सुलभ स्वच्छ भारत - वर्ष-2 - (अंक 03)

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रोजगार

01 - 07 जनवरी 2018

हर हाथ को काम

बेरोजगारी का दंश झेलने वाले युवाओं के लिए नया साल रोजगार और नौकरियों का तोहफ लेकर आने वाला है

खास बातें

नए साल में बढ़ेंगे रो जगार के ज्यादा अवसर

देश में पहली बार बनेगी राष्ट्रीय रोजगार नीति आर्थिक और श्रमि क नीतियों में संशोधन की तैयार ी

एसएसबी ब्यूरो

या साल देश के युवाओं के लिए नौकरियों की सौगात लेकर आने वाला है। अनुमान है कि करीब एक करोड़ नए रोजगार के अवसर युवाओं के सामने आएंगे। देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए मेक इन इंडिया योजना की शुरुआत की गई। इसको लेकर नीति आयोग के महानिदेशक (डीएमईओ) और सलाहकार अनिल श्रीवास्तव ने कहा कि ‘मेक इन इंडिया’ के जरिए 2020 तक 10 करोड़ नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। उन्होंने कहा कि हम चौथे तकनीकी रेवॉल्यूशन के दौर से गुजर रहे हैं। सरकार मेक इन इंडिया के जरिए 2020 तक 10 करोड़ युवाओं को रोजगार देने के मिशन के साथ काम कर रही है।

बेरोजगारी होगी दूर

मेक इन इंडिया के तहत भारत में शुरू होने वाले उद्योगों के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। इसीलिए युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए कौशल विकास मंत्रालय द्वारा कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं, जिसके तहत युवाओं को प्रशिक्षित किया जा रहा है।

25 प्रतिशत होगा प्रत्यक्ष निवेश

उत्पादों के देश में बनने के बाद रक्षा सौदों की लागत घटेगी और बिचौलियों से बचा जा सकेगा। कंपनियों से मिलने वाले करों से राज्य सरकार की आय बढ़ेगी और देश के हर भाग में रोजगार की उपलब्धता बढ़ेगी। भारतीय कंपनियों के उत्पादों की सीधी टक्कर अब विदेशी कंपनियों के उत्पादों से होगी और देश की जनता को इस प्रतिद्वंदिता का लाभ मिलेगा। रोजमर्रा के जरूरत की चीजों के दाम घटेंगे और गुणवत्ता बेहतर होगी।

मजबूत होगी अर्थव्यवस्था

मोदी सरकार देश में पहली बार एक राष्ट्रीय रोजगार नीति बना रही है। आगामी केंद्रीय बजट में इसकी घोषणा हो सकती है। रोजगार नीति आने से देश में प्रत्येक साल एक करोड़ रोजगार सृजन का रास्ता साफ हो जाएगा। इस नीति में सभी सेक्टरों को ध्यान में रखकर बनाया जा रहा है। नौकरी के सृजन के लिए समग्रता के साथ सरकार एक रोडमैप भी बना रही है। केंद्र की इस

केंद्र सरकार का लक्ष्य मेक इन इंडिया के तहत भारत को विश्व में निर्माण क्षेत्र का केंद्र बनाना है। इसके साथ-साथ देश के भीतर ही उन्नत प्रौद्योगिकी और तकनीकी से निर्माण क्षेत्र में विकास पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। एक अनुमान है कि 2022 आते-आते देश के जीडीपी में मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की हिस्सेदारी 25 प्रतिशत हो जाएगी। मेक इन इंडिया के पूर्णतया मूर्त रूप लेने से देश की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलेगी। युवाओं को देश में रोजगार मिलेगा और विदेशी आयात में कमी आएगी। विदेशी मुद्रा की बचत होगी और सरकारी कोष को मजबूती मिलेगी। रक्षा

पहली बार रोजगार नीति

राष्ट्रीय रोजगार नीति के माध्यम से नियोक्ताओं को और अधिक रोजगार देने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, तो नौकरियों को आकर्षक बनाने के लिए सेक्टरों के अनुसार उद्यम से जुड़े नियमों और नीतियों में सुधार किया जाएगा। रोजगार नीति के माध्यम से सरकार का लक्ष्य अधिक से अधिक लोगों को संगठित क्षेत्र से जोड़ना है, ताकि उन्हें न्यूनतम मजदूरी और पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा मिल सके। इसके लिए सरकार आर्थिक, सामाजिक और श्रमिक नीतियों में संशोधन भी करेगी। राष्ट्रीय रोजगार नीति के तहत सभी सेक्टरों में रोजगार की संभावना तलाशी जाएगी। सेक्टर वाइज रोजगार के लिए एक टारगेट तय किया जाएगा। टारगेट पांच साल के लिए तय किया जाएगा, जिसे एक समय अंतराल पर मॉनीटर किया जाएगा। सिर्फ मेक इन इंडिया ही नहीं, बल्कि कई ऐसी अन्य योजनाएं हैं, जो रोजगार सृजन के लिए महत्वपूर्ण है।

भारत में शुरू होने वाले उद्योगों के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षित युवाओं की जरूरत होगी। इसीलिए युवाओं को तकनीकी रूप से दक्ष बनाने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं


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