Shivganga Newsletter May 21

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Newsletter May'21


"SUPPORT JHABUA CAMPAIGN" आरंभ

आज पूरा व को वड19 महामारी से संघष कर रहा है। पहली लहर म सुर त माने जाने वाले भारतीय गाँव सरे लहर म इससे अछू ते नह रहे। झाबुआ म भी त काफ यादा चताजनक बन गयी I मा 130 ऑ सीजन बेड मता वाले झाबुआ म 1000+ संभा वत मामल को संभालना असंभव थाI ऐसे म शवगंगा ने घर घर जा कर वा य सु वधाएँ दे ने का नणय कया I थम चरण म Support Jhabua campaign के मा यम से 10000 मे डकल कट वतरण का नणय कया गया I थम स ताह म वपरीत प र तय म भी गाँव-गाँव म सहयोग करने के लए 100 कायकता का समूह अ भयान म जुट गया।


कायकता

गाँव गाँव म जा कर मे डकल कट वत रत करनेवाले कायकता को सव थम श ण दया गया, जसम अ भयान के लए सही जानकारी और कोरोना संब त सावधा नय से अवगत कराया गया I मे डकल कट और इसके उपयोग को लेकर बारीक से श ण दया गया, काढ़ा, नीम, भाँप श ण वग जैसे दे शी तरीक के त भी अवगत कराया गया। थम 10 दन म 210 गांव के 400 से यादा श त कायकता ने काय आरंभ कर दया I यु तर पर काय करते ए शवगंगा ने अगले 10 दन म 2065 जमीनी कायकता ारा 27000 ामवा सय से संपक कर 710 गाँव म 16000 मे डकल कट बाँटे I कायकता के अनुभव एवं मे डकल कट क भावशीलता को दे खते ए 10000 कट के ल य को 20000 और फर 40000 कया गया I


डॉ टर के परामश अनुसार शवगंगा ारा मे डकल कट तैयार कया गया जसम कोरोना से बचाव के लए डॉ टरी परामश के अनुसार पाँच दन के लए दवाईयाँ, तीन मा क एवं एक सेनीटाईजर 100 ml क बोतल उपल

मे डकल कट संरचना एवं योजना

करवाई गई I क तु सफ ामीण लोग को कट स पना पया त नह था I ामीण का बना कसी गलती के वयं दवाइयाँ लेना और मे डकल कट पर भरोसा कर पाना भी मह वपूण था। इस हेतु दवाईय के प े पर गोले ारा उसका उपयोग दशया गया एवं कट के साथ हद म एक पचा भी दया गया , जसम आपातकालीन नंबर भी उपल

करवाए गए I

दवाइय क सतत आपू त हेतु 20-30 कायकता शवगंगा धरमपुरी आ म एवं इंदौर म 24 घंटे सेवारत रहेI



कायकता वा य एवं सुर ा

गहरी चता यह भी थी क गाँव गाँव म जो कायकता जा रहे है उनके वा य क सुर ा को कैसे सु न त कया जा सके I इसके लए कई तरह क सावधा नयाँ रखी गई, कायकता अपना पानी और भोजन साथ ले जा रहे थे। येक कायकता के पास N95 और स जकल मा क के साथ अपनी वशेष कट थी।। साथ ही, कायकता के प रवार को भी आव यक सावधा नय और त क गंभीरता के बारे म जाग क कया गया I कायकता ने यह सु न त कया क कसी भी तम वे गाँव म घर से एक कप चाय के लए भी खुद को अनुम त नह दगे। इन उपाय से ही यह सु न त हो पाया क पूरे आंदोलन के दौरान एक भी कायकता सं मत नह ए।


आशा क करण

चार ओर भय एवं अ न तता के माहोल म कायकता गाँव म थे, प रवार-प रवार म प ंच रहे थे, मे डकल कट बांट रहे थे और मौजूदा त का जायजा ले रहे थेI आंदोलन के तीसरे-चौथे दन जब ट म को गांव से रकवरी रपोट मलने लगी तो उ मीद क एक करण जागीI इसके बाद, स ताह के अंत तक, यह बात र- र के गाँव तक फैल गई । ामीण का व ास बढ़ा और अब वे अपने गांव म मे डकल कट या श ण श वर को लेकर शवगंगा कायकता से संपक करने लगेI कुछ लोग ना केवल अपने लए ब क अपने फ लया (मोह ले) या गाँव के लए भी मे डकल कट के लए धरमपुरी गु कुल आने लगे। ऐसे कई गाँव थे जहां तक कोई मदद प ंची ही नह थी, शवगंगा क ट म के आने से उन गाँव म एक व ास का संचार आ I झाबुआ के साथ साथ ट म अलीराजपुर, धार के गाँव , गुजरात और राज ान क सीमा , माही और नमदा के कनारे तक प च ।


अफवाह का खंडन

गाँव म भय क जगह व ास और आशा ने ले ली थी। ले कन, ट क के बारे म अफवाह एक वकराल सम या के प म उभर रही थ , जसका समाधान शी एवं अ त आव यक था I इस लए, ट म ने आंदोलन के अगले चरण म जनजागरण व सामा जक जाग कता पर यान क त करने का फैसला कया। जाग कता श वर ने ट क के त डर को मटा दया। त यह थी क ामीण कसी सरकारी वाहन को वै सीन ट म होने का शक करते ए, उसे दे खते ही भाग जाते थे, वहां से ामीण खुद अफवाह का खंडन कर रहे थे। गाँव म माहौल बदल रहा था, ामवा सय क सोच बदल रही थी, ट के के बारे म चचा गाँव म सामा य ब हो गया।

COVID-19

व शे ष


जन जागरण

वनवासी कायकता के इस जनजागरण अ भयान के दे खते ए शासन ने भी गाँव के तड़वी, सरपंच व स चव के श ण श वर आयो जत कयेI शवगंगा कायकता ी राजाराम कटारा ने इसम श क के प म अहम् भू मका नभाई एवं ानीय भाषा म तड़वी, सरपंच और पंचायत स चव को जाग क कया I इस तरह, ट काकरण से पहले और बाद म सावधा नय के बारे म जाग कता, अफवाह को खा रज करने का संचार 400 से अ धक गाँव तक प च ं ा। वनवासी कायकता का यह अ भयान अनेक लोग के लए रे णा बना। नान रतम सं ा कोलकाता, आईआईट कानपुर और उ र दे श के मलान फाउं डेशन ने इस अ भयान से रे णा लेकर अपने-अपने े म इस कार का काम शु कया।

COVID-19

व शे ष


कोरोना यो ा

त क गंभीरता को दे खते ए शवगंगा Image Vs Reality के मा यम से जुड़े ए छा का समूह भी आ थक सहयोग जुटाने एवं जनजाग कता हेतु स य हो गयाI इन म से ही को हापुर मे डकल कॉलेज के MBBS क दो छा ाय - क बली महाकालकर और हषल पा टल मे डकल सेवाएँ दे ने के लए झाबुआ आईI उ ह ने गाँव गाँव जाकर ामीण के साथ कोरोना संब त सावधा नय पर बात क और शवगंगा क ओर से दये जा रहे है मे डकल कट को व तार से समझाया। साथ थी ामीण के कोरोना ट के से संब धत आशंका का भी समाधान कया और उ ह आ त कया क कोरोना ट के को लेकर कसी भो अफवाह पर भरोसा न कर।

COVID-19

व शे ष


Support Jhabua Campaign 920 गाँव󰎽 के 5000 फ󰏐लय󰎽 (मोह󰍢े ) तक संपक󰇢

132 मे󰏌डकल 󰏎कट 󰇹󰏒श󰆶ण 󰏒श󰏎वर 12000 󰇧ामीण जनजाग󰏆कता 󰏒श󰏎वर के मा󰋞म से 󰇹󰏒श󰏒󰆶त

386 फ󰏐लया 󰎒र के जाग󰏆कता 󰏒श󰏎वर 3120 󰇹󰏒श󰏒󰆶त काय󰇢कता󰇢

120000 प󰏌रवार󰎽 से संपक󰇢 कर 40000 मे󰏌डकल 󰏎कट 󰏎वत󰏌रत

सुखद प रणाम 24 मई तक झाबुआ म󰎷 सं󰇥मण दर 1% से भी कम हो गई और यह अनलॉक शु󰏆 करने वाले म󰋞 󰇹देश के पहले 󰏒जल󰎽 म󰎷 से एक बन गया।


शवगंगा Support Jhabua Campaign म व भ महानगर के शवगंगा कायकता का अ यंत मह वपूण योगदान रहा I ' ड् स ऑफ झाबुआ' का इंदौर, मुंबई, द ली भोपाल U.K. और U.S. चै टर फंड जुटाने और दवा क खरीद के लए मुख सहयोगी बने I लॉकडाउन को दे खते ए दवा क खरीद आसान काम नह था। यहां तक क इंदौर के स दवा बाजार म भी पैरा सटामोल जैसी जेने रक दवा भी मु कल से उपल हो पा रही थीI शवगंगा का सामा जक पूंजी नमाण - इंदौर चै टर का मजबूत नेटवक, दवा और फंड क पया त आपू त सु न त करने के लए आगे आए एवं सभी के सहयोग से यह अ भयान अ वराम अपने ल य तक प ँच पायाI


सं िहत रा श व यय का सं

त ववरण

40,000 वत रत मे डकल कट का कुल खच : ₹148*40000 = ₹59,20,000 एक सामा य मे डकल कट के दवाइय का मू य : ₹ 125/एक गभवती व तनपान करा रही माता के लए ' वशेष मे डकल कट' के दवाइय का मू य : ₹ 160/त 1000 कट म 200 ' वशेष कट'; इस कार त कट औसत मू य : ₹ 132/अ य खच को मलाकर को त कट कुल मू य : ₹ 148/-

कुल सं हत रा श - ₹50,00,000


मे डकल िकट cost break-up *प रवहन म शहर से दवाइय को लाने का, धरमपुरी गु कुल से गाँव तक ले जाने का व कायकता के भोजन का खच भी स म लत है ।

पै कग 2.4%

प रवहन* 8.4%

3.5

₹12.5/-

एक मे डकल का सम मू य : ₹148/-

₹132/दवाइयाँ 89.2%

इस कार से कुल खच का 90% तक ह सा सीधा दवाइय म खच आ।


हम झाबुआ के वनवा सय क ओर से सभी दानदाताओ एवं सहयो गय का आभार य करते ह।

800 से यादा दानदाता, सं पूण भारत के 100 से भी अ धक शहर से इस अ भयान म स म लत ये। इस अ भयान ने मा णत कया क समाज के सभी अं ग मलकर बड़े बदलाव का सू धार बन सकते ह।


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