नारीपना
नमस्ते! इन कहानी और कविताओं में नारी किरदारों पर कुछ प्रयोग किये हैं। कहीं वह सकारात्मक है, तो कहीं बिल्कुल गलत पर ये सभी स्त्रियां वर्तमान को वर्तमान में जीती हैं, जो तुलना में पुरुषों में कम देखा है। नारी के सभी रूपों को स्वीकार करना समाज के लिए ज़रूरी है। नकारात्मक आदतें और व्यवहार के लिए भी थोड़ी जगह होनी चाहिए, नहीं तो दुनिया नीरस हो जाती है। आखिर किसी की 100 अच्छी बातें पसंद हैं तो कुछ ख़राब भी झेलो। खैर, मेरे ये प्रयोग आगे जारी रहेंगे आशा है आप सभी का स्नेह व सहयोग बना रहेगा। 2014 में सीमित फोरम्स पर प्रकाशित नारीपना में कुछ नयी रचनाएं जोड़कर इस बार बेहतर एडिशन प्रकाशित कर रहा हूँ।
मोहित शर्मा 'ज़हन'