
होली 2024: भारतके विवभन्नराज्ोोंमेंहोलीके अनोखेरीवत-ररिाज
वसंतऋतुआतेहीहवाओंमेंखुशबूऔररंग कीउमंगघुलजातीहै।फाल्गुनमासमेंमनायाजानेवाला Holi, रंग का त्यहार, नससफफ वसंतकास्वागतकरताहै, बल्किबुराईपरअच्छाईकीजीतकाजश्नभीमनाताहै।यहत्यहारभारत मेंसवसभन्नतरीक सेमनायाजाताहै, ज सवसभन्नक्षेत् कीसंस्कृसतऔरपरंपराओंक दशाफताहै। मथुराऔरिोंदािनकीलठमार Holi: रोंगोोंकाअनोखाउत्सि!
वृंदावनऔरमथुरा, भगवानकृष्णकीभूसम, हलीके सलएप्रससद्धहैं।यहांमनाईजातीहै लठमारहली, ज रंग का एकअन खाउत्सवहै।इसउत्सवमेंमसहलाएं रंगीनलासठय सेपुरुष परप्रहारकरतीहैंऔरपुरुषरंग सेबचाव करतेहुएउनसेसिपतेहैं।

यहत्यहारराधाऔरकृष्णकीलीलाओंसेप्रेररतहै, सजसमेंराधाऔरउनकीसल्कखयां कृष्णऔरउनके ग्वाल के साथ रंग खेलतीथीं।लठमारहलीस्त्रीशल्किकाभीप्रतीकमनजाताहै, सजसमेंमसहलाएं अपनीशल्किऔरसाहसका प्रदशफनकरतीहैं।
इसउत्सवक मनानेके सलएमसहलाएं रंगीनकपडे पहनतीहैं औरहाथ मेंरंगीनलासठयांलेतीहैं।पुरुषढालऔररंग सेबचावके सलएअन्यसाधन प्रय गकरतेहैं।हलीके गीतगाएजातेहैं औरढ ल-नगाड कीथापपरनृत्यसकया
जाताहै।इसत्यहारमेंभागलेनेवालेसभील ग क प्रसादसवतररतसकयाजाताहै।
लठमारहलीएकअनखाऔरर मांचकत्यहारहै ।यसदआपक कभीमथुरायावृंदावनमेंहलीमनानेकाअवसर समले, त लठमारहलीकाआनंदजरूरलें। राजस्थानकीशाहीहोली: रोंगोोंकाराजसीउत्सि!
राजस्थान, वीरताऔरभव्यताके सलएजानाजाताहै।यहााँ हलीकात्यहारभीशाहीअंदाजमेंमनाताहै।यहां ‘शाही हली’ काआयजनसकयाजाताहै, सजसमेंराजसीपररवारऔरआमजनताएकसाथरंग सेखेलतेहैं।जयपुरमें, ‘गुलालकामहल’ रंग सेसजायाजाताहै और ‘हवामहल’ सेरंग कीबौिारहतीहै।राजस्थानके महाराजाऔर महारानीभीइसउत्सवमेंभागलेतेहैं औरआमजनताके साथरंग सेखेलतेहैं।

उदयपुरमेंभीशाही Holi काभव्यआयजनहताहै।यहां ‘ससटीपैलेस’ सेरंग कीबौिारहतीहै औरहाथी, घडे औरऊंट परबैठकरल गरंग सेखेलतेहैं।
राजस्थानमेंहलीक ‘धुलंडी’ भीकहाजाताहै।ल ग ‘गुलाल’, ‘अबीर’ और ‘रंग ’ काप्रय गकरतेहैं।पारंपररकनृत्य औरसंगीतकाप्रदशफनभीहताहै।इसउत्सवमेंसवशेषसमठाइयां औरव्यंजनभीबनाएजातेहैं।शाहीहलीएक अन खाऔरभव्यत्यहारहै।यसदआपक कभीराजस्थानमेंहलीमनानेकाअवसरसमले, त शाहीहलीकाआनंद जरूरलें। पोंजाबमेंहोलामोहल्ला: रोंगोोंऔरिीरताकाउत्सि!
हलीके रंग के बाद, पंजाबमेंहलाम हल्लाकात्यहारआताहै, ज ससखसमुदायके सलएएकमहत्वपूर्फत्यहारहै। यहत्यहाररंग , वीरताऔरधासमफकउत्साहकाप्रतीकहै।हलाम हल्लाके सदन, ससखसमुदायके ल गधासमफक जुलूससनकालतेहैं।इनजुलूस में, वेगुरुग्रंथसासहबकापाठकरतेहैं, कीतफनगातेहैं औरनगाडे बजातेहैं।

इसके अलावा, गतकानामकएकपारंपररकमाशफलआटफ काप्रदशफनभीसकयाजाताहै।गतकामें, ससखयुवा तलवारबाजीऔरअन्ययुद्धकौशलकाप्रदशफनकरतेहैं, ज वीरताऔरसाहसकाप्रतीकहै।हलाम हल्लाके त्यहार मेंरंग काभीसवशेषमहत्वहै।ल गएक-दूसरे पररंग कीबौिारकरतेहैं औरखुशी-खुशीइसत्यहारकाआनंदलेते हैं।
गोिामेंवशगमो: रोंगोोंऔरनत्यकाअनोखाउत्सि!
गवाअपनीखूबसूरतसमुद्रतट औरजीवंतसंस्कृसतके सलएजानाजाताहै।हलीके त्यहारके दौरान, गवामे सशगम नामकएकअनखेउत्सवकाआयजनसकयाजाताहै, ज रंग औरनृत्यकाअद्भुतसंगमहै।सशगम के दौरान, गवाके लगपारंपररकवेशभूषापहनतेहैं, गीतगातेहैं औररंग सेखेलतेहैं।ढल, मढ़लेऔरताशेजैसेवाद्य
यंत् कीमधुरध्वसनउत्सवमेंचारचााँदलगादेतीहै।
सशगम कात्यहाररंग औरखुसशय कात्यहारहै।यहत्यहारसमाजमेंभाईचाराऔरएकताकाप्रतीकहै।
उत्तराखंडमेंकुमाऊंनीहली: रंगीनपानीके गुब्बार कार मांच!
उत्तराखंडमेंहलीकात्यहारथ डाअलगतरीके सेमनायाजाताहै।यहााँकुमाऊंनीहलीके नामसेजानाजानेवाला एकअन खाउत्सवमनायाजाताहै।कुमाऊंनीहलीमेंरंगीनपानीके गुब्बार काखासमहत्वहै।ल गएक-दूसरे पर रंगीनपानीके गुब्बारे फेंकतेहैंऔरपानीके िींटे मारतेहैं।यहखेलि सलयाके नामसेजानाजाताहै।

कुमाऊंनीहलीमेंपहाडीगीतऔरनृत्यभीशासमलहतेहैं।ल गपारंपररकवेशभूषापहनतेहैं औरढल-नगाड की धुनपरनृत्यकरतेहैं।कुमाऊंनीहलीकात्यहाररंग , खुसशय औररमांचकात्यहारहै।यहत्यहारउत्तराखंडकी
समृद्धसंस्कृसतकाप्रतीकहै।
मंजलकुली: केरलमेंहलीकाअन खारंग!
केरलमेंमनाईजानेवालीहलीक मंजलकुलीयाउकुलीके नामसेभीजानाजाताहै।यहहलीकाएकअनखा
रूपहै, ज हल्दीयामंजलके रंगसेखेलाजाताहै।कुंबाऔरक ंगर्ीसमुदाय में, हलीक सवशेषउत्साहके साथ मनायाजाताहै।ल गहल्दीके घ लमेंडुब एगएकपडे पहनतेहैं औरएक-दूसरे परहल्दीके पानीके िींटे मारतेहैं।

मंजलकुलीकात्यहारकेरलकीसमृद्धसंस्कृसतऔरपरंपराओंकाप्रतीकहै।यहत्यहारवसंतऋतुके आगमनका स्वागतकरताहै औरखुशी, उत्साहऔरभाईचारे कासंदेशदेताहै।
पसिमबंगालमेंबसंतउत्सवऔरडलजात्ा: रंग , मूसतफय औरकृष्णजन्मलीलाकाउत्सव!
पसिमबंगालमेंहलीकात्यहारबसंतउत्सवऔरडलजात्ाके नामसेमनायाजाताहै।यहत्यहाररंग , मूसतफय , संगीतऔरकृष्णजन्मलीलाकाअद्भुतसंगमहै।
बसंतउत्सवके सदन, ल गरंग सेखेलतेहैं, गीतगातेहैं औरनृत्यकरतेहैं।डलजात्ामें, भगवानकृष्णऔरराधाकी मूसतफय क पालकीमेंसजाकरशहरमेंघुमायाजाताहै।ल गमूसतफय परफूलऔरअबीरचढ़ातेहैं औरकृष्ण जन्मलीलाकाजश्नमनातेहैं।
यहत्यहारवसंतऋतुके आगमनकाप्रतीकहै।यहत्यहारबंगालकीसमृद्धसंस्कृसतऔरपरंपराओंक दशाफताहै। रोंगोोंकात्योहार – रोंगपोंचमी!
हलीके बादरंगपंचमीकात्यहारआताहै, ज रंग औरखुसशय कात्यहारहै।यहत्यहारमहाराष्ट्मेंबडे हीउत्साह औरउमंगके साथमनायाजाताहै।रंगपंचमीके सदन, ल गरंग सेखेलतेहैं, एक-दूसरे पररंग कीबौिारकरतेहैं औरसमठाइयां बांटतेहैं।यहत्यहारसामासजकसमरसताकाप्रतीकहै, सजसमेंसभील गजासत, धमफऔरसम्प्रदायके बंधनसेमुिहकरएकसाथसमलकररंग के उत्सवकाआनंदलेतेहैं।

रंगपंचमीकात्यहारहमेंजीवनके रंग कामहत्वससखाताहै।यहत्यहारहमेंबताताहै सकजीवनमेंखुसशयां और उत्साहहमेशामौजूदरहनाचासहए।महाराष्ट्के इसअनखेउत्सवक देखनेके सलएमहाराष्ट्के सलएअपनीयात्ा एडवांसमेंप्लानकरें औरअपनेपररवारके साथइसउत्सवकाआनंदलें। ट्रेनमेंयात्राकरतेसमयस्वावदष्टभोजनकाआनोंदलें!
यात्ाकरतेसमय, भजनकभीकभीबडीपरेशानीकाकारर्बनसकताहै।टरेनमेंभ जनअक्सरमहंगाहताहै और
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त इनत्यहार के अलावा, भारतमेंहलीके दौरानकईअन्यत्यहारभीमनाएजातेहैं।हलीकात्यहारभारतकी समृद्धसंस्कृसतऔरसवसवधताकाप्रतीकहै।यहत्यहारहमेंयादसदलाताहै सकहमेंजीवनमेंरंग काआनंदलेना
चासहएऔरसभीके साथप्रेमऔरसद्भावसेरहनाचासहए
आइए , हमसबवमलकरइसहोलीकात्योहारखुशीऔरउत्साहकेसाथमनाएों।