सेतु बन सके प्रकाशन के माध्यम से जनजाती समाज के इस श्रेष्ठ ज्ञान परंपरा को लिपिबद्ध कर संरक्षित किया जा सके I इन सभी बातों को ध्यान में रखते हुए बैठक में झाबुआ की अनेक विशेषताओं जैसे परम्पराएँ, खान-पान, जीवन व्यवहार, लोक व्यवहार के अनेक विषय शोध हेतु निकाले गएI

जन संवर्धन


स्वस्थ झाबुआ सशक्तिकरण वर्ग एवं रक्तदान शिविर

2 दिवसीय स्वस्थ झाबुआ सशक्तिकरण वर्ग का आयोजन शिवगंगा आश्रम धरमपुरी में किया गया, जिसमें 13 गाँवों से 23 ग्रामीण सम्मिलित हुएI वर्ग में गाँव में होने वाली छोटी छोटी बीमारियों के बारे जानकारी दी गई साथ ही शिवगंगा रोगी सहायता कें द्र के बारे में जानकारी साझा करी गईI वर्ग के पूर्व 15 गाँवों में संपर्क कर ग्रामवासियों को स्वस्थ झाबुआ के लिए सशक्तिकरण वर्ग में आने के लिए आग्रह किया गया। शिवगंगा द्वारा चौथा रक्तदान शिविर शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में लगाया गया। झाबुआ के इस दुख को दूर करने के लिए झाबुआ के युवाओं और किशोरियों ने रक्तदाताओं का समूह बनाने का संकल्प लिया हैं। जिससे आकस्मिक जरूरत आने पर तुरंत रक्त उपलब्ध कराया जा सके । इस समूह में कु ल 75 लोग शामिल हो चुके हैं, जो 2 से 3 बार रक्तदान कर चुके हैं।

स्वच्छ गाँव - स्वस्थ परिवार


कावड़ यात्रा बैठक

झाबुआ में गंगा बारिश के रूप में हर साल आती है और बहकर चली जाती है। जल की कमी झाबुआ की एक बड़ी समस्या है और इन्हीं तथ्यों को ध्यान में रखते हुए गाँव-गाँव में कावड़ यात्रा का आयोजन किया जाता रहा हैI ग्रामवासी गाँव के आसपास के पवित्र स्थानों से गंगाजल भरते हैं और अपने गाँव में स्थापित शिवलिंग पर जलाभिषेक करते हैं। साथ ही पूरा गाँव इकट्ठा होकर 'मेरा गाँव मेरा तीर्थ' अर्थात संपूर्ण गाँव को समृद्धशाली बनाने का और उसके लिए मिलकर सीखने का संकल्प लेता हैं। शिवगंगा कार्यकर्ताओं की टोलियों ने अपने-अपने विहारों की बैठकें कर घर-घर जाकर धर्म का निमंत्रण अर्थात कावड़ यात्रा में आने का निमंत्रण दिया I यात्रा के पूर्व 30 अलग-अलग गाँवों में यात्रा पूर्व की तैयारी बैठक की गई, जिसमें 560 कार्यकर्ता उपस्थित रहेI बैठक में कावड़ यात्रा की योजना बनाई गई, कावड़ यात्रा की तारीख तय की गई, जल भरने का स्थान, धर्म सभा का स्थान एवं यात्रा की व्यवस्था पर चर्चा की गई।


कावड़ यात्रा

कावड़ यात्रा को जन जागरण का एक आंदोलन बनाने के उद्देश्य से इस बार शिवगंगा ने गाँव के ही समीप स्थित देव स्थानों पर छोटी-छोटी कावड़ यात्राओं के आयोजन का निर्णय लिया जिससे प्रत्येक गाँव के सभी आयु वर्ग के समूह को शामिल होने का अवसर मिले। 4 से 5 गाँव मिलकर अपने आसपास किसी पवित्र स्थान, अपने गाँव का कोई बड़ा तालाब, कु आ, हैंडपंप ऐसे स्थान से जल भरते हैं और उसका सारा प्रबंधन ग्रामवासी मिलकर करते हैं। अपने गाँव में शोभा यात्राओं व धर्म सभाओं के आयोजन करते हैं। प्रसादी की व्यवस्था होती हैं, इन सब गतिविधियों का संचालन उस विहार और गाँव की टोली मिलकर करते हैं। जुलाई माह में 18 स्थानों पर कावड़ यात्रा निकली गई, जिसमें 127 गाँवों के 3504 ग्रामवासी सम्मिलित हुएI इस आयोजन से समाज में सामूहिकता, स्वाभिमान, स्वावलंबन, परमार्थ जैसी भावनाओं का विकास होता है।



जैविक खेती प्रशिक्षण

इस माह जैविक खेती प्रशिक्षण शिविर का आयोजन ग्राम सजवानी एवं लिम्ब्खोदारा में किया गया I इसमें 53 किसान प्रशिक्षित हुएI वर्ग की शुरुवात में जैविक खेती करने का उद्देश्य क्या है, गाँव में इससे क्या बदलाव लाना हैं, इस बात पर चर्चा हुई I सभी ने मिलकर जमी माता के दुःख को जाना और समझा और इस दुःख से उबरने के लिए हमें क्या करना चाहिए, इस पर विचार किया। जैविक सब्जियों की आवक निरंतर बनी रहे इसके लिए सब्जियों का चयन कर लगाने की योजना बनाई गई। जैविक खेती के लिए नए किसानों को जोड़ने के लिए भी योजना बनाई गई एवं कार्यकर्ताओं को गाँव-गाँव संपर्क की ज़िम्मेदारी भी दी गई। किसानों को जैविक कीटनाशक एवं खाद निर्माण का प्रशिक्षण दिया गयाI ग्राम सजवानी में धन्ना भाई जैविक खाद वर्मी कं पोस्ट बनाना सिखाया एवं कवक नाशक, अर्क बनाया बना कर बताया।


भारत में आदिवासी समुदायों में वनों के संरक्षण और संवर्धन की परंपरा रही हैं। मातावन, एक सीमांकित सामुदायिक वन क्षेत्र होता है जिसे समुदाय द्वारा संरक्षित किया जाता है।

मातावन हलमा

कोई भी व्यक्ति मातावन के संसाधनों का व्यक्तिगत उपयोग नहीं करता है। यह आदिवासी लोगों के अनुष्ठानों और त्योहारों में आवश्यक समावेश भी रखता है। शिवगंगा ने मातावन परंपरा को संवर्धन से समृद्धि की ओर ले जाने वाली एक श्रेष्ठ भीली परंपरा के रूप में पहचानाI इस माह रामा विकासखंड के ग्राम सेमलखेड़ी व पीलियाखान्दन में सावनमाता वन एवं कसुमर बाबा देव वन में ग्रामीणों द्वारा मातावन संवर्धन का संकल्प लिया गयाI ग्राम टिकडी मोती मातावन पौधारोपण किया गयाI

वन संवर्धन


झाबुआ की महिलायें अपने गाँव की समस्याएँ समझ समाधान का नेतृत्व करती हैं। पानी की समस्या है तो तालाब बनायेंगी, स्वास्थ्य की समस्या है को स्वस्थ परिवार का सूत्रधार बनेंगी, एक हाथ से बच्चे और दूसरे हाथ से गेती संभाले हलमा में भी आएँगी, और अपने बच्चों को भी लाएंगी, चाहे वो दूध-

किशोरी सशक्तिकरण वर्ग

मुहा ही क्यों न हो। ऐसी सशक्त, असाधारण हैं झाबुआ की महिलायें। इस माह किशोरी सशक्तिकरण वर्ग में 36 गाँवों से 65 किशोरियाँ सम्मिलित हुईI वर्ग में अपने गाँव के दुःख, उनका निवारण, महिलाओं के स्वास्थ्य सम्बंधित समस्याएँ एवं अपने गाँव को समृद्धशाली बनाना आदि विषयों पर चर्चा की गईI किशोरी सशक्तिकरण के लिए गाँव-गाँव जा कर किशोरियों से लगातार संपर्क की योजना बनाई गई।

सामाजिक नेतृत्व निर्माण


अतिथि भ्रमण

मुंबई से श्री रविंद जी मीठे का आगमन हुआ I रविन्द जी शिवगंगा के अस्तित्व मित्र है एवं फ्रें ड्स ऑफ झाबुआ मुंबई चैप्टर के सक्रिय सदस्य हैI उन्होंने धरमपुरी आश्रम का भ्रमण किया एवं विकास कार्यों का समझा I इसके साथ ही उन्होंने बावड़ी बड़ी तालाब, कालिया मातावन, बाँस प्रशिक्षण कें द्र मेघनगर का भी भ्रमण कियाI इमेज और रियलिटी कार्यक्रम के अन्तर्गत कु मार शुभम जी, और सेवा इंटरनेशनल संस्था की टीम का आगमन हुआ। सेवा इंटरनेशनल द्वारा चयनित फे लो विद्यार्थियों शिवगंगा की इस विकास यात्रा में भूमिका को लेकर चर्चा कीI


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