सुलभ स्वच्छ भारत - वर्ष-2 - (अंक 20)

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सुलभ ने बदली लाखों लोगों की जिंदगियां

मल ट्रांसप्लांट बचा सकता है कई बीमारियों से

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आम आदमी की उड़ान

फसल बीमा योजना

sulabhswachhbharat.com आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

वर्ष-2 | अंक-20 | 30 अप्रैल - 06 मई 2018

डॉ. सैयद कल्बे सादिक

एक समाज सुधारक जो सबसे अलग है डॉ. सैयद कल्बे सादिक अंतरराष्ट्रीय स्तर के प्रसिद्ध इस्लामी विद्वान, विचारक, सुधारक, शिक्षाविद और सिद्धांतवादी हैं

वे

एसएसबी ब्यूरो

शायद दुनिया में एकमात्र मुस्लिम मौलवी हैं, जो पूरे दृढ़विश्वास के साथ सभी धर्मों और विचारों के प्रति आदर का उपदेश देते हैं और यह बताते हैं कि सभी धर्म मनुष्यों को शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व की ओर ले जाते हैं। 1 जनवरी, 1936 को ‘नवाबों के शहर’ लखनऊ में एक प्रतिष्ठित अथनाशिया मुस्लिम परिवार जो ‘खानदान-ए-इज्तिहाद’ (इस्लामिक न्यायशास्त्र का परिवार) के नाम से प्रसिद्ध है, में पैदा हुए डॉ. सैयद कल्बे सादिक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित शिया मुस्लिम मौलवी, इस्लामी विद्वान, सामाजिक सुधारक, शिक्षाविद और मानव मूल्यों के प्रचारक हैं। अपने स्कूल के दिनों से ही डॉ. सादिक एक बुद्धिमान छात्र थे और हर दिन 18 घंटे अध्ययन करते थे। वे इस्लामी विद्वानों के साथ चर्चा और शिक्षण के लिए लखनऊ के पुराने शहर के नक्खास स्थित

छावनी इलाके में जाते थे। उनके पिता स्वर्गीय मौलाना कल्बे हुसैन और चाचा मौलाना कल्बे आबिद प्रमुख इस्लामी विद्वान थे और अपने समय के महान वक्ता थे। उन्होंने अपनी प्रारंभिक शिक्षा एक प्रसिद्ध मदरसा सुल्तान-उल-मदरिस से पूरी की। उनके परिवार के एक बुजुर्ग बताते हैं, ‘वे अपने शुरूआती छात्र दिनों से ही एक बड़े तैराक और किताबी-कीड़ा थे।’ इस्लामिक विद्वानों के एक प्रसिद्ध परिवार में पैदा हुए डॉ. सादिक हमेशा इस्लामिक शिक्षाओं की किताबों से चिपके रहते थे। साथ ही वह धर्म के रूप में इस्लाम और कुरान जैसे विषयों पर परिवार में अपने बुजुर्गों के साथ तकरीर किया करते थे। वह अपने छात्र दिनों से ही मुहर्रम के दौरान शोक सत्र में शांतिपूर्वक अपने पिता और चाचा के साथ रहते थे और एक महान वक्ता बनने के लिए ‘ज्ञान और संवाद’ कौशल हासिल किया। बाद में वे स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के लिए अलीगढ़

खास बातें एक प्रतिष्ठित धार्मिक परिवार ‘खानदानए-इज्तिहाद’ से ताल्लुक रखते हैं शांतिपूर्ण सह-अस्तित्व जीवन के उनके बुनियादी सिद्धांतों में से एक है वे शिया हैं, लेकिन उनके प्रशंसकों में सभी धर्मों के अनुयायी शामिल हैं


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