How to do Padmasana (Lotus Pose) and What are its Benefits संस्कृत भें ऩद्मासन मा कभल भुद्रा मा लोटस ऩोज़ को खुले कूल्हों औय लगाताय अभ्यास की आवश्यकता होती है । मह
भुद्रा जांघों औय टखनों के साभने एक सचेत खखिंचाव के साथ तनाव को प्रफंधधत कयने भें भदद कयते रृए ध्यान अभ्यास के ललए एक आवश्यक आधाय फनाता है ।
कैसे करें पद्मासन (लॊटस पॊज) और क्या हैं इसके फायदे
संस्कृत: ऩद्मासन; ऩद्म - कभल, आसन - भुद्रा; उच्चायण के रूऩ भें - pad-MAHS-anna। कभल, मा ऩद्म, सफसे शधिशाली प्रतीकों भें से एक है , लजसे धभम औय सभम दोनों भें ऩरयवर्तित ककमा गमा है । सददमों से, कभल ऩुनजमन्म,
सौंदमम, ऩकवत्रता, आध्यात्मिकता, आिज्ञान, बौर्तक धन औय ब्रह्ांडीम नवीकयण का ऩमामम यहा है । धभस्र से लेकय बायत
तक, कभल कई कथाओ का दहस्सा यहा है। दहिंदू आइकनोग्रापी भें, देवी लक्ष्मी खुद को खुले कभल ऩय यखती हैं । महां तक कक बगवान गणेश औय बगवान कवष्णु को बी कबी-कबी कभल ऩय फैठा ददखामा जाता है । जफ हभ फौद्ध धभम की
फात कयते हैं, तो मह कहा जाता है कक जहां बी फुद्ध ने ऩैय यखा, वहां कभल खखल गमा। मह आसन अतीत से ऐसे शधिशाली दंतकथाओं से धनकलता है।
1. इस आसन कॊ करने से पहले आपकॊ ये पता हॊना चाहहए
इस आसन का अभ्यास कयने से ऩहले आऩ अऩने ऩेट औय आंतों को खाली यखना सुधनश्चित कयें मा आसन को कयने से कभ से कभ चाय से छह घंटे ऩहले अऩना बोजन कयें ताकक आऩका बोजन ऩच जाए औय अभ्यास के दौयान खचम कयने के ललए ऩमामप्त ऊजाम हो। सुफह सफसे ऩहले मोग का अभ्यास कयना सफसे अच्छा है । लेककन अगय आऩ मह सुफह नहीं कय सकते हैं, तो शाभ को इसका अभ्यास कयना ठीक है ।
स्तर: इंटयभीदडएट / उन्नत
शैली: हठ मोग
अवधि: 1 से 5 धभनट (लंफे सभम तक ध्यान कयने ऩय)
पुनरावृत्ति: एक फाय शीषम ऩय प्रत्येक ऩैय के साथ
स्ट्रे च: घुटने, टखने
मजबूती: यीढ़, उदय, श्रोणण, भूत्राशम
2. कैसे करें पद्मासन (लॊटस पॊज)
अऩनी यीढ़ की हड्डी के साथ जभीन ऩय एक सऩाट सतह ऩय फैठें औय आऩके ऩैय फाहय की ओय धनकले।
धीये से दादहने घुटने को भोडें, औय अऩने हाथों को अऩनी फाईं जांघ ऩय यखें। आऩके तलवों को ऊऩय की ओय इंधगत कयना चादहए, औय एडी आऩके ऩेट के कयीफ होना चादहए।
दूसये ऩैय के साथ बी ऐसा ही कयें ।