सुलभ स्वच्छ भारत - वर्ष-2 - (अंक 18)

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मधुबनी के रंग में रंगा रेलवे स्टेशन

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तब सत्याग्रह अब स्वच्छाग्रह

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विरासत की रक्षा और सबक

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अरुणाचल में स्वच्छता का सूर्योदय

sulabhswachhbharat.com आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

सेवा के 17 वर्ष

अक्षय पात्र

अक्षय पात्र

वर्ष-2 | अंक-18 | 16 - 22 अप्रैल 2018

सबसे बड़ा स्कूली किचन स्कूली बच्चों को दोपहर का पौष्टिक खाना खिलाना बड़ी समस्या रही है। इस समस्या को हल करने में जुटा है अक्षय पात्र। जयपुर में ‘अक्षय पात्र’ की रसोई में हर सुबह डेढ़ लाख स्कूली बच्चों के लिए भोजन पकाया जाता है। इस संस्था की तरफ से इस तरह के और भी प्रयास देशभर में किए जा रहे हैं

खास बातें अक्षय पात्र रोजाना 16 लाख बच्चों को पौष्टिक खाना मुहैया कराता है देश के दस राज्यों में 22 स्थानों पर अक्षय पात्र की विशाल रसोई सरकार के साथ कई अन्य संस्थाओं का अक्षय पात्र को सहयोग

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चाहे आटा गूंथना हो, चावल साफ करना हो या फिर सब्जी काटनी हो, यहां हर काम के लिए अलग-अलग मशीनें हैं। बर्तन धोए तो हाथ से जाते हैं, पर उन्हें भाप से स्टरलाईज किया जाता है, ताकि बच्चों को मिलने वाला खाना बिल्कुल शुद्ध हो

एसएसबी ब्यूरो

क्षा की दरकार पर पेट की भूख हमेशा ही भारी पड़ती रही है, पर इस समस्या का तोड़ निकाला है देश की एक अनोखी संस्था ‘अक्षय पात्र’ ने। यह कोशिश देश के तमाम बच्चों को शिक्षित करने से जुड़ी इच्छाशक्ति का भी नाम है। क्या कभी आपने ऐसी मशीन देखी है जो घंटे में 40 से 60 हजार रोटियां बनाने के साथ-साथ उन्हें घी से चुपड़ भी डाले? क्या कभी आपने ऐसे पतीले देखे हैं, जिनमें तीन हजार लीटर दाल तैयार हो? क्या आपने कोई ऐसा रसोईघर देखा है जो हर सुबह डेढ़ से दो लाख बच्चों के लिए खाना पका कर उसे 40 से


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