यह वसीयतनामा..................... (तार ख ) को ग़ािज़याबाद उ र दश( थान ) म बनाई और न पा दत नई द ल क जाती ह। म XXXXXX(नाम लखना ह ) प ी xxxxxxxx आय 75 वष ह , नवासी मकान स या XXXXXXX नजफगढ़ नई द ल -110043 का ह, इस लख प को अपनी अ तम वसीयत क प म अपन व थ चत एव पण होश हवास म बना कसी दबाव क लखता ह म काफ व ध एव अश त हो गया ह तथा ाय: बीमार रहता ह मर जीवन का कोई भरोसा नह ह िजसका सय त कभी भी हो सकता ह मर इस व धाव था उ त दशा म म अपन बट क साथ नवास करता ह जो पर न ठा स मर सवा ,सर ा कर रह ह तथा सम चत दख - रख इलाज क यव था कर रह ह इस लख प को अपनी अ तम वसीयत क प मर सप िजसका न पादन उ त वसीयत वारा कया जा रहा ह िजसका म एकमा वामी उसक न पादन का मझ पण अ धकार ह जीवन का कोई भरोसा नह ह अतः म चाहता ह क मर म य क बाद मर उ त सप क उ रा धकार क बार म कसी कार का ववाद ना हो इस लए मर जीवनकाल म ह वसीयत वारा सप का न पादन करता ह मर जीवन काल म मर उ त सप का म वय मा लक काबीज रहगा कसी भी कार स उपयोग व उपभोग कर सकता ह मर म य क बाद उ त सप क उ रा धकार मा लक ह ग उ रा धकार स प का ववरण XXXXXXXX XXXXXXXXXXXXX XXXXXXXXXXXXXX (नाम लखना िजसक नाम स वसीयत या ह ) को इस सप xxxxxx क म सार हत , व व और अ धकार ा त हो जाएग मर कसी उ रा धकार को ऐतराज दन का कोई अ धकार नह रहगा अतएव उपरो त क सा य व प मन बना कसी दबाब क तथा अपन पण होश हवाश म न न ल खत दो गवाह क सम ह ता र कय ह सा यगण :-
वसीयतनामा