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Oct' 21
किशोरी सशक्तिकरण वर्ग
इस माह किशोरी सशक्तिकरण वर्ग का आयोजन दिनांक 25-28 अक्टूबर को शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में किया गयाI वर्ग आयोजन के पूर्व 10 कार्यकर्ताओं की टीम ने 23 गाँवों में 250 परिवारों के बीच जा जनजागरण कियाI तत्पश्चात 12 गाँवों से 70 किशोरियाँ इस वर्ग में उपस्थित रहीI एक्सपोज़र ट्रेनिंग हेतु वर्गार्थी कृ षि विज्ञान कें द्र, जिला अस्पताल, शिवगंगा रोगी सहायता कें द्र और हाथीपावा गएI सामाजिक एवं मानसिक विकास के साथ ही किशोरियों के शारीरिक विकास की भी महत्ती आवश्यकता हैI इसी को ध्यान में रखते हुए २ दिवसीय किशोरी शारीरिक वर्ग का आयोजन किया गया जिसमें विभिन्न गाँवों से 12 वर्गार्थी सम्मिलित हुए I वर्ग में विभिन्न गतिविधियों एवं खेलों के माध्यम से किशोरियों को शारीरिक रूप से सुदृढ़ होने के लिए प्रेरित किया गया I
सशक्तिकरण वर्ग
जन संवर्धन आयाम के अन्तर्गत इस माह शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में आयोजित 2 वनांचल सशक्तिकरण वर्ग में क्रमशः 61 गाँवों से 101 वर्गार्थी एवं 52 गाँवों से 107 वर्गार्थी सम्मिलित हुएI इसके साथ ही 3 दिवसीय प्रगत सशक्तिकरण वर्ग में अपने गाँवों में सामाजिक बदलाव का नेतृत्व कर रहे 25 वर्ष से ऊपर के , 52 गाँवों से 107 ग्रामवासी सम्मिलित हुए। पाँचों देव (जल, जंगल, जमीन, जानवर, जन) का संवर्धन कर अपने गाँव के दुःखों को दूर करने का संकल्प लिया। शिवगंगा प्रबंधन वर्ग का आयोजन दिनांक 27-01 अक्टूबर तक हुआ, जिसमें 19 गाँवों से 27 युवा सम्मिलित हुएI युवाओं ने शिवगंगा युवा सशक्तिकरण का नेतृत्व कर रहे श्री हरिसिंह सिंघाड़ के संरक्षण में समूह में काम करना, टीम का निर्माण व संचालन, भोजन व्यवस्था, स्वच्छता बनाए रखना जैसे प्रबंधन संबंधित विषयों पर काम किया।
युवा सशक्तिकरण
बोरी बांध निर्माण
झाबुआंचल की महान भीली परंपरा 'हलमा' के माध्यम से वनवासी प्रति वर्ष करोड़ों लीटर पानी संरक्षित करते हैं। इस वर्ष जहाँ वर्षा ऋतु से पहले 16 बड़े तालाबों का निर्माण किया गया वहीं बारिश के उपरांत गाँव-गाँव में बोरी बांध बनाने का काम शुरु हो गया हैं। इसी क्रम में थुवादरा गाँव में तीन गाँवों से 60 ग्रामवासियों ने चार घंटे 'हलमा' करके 1 करोड़ 30 लाख लीटर क्षमता का बोरी बांध का निर्माण किया। यह बांध 7 फीट ऊँ चा, 80 फीट चौड़ा, 700 फीट लंबा हैं। बोरी बांध के बनाने से किसानों को अगली फसल के लिए उपयुक्त पानी मिल जाता हैं। झाबुआ के वनवासी निरंतर इसी प्रकार से पाँचों देव - जल, जंगल, जमीन, जानवर, जन - का संवर्द्धन कर झाबुआ को समृद्ध कर रहे हैं।
जल संवर्धन
झाबुआ शहर स्थित शिवगंगा के रोगी सहायता कें द्र में रक्तदान शिविर का आयोजन हुआ। शिविर में रक्तदान के साथ-साथ शिवगंगा कार्यकर्ता श्री राजाराम कटारा ने ग्रामवासियों के साथ रक्तदान से जुड़े भ्रम को दूर करने को लेकर चर्चा की और इससे जुड़े मेडिकल तथ्यों को प्रस्तुति के माध्यम से समझाया। झाबुआ में आये दिन आपातकालीन परिस्थितियों में खून की आवश्यकता होने संजीवनी रोगी सहायता कें द्र पर कठिनाइयों का सामना करना पड़ता हैं। अतः शिवगंगा के माध्यम से इस प्रकार के शिविरों का नियमित आयोजन होगा। इसी माह कें द्र में Hepatitis B के टीकाकरण शिविर का भी आयोजित किया गया जिसमें 28 ग्रामीणों को टीका लगाया गया I शिवगंगा का रोगी सहायता कें द्र चिकित्सा क्षेत्र और ग्रामवासियों के बीच सेतु बनकर स्वस्थ झाबुआ के सपने को साकार करने में महत्वपूर्ण भूमिका को तैयार हैं। हम सभी साथ मिलकर झाबुआ की कालांतर की पीड़ा को दूर कर सकते हैं।
विभिन्न आयोजन
अक्टूबर माह हम सभी के लिए विशेष रहाI माँ नवदुर्गा की आराधना से लेकर भगवान विष्णु एवं माता लक्ष्मी का गृह प्रवेश, सभी त्यौहार अत्यंत हर्ष उल्लास के साथ मनाये गए I इस नवरात्रि शिवगंगा के माध्यम से 50 गाँवों में 'किशोरी सशक्तिकरण व जनजागरण के उद्देश्य के साथ 'नवरात्रि महोत्सव' का आयोजन हुआ। किशोरियों के नेतृत्व में आयोजित शिवगंगा नवरात्री महोत्सव में गाँव-गाँव में धर्म-सभाएँ, गरबा-उत्सव, महाआरती जैसे कार्यक्रम हुए। इन कार्यक्रमों में लगभग 160 गाँवों से ग्रामवासियों ने सम्मिलित होकर पूरे झाबुआ वनांचल में 'धर्म जगाने-परमार्थ बढ़ाने' का संकल्प को दृढ़ किया। विजया दशमी को युवा पीढ़ी में स्वाभिमान जागरण के उद्ददेश से विभिन्न स्थानों पर शस्त्रपूजन का आयोजन किया गया, जिसमें ग्रामवासियों ने अपने पारंपरिक शस्त्रों का पूजन किया I
मातावन प्रबंधन प्रशिक्षण वर्ग
शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में 4 दिवसीय मातावन प्रबंधन बैठक का आयोजन किया गयाI करीब 48 गाँवों के 105 ग्रामवासी इस में सम्मिलित हुएI वर्ग में मातावन सीमांकन के पारंपरिक तरीकों, मातावन की सुरक्षा, बीज वितरण एवं संग्रहण, पौधों हेतु जल की व्यवस्था आदि विषयों पर चर्चा की गई I इसके अलावा सावन माता वन, बाबा देव संवर्धन जैसे परम्पराओं का जनजागरण कर जंगल संवर्धन के लिए विभिन्न कार्यक्रमों की रूपरेखा पर भी चर्चा की गई। झाबुआ के वनवासी इसी प्रकार से प्रकृ ति के साथ श्रद्धा भाव रखते हुए उच्च मूल्यों से परिपूर्ण जीवन जीते हैं। इन्हीं मूल्यों का परिणाम हैं कि झाबुआ में पिछले दस सालों में वनवासी 126 मातावनों में 1 लाख 34 हजार वृक्ष लगा चुके हैं।
शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में 3 दिवसीय सामुदायिक वनाधिकार एवं पेसा कानून प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन हुआ, जिसमें 10 गाँवों से 25 ग्रामीण उपस्थित रहेI शिवगंगा कार्यकर्ता श्री अविनाश मट्टूर ने सामुदायिक वनाधिकार के बारे में विस्तार से बताया एवं सामुदायिक वनाधिकार के लिए नियम सम्मत कार्यवाही कै से कर सकते हैं, क्या क्या कठिनाइयाँ सामुदायिक वनाधिकार आती हैं उसके बारे में जानकारी दी। साथ ही पेसा कानून के अन्तर्गत ग्राम एवं पेसा कानून प्रशिक्षण सभा के निर्माण की प्रक्रिया समझाई I इसी माह ग्राम साड़ का नाकाफलिया के ग्रामवासियों ने सामुदायिक वनाधिकार का पट्टा लेने के लिये कागजी कार्यवाही करना शुरू कर दिया। वनवासी लम्बे समय से अपने अधिकारों से वंचित रहे है, इसी समस्या को दूर करने के लिए शिवगंगा २ साल से निरंतर सामुदायिक वनाधिकार एवं पेसा कानून पर कम कर रही हैंI
वनीकरण
झाबुआ प्रवास
शिवगंगा के सतत रूप से चल रहे समग्र ग्रामविकास को देखने-समझने के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के वरिष्ठ प्रचारक एवं अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् के वरिष्ठ अधिकारी श्री सदाशिव जी देवधर का झाबुआ तथा इंदौर कार्यालय पर आना हुआI उन्होंने धरमपुरी गुरुकु ल का भ्रमण कर ग्रामीण विकास के विभिन्न कार्यक्रमों को देखा एवं समझाI ग्रीन हब फाउंडेशन, अहमदाबाद के अध्यक्ष श्री सुनील भाई त्रिवेदी का मेघनगर स्थित बाँस प्रशिक्षण कें द्र पर आगमन हुआ I उन्होंने शिवगंगा के कौशल विकास के इस प्रकल्प को देखा व सराहाI ग्राम आमफलिया मातावन के भ्रमण हेतु दानदाता श्री प्रदीप आप्टे एवं श्री अर्चना आप्टे का आगमन हुआI इस वर्ष ग्रामवासियों द्वारा हलमा करके इस मातावन में 500 पौधे लगाये गए हैंI
अतिथि आगमन
ग्राम समृद्धि टोली
गोलाबड़ी गाँव में शिवगंगा की प्रेरणा से 'ग्राम समृद्धि टोली' पिछले 4 महीनों से घर-घर संपर्क कर जनजागरण कर रही है। जनजागरण के लिए टोली ने गाँव में कलश यात्रा, 'संगड़ा यात्रा' जैसे कार्यक्रम किये। इसी के अन्तर्गत इस माह ग्राम समृद्धि बैठक का आयोजन भी किया गया I हलमा की परंपरा को आगे बढ़ाते हुए आज ग्रामवासियों ने मिलकर 'बारियापाड़ा' फलिया जाने के लिए सड़क बनाई। इस फलिये में जाने के लिए अब तक व्यवस्थित सड़क नहीं थी। डीजल और अन्य खर्चों के लिए ग्रामवासियों ने 'फाळा' परंपरा के माध्यम से पैसे इकट्ठा किये और जेसीबी के लिए शिवगंगा का सहयोग लिया। इस प्रकार जनजागरण से लेकर समस्या ध्यान में लाने और समाधान तक पहुँचने की पूरी प्रक्रिया ग्रामवासियों ने स्वावलंबी होकर बिना किसी बाहरी सहायता के स्वाभिमान के साथ पूरा की। आज झाबुआ वनांचल के गोलाबड़ी जैसे गाँव और समाज सम्पूर्ण विश्व के लिये अक्षय विकास का 'मॉडल प्रोसेस' के उदाहरण बन रहे हैं।
शिवगं गा झाबुआ का एक प्रकल्प।
स्वस्थ
झाबुआ
रोगी सहायता कें द्र स्वच्छ गाँ व , स्वस्थ परिवार