सुलभ स्वच्छ भारत (अंक 52)

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वर्ष-1 | अंक-52 | 11 - 17 दिसंबर 2017

आरएनआई नंबर-DELHIN/2016/71597

sulabhswachhbharat.com

16 खुला पन्ना

लौहपुरुष का अनुशासन

सांगठनिक अनुशासन और एकजुटता के सरदार

20 स्वदेशी आंदोलन

30 कही अनकही

गेनू का बलिदान

मलिक का सितारा

मनोज कुमार से भेंट ने बदल दी किस्मत

स्वदेशी के लिए मर मिटे बाबू गेनू

आधी दुनिया ने लहराया परचम भारतीय महिलाओं ने इस वर्ष रक्षा से लेकर राजनीति तक तमाम क्षेत्रों में अपने दमखम का लोहा मनवाया। इस मायने में 2017 देश में आधी दुनिया के बदले परिदृश्य का ऐतिहासिक तौर पर साक्षी रहा है

खास बातें इंडियन नेवी में पहली बार महिला पायलट नियुक्त हुई निर्मला सीतारमण देश की पहली पूर्णकालिक महिला रक्षा मंत्री बनीं हरियाणा की बेटी मानुषी छिल्लर ने जीता मिस वर्ल्ड का ताज

एसएसबी ब्यूरो

मेरिका की सर्वे संस्था पीउ रिसर्च ने कुछ साल पहले अपनी एक रिपोर्ट में कहा था कि 20वीं सदी के आखिरी दशक से लेकर अब तक जितना दुनिया नहीं बदली है, उतनी दुनिया भर की महिलाओं के जीवन में बदलाव आया है। आज से सात-आठ दशक पहले महिला सशक्तिकरण का जो वैश्विक संघर्ष हुआ था, वह आज कामयाबी के नए सफरनामा का नाम है। आधी दुनिया की जिंदगी में सबसे ज्यादा बदलाव आया है विश्व के उन हिस्सों में, जो लंबे समय तक विकास की मुख्यधारा से बाहर रहे हैं। बात करें भारत की तो भारत में महिला सशक्तिकरण के एक से एक सुलेख राष्ट्रीय आंदोलन के दौर में ही लिखे जा चुके थे। आजादी के बाद इस सिलसिले के साथ सफलता के और भी स्वर्णिम सर्ग जुड़ते चले गए। देश के मौजूदा प्रधानमंत्री महिला सशक्तिकरण को बिल्कुल नई नजर से देखते हैं। वे कहते हैं, ‘नारी सशक्तिकरण के बिना मानवता का विकास अधूरा है। वैसे अब यह मुद्दा वीमेन डेवलपमेंट का नहीं रह गया, बल्कि वीमेन-लीड डेवलपमेंट का है।’ प्रधानमंत्री मोदी के ये विचार देश में सरकार और समाज के स्तर पर महिलाओं की बढ़ी भागीदारी और सफलता के तौर पर नजर आते हैं। प्रधानमंत्री न सिर्फ देश के विकास

पर पूरा ध्यान दे रहे हैं, बल्कि इस बात को भी महत्त्व दे रहे हैं कि इसका चरित्र समावेशी हो और इसमें महिलाओं की भूमिका अहम हो। शायद यही वजह है कि आज भारत में महिला प्रतिनिधित्व को कई क्षेत्रों में सम्मानजनक पहचान मिली है।

शुभांगी की उड़ान

इंडियन नेवी ने पहली बार किसी महिला की नियुक्ति पायलट पद के लिए की है। इस गौरव को हासिल करने वाली ऑफिसर का नाम है शुभांगी स्वरूप। शुभांगी अब आकाश की अनंत ऊंचाइंयों में एयरक्राफ्ट उड़ाएंगी। शुभांगी स्वरूप मेरीटाइम रिकानकायसंस विमान उड़ाएंगी। शुभांगी उत्तर प्रदेश की हैं। विमानों को उड़ाने को तमन्ना उन्हें बचपन से ही थी। शुभांगी के अलावा नई दिल्ली की आस्था, पुद्दुचेरी की रूपा और केरल की शक्ति माया को नौसेना की नेवल आर्मामेंट इंस्पेक्टोरेट (एनएआई) शाखा में देश की पहली महिला अधिकारी बनने का गौरव हासिल हुआ है। दक्षिणी नेवल प्रवक्ता कमांडर श्रीधर वॉरियर ने बताया, ‘वैसे तो शुभांगी नौसेना में पहली पायलट हैं, लेकिन नौसेना की एविएशन ब्रांच में पहले भी वायु यातायात नियंत्रण अधिकारी और विमान में ‘पर्यवेक्षक’ अधिकारी के तौर पर महिलाएं काम कर चुकी हैं।’ एनएआई शाखा पर नौसेना के हथियारों और गोला-बारूद के ऑडिट एवं आकलन की जिम्मेदारी होती है। कमांडर वॉरियर ने कहा कि चारों महिला अधिकारियों को ड्यूटी पर तैनात किए जाने से पहले उनकी चुनिंदा शाखाओं में प्रशिक्षण दिया


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