सुलभ स्वच्छ भारत - वर्ष-2 - (अंक 19)

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2030 तक भारत मलेरिया मुक्त!

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नृत्य प्रेम खींच लाया भारत

राष्ट्रमंडल खेलों में छाया भारत

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उषा चौमड़ जैसे लोगों को लाने में पाल के किनारे रखा इतिहास 50 साल लग गए-डॉक्टर पाठक

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sulabhswachhbharat.com आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

स्वामी चिदानंद सरस्वती

सेवा और स्वच्छता का अध्यात्म

स्वामी चिदानंद सरस्वती एक ऐसे आध्यात्मिक गुरु व संत हैं, जिन्होंने न सिर्फ अपने ज्ञान, उपदेश और सेवा कार्यों से दुनियाभर में अपने साथ भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान के लिए आदर और आस्था को उल्लेखनीय रूप में बढ़ाया, बल्कि पर्यावरण और स्वच्छता को लेकर वे असीम प्रतिबद्धता के साथ कई बड़े अभियान चला रहे हैं

वे

एसएसबी ब्यूरो

दांत की शिक्षा के साथ आध्यात्मिक ज्ञान की जिस ऊंचाई को भारत ने अतीत में प्राप्त किया है, हमारे ऋषियों और आचार्यों ने उसे मौजूदा दौर में भी भारतीय गौरव का आधार बनाए रखा है। अहिंसा, योग, शांति और सेवा की राह से भटके लोगों को भारतीय गुरुओंआचार्यों से जहां एक बड़ा समाधान मिलता है, वहीं यह सीख भी दुनिया भर में पहुंचती है कि भौतिकवादी होड़ में शामिल रहते हुए मनुष्य भले और कुछ भी पा ले, पर वह अपने जीवन और मनुष्यता को तो कतई एक सार्थक अर्थ नहीं ही दे पाएगा। स्वामी चिदानंद सरस्वती एक ऐसे ही आध्यात्मिक गुरु व संत हैं, जिन्होंने अपने ज्ञान, उपदेश और सेवा कार्यों से दुनियाभर में अपने साथ भारतीय आध्यात्मिक ज्ञान के लिए आदर और आस्था को उल्लेखनीय रूप में बढ़ाया है। वे ऋषिकेश में स्थित परमार्थ निकेतन आश्रम के संस्थापक अध्यक्ष हैं। इसके साथ ही वे भारतीय संस्कृति शोध प्रतिष्ठान, ऋषिकेश तथा पिट्सबर्ग के हिंदू-जैन मंदिर के भी संस्थापक एवं अध्यक्ष हैं। उनकी प्रेरणा से 2012 में हिंदू धर्म का विश्वकोश निर्मित हुआ। हिंदू धर्म का यह विश्वकोश हिंदू धर्म एवं

वर्ष-2 | अंक-19 | 23 - 29 अप्रैल 2018


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