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Akbar History in Hindi | अकबर का पूरा इतहास 1 hour ago Tanishsai 51 Akbar-History-in-Hindi-अकबर-का-पूरा-इतहास
Akbar The Great : जलालु ीन मोह मद अकबर मुग़ल स तनत के तीसरे सु तान थे उ ह मुगल िह टी का सबसे महान राजा माना जाता है। भारत दे श म मुगल स तनत क बुिनयाद भले ही अकबर के दादा यानी जही ीन बाबर ने रखी थी ले िकन मुग़ल स तनत क न व को मजबूत करने वाले इंसान का नाम जलालु ीन मुह मद अकबर है। अकबर ने अपनी बहादुरी और होशयार से मुग़ल स तनत को आधे से यादा हदु तान पर फैला िदया था और अपने मरने से पहले इस कािबल बना िदया था िक उसक आने वाली न ल ने िह दू तान पर बहु त ल बे समय तक राज िकया था। अकबर अपने दौर मे अपनी स तनत के लया दे वता बन गया था। लोग उस के दरबार म आकर म ते मांगा करते थे और उसके सामने सर झुकाया करते थे। यहां तक िक वो अपनी स तनत म रहने वाले लोग क नजर म इतना बाइ त और क मती हो चुका था िक उसने अपना ही एक अलग धम बना िदया था और इन तमाम चीज क वजह से ही उसका नाम हमेशा हमेशा के लए (Akbar The Great) अकबर-द- ेट पड़ गया था। अकबर का जीवन प रचय: अकबर का पूरा नाम Abul-fath Jalal-ud-din Muhammad Akbar (अबुल-फ़त जलाल-उद-दीन मुह मद अकबर) था। अकबर का ज म 15 अ टू बर 1542 को जलाल-उ ीन-मुह मद अकबर (Jalal-ud-dinMuhammad Akbar) पूरा
नाम
–
Abul-fath
Jalal-ud-din
Muhammad Akbar (अबुल-फ़त जलालउद-दीन मुह मद अकबर) ज म – 5 अ टू बर 1542, उमरकोट मृ यु – 27 अ टू बर 1605, फ़तेहपुर ■सकरी प नी – मरयम-उज़-जमानी
उमरकोट के इलाके म उस व हु आ था जब अकबर के वा लद नसी ीन हु मायूँ शेरशाह सूरी के हाथ अपनी िद ी स तनत गवाहने के बाद जंगल म भटक रहे थे य िक हु मायूँ उस दौर म जंगल म भटका करते थे। इसी वजह से अकबर क परव रश अकबर के चाचा कामरान िमजा ने क थी जो िक काबुल इलाके के गवनर हु आ करते थे अकबर के बारे म यादातर इतहासकार यह मानते ह िक बचपन से ही अकबर बहु त ज़हीन और तेज़ थे ले िकन उनको पढ़ने लखने का जरा भी शौक नह था पढाई- लखाई से वह हमेशा ही दूर भागा करते थे ले िकन होशयार इतने थे क उ ह ने 10 साल क छोटी सी उ से भी पहले ही तलवारबाजी, िनजाबाजी, घुड़सवारी जैसी चीज बहु त अ छी तरह से सीख ली थी छोटी सी उ म ही वह अपने से बड़े बड़े उ के लोग को कु ती म चैलज िकया करता था और हैरानी क बात
सलीमा सु तान बेगम
तो यह है िक बड़े-बड़े लोग को भी अकबर इतनी कम उ म हरा िदया करता था आ खरकार 1555 ई० म हु मायूँ ने सूरी खानदान से अपनी िद ी स तनत को दोबारा से छीन लया था ■जस व हु मायूँ ने
माता-िपता – हमीदा बानु बेगम, हु मायूँ औलाद – हसन िमज़ा
बाद ही हु मायूं क अपनी लाइ ेरी क सीिढ़य से िगरकर मौत हो गई।
हु सैन िमज़ा जहाँगीर खानुम सु तान बेगम मुराद िमज़ा दािनयाल िमज़ा शकर-उन-िनसा बेगम आराम बानू बेगम श स-उन-िन सा बेगम मािह बेगम सा ा य – Mughal Empire (मुग़ल स तनत) शासन – 11 February 1556 – 27 October 1605 क गाह – ■सकंदरा, आगरा, उ र दे श
अपनी िद ी स तनत को दोबारा हा■सल िकया उस व
अकबर क उ ■सफ 13 साल थी 1 साल
■जस व त हु मायूँ क मौत हु ई उस व अकबर क उ ■सफ 14 साल थी हु मायूँ क मौत के बाद मुग़ल दरबार म रहने वाले लोग को यह डर सताने लगा था क कही मुग़ल स तनत म बगावत न हो जाये और ये डर सच सािबत हु आ। धीरे-धीरे जगह-जगह से बगावत उठना शु हो गई। हु मायूँ का एक बहु त वफादार दो त था ■जसका नाम बैरम खान था ■जसने व त को भांपते हु ए एक सही फैसला लया और हु मायूँ के ■सफ 14 साल के बेटे अकबर को (11 february 1556)ई० को सु तान घोिषत कर िदया। भले ही अकबर को खतरे को दे खते हु ए सु तान घोिषत कर िदया गया था ले िकन अकबर अभी ना समझ था इसी वजह TS HISTORICAL से सु तान भले ही अकबर बन चुका था ले िकन पूरी स तनत को बैरम खान ही चलाया करता था और स तनत का हर हु कुम बैरम खान ही जारी िकया करता था ले िकन बगावत के ■जस खतरे को दे खते हु ए बैरम खान ने एक छोटी सी उ के अकबर को सु तान बना िदया था वो खतरा अकबर के सु तान बनने के बाद भी नह टला।
Second battle of panipat | पानीपत का दस ू रा यु