Hindi - Testament of Asher

Page 1

अध्याय 1 आशेर , याकूबऔरजिल्पाकादसवाांपुत्र। दोहरेव्यक्तित्वकीव्याख्या . पहलीिेकेल औरहाइडकहानी।मुआविेकेकानूनके उस कथन के जलएजिसकाएमससनको आनांदआयाहोगा , श्लोक27 देखें।

1 आशेरके नामवसीयतकीनकल, जकउस ने अपके िीवनके एक सौपच्चीसवें वर्स में अपके पुत्रोांसेक्याबातेंकहीां।

2 क्योांजकिबवहचांगाथा

6 इसजलयेयजदआत्माअच्छीप्रवृजिमेंप्रसन्न

,
कहा
सुनो,
मैं तुम को वह सब बताऊांगा िो यहोवाकीदृजिमेंठीकहै। 3 परमेश्वर ने मनुष्ोां को दो मागस, और दो प्रवृजियाां, और दो प्रकार के काम, और दो ढांगके काम, औरदोबातेंबताईहैं। 4 इसजलथेसबवस्तुएां दोहोगईहैं, एकदूसरे के जवरूद्ध। 5 क्योांजक भलाई और बुराई के दो मागस हैं, और हमारे हृदय में दो प्रवृजियाां भी हैं िो उन्हेंजवभेदकरतीहैं।
तबउसनेउनसे
, हेआशेरके बच्चोां, अपनेजपताकीबात
और
होताहै, तोउसके सभीकायसधमससेहोतेहैं; और यजद वह पाप करता है, तो तुरन्त पश्चािापकरताहै। 7
कोदूरकरके तुरन्तबुराईकोदूरऔरपाप कोउखाड़फेंकताहै। 8 परन्तु यजद वह बुरी प्रवृजि की ओर प्रवृि होता है, तो उसके सब काम दुिता के होते हैं, और वह भले को दूर कर देता है, और बुराई की ओर लग िाता है, और बेजलयार उसपरप्रभुताकरताहै; भले ही वहअच्छा काम करता है, तौभी वह उसे जबगाड़ कर बुराईकरदेताहै। 9 क्योांजक िब वह भलाई करना आरम्भ करताहै, तोवहउसकामकोबुराईमेंडाल देताहै, यहदेखकर जकउसकी अजभलार्ा काभण्डारबुरीआत्मासेभरिाताहै। 10 इसजलये मनुष् बुराई के बदले में भले शब्ोांसेभलाईकीसहायताकरताहै, तौभी उसके कामकाफलअनथसहीहोताहै। 11 ऐसा मनुष् है, िो बुराई करनेवाले पर दयानहीांकरता; औरयहचीज़दोपहलुओां कोस्नानकरातीहै, लेजकनपूरीबुराईहै। 12 औरएकमनुष्हैिोबुरे कामकरनेवाले से प्रेम रखता है, क्योांजक वह उसके कारण बुराई में मरना भी पसन्द करता है; और इसके जवर्य में यह स्पि है जक यह दो पहलुओांकोदशासता है, परन्तु पूरा एक बुरा कामहै। 13 यद्यजपवहप्रेमतोरखताहै, तौभीवहदुि है, िो भले नाम के जलये बुराई को जिपा रखता है, और उसके काम का अन्त बुराई हीहोताहै। 14 दूसरा चोरीकरता, कुजिलकाम करता, लूिता, ठगता, और कांगालोांपरदया करता है; वह भी दोहरी दृजि से स्नान करता है, परन्तुसबबुराहै। 15 िो अपने पड़ोसी को धोखा देता है, वह परमेश्वर को क्रोध जदलाता है, और परमप्रधान के जवरूद्ध झूठी शपथ खाता है, और जफर भी कांगालोां पर दया करता है; यहोवा जिसने व्यवस्था की आज्ञा दी है, वह उसेव्यथसकरदेताहैऔरक्रोजधतकरताहै, औरजफरभीवहकांगालोांपरदयाकरताहै। 16 वहप्राणकोअशुद्धकरताहै, औरशरीर कोजबगाड़ताहै; वहबहुतोांकोघातकरताहै,
क्योांजक वह धमस पर जवचार करके दुिता

औरजकतनोांपरदयाकरताहै; यहभीस्नान

कादोहरापहलूहै, परन्तुसबबुराहै।

17 और कोई व्यजभचार और व्यजभचार

करता है, और भोिन से परहेि करता है, और उपवास करके बुराई करता है, और

अपनेधनके बलसेबहुतोांकोभारीकरदेता

है; औरअपनीअत्याजधकदुिताके होतेहुए भीवहआज्ञाओांकापालनकरताहै: इसका

भीदोहरापहलूहै, परन्तुसबबुराहै।

18 ऐसेमनुष्खरगोशहैं; शुद्धतोहैं, परन्तु उनके काममेंअशुद्धहैं।

19 क्योांजक परमेश्वर ने आज्ञाओां की ताजलकाओांमेंयोांहीकहाहै।

20 परन्तु हे मेरे

लगे रहो, क्योांजक परमेश्वरउसमेंजनवासकरताहै

21 परन्तुदुितासेदूरभागो, औरअपनेभले कामोांसेबुरीप्रवृजिकोनाशकरो; क्योांजकवे िो दोगले हैं, वे परमेश्वर की नहीां, परन्तु अपनीअजभलार्ाओांकीसेवाकरतेहैं, ताजक वे बेजलयार

बच्चोां, तुम उनके समान भलाईऔरबुराईके दोचेहरे मतधारणकरो; परन्तु केवल भलाई में
, औरमनुष् उसेचाहतेहैं।
और
प्रसन्न करसकें। 22
वाले समझे िाते होां, तौभी परमेश्वर की दृजि में धमीठहरतेहैं। 23 क्योांजकबहुतसे लोगदुिोांकोघातकरते समयभले औरबुरे दोकामकरते हैं; परन्तु सबकुिअच्छाहै, क्योांजकउसनेबुराईको उखाड़करनिकरजदयाहै। 24 एकमनुष्दयालुऔरअन्यायीमनुष्से बैररखताहै, औरएकमनुष्िोव्यजभचार करताऔरउपवासकरताहै; यहभीदोहरा पहलूहै, परन्तुसबकामतोअच्छे हैं, क्योांजक वहप्रभुकीसीचालचलताहै, औरिोअच्छा लगताहैउसेग्रहणनहीांकरताअसलीअच्छे के रूपमें. 25 और कोई उनके साथ सुख देखना नहीां चाहता, ऐसानहोजकउसकाशरीरअशुद्ध हो िाए, और उसका प्राण अशुद्ध हो िाए; यहभीदोगलाहै, लेजकनसबअच्छाहै। 26 क्योांजक ऐसे मनुष् तो हररण और जहरन के समानठहरतेहैं, क्योांजकवेबनपशुओांकी नाईअशुद्धतोिानपड़तेहैं, परन्तुजबलकुल शुद्धहैं; क्योांजकवेयहोवाके जलये उत्साहसे चलते हैं, और जिस काम से परमेश्वर बैर रखताहै, औरअपनीआज्ञाओांके द्वारामना करता है, उस से दूर रहते हैं, और बुरे को अच्छे सेदूररखतेहैं। 27 हे मेरे बालको, तुम देखते हो, जक सब बातोांमें दोहैं, एकदूसरे से जवरोधरखताहै, औरएकदूसरे सेजिपारहताहै; धनमेंलोभ, मेलिोलमेंजपयक्कड़पन, हांसीमेंदुुःख, और ब्याहमेंजफिूलखचीजिपीरहतीहै। 28 िीवन की सन्ती मृत्यु, और मजहमा की सन्ती अनादर, जदन की सन्ती रात, और उजियाले कीसन्तीअक्तियाराहोताहै; और सबवस्तुएां जदनके अधीनहैं, न्यायपूणसवस्तुएां िीवनके अधीनहैं, औरअधमीवस्तुएां मृत्यु के अधीन हैं; इस कारण अनन्त िीवन भी मृत्युकीप्रतीक्षाकरताहै। 29 और न यह कहा िाए, जक सत्य झूठ है, और न सत्य झूठ है; क्योांजक सारा सत्य प्रकाशके अधीनहै, वैसेहीिैसेसभीवस्तुएँ परमेश्वरके अधीनहैं। 30 इसजलथेयेसबबातेंमैंनेअपके िीवनमें जसद्ध कीां, और मैं प्रभु की सच्चाई से नहीां भिका, और मैं ने परमप्रधान की आज्ञाओां का पता लगाया, और िो भला है उस की
अपने िैसे लोगोांको
क्योांजक भले मनुष् भले ही दो मुांह

और बुरे कामोां में भी काम जकयाहै, सतातीहै।

36 परन्तु यजदवहआनन्दके साथशान्तहै, तोवहशाक्तन्तके दूतसे जमलताहै, औरवह उसेअनन्तिीवनमेंलेिाताहै।

37 हे मेरे बालको, सदोमके समाननबनो, जिसनेयहोवाके दूतोांके जवरूद्धपापजकया, औरसदाके जलथेनाशहोगया।

ओर सीधे मुांह करके अपनीसारी शक्तिके अनुसारचलतारहा . 31 इसजलये हे मेरे बालको, तुम भी यहोवा कीआज्ञाओांपरचौकसरहो, औरसीधामुांह होकरसत्यकापालनकरो। 32 क्योांजक िो दोमुांहे हैं, वे दोहरे पाप के दोर्ी हैं; क्योांजक वे दोनोांबुरे काम करते हैं, औरिोऐसाकरतेहैं, उनसेवेप्रसन्नहोतेहैं, िलकीआत्माओांके उदाहरणपरचलतेहैं, औरमानविाजतके जवरुद्धप्रयासकरतेहैं। 33 इसजलये हे मेरे बच्चोां, तुम यहोवा की व्यवस्थाकापालनकरो, औरभलाईकीनाई बुराईकीओरध्याननकरो; परन्तुउसचीज़ को देखो िो वास्तव में अच्छी है, और उसे प्रभु की सभी आज्ञाओां में रखो, अपनी बातचीत उसी में करो, और उसी में जवश्राम करो। 34 क्योांजक बाद के मनुष् िब प्रभु और शैतान के स्वगसदूतोांसे जमलते हैं, तब अपनी धाजमसकतायाअधमसकोप्रगिकरतेहैं। 35 क्योांजक िब आत्मा व्याकुल होकर जनकलतीहै, तोउसदुिआत्मासे, िोउसने अजभलार्ाओां
38 क्योांजकमैंिानताहां, जकतुमपापकरोगे, और अपने शत्रुओां के हाथ में पड़ोगे; और तुम्हारा देश उिाड़ हो िाएगा, और तुम्हारे पजवत्रस्थाननिहोिाएांगे, औरतुमपृय्वीके चारोांकोनोांमेंजततर-जबतरहोिाओगे। 39
िलके
40 िब तक परमप्रधान पृय्वी की सुजध न लेगा, औरमनुष्के रूपमेंआकरखाएगापीएगा, और िल में अिगर का जसर तोड़ डालेगा। 41 वह इस्राएल और सब अन्यिाजतयोां का उद्धार करेगा, परमेश्वर मनुष् के मुख में बोलरहाहै। 42 इसजलये हे मेरे बच्चोां, तुम भी ये बातें अपनेलड़केबालोांकोबताओ, ऐसानहोजक वेउसकीआज्ञामानें। 43 क्योांजकमैंनेिानजलयाहै, जकतुमजनश्चय आज्ञा न मानोगे, और जनश्चयदुिताके काम करोगे, और परमेश्वर की व्यवस्था की नहीां, परन्तु मनुष् की आज्ञाओांकी ओर ध्यान न देकरदुिताके कारणभ्रिहोिाओगे। 44 औरइसकारणतुममेरे भाइयोांगादऔर दान की नाई जततर-जबतर हो िाओगे, और तुमअपने देश, औरकुल, औरभार्ाकोन िानोगे। 45 परन्तु यहोवा अपनी करूणा के द्वारा इब्राहीम, इसहाक, और याकूब के जनजमि तुमकोजवश्वासमेंइकट्ठाकरेगा। 46 औरउसनेउनसेयेबातेंकहकरउनको आज्ञादी, जकमुझेहेब्रोनमेंगाड़देना। 47 औरवहसोगया, औरबहुतबुढापेमेंमर गया। 48 और उसके बेिोां ने उस की आज्ञा के अनुसारजकया, औरउसेहेब्रोनमेंलेिाकर उसके पुरखाओांके पासजमट्टीदी।
औरतुमिलकीनाईलुप्तहोिानेवाले
समानतुच्छठहराएिाओगे।

Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.