सटाना ( भहायाष्ट्र )--- सटाना सेवाकेंद्र ऩय स्नेह मभरन प्रोग्राभ आमोजक –स्थानीम ब्रह्भाकुभायी
सेवाकेंद्र सटाना
(भहायाष्ट्र) भख् ु म वक्ता ---ब्रह्भकुभाय बगवान ् बाई भाउॊ ट आफू ववषम –सकायात्भक च त ॊ न से व्मथथ भक् ु त फी के अॊजू फहन प्रबायी सटाना सेंटय फी के दीऩारी फहन इस अवसय ऩय बगवान बाई ने कहा कक सभस्मा का च त ॊ न कयने से तनाव की उत्ऩवि होती है । फतामा कक जीवन को शाॊत व सपर फनाने के मरए हभें सफसे ऩहरे वव ायों को सकायात्भक फनाना
ाहहए। याजमोगी
बगवान बाई ने कहा ककसकायात्भक वव ाय से सभस्मा सभाधान भें फदर जाती है । एक दस ू यों के प्रतत सकायातभक वव ाय यखने से आऩसीबाई
ाया फना
यहता है । कहा कक हभ अऩने आत्भफर से अऩना
भनोफर फढ़ा सकते है । उन्होनें याजमोग की ववचध फताते हुआ कहा कक स्वॊभ को आत्भा तनश् म कय
ाॉद, सम ू ,थ
तायाॊगण से ऩाय यहनेवारे ऩयभशक्क्त ऩयभात्भा को माद कयना, भन-फद् ु चध द्वाया उसे दे खना, उनके गण ु ों का
गण ु गान कयना ही याजमोग हैं । याजमोग के द्वाया हभ ऩयभात्भा के मभरन का अनब ु व कय सकता हैं । उन्होनें कहा की याजमोग के अभ्मास द्वाया ही हभ काभ, क्रोध, रोब, भोह, अहॊ काय, ईष्ट्माथ, घण ृ ा, नपयत आहद भनोववकायों ऩय जीत प्राप्त कय जीवन को अनेक सद्गुणों से ओतऩोत व बयऩयू कय सकते हैं।