Newsletter Jan'22

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Newsletter JAN'22

महो अर्णः सरस्वती प्र चेतयति के तुना। धियो विश्वा वि राजति।। हे मां सरस्वती देवी, अपने इस विशाल सागर से आप हम सभी को ज्ञान प्रदान कर रही है। कृ पा करके इस पूरे संसार को अपार बुद्धि से सुशोभित करें।


मातावन संवर्धन बैठक

शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में एक दिवसीय मातावन संवर्धन प्रशिक्षण वर्ग का आयोजन हुआ। प्रशिक्षण में रामा, पेटलावाद, राणापुर और झाबुआ विकासखंड के 37 गाँवों के 70 ग्रामवासी शामिल रहे। ग्रामवासियों ने मिलकर आने वाले वर्षा ऋतु में 5 पुराने मातावन और 35 नए मातावन में कु ल एक लाख पौधों को लगाने का लक्ष्य लिया है। इसके साथ ही राणापुर के सरदारपुरा बड़ा गाँव में भी मातावन बैठक का आयोजन हुआ जिसमें 2 गाँवों से 35 लोग शामिल हुए I झाबुआ-आलीराजपुर में अब जिला स्तर, और विकासखंड स्तर पर मातावन संवर्धन की टीम तैयार होने लगी। ग्रामवासियों ने पिछले दस सालों में 88 मातावनों में 1 लाख 25 हजार पेड़ लगाए हैं। परिणामस्वरूप झाबुआ अब वन संवर्धन से ग्राम समृद्धि की ओर बढ़ने लगा है।

वन संवर्धन


ग्राम समृद्धि बैठक

शिवगंगा के माध्यम से झाबुआ वनांचल के गाँव-गाँव में ग्राम समृद्धि के आयामों - जन, जल, जंगल, जमीन, जानवर और नव विज्ञान के संबंधित विषयों पर बैठकें हो रही हैं। ग्रामवासी आगे की कार्य योजना बना रहे हैं और विशेषकर आने वाले वर्षा ऋतु से पहले तालाबों का निर्माण और बारिश के बाद मातावन को लेकर योजना बना रहे हैं। इसी क्रम में रामा विकासखंड के ग्राम गोलाबड़ी की 15 लोगों की ग्राम समृद्धि टीम ने शिवगंगा के अलग-अलग आयामों पर काम हो रहे गाँवों - गुलाबपुरा,मोहनपुरा, छागोला आदि का भ्रमण किया I ग्राम घाटिया में भी ग्राम समृद्धि एवं स्वच्छ गाँव - स्वस्थ परिवार बैठक की गई जिसमें तीन गाँवों के 35 लोग सम्मिलित हुए। बैठक में डॉक्टर रीमा पटेल ने महिलाओं के नेतृत्व में कै से झाबुआ को स्वस्थ बनाया जा सकता है इस विषय पर ग्रामवासियों से विस्तृत चर्चा की ।


सामाजिक नेतृत्व निर्माण एवं व्यक्तित्व विकास के उद्देश्य से शिवगंगा द्वारा इस माह 16 स्थानों पर शिव संगत का आयोजन किया गयाI

शिव संगत

विभिन्न स्थानों पर हुए आयोजनों में 112 गाँवों से 688 ग्रामवासी समिल्लित हुए रात्री सत्संग सत्र में विभिन्न शिवगंगा कार्याकर्ताओं द्वारा समृद्धि हेतु 6 आयाम - जल, जंगल जमीन , जानवर, जन एवं नव विज्ञान की महत्ता पर चर्चा होती हैं और पारंपरिक भजन किए जाते हैंI झाबुआंचल के वनवासी युवा अपने समाज की स्वभिमान और परंपराओं की रक्षा के लिए खड़े हो रहे हैं। युवा पीढ़ी में सामाजिक नेतृत्व क्षमता का निर्माण हो रहा हैI

सामाजिक नेतृत्व निर्माण


बांस प्रशिक्षण गतिविधियाँ

इस माह मांडव उत्सव के अन्तर्गत शिवगंगा बाँस प्रशिक्षण कें द्र से प्रशिक्षित युवाओं ने अपनी कला का प्रदर्शन किया I JHABUA Crafts का स्टाल नाटू फाउंडेशन के सहयोग से दिंनाक 31 दिसंबर - 1 जनवरी 2022 को मांडू में लगाया गया, जिसमें बाँस हस्तशिल्प द्वारा निर्मित Bamboom एम्पलीफायर, लैंप, स्टैंड आदि का प्रदर्शन किया गयाI मजदूरी की मज़बूरी हटाने के उद्देश्य से शुरू किये गए उपक्रम Jhabua Crafts के माध्यम से आज करीब 50 युवा बाँस की नित्य उपयोगी वस्तु बनाने में पारंगत हो चुके हैं एवं अन्य युवाओं को भी प्रशिक्षण दे रहे हैंI युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शिवगंगा सामाजिक उद्यमिता एवं कौशल विकास के न्द्र अलिराजपुर में दिंनाक 9 जनवरी को एक दिवसीय प्रशिक्षण वर्ग हुआ जिसमें 21 गाँव से 33 युवाओं ने भाग लिया ।

सामाजिक उद्यमिता


समग्र ग्राम विकास में ग्रामवासियों की भागीदारी सुनिश्चियत करने हेतु एवं आगामी योजनाओं को मूर्तरूप देने हेतु इस माह विभिन्न विकासखण्डों में बैठक का आयोजन किया गयाI 15 विकास के न्द्रों पर आयोजित विभिन्न बैठकों में 146 गाँवों के 479 ग्रामवासी सम्मिलित हुएI 5 विहार बैठकों का आयोजन हुआ जिसमें 24 विहार एवं विकास खंड गाँवों के 173 ग्राम वासी सम्मिलित हुएI बैठक में शिवगंगा कार्यकर्ताओं ने आगामी कार्यक्रम की कार्य योजना बनाई गई। आने वाले वर्षा ऋतु से पहले बैठक तालाबों का निर्माण और बारिश के बाद मातावन को लेकर भी योजना बनाई गई। गाँव-गाँव में परमार्थ के इसी जनसंकल्प से ग्रामवासी अपने गाँव और समाज की समस्याओं का समाधान कर सर्वंगीण ग्रामीण विकास की ओर अग्रसर हैंI

सामाजिक पूंजी निर्माण


जमीन संवर्धन यात्रा महासम्पर्क

जमीन संवर्धन को लेकर गाँव-गाँव में जनजागृति बढ़े इस उद्देश्य शिवगंगा जमीन संवर्धन यात्रा का आयोजन हो रहा है। यात्रा चार फरवरी को जूनापानी से शुरू होकर खेड़ा, घाटिया, सजवानी, गुलाबपुरा, लिमखोदरा सहित 13 गाँवों में धर्म सभा करते हुए, नवापाड़ा गाँव में समाप्त होगी। समापन में लगभग 100 गाँवों के ग्रामवासी अपने गाँवों में जमीं माता को रसायनिक खादों के अत्याचार से मुक्त कर, जैविक खेती को सीखकर अपनाकर जमीं माता को जहर मुक्त करने का संकल्प लेंगे। इसी को लेकर गाँव-गाँव में संपर्क चल रहा है। 160 कार्यकर्ताओं के द्वारा 53 गाँवों में यात्रा के लिए 6500 परिवारों में निमंत्रण दिया जा चुका है। शिवगंगा का लक्ष्य है गाँवों के परिवारों में प्रत्यक्ष रूप से पहुँचकर कर जैविक खेती के प्रति जागरूक करना है एवं जमीं माता को जहर मुक्त करने के संकल्प को दृढ़ करना।

जमीन संवर्धन


सामुदायिक वनाधिकार एवं पेसा कानून प्रशिक्षण

सामुदायिक वनाधिकार एवं पेसा कानून वर्ग का शिवगंगा गुरुकु ल धरमपुरी में आयोजन हुआ, जिसमें 12 गाँव से 28 लोग शामिल हुए। शिवगंगा कार्यकर्ता श्री अविनाश मट्टूर ने पाँच गाँवों में सामुदायिक वनाधिकार के लिए की गई कागजी कार्यवाही की जानकारी दी एवं आगे की कानूनी प्रक्रिया के बारे में समझाया। श्री राजाराम जी कटारा ने ग्रामीणों को सामुदायिक वनाधिकार एवं पेसा कानून के बारे मे जानकारी दी । शिवगंगा द्वारा झाबुआ-अलीराजपुर के तीस गाँवों में वनाधिकार प्राप्ति के लिए जागरूकता हेतु 'वनराज प्रशिक्षण वर्ग' चल रहे हैं। वनाधिकार प्राप्त कर वनवासी वनों का संवर्धन करेंगे। वनों के संवर्धन से गाँव की समृद्धि होगी और गाँव की समृद्धि से देश समृद्ध होगाI


मातावन

इस माह गोलाबड़ी गाँव में किशोरी सशक्तीकरण वर्ग की टीम के नेतृत्व में हलमा कर मातावन में पौधों के चारों ओर क्यारियाँ बनाई गई एवं उसमें पानी डाला गया । गोलाबड़ी गाँव का यह मातावन पिछले ही वर्ष ग्रामवासियों ने मिलकर संरक्षित करने का संकल्प लिया था। मातावन, वनवासियों का प्रत्येक गाँव में एक पारंपरिक स्थान होता है जिसको बाबा देव या बाबी माता के नाम से जानते हैं एवं उस स्थान पर गांव की सुख व समृद्धि के लिए वर्ष भर में सभी प्रमुख आयोजनों पर गाँव के मुखिया तड़वी एवं बड़वा के नेतृत्व में पूजा की जाती है। साल में होने वाली नई फसल का पहला चढ़ावा यहीं पर किया जाता है उसके बाद ही गाँव में खाया जाता है। शिवगंगा किशोरी सशक्तीकरण वर्ग के माध्यम से प्रशिक्षित युवा पीढ़ी , परमार्थ भाव से अपने समाज को समृद्धि की और ले जाने को अग्रसर हैं I

वनीकरण


सशक्तिकरण वर्ग

शिवगंगा ने 18 वर्ष पूर्व वनांचल सशक्तिकरण वर्ग की शुरुआत की। यह वर्ग निरंतर चलता रहा और झाबुआ-आलीराजपुर के 900 से भी अधिक गाँवों से लगभग 15 हजार युवाओं ने प्रशिक्षण लिया। आज उस समय के प्रशिक्षित युवा 25-50 आयुवर्ग में आ गए हैं। यह वर्ग इसलिए विशेष है क्योंकि पूरे झाबुआ वनांचल का संचालन यह वर्ग करता है। समाज के दिशा में, समृद्धि में इस वर्ग निर्णायक भूमिका होती है। इस माह दिनांक 14 से 17 जनवरी को सशक्तिकरण वर्ग का आयोजन किया गया, यह वर्ग इसलिए महत्वपूर्ण रहा क्योंकि इस वर्ग की पूर्ण ज़िम्मेदारी शिवगंगा के नए कार्यकर्ताओं पर रही, किशोर जो पूर्व 4-5 सशक्तिकरण वर्ग में उपस्थित रहे हैं उन्होंने वर्ग का प्रबंधन और व्यवस्था का नियोजन कियाI शिवगंगा कार्यकर्ता श्री विक्रम गरवाल ने वर्ग का संचालन किया। वर्ग मे 10 गाँवों के 30 वर्गार्थी एवं वर्ग प्रबंधन के लिए 10 लोग सम्मिलित हुए ।


तड़वी वर्ग

तड़वी झाबुआ में गाँवों के परंपरागत मुखिया होते है व सामाजिक गतिविधियों में उनका विशेष स्थान होता है। अपनी पारंपरिक ज्ञान-व्यवस्था को पुनर्जागृत कर झाबुआ के सर्वांगीण विकास हेतु शिवगंगा द्वारा प्रत्येक माह तड़वी वर्ग का आयोजन किया जाता रहा हैंI Covid -19 के कारण स्थगित किये गए तड़वी वर्ग को इस माह से पुनः शुरू किया गयाI इस माह आयोजित तड़वी टोली वर्ग में 10 विकास खंड से 40 तड़वी उपस्थित हुए। गाँव की सामाजिक, परम्परागत, ज्ञान समझ के साथ आधुनिक विज्ञान तकनीकी को सिख समझकर गाँवों में फै ली समस्याओं का समाधान कै से किया जाए ,गाँवों की समृद्धि में हमारी भूमिका क्या है, नई पीढ़ी में हुनर विकास के साथ साथ स्वाभिमान जीवनमूल्यों, संस्कारों की सीख कै से मिलेगी - ऐसे सभी पक्षो पर विचार विमर्श किया गया I


गणतंत्र दिवस

शिवगंगा गुरुकु ल में गणतंत्र दिवस अत्यंत उल्लास से मनाया गया। शिवगंगा के वरिष्ठ कार्यकर्ता श्री राम सिंह कल्मोड़ा ने तिरंगा फहरायाI श्री राजाराम कटारा ने गणतंत्र दिवस का महत्व बताते हुए, यह समझाया कि आदिवासियों के लिए संविधान मे क्या क्या प्रावधान हैं एवं उसकी क्या उयोगिता हैं। वनवासी समाज को संविधान के द्वारा जो अधिकार दिए गए हैं वह अधिकार अब तक वनवासी समाज ले नहीं पाए पर अब धीरेधीरे उस ओर अग्रसर हैं। 3 वर्ष पूर्व गणतंत्र दिवस पर ही शिवगंगा अध्यक्ष श्री महेश शर्मा पद्मश्री के लिए मनोनीत हुए थेI महेश जी ने संविधान के महत्व को बताते हुए प्रत्येक नागरिक की जिम्मेदारियाँ एवं मौलिक कर्तव्य की महत्ता समझाई। तत्पश्चात सांस्कृ तिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया।

अन्य गतिविधियाँ


80

तालाब

2.09

लाख कं टू र ट्रें चेस

500

छोटे जल निकाय

850 करोड़ लीटर जल ग्रहण क्षमता का निर्माण


लक्ष्य वर्ष 2022

21 तालाब

जल ग्रहण क्षमता

136 करोड़ लीटर


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