Maithili - Testament of Zebulun

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याकूबआलीआकछठमपुत्रजेबुलून।आविष्कारक

नवह अवछ जे हम यूसुफक

संग जे अज्ञानताक पाप केने रही, तकरा छोवड कऽ

हम कोनो अधलाह केलहुेँ। कारण, हम अपन भाय सभक संग िाचा केने रही जे हम अपन वपता केेँ ई

रािलजा सकय।

16 ओ सभ एना करैत रहलाह, जाबत धरर ओ सभ

17 हुनकर दाम मे हमरा कोनोवहस्सानवह छल, हमर बच्चासभ।

18 वशमोन आ गाद आ हमरा सभक छहटा आओर भाय यूसुफक दाम लऽ कऽअपनाआअपन पत्नी आ अपन बच्चासभक लेल चप्पलकीवन

19 हम सभ एकर

अध्याय 1
एिं
यूसुफ के खिलाफ सावजश के पररणामस्वरूपओकराजेपताचललै। 1 जबूलूनक िचनक प्रवतवलवप जे ओ अपन पुत्र सभ केेँ अपन जीिनक सय चौदहम िर्ष मे, यूसुफक मृत्युक दू िर्षक बाद मरबा सेँ पवहने आज्ञा देने छलाह। 2 ओ हुनका सभ केेँ कहलविन, “हे जब्लूनक पुत्र सभ, अहाेँ सभ अपन वपताक िचन पर ध्यान दैत छी, हमरबातसुनू।” 3 हम जबूलून अपन माता-वपताक लेल नीक िरदान बनलछी। 4 जिन हम जन्म लेलहुेँ तेँ हमर वपता भेेँडा आ भेेँडा दुनू मे बहुत बेसी बव़ि गेल छलाह, जिन वक डंडा सभकसंगहुनकाअपनवहस्साभेटैतछलवन। 5 हमरा ई नवह बुझल अवछ जे हम अपन भरर वदन पापकेलहुेँ, वसिाय विचार मे। 6 हमरा एिन धरर मोन
परोपकारी।
बातनवह कहबजे
सेँ
सभ सेँ डेराइत छलहुेँ, वकएक तेँ ओ सभ एकमत छल जे जेँ केओ गुप्तबातकहततेँ ओकरा मारलजायत। 8 मुदा जिन ओ सभ हुनका मारय चाहैत छलाह तेँ हम हुनका सभ केेँ एवह पापक दोर्ी नवह बनबाक लेलनोरबहाकऽ बहुतशपि देवलयवन। 9 वकएक तेँ वशमोन आ गाद यूसुफ केेँ मारबाक लेल अयलाह, आ ओ हुनका सभ केेँ कानैत कहलविन, “हे हमर भाइ लोकवन, हमरा पर दया करू, हमरा सभक वपता याकूबक आंत पर दया करू अहाेँ सभकविरुद्धपापनवह केलहुेँ। 10 हमर भाइ लोकवन, जेँ हम पाप केने छी तेँ हमरा दंवडत कऽ कऽ तावड वदअ, मुदा हमरा सभक वपता याकूबक लेलहमरा पर अपनहािनवहरािू। 11 जिन ओ ई सभ बात बजैत छलाह, तिन हम हुनकर विलाप केेँ सहन करबा मे असमिष भ’ गेलहुेँ आ कान’ लगलहुेँ आ हमर यकृत बहा गेल आ हमरआंतमे सभटा सामग्रीढीला भ’ गेल। 12 हम यूसुफक संग कानलहुेँ आ हमर मोन चकनाचूर भऽ गेल आ हमर शरीरक जोड सभ काेँवप उठलआ हमठा़िनवह भऽसकलहुेँ। 13 जिन यूसुफ हमरा हुनका संग कानैत देखि, आ हुनका सभ केेँ मारबाक लेल हुनका विरुद्ध आवब रहल छल, तिन ओ हुनका सभ सेँ विनती करैत हमरापाछाेँ भावगगेल। 14 मुदा ताबत रूबेन उवठ कऽ कहलविन, “हे हमर भाइ लोकवन, आउ, ओकरा नवह मारर वदयौक, बल् वक ओकरा एवह सुिल गड्ढा मे सेँ कोनो एकटा मे फेवक दी, जे हमरा सभक पूिषज सभ िोदने छलाह आपावननवहभेटलवन। 15 एवह कारणेेँ परमेश् िर हुनका सभ मे पावन नवह उठय सेँ मना कयलवन जावह सेँ यूसुफ केेँ सुरवित
की भेलअवछ। 7 मुदा हम यूसुफक कारणेेँबहुत वदन धरर गुप्त रूप
कानलहुेँ, कारण हम अपन भाय
हुनकाइस्माइलीसभकेेँ
नवहबेवच देलवन।
लेलक।
फल नवह िाएब, वकएक तेँ ई हमरा सभक भाइक िूनक दाम अवछ, मुदा हम सभ एकरा पएर पर चलब, वकएक तेँ ओ कहने छलाह जे ओ हमरा सभ पर राजा बनताह, आ तेेँ देिब जे हुनकरसपनाकीहोयत। 20 तेेँ मूसाक धमष-वनयमक लेिन मे वलिल अवछ जे जे केओ अपन भाय लेल बीया नवह बनाओत, ओकर चप्पल िोलल जायत आ ओकर मुेँह पर िूक फेकबाकचाही। 21 यूसुफक भाय सभ नवह चाहैत छलाह जे हुनकर भाय जीवित रहवि, आ प्रभु हुनका सभ सेँ ओ चप्पल िोवल देलवन जे ओ सभ अपन भाय यूसुफक विरुद्ध पवहरने छलाह। 22 जिन ओ सभ वमस्र मे अयलाह तिन यूसुफक नोकर सभ हुनका सभ केेँ फाटकक बाहर छोवड देलकवन आ तेेँ ओ सभ राजा वफरौनक अनुसार यूसुफ केेँ प्रणामकयलवन। 23 ओ सभ हुनका प्रणाम मात्र नवह कयलवन, बल् वक हुनका पर तुरन्त िूक फेकल गेलाह, आ तेेँ हुनका सभकेेँ आगू मे लखित कयलगेलवन। वमस्र के लोग। 24 एकर बाद वमस्रिासी सभ यूसुफक संग कयल गेलसभटादुष्कमष सुनलवन।

1 आब बच्चा सभ, हम अहाेँ सभ प्रभुक आज्ञाक पालन करबाक लेल आ अपन पडोसी पर दया करबाक लेल आ सभ पर दया

आ एकरा याकूब लग पठाबी, ई

जे, जावन वलअ, की ई अहाेँक बेटाक कोट

34 ओ सभ एना कयलक।

9 आ करुणाक कारणेेँ हम अपन पकडल हर अनजान लोकक संग

10 जेँ केओ परदेशी िा बीमार िा बू़ि छल तेँ हम माछ उबावल कऽ ओकरा नीक जकाेँ सजबैत

आ सभ लोकक लेल च़िा

छलहुेँ

25 हुनका बेचलाक बाद हमर भाय सभ भोजन-पीन करबाकलेलबैवस गेलाह। 26 मुदा हम यूसुफ पर दयाक कारणेेँ भोजन नवह केलहुेँ, बल् वक गड्ढा पर नजरर रिलहुेँ, वकएक तऽ यहूदा केेँ डर छल जे कहीं वशमोन, दान आ गाद
देत। 27 मुदा ओ सभ देखि कऽ जे हम भोजन नवह कऽ रहल छी तेँ हमरा हुनका पर नजरर रिबाक लेल राखि देलक जाबत
सभक हाि मे नवहबेवच देल गेल। 28 जिन रूबेन आवब कऽ ई सुवन कऽ जे यूसुफ वबका गेल छवि, तिन ओ अपन िस्त्र फावड कऽ शोक मनाकऽ कहलविन। 29 हम अपन वपता याकूबक मुेँह कोना देिब? आ पाइ लऽ कऽ व्यापारी सभक पाछाेँ दौडल मुदा जेनाजेना ओकरा सभकेेँ नवह भेवट सकल तेँ ओ शोक मनाकऽघुरर गेल। 30 मुदा बवनया सभ चौडा बाट छोवड टरोग्लोडाइट नदीक बीचसेँ एकटा छोट सन बाटसेँ गुजरर गेल छल। 31 मुदा रूबेन दुिी भऽ गेलाह आ ओवह वदन भोजन नवहियलवन। 32 दान हुनका लग आवब कहलविन, “नवह कानू आ ने दुिी होउ। कारण, हमरा सभ केेँ अपन वपता याकूबकेेँ जे कवहसकैत छीसे भेवटगेलअवछ। 33 बकरीक बछडा केेँ मारर कऽ ओवह मे यूसुफक िस्त्र डुबा वदयौक।
कहैत
?
ओकरानवहमारर
धरर
इश्माएल
अवछ
ओ सभ यूसुफ केेँ बेचैत काल ओकर िस्त्र उतारर कऽ दासक िस्त्र पवहरर लेलक। 35 वशमोन कोट लऽ कऽ ओकरा छोवड नवह देलक, वकएक तेँ ओ तलिारसेँ ओकरा फाडय चाहैत छल, वकएक तेँ ओ क्रोवधत छल जे यूसुफ जीबैत अवछ आ ओकरानवहमारलक। 36 तिन हम सभ उवठ कऽ हुनका कहवलयवन, “जेँ अहाेँ कोट नवह छोडब तेँ हम सभ अपन वपता केेँ कहब जे इस्राएल मे ई अधलाह काज अहाेँ असगरे केलहुेँ।” 37 ओवहना ओ ओकरा सभ केेँ दऽ देलविन आ ओ सभओवहना कयलवनजेनादानकहने छलाह। अध्याय 2 ओअपनसंगी -सािीके प्रवतमानिीयसहानुभूवतआ समझदारीकेआग्रहकरैतछवि।
करबाक लेल, मात्र मनुष्यपरनवह, बखिजानिरपरसेहो। 2 एवह सभ बातक लेल प्रभु हमरा आशीिाषद देलवन, आ जिन हमर सभ भाय बीमार छलाह तिन हम वबना बीमारी केने बवच गेलहुेँ, कारण प्रभु एक-एक गोटेक उद्देश्यजनैत छवि। 3 तेेँ हे बच्चा सभ, अहाेँ सभक मोन मे दया करू, वकएक तेँ जवहना मनुर्् य अपन पडोसीक संग करैत अवछ, तवहनाप्रभु ओकरा संगसेहो करताह। 4 हमर भाय सभक पुत्र सभ यूसुफक कारणेेँ बीमार भऽ कऽ मरर रहल छल, वकएक तेँ ओ सभ अपन मोन मे दया नवह कयलक। मुदा हमर बेटा सभ वबना बीमारीके बचाओल गेल, जेनाअहाेँ सभजनैत छी। 5 जिन हम कनान देश मे समुद्रक कात मे छलहुेँ तेँ हमर वपता याकूबक लेल माछ पकडलहुेँ। आ जिन समुद्र मे कतेको गोटेक गला घोंट गेल त हम वनदोर् रवहगेलहुेँ। 6 हम सबसेँ पवहने समुद्र पर नाि बनेलहुेँ, कारण प्रभु हमराओवहमे बुखद्धआ बुखद्धदेलवन। 7 हम ओकर पाछू एकटा पतिार िसा देवलयैक आ बीच मे एकटा आओर सोझ लकडी पर एकटा पाल पसाररदेवलयैक। 8 हम ओवह मे तट पर जहाज सेँ अपन वपताक घरक लेल माछ पकडैत गेलहुेँ जाबत धरर हम सभ वमस्र नवहपहुेँचलहुेँ।
बाेँवटदेलहुेँ।
दैत छलहुेँ, जेना-जेना ओकरा सभक संग शोक होइत छल आ ओकरा सभ परदया करैत छल। 11 तेेँ प्रभु हमरा माछ पकडबा काल प्रचुर मात्रा मे माछ सेँ तृप्त कयलवन। वकएक तेँ जे अपन पडोसीक संग भाग लैत अवछ, तकरा प्रभु सेँ बहुत गुना बेसी भेटैत छैक।

वकएक तेँ जवहना मनुर्् य अपन पडोसी पर दया करैत अवछ, तवहना प्रभु ओकरा पर सेहो ओवहना

22 जिन हम सभ वमस्र देश

35 अहाेँ सभहुनकाद्वारा

36 आब, हमर

38 मुदा अभक्त सभ पर परमेश् िर अनन्त आवग आवन देताह आ सभ पी़िी-दर-पी़िी हुनका

12 पाेँच िर्ष धरर हम माछ पकडैत छलहुेँ आ जे सभ देिलहुेँ तकरा सभ केेँ माछ दऽ दैत छलहुेँ आ अपन वपताकसमस्त घरक लेल पयाषप्त छल। 13 गमी मे हम माछ पकडैत छलहुेँ आ जाड मे हम अपन भायसभक संग बरदपोसैत छलहुेँ। 14 आबहमअहाेँ सभकेेँ बता देबजे हमकी केलहुेँ। 15 जाडक समय मे हम एकटा आदमी केेँ नंगटे भऽ कऽ विपवि मे पडल देिलहुेँ आ ओकरा पर दया आवब गेलहुेँ आ हमर वपताक घर सेँ चोरा कऽ एकटा िस्त्रचोरा कऽविपविमे पडलओकरादऽ देवलयैक। 16 तेेँ हे हमर सन्तान सभ, की अहाेँ सभ जे वकछु परमेश् िर अहाेँ सभ केेँ दैत छवि, तावह सेँ सभ मनुर्् यक प्रवत वबना कोनो संकोच केेँ दया आ दया करू आनीकहृदय सेँ प्रत् येक मनुर्् य केेँ दयवदअ। 17 जेँ अहाेँ सभ लग जरूरतमंद केेँ देबाक सामर्थ्ष नवहअवछतेँ ओकरापर दया करू। 18 हम जनैत छी जे हमर हाि मे जरुरत केेँ देबाक सामर्थ्ष नवह भेटल, आ हम हुनका संग सात फरलोंग धरर कावन रहल छलहुेँ आ हमर आंत हुनका वदस दयाकभािसेँ तरसैत छल। 19 तेेँ हे हमर सन्तान सभ, अपना पर दया करू, जावहसेँ प्रभु सेहोअहाेँ सभपरदयाआ दया करवि। 20 कारण, अंवतम वदन मे परमेश् िर पृि् िी पर अपन दया पठौताह, आ जतऽ-
हुनका दयाक आंतभेटतवन, ओ हुनका मे रहैतछवि। 21
करैतअवछ।
जतय
दया
मे गेलहुेँ तेँ यूसुफ हमरा सभक प्रवत कोनोतरहक दुभाषिनानवह उठौलवन। 23 हे हमर सन्तान, अहाेँ सभसेहो जकरा सेँ सािधान रहू, वबना कोनो दुभाषिना सेँ अपनाकेेँ नीक लागय आ एक-दोसर सेँ प्रेम करू। आ अहाेँ सभ मे सेँ एक-एक गोटे अपन भायपरअधलाहकवहसाबनवह लगाउ। 24 वकएक तेँ ई एकता तोडैत अवछ आ सभ जावत केेँ विभावजत करैत अवछ, आ प्राणी केेँ परेशान करैत अवछआचेहरा केेँ वघवसयादैतअवछ। 25 तेेँ पावनक अिलोकन करू आ जावन वलअ जे किन ओ सभ एक संग बहैत अवछ आ पािर, गाछ, मावटआआनिस्तु सभकेेँ झाडैत अवछ। 26 मुदा जेँ ओ सभ बहुत रास धार मे बेँवट जाइत अवछ तेँ पृि् िी ओकरा सभ केेँ वनगल जाइत अवछ आओसभविलुप्त भऽजाइतअवछ। 27 जेँ अहाेँ सभ विभावजत भऽ जायब तेँ अहाेँ सभ सेहो एहने रहब। तेेँ प्रभु जे वकछु बनौने छवि .एकटा माि, दूटा कान्ह, दू हाि, दू पैर आ शेर् सभ अंगक कारणेेँअहाेँ सभदू माि मे बेँटलनवहरहू। 28 हम अपन पूिषज सभक पत्र मे ई वसिलहुेँ जे इस्राएल मे अहाेँ सभ बेँवट जायब आ दूटा राजाक पाछाेँ लागबआसभघृवणतकाज करब। 29 अहाेँ सभक शत्रु अहाेँ सभ केेँ बंदी बना लेत आ गैर-यहूदी सभक बीच अहाेँ सभ केेँ बहुत रास दुबषलताआ क्लेशकसंग दुर्् टविनती कयलजायत। 30 एवह सभक बाद अहाेँ सभ प्रभुक स्मरण करब आ पश्चाताप करब, आ ओ अहाेँ सभ पर दया करताह, कारणओ दयालु आदयालु छवि। 31 ओ मनुर्् यक सन्तान सभक विरुद्ध अधलाहक वहसाब नवह दैत छवि, वकएक तेँ ओ सभ शरीर छवि आ अपन दुर्् ट कमष सभक कारणेेँ धोिा िाइत छवि। 32 एवह सभक बाद अहाेँ सभक समि स्वयं प्रभु, धावमषकताक इजोत उठत आ अहाेँ सभ अपन देश मे घुररजायब। 33 अहाेँ सभहुनका यरूशलेममे हुनकर नामक लेल देिबवन। 34 फेर अहाेँ सभ अपन काजक दुर्् टताक कारणेेँ हुनकाक्रोवधतकरब।
समाप्तहोयबाक
धरर
समय
फेवकजायब।
बच्चा सभ, एवह बातक दुि नवह करू जे हम मरर रहल छी, आ ने एवह बात सेँ नीचाेँ फेकल जाउजे हमअपनअंतमे
37
हुनकर
उठब। हम अपन गोत्रक बीच मे आनखित रहब, जे सभ प्रभुक वनयम आअपन वपताजबूलूनक आज्ञाकपालनकरत।
आवबरहल छी।
हम अहाेँ सभक बीच मे एकटा शासक बवन
पुत्र सभक बीच मे जीवब
सभ केेँ नष्टकऽदेताह। 39 हमहूेँ आब जल्दी-जल्दी अपन विश्राम वदस चवल रहलछी, जेनाहमरपूिषज सभसेहो केने छलाह। 40 मुदा अहाेँ सभ जीिन भरर अपन समस्त सामि्ष य सेँ हमरासभकपरमेश् िरपरमेश् िरक भयमानू। 41 ईबातकवहकऽओ नीकबु़िारीमे सुवतगेलाह। 42 ओकर पुत्र सभ ओकरा लकडीक वचता मे राखि देलक। तकर बाद ओ सभ ओकरा ऊपर लऽ कऽ ओकरपूिषजसभकसंग हेब्रोनमे गावड देलक।

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