आनंद बक्शी

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आनंद ब शी ल ज़ो के जादगू र eraclassic.blogspot.com/2021/06/anand-bakshi-lafzo-ke-jadugar.html

आनंद ब शी ल ज़ो के जादगू र आनंद ब शी ल ज़ो का जादगू र इस िलए, य िक उनके िलखे हुए गाने इतने सरल होता है िक हर एक आम इंसान को उसके िदल क बात लगती है और हर सुनने वाला सोचता है क ये तो मेरी बात है| जैसे एक गीत के बोल है "कुछ तो लोग कहगे "इस गीत का हर एक ल ज़ एक आम इंसान क बात ही तो है |

पिरचय पािक तान म एक शहर है रावल पडी. इसी शहर म 21 जुलाई 1930 को संगीतकार आनंद ब शी का ज म हुआ था. उनका मूल नाम आनंद प्रकाश था. उ ह बचपन से ही संगीत का शौक़ था. वह िफ मी दिु नया म गायक के प म अपनी पहचान बनाना चाहते थे.मुंबई पहुंच कर उ ह ने रॉयल इं डयन नेवी म कैडेट के पद पर दो वष तक काम िकया. बाद म एक िववाद के कारण उ ह नौकरी छोड़नी पड़ी. इसके बाद 1947 से 1956 तक उ ह ने सेना म भी नौकरी क . कुछ साल सेना म नौकरी करने के बाद उ ह ने तय िकया िक उनक जदगी का मकसद बंदक ू चलाना नह है. गीत िलखना और गाना है. भगवान दादा क मदद से आनंद ब शी को िफ़ म म पहला ब्रेक िमला. पहली गीत1958 म आई बृज मोहन क िफ म ‘भला आदमी’ के िलए िलखी. 1/8


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आनंद बक्शी by chhavi srivastava - Issuu