Nasha Mukti Kendra Yamunanagar | नशा मुक्ति केंद्र यमुनानगर |9813406565

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नशा म क म कस रखा जाता ह G O L D E N F U T U R E W E L F A R E S O C I E T Y + + 9 1 - 9 8 1 3 4 0 6 5 6 5
नशा म क हमार समाज म नश का चलन बत तजी स बढ़ता जा रहा ह जसक कारण हर घर म कोई ना कोई नशा पीड़त मल ही जाता ह । नशा करन वाला कवल अपन जीवन को अधकार म नह डालता बक उसक साथ उसका परा घर भी बबाद हो जाता ह । घर वाल हर ममकन कोशश करना चाहत ह क वो इसान कस भी इस नश क बरी अदात को छोड़ द पर यादातर मामल म य दखा गया ह क घर वाल को य समझ ही नह आता क कस तरह स उनक घर क नशा पीड़त सदय को वह इस नश क जाल स नकाल । नशा एक घातक बीमारी ह और इसका इलाज करवान स ही ठक हो सकता ह और जो सबस कारगर तारीका ह वह ह नशा म क का । पर नशा म क क बार म इतनी ातया फल ह जनक वजह स घर वाल सही समय पर इलाज करवान म बत दर कर दत ह उनक मन म ऐस कई सवाल रहत ह क नशा म क म या होता ह, नशा म क म कस रखा जाता ह, कतना टाइम लगता ह । तो आज हम इन सार सवाल का जवाब लाए ह जसस क आपको नशा म क क काम करन क तरीक़ क परी जानकारी मल जाएगी।
जब कोई भी नशा पीड़त नशा म क म भत होत ह तो सबस पहल उनका चकअप होता ह जसम उनक LFT, RFT, CBC, BLOOD SUGAR ,HIV आद टट होत ह, जसस क क शारीरक त नश का या भाव पड़ा ह उसका पता चल सक और फर उही रपोटस क आधार पर नशा पीड़त इसान क withdrawal और detox का ोसस टाट होता ह इस आसान भाषा म समझ तो जब कोई इसान नशा बद करता ह तो उस कई परशानय का सामना करना पड़ता ह जह हम withdrawal कहत ह ।
10 स 15 दन का ोसस य परा ोसस लगभग 10 स 15 दन का रहता ह कछ कस म य समय और भी लबा जा सकता ह जोक नभर करता ह मरीज़ क तथ क ऊपर, यक कई लोग म जस नश को वह इतमाल करत ह उसक त बत यादा शारीरक नभरता हो जाती ह जब withdrawal और detox का पाट खम हो जाता ह । अगला पाट जो थरपी का रहता ह वह होता ह मनोवानक चकसा का इसम मनोवानक मनोचकसक और काउसलर मरीज का अससमट करत ह, जस क नश का या भाव मरीज क मानसक त पर पड़ा ह, या उसक कस ह ह, या या उसक गर वाइट ह जनक वजह स वह नशा करत ह,फर उसक अनसार उनक थरपी रहती ह । इसम योग, यान, Behavioral Therapy ,CBT, REBT, Motivational, Interviewing, DBT, Person Centered Therapy, सामहक परामश, गत परामश, पारवारक परामश, 12 Staps, AA यानी Alcoholic Ananymous, NA narcotics ananymous, AA/NA fellowship, आयामक जात, therapeutic games. आद थरपी शामल होत ह ।
PERSON CENTERED THERAPY यहा एक बात यान दन वाली ह दोत जो ह person centered therapy यानी नशा म म जो इलाज होता ह वह हर इसान क अनसार अलग अलग हो सकता ह यक हर इसान क अलग मानसक और शरीरक तथ होती ह इसीलए नश का भाव भी हर इसान पर अलग अलग होता ह। इसीलए जरी नह क हर नशा करन वाल को एक जसी थरपी द जाए और कसी को नश स छोड़न म कतना समय लगगा वह भी इसी बात पर नभर करता ह क पर नश का या भाव पड़ा ह| कत चकसा
दखय साल तक नशा करता ह इस कारण नशा पीड़त म उस नश क त मानसक और शरीरक दोन तरह स नभर हो जाता ह तो बनी बात ह क सारी चीज को फर स नॉमल होन म समय तो लगगा ही, अगर आप लोग य सोचो क नशा म म भत होत ही कोई overnight changes आ जान वाल ह या कछ ही समय म ठक हो जाएगा तो य दमाग स नकाल दजय यक ना ही नश क बीमारी एक रात म पदा होती ह और ना ही एक रात म ठक होती ह य एक लबी या ह।
अब अत म सवाल बचता ह क नशा म क म रखा कस जाता ह तो इसका जवाब भी सीधा सा ह जस तरह स कल hostels म students रहत ह उसी तरह स नशा म क म मरीज को रखा जाता ह, उनका सबह उठन स लकर नाईट म सोन तक का परा एक टन रहता ह । टाइम पर खाना नाता, टाइम पर लासस, टाइम पर सोना य परा का परा एक टन रहता ह एक तरह स हम कह सकत ह क एक disciplined डली टन होता ह या और आसान भाषा म कह तो एक अनशासत दनचया होती ह जोक बत जरी ह यक एटव एडन क दौरान हम अपनी हद लाइफ़टाइल को जीना भल ही जात ह हम खाना नह खा पात, हम अपना काम नह कर पात, हम ठक स सो नह पात, नश क जाल म फस रहन क कारण ना तो हम अपना याल रख पात ह और ना ही अपन का. एटव एडन क वजह स हम शारीरक, मानसक और आथक तौर पर कमजोर हो जात ह हम समाज क मयधारा स अलग हट जात ह, हम भावनामक तौर पर कमजोर हो जात ह, इसी वजह स नशा म क म नश स पीड़त क ओवरऑल व पर काम होता ह जसस वो शरीरक और मानसक दोन तरह स मजबत हो सक । नशा म क म रखा कस जाता ह?
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THANK YOU! Y O U
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