SWASTIKAMRIT BHAJANAVALI

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USHA PRAKASHAN Swastika Sadan, United Kingdom SacredSwastika@aol.com

स्नेह और माया पाध्य प्र आव�ृ �

�वक् संवत २०६७ मल ू ् :

प्�� स्था :

ઇ.સ.૨૦११

www.pothi.com

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प्रस्ता

�व�म� स्विस् का प्र� ह� एक ऐसा प्र� ह� जो अ�तप्रा�, पौरा�णक,

�व�व्याप, सवर् और सवर्मान ह� । �व�के हर खंडोमे स्विस्तक प्र�तक अिस्तत पौरा�णक समयसे पाया गया ह�. मानव जातीका सवर्प् प्र�

स्विस् दश हजार वष�सेभीI परु ाना ह� । परु ातन यग ु से ह� स्विस्तक प्रय

हर संस्क�त, सभयता और धमर्म होता आया ह� । �व�क� हर मानवजातीने

स्विस् �चन्हक परु ातन कालसे ह� एक आध्याित्, शभ ु कार�, लाभकार�

और पण ु ्यकार प्र�तक रूपम उसे आदरणीय, सन्माननी और पज ू नीय माना ह� । स्विस्तक उपयोग एक शभ ु प्र�तक रूपम हजार� वष�स� होता आया

ह�

। �व�क�

सवर्प् मानव संस्क्र आयर्संस्कृ और आयर्धम या

सनातनधमर्स लेकर मायन, यहुद�, एझटेक, इन्क, पग े न, ताओ, शींतो, �क्रि�, इस्ला जैसे अन् धम� और �व�वध संस्कृ�तओंन स्विस् प्र�को अपनाके उनका प्रय धा�मर् �चन्, शभ ु कामना �चन्, लाभकारक

�चन्, र�ाप्र� या तो कलात्म �चन्हक रूपम सारे ् जगतम� �कया गया ह� । आज भी �व�के अ�धकांश लोग स्विस् प्र�तक धा�मर्, शभ ु एवं मंगल

प्र� मानते ह� और उनक� आदर और सन्मानस पज ू ा और साधना करते ह� ।

स्विस् �व�का सवर्प् सव��म, धा�मर् और सवर्माननी प्र� होते हुऍ भी �द्वत �व�यद ु के पय�त ईस प�वत, पावन और �नष्कलं�क प्र�तक

कलं�कत और दोशी ठहराया गया.

स्विस् प्र�तक दोश �सफर यह� था �क जमर्नीक

स�ाधार� शाशक

माईनफ्युह एडॉल् �हटलरनॅ अपने शाशक नाझी प� और अपनी सेनाम�

स्विस् प्र�तक प्रय �कया था और ईस प्र�तक छत्रछाया यहुद� [ज्य] और अन् लोग� पर अमानवीय अत्याचा �कये थे । ईस अत्याचार�स

स्विस्तक कॉइ लेना देना या संबध ं न था । शभ ु , शां�त और सदाचारका

परतंत प्र� स्विस् स्वय ह� जमर् अत्याचार�ओक ध्वज पर स्था प्रा��

व्य�थ और �पडीत होगा ! �व�यद ु के पय�त �वजयी अमेर�का और कुछ अन् यरु ोपके

दे श�ने व्यविस् और स�ु नयोजीत रूपस स्विस् प्र�तक ह�


जवाबदार और कलं�कत ठहराकर स्विस् प्र�तक �वरु धण ृ ा, �तरस्का

फैलानेके �लऍ एक अयोग्, अव्यवहा�र और अवा�हयात अ�भयान छे ड �दया था। हजार� साल�से परु े �व�म� माना और पज ू ा गया ये शभ ु , लाभ और शां�तके

दत ू स्विस् प्र�तक उन्ह�न एक भयंकर, अत्याचार, घातक�, खुनी और अमानवीय प्र�तक प्रद�श करके लोग�का मानस प�रवतर् करनेका महाभ्या

शर �कया. मानवता, दया, करूण और अनक ु ं पाके प्र�तक मतप्रच और �श�ाके

माध्यमस एक भयंकर, द� ु , आतंक�, �वनाशी, अत्याचार और

धण ृ ात्म प्र� ठहारानेके षड्यंत् वो महद अंश सफल भी रहे । अमेर�काने

स्विस् प्र�तक सावर्ज�न स्थल पर प्रदश करने और उपयोग करने पर

रोक लगाद�. अमेर�कन प्रशाशन धाक धमक� और प्रलोभन अमर�काके

स्थाय रेड �िन्डयन जो स्विस्तक शभ ु मानते थे उन्ह अपनी हस्तकलाओंम

स्विस् प्र�तक उपयोग बंध करने पर लाचार �कया गया और जमर्नीक

स्विस्तका प्र� पर संपण ु र प्रब लादने पर दबाव क�या गया. जान्युआर

२००५म� �ब्रटन राजकंु वर हेर�ने एक समारं भम� नाझी स्विस्तका बाजुबध ं पहनने के बाद सारे यरु ोपम� स्विस्त पर प्र�तब लादनेका प्र हुआ जो अंतम� असफल रहा था ! जब दो वषर्क बाद जान्युआर २००७ म� जमर्नीक

यरु ोपीयन धारासभाका प्रम पद प्र हुआ तो उन्होन �फर स्विस् पर संपण ू र प्र�तब लादनेके ल�ए तजवीज क� िजसका खास करके यरु ोपके और �व�के �हंद ु और चीनी, जापान कोर�या, थायलेन् जैसे पव ु ीय बौध धम�ओंने और

स्विस् के चाहक यरु ोपके लोग�ने उसका सख् �वरोध �कया था । यह� प्रस मझ ु ॅ हमारे परम प�वत पावन और पज ू नीय धा�मर् आयर प्र�तक

बचानेके

ल�ए और ये पौराणीक प्र�तक सन्मानी स्था और उनक� गर�माको उजागर

करनेके ल�ए मेरे हृदयम �दव् भावनां उदभ�वत हुई । इसके फलस्वर म�ने यरु ोपम� स्विस्तक प्र�तब करानेक� ईस चालके �वरोधम� अपना योगदान प्रद करते हुए ‘‘ हेन्ड ओफ आवर सेक्र स्विस्त ‘’ �शष�त स्विस्तक �वषय पर एक �वस्तृ ले ्ख प्रकाश करके अपना जोरदार �वरोध प्र करके दस ु र�को

सखत �वरोध करनेक� प्रेर प्रदान ! ये लेख आईवातार.कोम,’ सभा

वातार’ समाचारपत और �व�के अन् समाचरपत् और वेब्साईट पर प्रकाश


हुआ और उसे अत्यं प्रशं और प्र�तस प्र हुआ. स्विस्तक �व�म� पन ु ःसन्माननी स्था प्र करवानेके ल�ए, स्विस्तक प्र�त, भव्यत,

�दव्यत और आध्याित्म�ा पन ु ःस्था�प करानेके संघषर्म म� अपना उ�चत

योगदान प्रद करनेके ल�ए हमेशा तत्प रहता हुं और अन् संस्था जो स्विस्तक एक �व�के अदभत ू , मानवीय, आध्याित् और शां�तके प्र�तक मानती है ऐसी स्विस्त क्ल ओफ अमे�रका, फलन ु डाफा और अन् बौध

संस्थाओंक संपकर्म रहकर �वचार�का आदानप्रद करता हुं । श् स्विस्तक श् गणेशजीके और श् श��के स्वरूप श्रद्धाप पज ू न करनेक� बाल्यावस्था ह� धा�मर् और पा�रवा�रक प्रणा होनेसे स्विस्तक

प्र हमार� श्र और भ�� अतट ु और अपार रह� ह� । परं तु यरु ोपम� स्विस्

पर प्र�तब लानेके

प्रसंग स्विस् �वषय और प्र�तक प्र मेर� आस्थ,

श्र, समपर् भावना और भ�� ओर तीव हुई ह� और स्विस्तक म�हमा, प्रशं और गण ं म� कुछ गीत, काव्, भजन ईत्या� �लखनेक� ु गानके संबध

कोई अलौक�क �दव् प्रेर भी प्र हुई ह� । श् स्विस्तक चमत्कार� और आध्याित् प्रेरणा साकार हुई मेर� रचनाओंको एक पस ु ्तकक रूपम प्रका�

करते हुऍ म� धन्यत अनभ ु व करता हुं | ईस �हंद� भाषी पस ु ्तकम म�ने कुछ �ग्ल� भाषाम� ल�खी हुई मेर� क�वताऑकाभी समावश े ईस उदे श्से �कया ह� क� आज अंग्रे माध्यमम पढते और �हंद�से अप�र�चत यव ु ान छात् को भी

स्विस् प्र�तक

स्विस् प्र�तक

बारे म� जाननेका और पढनेका अहोभाग् प्र हो ।

सम�पर् स्विस् भ��भावनाक� ये मेर� ‘’ स्विस्तकाम’’

काव्, भजन, धुन ईत्यादक� रचना स्विस् �वषय पर काव्य�क शायद

�व�म� सवर्प् पस ु ्त होनेक� संभावनां है । सा�हत् और स्विस् प्रेमीओं म� नम अपे�ा रखता हुं �क वो ईस पस ु ्तकक हा�दर ् िस्वका कर� । सा�हत् और धमर प्रेमीओं मेर� नम �बनंती ह� �क वो स्विस्तक महान म�हमा और

सव�च् स्थानक �व�म� पचा�रत और प्रसा� करनेम� अपना योगदान प्रद कर� और स्विस् के

पि�मके

प्र फैलाई गई पि�मी धण ृ ा को �मटानेके

अबध और अ�ानी लोग� को और पि�मी �वचारधाराके ु

�लए

गल ु ाम

भारतीय लोग�को स्विस्तक सच्च स्वर और मह�ाके बार� मे उनको प्र�श�


प्रद कर� । तदोपरांत हर आयर या �हंदक ु ो मेर� नम प्राथर ह� �क वो स्विस् प्र�तक सावर्ज�न उपयोग और प्रदश गौरव और स्वा�भमानस �बना

संकोचसे कर� और अन् �हंदओ ु ंको ऐसा करनेक� प्रेर प्रद कर� ।

अंतम� ‘स्विस्तकाम’के मद ु ् पोथी.कोम और मद ु ्र� टे क्नोलोि �ल�मटेड का

अत्यं आभार� हुं क्युं� उनके सहयोग और सहकारके �बना यह पस ु ्तकक प्रका कदा�चत सरलतासे शक् और संभ�वत न हो पाता ।

स्विसकक� जय हो ।

ॐ श् स्विस्तक नमः ।

चैत शक ु ् प� एकादशी �वक् संवत २०६७ ई. सन. २०११

- हेमंतकुमार गजानन पाध्य ‘स्विस् सदन’, �ग्लं

SacredSwastika@aol.com

युनाईटे ड �कं ग्ड


स्विस् तेर� म�हमां

स्विस् तरे � म�हमां, यद� �व�जन जो गाय� ।

भ�� भावसे पज ु े तो, पावन सभी हो जाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस् भजन जो करले, उसे सख ु चैन आ जाय� ।

हर दःु ख दरू हो जाय�, हर क� भी मीट जाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस्तक जो रटल�, तो कलह क्ले कभी न आय� ।

जीवन परु ा ऊसीका, शां�तम� व्य�त हो जाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस् स्मर जो करल�, भौ�तक सख ु वो पाय� ।

वैभव �वलाश वो पाके , जीवन सागर वो तैर जाय� । ....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस् पाठ को जो पढले, महा�ानी वो हो जाय� ।

अंधकारम� से उभरके , प्रकाश स्वय हो जाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस्तक जो जपल�, परमानंद वोह� पाय� ।

ऐ�यर्क वो पाक�, ब्र�ल वो हो जाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

स्विस् स्तु� जो करल�, वो संतोषको ह� पाय� ।

योगी महान वो बनके , महा मौ�को भी पाय� ।

....स्विस् तरे � म�हमां

xxxxxxx

स्विस्तक जय स्विस्तक जय जय बोलो स्विस्तक । स्विस्तक जय स्विस्तक हर हर बोलो स्विस्तक ।

स्विस्तक जय स्विस्तक हर� ॐ बोलो स्विस्तक । स्विस्तक जय स्विस्तक श्री हर� बोलस्विस्तक ।


....सत्यम �शवम ् अ�त संुदरम ्

सत्यम �शवम ् अ�तसद ंु रम ्, तम ु ह� तो हो ई�र स्विस्तक ।

लाभम ् शभ ु म ् अ�त मंगलम ्, तम ु ह� तो भाग् कल्याकम ् । ....सत्यम �शवम ् अ�तसद ुं रम ्

तम ु ह� तो हो मेर� साधना, तम ु ह� तो हो मेर� आराधना ।

तम ु ह� तो हो मेर� पज ू ा, तम ु ह� तो हो मेर� अचर्न ।

....सत्यम �शवम ् अ�तसद ुं रम ्

तम ु ह� तो हो मरे � प्राथर, तम ु ह� तो हो भ�� मेर� ।

तम ु ह� तो हो मेर� आस्थ, तम ु ह� तो हो श�� मेर� ।

....सत्यम �शवम ् अ�त सद ंु रम ्

तम ु ह� तो मेरा मंत हो, तम ु ह� तो मेरा यंत हो ।

तम ु ह� तो मेरा तंत हो, तम ु ह� तो मेरा योग हो ।

....सत्यम �शवम ् अ�त सद ुं रम ्

तम ु ह� तो मरे � मात हो, तम ु ह� तो मेरे तात हो ।

तम ु ह� तो मेरे हो स्वज , तम ु रे बीना नह�ं कोई और ह� ।

....सत्यम �शवम ् अ�त सद ुं रम ्

तम ु ह� तो मेरे बंधु हो, तम ु ह� तो मेरे साथी हो ।

तम ु ह� तो मेरे �मत हो, तम ु ह� तो मेरे सवर्स हो ।

....सत्यम �शवम ् अ�त सद ुं रम ्

तम ु ह� तो सजर्नहा हो , तम ु ह� तो पालनहार हो ।

तम ु ह� तो र�णहार हो, तम ु ह� तो महाचमत्का हो ।

....सत्यम �शवम ् अ�त सद ुं रम ्

तम ु ह� तो सदा सवर् हो, तम ु ह� तो सदा सवर्व्या हो ।

तम ु ह� तो सदा सवर् हो, तम ु ह� तो परमात्माक रु हो ।

....सत्यम �शवम ् अ�तसद ुं रम ्

तम ु ह� तो हो मेरे देवता, तम ु ह� तो हो मेर� दे�वयां ।

तम ु ्हार शरणम� खडा हुं म�, मेर� नांव ह� तेरे हाथम� । ....सत्यम �शवम ्


पुरे �व�म� ह� सव��म परु े �व�म� ह� सव��म, स्विस् प्र� हमारां । हम तो ह� साधक उनके , वो आराध् ह� हमारां ।

..….………..परु े �व�म�

हर प्र�तक� ह� सबसे उं चा, वो प्र �चन् ह� हमारां,

सारे �व�म� ह� सदा वो छायां, �व�जन�को वो ह� प्यारा ! ………..परु े �व�म� सद ुं र, सम ु नोहर, नयनरम्, शभ ु �चन् ह� स्विस्तक । अदभत ू , अ�द्वत, अलौ�कक, लाभ आकार ह� हमारां ।

आयर्धम संस्का संस्कृ�तक, स्विस् तो ह� रखवालां ।

………..परु े �व�म�

आयर मल ु ्य और परं पराका, स्विस् तो ह� प्राणदा । ………..परु े �व�म� यग ु यग ु से अ�वचल खडां वो, गीर�राज �हमालय सा वो ।

आय�के रुधीम सदा वो बहतां, जैसे स��संधओ ु ंक� धारा । ………..परु े �व�म� परम पावन प�वत ह� वो, शभ ु लाभ मंगल प्र� ह� वो ।

शभ ु कामना और शभ ु ा�षशका, प्राच प्र� हमारां । ……………..परु े �व�म� वेद-शा�ोम� ह� वो गज ुं ता, स्विस मंत्र ये शभ ु नारां ।

प्राण� भी आय�को प्यारा, स्विस् प्र� ह� न्यारा । ………..परु े �व�म� आयर गौरव स्वा�भमानक, सदा झगमगता है वो तारा ।

आयर भ�� और अिस्मताक, धमर्ध् सा प्र� हमारां । ..…..परु े �व�म� देवालयोम� और उपाश्रयो, गर ु ुद्वार और बौध स्तुपोम ।

हर घर गफ ु ा और स्थलम, हर मं�दरम� ह� स्था तम ु ्हारा ।………..परु े �व�म� सख ु शां�त सम�ृ द प्रग�त, �व� राजदत ू है वो हमारां ।

कृपा, दया करुण अनक ु म्पाक, वो प्रेर सत ु है हमारां ।.………..परु े �व�म� आयर योग, यंत, तंत और मंत्र, चमत्कार� रु न्यारा ।

श��, म�ु � और भ�� भावनांका, पव ु ार्ची प्र� हमारां ।………..परु े �व�म� सवार्का ह� सभी आयर्देव�क, सवर्श� रू है श्रीदेवीओं ।

हमतो पज ू क ह� स्िस्तकक , वो परम पज ू ् प्र हमारां । ………..परु े �व�म�


सन ु ो ओ पि�मवाल� सन ु ो ओ पि�मवाल� तम ु ये अधमर्क काम ना करो,

स्विस्त नाम कलं�कत ना करो |[२] स्विस्तक समजो स्विस्तक पज ू ो,

अंधकारसे �नकलो ओ अ�ान�,

बांधलो श् स्विस्तक �फर नाता.. |[२] भ् ह� तट ु ा तो स्विस् ह� जीता [२]

हरे स्विस् हरे भगवान, स्विस् तो ह� सवर्महा..

रजनी�तके नाम पे वो दषु ्का ना करो, स्विस्त नाम कलंक�त ना करो |[२]

स्विस्तक सवर सदा शभ ु मंगल बनाया, |[२]

तम ु ने उस पर �कचड लगाया [२]

स्विस्तक तो शां�तपथ ह� �दखाया, |[२] तम ु ने उनपर ह� धण ृ ा �दखाई | |[२]

हे राम दहु ाई..हरे स्विस् हरे भगवान ्, तरे ो तो ह� जगम� नाम |

स्विस् नाम ह� कल्याणक उसे �तरस्का ना करो,

स्विस् नाम बदनाम ना करो [२]

सन ु ो ओ पि�मवाल� तम ु ये शभ ु काम �फर करो,

स्विस् प्र�तक तम ु प्रण ह� करो | [२]

सन ु ो ओ पि�मवाल� तम ु य.े ...

[देखो ओ �दवान� तम ु येकाम ना करो. हरे �क्र हरे राम]


स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, हर स्थ पर है स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, �व�के हर कोनेम� है स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस् स्विस्

आयर्वतर् ह� स्विस्, भारतम� भी ह� स्विस् रे |

चीनम� ह� स्विस्, जापानम� भी ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्

रसीयाम� ह� स्विस्, अमे�रकाम� भी ह� स्विस् रे | यरु ोपम� ह� स्विस्, आ�फ्रका भी ह� स्विस् रे |

स्विस् ह� स्विस् स्विस्

कोर�याम� ह� स्विस्, कम्पुचीयाम भी ह� स्विस् रे |

�वयेटनामम� ह� स्विस्, ताईवानम� भी ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्

पस�यामे ह� स्विस्, अरबस्तानम भी ह� स्विस् रे | केनेडाम� ह�

स्विस्, परु े �व�म� ह� भी ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्

पव र ह� स्विस्, पि�मम� भी ह� स्विस् रे | ू ्म

उ�रम� ह� स्विस्, द�ीणम�

स्विस् स्विस् स्विस्

भी ह� स्विस् रे |

आय�म� ह� स्विस्, ग्रीक� भी ह� स्विस् रे |

रोमन�म� ह� स्विस्, वाई�कं गोम� भी ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्

फो�न�सयन�म� ह� स्विस्, केिल्टकोम भी ह� स्विस् रे |

ईजीिप्सयन ह� स्विस्, कोिप्टकोम भी ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्

मायन�म� ह� स्विस्, एझटेक�म� भी ह� स्विस् रे |


पर�सयन�म� ह� स्विस्, हर संस्कृ�तम ह� स्विस् रे | स्विस् स्विस् स्विस्

मंद�र�म� ह� स्विस्, �सनागोग�म� भी ह� स्विस् रे |

चच�म� स्विस्, मिस्जद�म भी ह� स्विस् रे |

स्विस् ह� स्विस् स्विस्

उपाश्रय� ह� स्विस्, स्तुपपगोडेम भी ह� स्विस् रे |

गफ ु ाओंम� ह� स्विस्, हरकलाओंम� भी ह� स्विस् रे |

हर धमर्म ह� स्विस्, हरसंस्कृ�म� भी ह� स्विस् रे |

हर जातीम� ह� स्विस्, हरपरं पराम� भी ह� स्विस् रे ।

स्विस् ह� स्विस् स्विस्

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि,सह अिस्तत्व प्र� ह� स्विस् रे | स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, सह भाततृ ्वक �चन् ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, अहोभाग्यक नाम ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, शभ ु लाभका काम ह� स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, जनकयाणका मागर ह� स्विस् रे | स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, �व�शां�तका मंत ह� स्विस् रे ।

स्विस् स्विस् स्विस् स्विस्, मानवताका प्र� ह� स्विस् रे | स्विस् स्विस् स्विस् स्विस्, परु े जगम� न्यारा ह स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस् स्विस्, गण ु गाये जगजन तरे ां स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस् स्विस्, प्राण� प्यरां ह� तंु स्विस् रे |

प्रेम बोलो, जय हो जय स्विस् | लगनसे बोलो, जय हो जय स्विस् |

श्रसे बोलो, जय हो जय स्विस् | भ��से बोलो, जय हो जय स्विस् | हृदयस बोलो, जय हो जय स्विस् | मनसे बोलो, जय हो जय स्विस् | स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, हर स्थ पर है स्विस् रे |

स्विस् स्विस् स्विस्तक स्वि, �व�के हरकोनेम� है स्विस् रे |


स्विस् परम परमे�र नाम स्विस् परम परमे�र नाम, भजलो प्यार स्विस्तक नाम |

स्विस् ह� श् श��का नाम, भजलो प्यार स्विस्तक नाम | भले हो �दन या भले हो रात, भजलो प्यार स्विस्तक नाम | ....स्विस् परम परमे�र नाम

स्विस् है वेद�का वरदान, स्विस् नाम ह� परब् समान | स्विस् है गीताजीका �ान, स्विस् ह� शीवश�� समान |

स्विस् है जीवन और प्र, स्विस् ह� श् गणेशका नाम | ....स्विस् परम परमे�र नाम

स्विस्तक स्वर है अती सद ुं र, स्विस्तम ह� अती मनमोहक |

स्विस्तक �चन् है अती अनप ु म, स� ृ ीका प्र� ह� सवर प्र |

स्विस् अवलंबीत आकृ�त तमाम, भजलो प्यार स्विस्तक नाम | ....स्विस् परम परमे�र नाम

स्विस कहो या स्विस्तकाक कहो, सा�थया कहो या श्रीगण कहो | स्विस् कृपा ह� अती परं पार, स्विस् ह� खोलेगा सौभाग्यक द्व | स्विस् तो है शभ ु लाभका नाम, भजलो प्यार स्विस्तक नाम |

....स्विस् परम परमे�र नाम

हे मानव जन् धरने वाल�, धन् िजवन तम ु त्वर� करदो | संसारके सब बंधन तोडो, स्विस्तक स्नेका संबध ं जोडो |

�न�ीत ह� होगा तरे ा कल्या, भजलो प्यार स्विस्तक नाम | ....स्विस् परम परमे�र नाम

स्विस् तो है महाप्रभु नाम, स्विस् ह� सिच्चदानंदक नाम |

स्विस् स्मर ह� अती अणमोल, ईस यग ु म� नह�ं उनका कोई तोल | स्विस् मंत और तंत महान, भजलो प्यार स्विस्तक नाम | ....स्विस् परम परमे�र नाम


श् स्विस्तक आरती आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक, परम पिु जत महा श् गणेशक� || टेक||

अ�ांगी कुमकुम रं गीत सा�थयाक�, अ��वनायक स्विस् गणप�तक� |

वक्रतुण्ड श् महागणप�तक�, मत्सासुरक संव्हारकक |

एकदन्ते� श् महागणप�तक�, मदासरु के संव्हारकक | ....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक

महोदरे �र श् महा गणप�तक�, मोहासरु के उध्धारकक |

गजानने�र श् महा गणप�तक�, लोभासरु के संव्हारकक | ....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक

लम्बोदरे� श् महा गणप�तक�, क्रोधासुर संव्हारकक |

�वकटे�र श् महा गणप�तक�, कमासरु के संव्हारकक |

....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक

�वघ्नराजे� श् महा गणप�तक�, ममतासरु के पदभ�कक� | धम ु ्रवण� श् महा गणप�तक�, अहं तासरु के �मादायकक� | ....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक

गौर� पत ु महा श् गणेशक�, शंकर सत ु महा श् गणेशक� |

�रिध्ध�सिध प�त श् गणेशक�, प्र पज ु �नय श् स्विस्तक |

....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक

सख ु शािन्तदाय श् गणेशक�, शभ ु मंगलकतार श् गणेशक� |

लाभ कल्याणकता श् गणेशक�, श् अ��वनायकस्वर स्विस्तक | ....आरती चतभ ु ् ुर श् स्विस्तक


धन ु : भजले भजले भजले मनवा भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्का नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं करनेको आत्माक कल्या रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं करनेको शभ ु काम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा तुं करनेको मंगल काम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु करनेको मंगल काम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं पानेको धन लाभ रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं पानेको चीत चैन रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं पानेको सख ु शािन् रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु पानेको परम आनंद रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे | भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं करनेको पण ू ्यक काम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं पानेको सवर सन्मा रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं पानेको परम �ान रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ुं भजले स्विस्तक नाम रे |

भजले भजले भजले रे मनवा त,ंु पानेको प्रभु धाम रे |


जगप�त स्विस् तेरो नाम [राग : रघप ु �त राघव राजा राम]

जगप�त स्विस् तरे ो नाम, सबका तम ु करदो कल्या |

स्विस् नाम जय स्विस् नाम, भज प्यार तम ु स्विस् नाम | ....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

पज ू न करु म� सब ु ह और शाम, क� हरो हे मेरे भगवान |

रटण करु म� स्विस् शभ ु नाम, शभ ु आ�षश दो हम� हे भगवान |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

लेते ह� हर पल हम तरे ो नाम, पार लगादो मेरे हर काम |

दरू करो मेरे मनका भार, दःु ख हरो मेरे तम ु तत्का |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

स्विस् ह� परम �पताका नाम, जपले साधो तम ु स्विस् नाम | स्विस् ह� परम माताका नाम, पालो श् श��का महा वरदान |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

�व��वनायक है स्विस् नाम, दरू करे वो तरे ो �वघ् तमाम |

जय श् गणेश है स्विस् नाम, दरू करे वो तरे ो संकट तमाम |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

भ�� भावसे भजो स्विस् नाम, वो ह� करे गा मंगलमय काम |

भजले भजले स्विस्तक नाम, पानेको महा म�ु �का धाम |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम

करु शा�ांगवत ् तोहे म� प्रण, करु वंदन स्विस्तक वारं वार | सनल ु ो �बनती हो मेरे महाप्र, तारो हम� ईस भवसे भगवान |

....जगप�त स्विस् तरे ो नाम


स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस् स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्, नमो नमो नमो हर� ॐ स्विस् । स्विस् स्विस् श् ॐ स्विस्, नमो नमो नमो श् ॐ स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

शभ ं ल करता ह� स्विस् । ु लाभ कतार ह� स्विस्, आनंद सम ु ग

मनोरथ पण ू र करता ह� स्विस्, मनोकामना परू � करता ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

सख ु शां�त दे ता ह� स्विस्, धन धान् देता ह� स्विस् ।

वैभव �वकाश दे ता ह� स्विस्, �र�द �स�द देता ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

सौभाग् सस ु ्वास् देता ह� स्विस्, श�� सामथ्य दे ता ह� स्विस् । व�ृ द सम�ृ द दे ता ह� स्विस्, बल ब�ु द देता ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

सौभाग् सस ु ्वास् देता ह� स्विस्, श�� सामथ्य दे ता ह� स्विस् । व�ृ द सम�ृ द दे ता ह� स्विस्, बल ब�ु द देता ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

दख ु दमन हतार ह� स्विस्, त�ु � प�ु � कतार ह� स्विस् ।

द�रद क� �मटाता ह� स्विस्, आ�ध व्या� �मटाता ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्

शभ ु आ�शष दे ता ह� स्विस्, शभ ु वरदान देता ह� स्विस् ।

शभ ु कामना कतार ह� स्विस्, सवर सदा मंगल कतार ह� स्विस् । …………..स्विस् स्विस् हर� ॐ स्विस्


स्विस् नाम ह� सवर महान स्विस् नाम ह� सवर महान, करो जगजन उनका सन्मा ।

स्विस् नाम जय स्विस् नाम, गवर्स लो सौ स्विस् नाम ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� जनकल्याणक नाम, स्विस् ह� जनसेवाका नाम । स्विस् ह� जीवदयाका नाम, स्विस् ह� जीवकरुणाक नाम । ....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� सदाचारका नाम, स्विस् ह� सदव्यवहारक नाम ।

स्विस् ह� सदगण ु का नाम, स्विस् ह� सदभावका नाम ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� एकताका नाम, स्विस् ह� समानताका नाम ।

स्विस् ह� आत्मीयताक नाम, स्विस् ह� अनक ु म्पाक नाम । ....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� सस ं ्कारक नाम, स्विस् ह� सदचा�र�यका नाम । ु स

स्विस् ह� सश ु ीलताका नाम, स्विस् ह� सल ु �णताका नाम ।

...स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� परमात्माक नाम, स्विस् ह� परमे�रका नाम ।

स्विस् ह� परमलोकका धाम, स्विस् ह� प्र प्र� महान ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� शभ ु लाभका नाम, स्विस् ह� सवर्मंगलक नाम ।

स्विस् ह� सौभाग्यक नाम, स्विस् ह� भाग्योदयक नाम ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� परमात्माक नाम, स्विस् ह� परमानंदका नाम ।

स्विस् ह� परमलोकका धाम, स्विस् ह� एक प्र� महान । ....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् तो ह� धमर्क नाम, स्विस् तो ह� सत्कमर् नाम ।


स्विस् तो ह� मानवताका नाम, जगजन करो अब आदर सन्मा । ....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� �व�बंधुत्वक नाम, स्विस् ह� �व��वकाशका नाम ।

स्विस् ह� �व�प्रग�त धाम, स्विस् ह� �व�शा�तका नाम ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

स्विस् ह� आयर्ओंक अ�भमान, स्विस् ह� आय�का स्वा�भमा ।

स्विस् ह� महाप्रभु नाम, जगजन सौ करो तम ु उसे प्रण ।

....स्विस् नाम ह� सवर महान

हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

हे बोलो, जय जय जय श् स्विस्तकजी, हे बोलो जय जय जय श् गणेशजीक�। श् स्विस्तकजी हे श् गणेशजीक� , हे बोलो जय जय जय श् पावन प्र�तकक

....हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

सख ु कतार दःु खहतार स्विस्तक, शभ ु कतार �वघ्नहता स्विस्तक ।

कृपाकतार क�हतार स्विस्तक, प्रेमकत दयाकतार स्विस्तक । ....हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

�र�द्धकत �स�द्धकत स्विस्तक, व�ृ द्धकत सम�ृ द्धकत स्विस्तक ।

त� ु ीकतार प� ु ीकता� स्विस्तक, शां�तकतार संतोषकता� स्विस्तक ।

....हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

�द्व द�रद हता� स्विस्तक, आप�� �वप��हता� स्विस्तक । संतती सम्प� दे तां स्विस्तक, यश �कत� देतां स्विस्तक ।

....हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

आरोग् ऐ�यर अपर्ता स्विस्तक, आध्यात आनंद अपर्ता स्विस्तक ।

भ�� श�� दे तां स्विस्तक, मौ� म�ु � देतां स्विस्तक ।

....हे बोलो जय जय जय श् स्विस्तकजी

प्र पिू जत महा परमे�रक�, ईच्छ� वर देतां स्विस्तक ।

मंगल मत ू � स्वर श् गणेशक�, शभ ु लाभ कतार श् स्विस्तक । ....हे बोलो जय


जीवनके घोर अंधकार �मटाने जीवनके घोर अंधकार �मटाने, श् स्विस् नाम तुं रटतो जा ।

जीवनका शभ ु कल्या करने, श् स्विस् नाम तुं जपतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

कोई नह�ं ह� अपना ईस जगम�, व्यथ समय तुं न करतो जा ।

मोह माया ममताको त्यागक , श् स्विस्तक प्र तुं करतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

अके लो ह� आयो ह� ईस जगम�, अकेलो ह� तु एक�दन चला जायेगा ।

संसार� सख ु आनंद �णीक ह�, स्विस्तक परमानंद तंु लेतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

संसार� प्र सभी जुठे ह�, प्रभु प्र तुं करतो जा ।

भौ�तक सख ु भोग�को छोडके , स्विस् भजन तुं करतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

वैभव �वलाश सभी भोगको छोडके , हर �दन सत्सं तंु करतो ।

संसारके सवर संबध ं �को तोडके , स्विस्तक नाता तुं करतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

लोभ स्वाथ लालचको छोडके , दया दान तंु करतो जा. ।

प्रा पशु पंखीक� सव े ा करत,े सदा सत्कम तुं करतो जा ।

....जीवनके घोर अंधकार �मटाने

जीवन सख ु तो मग ृ जल ह�, ऊसके पीछे न तुं दौड लगा ।

आध्याित् सख ु तुं पानेको, स्विस् पज ू न तुं करतो जा । ....जीवनके घोर अंधकार �मटाने


आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक, शभ ु मंगल प�वत प्र�तक ।

आरती �किजये श् गणेश प्र�तक, परम �पता प्र परमे�रक�। ....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

जैन प्र�तक बौध प्र�तक, ताओ प्र�तक शींतो प्र�तक ।

आयर धमर्क महान प्र�तक, सवर सम्प्रदाय प्र प्र�तक ।

....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

भव् प्र�तक �दव् प्र�तक, चमत्कार प्र�तक अगत् प्र�तक ।

अदभत ू प्र�तक अमल ु ् प्र�तक, अलौ�कक प्र�तक अजोड प्र�तक |

....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

अ�वचल प्र�तक अनंत प्र�तक, अमल ु ् प्र�तक अना�द प्र�तक ।

अपव ू र प्र�तक अतल ु ् प्र�तक, अमर प्र�तक आराध् प्र�तक ।

....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

शभ ु प्र�तक लाभ प्र�तक, मंगल प्र�तक अदशर प्र�तक ।

सद ुं र प्र�तक शश ु ो�भत प्र�तक, सम ु नोहर प्र�तक सौम् प्र�तक ।

....आरती �किजये श् स्विस् प्रकक�

धमर प्र�तक कमर प्र�तक, अथर प्र�तक काम प्र�तक ।

भ�� प्र�तक म�ु � प्र�तक, सत् प्र�तक शीव प्र�तक ।

....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

देव प्र�तक दे वी प्र�तक, श् गणेश प्र�तक हर� ॐ प्र�तक ।

नर प्र�तक नार� प्र�तक, परमे�र प्र�तक परम� े र� प्र�तक ।

....आरती �किजये श् स्विस् प्र�तक

�व� प्रच� महा�व�े�रक�, �व�पज ू ीत महाप्र� स्विस्तक ।

�व�कल्याणक अरुणोद प्र�तक, �व�शां�तके महादत ू स्विस्तक ।....आरती


मंगल शुभ कतार स्विस् ह� | मंगल शभ ु कतार स्विस् ह�, संप�� सख ु देता स्विस् ह� |

दःु ख दर�द हतार स्विस् ह�, �वकट �वघ् हतार स्विस् ह� |….....मंगल शभ ु

बाधा बंधन हतार स्विस् ह� , कलह क्ले हतार स्विस् ह� |

मोह माया हतार स्विस् ह�. राग द्व हतार स्विस् ह� |

……...मंगल शभ ु

संत�त धन दे ता स्विस् ह�, वैभव मान देता स्विस् ह� |

पालन पोषण कतार स्विस् ह�, र�क तारणहारा स्विस् ह� | …..मंगल शभ ु

पोषण पालन कतार स्विस् ह�, र�क तारणहारा स्विस् ह� |

पालन पोषण कतार स्विस् ह�, र�क तारणहारा स्विस् ह� | ......मंगल शभ ु

प्र परमाथर कतार स्विस् ह�, आनंद शां�त कतार स्विस् ह� |

पण ू ् प�वत कतार स्विस् ह�, सवर कल्या कतार स्विस् ह� | ….मंगल शभ ु साधकको श�� दे ता स्विस् ह�, पज ू कको पण ु ् दे ता स्विस् ह�।

भ��क� भीड हतार

स्विस् ह�, भ��को स्वग देता स्विस् ह� | ...मंगल शभ ु

�ोक

त्वमे अिग् च सुयर त्वमे

त्वमे अिग् च सय ु र त्वमे, त्वमे वायु च वरु त्वमे |

त्वमे रु च कुबेर त्वमे, त्वमे �द च बह ृ स्प� त्वमे | त्वमे सोम च यम त्वमे, त्वमे �मत च पर ु ु त्वमे |

त्वमे उषा च अि�न त्वमे, त्वमे रती च सरस्वत त्वमे | त्वमे वसु च आ�दत् त्वमे, त्वमे भग च मरु त्वमे |

त्वमे ह�भु च प्रज त्वमे, त्वमे मन्य च क�पंजल त्वमे | त्वमे भौम च व्यो त्वमे, त्वमे पसन च दधीक्र त्वमे | त्वमे रत च सा�वत त्वमे, त्वमे व�श� च �व�दे व त्वमे | त्वमे सवर्म वे�दक देवदेव, स्विस्तकरु सवर्दे त्वमे |

त्वमे स्विस् गणेश त्वमे, त्वमे सवर्म मम दे व दे वो |


कृपा करो हे कृपा करो कृपा करो हे कृपा करो, हे स्विस् हम पर कृपा करो । दया करो हे दया करो, हे स्विस् हम पर दया करो ।

शभ ु मंगल करो, शभ ु मंगल करो, हमरे जीवनको धन् करो । कल्या करो कल्या करो, हम भ��का कल्या करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हमतो संसार� छल कपट� ह�, महा पापी और प्रपं ह� ।

प्र नामम� हम� अब ल�न करो, हर दोष हमारा दरू करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हमतो कामी और लंपट ह�, दरु ाचार� और कुल�णी ह� ।

भ��म� हम� अब तल्ल� करो, आध्यात मागर सची ु त करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हमतो भोगी और �वलाशी ह�, व्यभीचार और �वकार� ह� ।

ईस नकर्स हम� अब म� ु करो, ईस संसारसे हम� �वर� करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हमतो द्वे और ईषार्ल ह�, महाक्रो और घमंडी ह� ।

हर कुटेव�से हम� अब म� ु करो, हमरे जीवनको यथाथर करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हमतो अधम� और अश्रद् ह�, महाघातक� और कुकम� ह� ।

धमर �ानका हम� उपदेश करो, प्र ध्यानम हम� अब मग् करो ।

....कृपा करो हे कृपा करो

हम तो तरे े शरणम� आये ह�, अब तम ु ह� हमरा उद्ध करो ।

हमरे दग संहार करो, हम� मानवताका वरदान भी दो । ु ्णक ुर ....कृपा करो हे कृपा करो

हे स्विस् हम पर कृपा करो, हर अपराध हमारे �मा करो ।

हे स्विस् हम पर दया करो, हम भ��का बेडापार करो ।....कृपा करो हे


श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम, भज प्यार तंु स्विस् नाम ।

स्विस् नाम जय स्विस् नाम, जप प्यार तुं स्विस् नाम । ....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� ब्र�ाजी नाम, श् स्विस् तो ह� ब्र�ा� नाम ।

श् स्विस् तो ह� �वष्णुजीक नाम, श् स्विस् तो ह� सद ु शर्नक नाम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� महेशजीका नाम, श् स्विस् तो ह� �त्रशुल नाम ।

श् स्विस् तो ह� �त्रदेव� नाम, �त्रभुवन ह� सवर प्र प्र�तक नाम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� सरस्वतीजीक नाम, श् स्विस् तो ह� वाणी�वद्या नाम

श् स्विस् तो ह� ल�मीजीका नाम, श् स्विस् तो ह� धन वैभवका नाम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� पावर्तीजीक नाम, श् स्विस् तो ह� महा श��का नाम ।

श् स्विस् तो ह� �त्रदेवीओं नाम, �दव् नार�श��का ह� ये अदभत ू नाम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� गणेशजीका नाम, श् स्विस् तो ह� शभ ु लाभका नाम ।

श् स्विस् तो ह� �र�द्ध�स�द नाम, �व�जन�का करे वो सवर्सद कल्या । ....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� रामका नाम, श् स्विस् तो ह� मयार्दापुरुषो�म नाम ।

श् स्विस् तो ह� सीताजीका नाम,आयर्नारके सतीत्वक ह� अणमोल प्रम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� श्रीकृष् नाम, मरु ल�धर मनोहर मरु ार� श्या ।

श् स्विस् तो ह� राधाजीका नाम, �नमर् �नम�ह� नटखट प्रेम नाम ।

....श् स्विस् तो ह� प्रभु नाम

श् स्विस् तो ह� महा प्र�तक नाम, पावन प�वत परमे�रका नाम ।

श् स्विस् तो ह� जगम� सवर्महा, �व�जन� करे उसे कोट� कोट� प्रण ।


ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्, कृपा करो हे ह�र ॐ स्विस् |

ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्, दया करो हे ह�र ॐ स्विस् |

....ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्

पापी प्रपं और लोभी म� कामी, कृर कपट� और क्रो म� कलह� |

प्रमा अ�भमानी म� अहं कार�, सदगण ु सम्पन करदे मोहे स्वाम । ....ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्

�नलर्ज लंपट� और म� आलसी, �नगण ुर ी अपल�णी और म� अ�ववेक� ।

अधम� अपरा�ध और म� दषु ्कम, सदधमर्क मागर �दखादे मोहे स्वाम ।

....ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्

स्वाथ असंयमी और म� अ�व�ाशी, पाशवी �नदर ्य और म� आसरु � ।

अ�ानी अबोधी और म� अहं भावी, �ानक� गंगा बहादे मेरे स्वाम ।

....ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्

रोगी भोगी दख ु ी और म� अभागी, �नबर्ल लाचार� और मै �नरसहायी ।

�नधर्न �नराश्र और मै �नराधार� । शभ ु कल्या मंगल करदो मेरे स्वम ।

....ह�र ॐ स्विस् ह�र ॐ स्विस्


करो कल्या स्विस् तम ु जगका करो कल्या स्विस् तम ु जगका, करो मंगल शभ ु स्विस् तम ु सबका |

जड चेतनका पशु पंखीका, भच ू र खगचर गोचर एवं जलचरका | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� प्र सध ु ा बरसाके , राग द्व �तरस्का �मटाके |

जगम� अमत ृ धारा बहलाके , हर जीवम� सदभाव जगाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� स्ने सध ु ा बरसाके , �व�जन�को �नकटतम लाके |

समानताक� लहर� उठाके , उं चनीच रं गके भद े �मटाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� सख ु सम�ृ द लाके , भख ु तरस और रोग �मटाके |

भौ�तकताके भ्रम हटाके , आध्याित्मकता धण ुं ी धखाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� �ानक� गंगा बहाके , हर मानवको �ानी बनाके |

जगम� भ�� सध ु ा बरसाके , हर जनको प्रभु तम ु बनाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� धमर्क ज्यो� जलाके , प्रभुनाम धुन लगाके |

जगम� सत्यक श्र बढाके , �व�म� धमर्क राज चलाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� आयर धमर्क फैलाके , �व�जन�को आयर बनाके |

जगके आतंक�ओंको �मटाके , �व�को शां�तमय तम ु बनाके | .... करो कल्या स्विस् तम ु जगका

जगम� सवर शभ ु मंगल करके , पावन प�वत शद ु भावसे भरके | जगम� आनंद उल्हा मचाके , �व�को स्वग समान बनाके |

.... करो कल्या स्विस् तम ु जगका


ह�र ॐ स्विस् तुम्हार शरणम� ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�, श् ॐ स्विस् तम ु ्हार चरणम� ।

तम ु ्हार शरणम� तम ु ्हार चरणम� , ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार स्मरणम ।

....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार पज ू नम� , श् ॐ स्विस् तम ु ्हार नमनम� । तम ु ्हार पज ू नम� तम ु ्हार नमनम� , ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार वंदनम� । ....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार भजनम� , श् ॐ स्विस् तम ु ्हार �कतर्नम । तम ु ्हार भजनम� तम ु ्हार �कतर्नम, ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार जपनम� ।

....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार �चंतनम� , श् ॐ स्विस् तम ु ्हार मननम� ।

तम ु ्हार �चंतनम� तम ु ्हार मननम� , ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार अध्ययनम ।

....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार स्तु�तम, श् ॐ स्विस् तम ु ्हार श ्रृती ।

तम ु ्हार स्तु�तम तम ु ्हार श ्रृती , ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार स्मृ�तम । ....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार अचर्नाम, श् ॐ स्विस् तम ु ्हर� साधनाम� ।

तम ु ्हार अचर्नाम तम ु ्हार साधनाम� , ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार आराधनाम� । ....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�

ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार �ोकोम� , श् ॐ स्विस् तम ु ्हार मंत्रो ।

तम ु ्हार �ोकोम� तम ु ्हार मंत्रो, ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार स्तवनम । ....ह�र ॐ स्विस् तम ु ्हार शरणम�


जय स्विस् गणनाथ दयालु

जय स्विस् गणनाथ दयाल,ु प्र प्र� तम ु परम कृपालु । जय गणेशजी रु है तम ु ्हार , लागे हम� वो अती न्यार प्यार । ....जय स्विस् गणनाथ दयालु

प्र स्ने माया ममतामय, दया कृपा और करुणाम ।

सख ु शां�त �चत संत� ु ींमय, उल्हा उ�मर और आनंदमय ।

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

धमर अथर कमर ममर्म, ध्या योग और साधनामय ।

शभ ु सत् �शव सद ुं रमय, पज ू ा अचर्न और संध्याम ।

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

�र�द �स�द व�ृ ध ब�ु द्ध, संप�� संतती और समिृ ध्धम ।

दान द��णा आ�शषमय, प्रक प्रभु और प्रकृ�तदेवी ।

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

श�� भ�� म�ु � मो�मय, पावन मंगल और कल्याणम ।

देव देवी दत ु ऋ�षमनी ु ंमय, आराध् ई�र और परमे�रमय ।

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

�ोक – सवर्म शभ ु म ् मंगलम ् कतार

सवर्म शभ ु म ् मंगलम ् कतार, कल्या कतार श् स्विस्तक | सवर्म देवदेवीम ् स्वरुप , स्विस्तक प्रणमाम्य|

सवर्म सख ु म ् सौभाग्यम कतार, परमानंद कतार श् स्विस्तक | सवर्म प्रथम पज ु ीतम ् प्र�तक , स्विस्तक प्रणमाम्य|

सवर्म धनम ् धान्यम कतार, सम्प��म कतार श् स्विस्तक | सवर्म श्रम ् च उ�मम ् प्र�तक , स्विस्तक प्रणमाम्य|

सवर्म वैभवम ् संततीम ् कतार, विृ ध्धम कतार श् स्विस्तक | सवर्म श् गणेश स्वरुपाय , स्विस्तक प्रणमाम्य|

सवर्म शा�तम ् समिृ ध्धम कतार, �रिध्ध�सिध कतार श् स्विस्तक | सवर्म आध्याित्म क कतार्म , स्विस्तक प्रणमाम्य |


स्विस् प्र� ह� अदभूत ये जगम� स्विस् प्र� ह� अदभत ू ये जगम�, स्विस् प्र� ह� अलौ�कक ये जगम� ।

स्विस् प्र� ह� अणमोल ये जगम�,स्विस् प्र� ह� सवर्महा ये जगम� ।

....स्विस् प्र� ह� अदभत ू ये जगम�

प्र स्वर प्र� ह� स्विस्, शभ ु मंगलमय प्र� है स्विस् ।

करुण स्वर प्र� ह� स्विस्, कृपा दयामय प्र� ह� स्विस् ।

....स्विस् प्र� ह� अलौ�कक ये जगम�

शां�त स्वर प्र� ह� स्विस्, �र�द �स�द्धका है स्विस् ।

शभ ु स्वर प्र� ह� स्विस्, �वघ् क� दख ु हार� ह� स्विस् ।

....स्विस् प्र� ह� अणमोल ये जगम�

भ�� स्वर प्र� ह� स्विस्, मौ� म�ु �का मागर है स्विस् ।

पावन प�वत प्र� ह� स्विस्, गंगाजलमय �नमर् ह� स्विस् ।

....स्विस् प्र� ह� सवर्महा ये जगम�

प्रभु परम स्वर है स्विस्, भ�जन�का आराध् ह� स्विस् ।

परम कृपालु प्र� ह� स्विस्, सदजन�का संर�क है स्विस् ।

....स्विस् प्र� ह� अदभत ू ये जगम�

मानवताक प्र� ह� स्विस्, अनक ु ं पाका महापाठ है स्विस् ।

�वनय �वनम्रता प्र� ह� स्विस्, द� ु �का �वनाशक ह� स्विस् ।

....स्विस् प्र� ह� अलौ�कक ये जगम�

�व�शा�तका महादत ू ह� स्विस्, �व�संघका महाश� ह� स्विस् ।

�व�बंधुत्वक भज ु बल ह� स्विस्, �व�समिृ ध्धक आधार ह� स्विस् । ....स्विस् प्र� ह� अणमोल ये जगम�

�व�एकताका महाअ� ह� स्विस्, �व�बंधुत्वक महाजप ह� स्विस् ।

�व��वजयका महाध्व ह� स्विस्, �व�कल्याणक महाय� ह� स्विस् ।

स्विस् प्र� ह� सवर्महा ये जगम�


जय जय बोलो जय जय बोलो

जय जय बोलो जय जय बोलो, जय जय बोलो श् स्विस्तक । जय जय बोलो जय जय बोलो, जय जय बोलो श् गणेशजीक� । .., जय जय बोलो जय जय बोलो

प्रेम बोलो जय स्विस्तक, स्नेहस बोलो जय स्विस्तक ।

हृदयस बोलो जय स्विस्तक, प्राण बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

भ��से बोलो जय स्विस्तक, भावसे बोलो जय स्विस्तक । मनसे बोलो जय स्विस्तक, वाणीसे बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

श्रद् बोलो जय स्विस्तक, आस्थास बोलो जय स्विस्तक ।

�व�ाससे बोलो जय स्विस्तक, �न�ासे बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

ध्यानस बोलो जय स्विस्तक, �च�से बोलो जय स्विस्तक ।

गर�मासे बोलो जय स्विस्तक, स्वा�भमासे बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

�दनम� बोलो जय स्विस्तक, रात्री बोलो जय स्विस्तक ।

हरपल बोलो जय स्विस्तक, हरघडी बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

संध्याम बोलो जय स्विस्तक, पज ू ाम� बोलो जय स्विस्तक । पाठम� बोलो जय स्विस्तक, य�म� बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

सख ु म� बोलो जय स्विस्तक, दःु खम� बोलो जय स्विस्तक ।

आनंदम� बोलो जय स्विस्तक, शोकम� बोलो जय स्विस्तक । ..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

आदरसे बोलो जय स्विस्तक, सन्मानस बोलो जय स्विस्तक । गवर्स बोलो जय स्विस्तक, अ�भमानसे बोलो जय स्विस्तक ।


..,,जय जय बोलो जय जय बोलो

जय बोलो जय जय स्विस्तक, जय बोलो जय जय श् गणेशक� । जय हो जय हो श् स्विस्तक, जय हो जय हो श् गणेशक� ।

कृपा करो हे कृपालु स्विस् कृपा करो हे कृपालु स्विस्, दया करो हे दयालु स्विस् ।

करदो सवर शभ ु और मंगल, करदो हे कल्या हमारा हे स्विस् ।

....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

धन वैभव और ल�मी देकर, करो समध ृ ् हम� हे प्रवर ।

सख ु सम्प� और संतती देकर, करो उध्धा मेरा हे प्रवर ।

....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

दख ु दर�द और दोष �मटाके , करो सख ु ी मेरे तनमनको हे प्रवर ।

आ�ध व्या�धऔ रोग �मटाके , करो �नरोगी मेरे शर�रको हे प्रवर ।

....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

�चंता क्ले और कलह �मटाके , करो शांत मेरे मनको हे प्रवर ।

�र�द �स�द और ब�ु द देकर, �कत�मान हम� बनाओ हे प्रवर । ....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

प्र स्ने सदभावना देकर, सदभावी हम� बनाओ हे प्रवर ।

करुण अनक ु म्प जीवदया देकर, महामानव हम� बनाओ हे प्रवर । ....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

सदाचार सदकमर्क देकर, सज्ज हम� बनाओ स हे प्रवर ।

सत् धमर और संस्कारक देकर, आयर्ज हम� बनाओ हे प्रवर ।

....कृपा करो हे कृपालु स्विस्

आनंद ऐ�यर और आ�षश देकर, प्रभु हम� बनाओ हे प्रवर ।

भ�� श�� और म�ु � देकर, मेरे भवको पार लगाओ हे प्रवर ।

....कृपा करो हे कृपालु स्विस्


प्रण प्रण प्रण

प्रण प्रण प्रण, श् स्विस्तक ह� प्रण । आयर्धमर् शभ ु प्र�तक, करते ह� हम प्रण । ....प्रण प्रण प्रण

हर संस्कृ� भाषा और धमर्म , प्र है बस तरे ा ह� नाम । आद� अनाद� काल�से जगम� , होता रहा ह� तरे ा सन्मा । ....प्रण प्रण प्रण

प्र जीवन प्रक और भाग्यक, तम ु ह� तो हो भगवद नाम ।

देव दे वीओंके �व�वध स्वर हो, तम ु ह� तो हो परमे�र समान । ....प्रण प्रण प्रण

परु े �व�म� सवर्व्या तम ु हो, तम ु ह� तो हो एक प्र� महान ।

आयर्धमर् महा र�णकतार्क, आयर्जन�क कोट� कोट� है प्रण । ....प्रण प्रण प्रण

नाझीओंके दर ु ुपयोगस जगम� , स्विस् प्र� हुआ ह� बदनाम ।

�व�के ये सन्मा�न �चन्हक, अपमा�नत �कया शभ ु मंगल नाम । ....प्रण प्रण प्रण

दज ु े �व�यद ु ्ध ह�टलरने, �कया ह� तरे ा कलं�कत नाम ।

नाझीओंके आतंकवादसे, स्विस्तक नह�ं ह� कोई अपराध । ....प्रण प्रण प्रण

यरु ोपी अमर�क� अंग्रे दरु ाचरणने, दोशीत ठहराया स्व�तकक नाम । पि�मवाल�क� कुट�नतीको हम, जरु �वफल कर� गे हे भगवान । ....प्रण प्रण प्रण

शौयर श�� और �वरतासे हम, गाय�गे जगम� स्विस्तक गण ु गान । �वफल कर� गे कोशीश प्र�तबंध, लड�गे पि�मीओंसे सीनातान । ....प्रण प्रण प्रण

�व�म� �फरसे लहराय�गे हम, �व� प्र� स्विस्तक शभ ु नाम ।

तरे े भव् मान सन्मानक हम, संस्था�प कर� गे आयर्क वीरसंतान ।....प्रण प्रण


स्विस् करो कल्या सभीका स्विस् करो कल्या सभीका, स्विस् करो शभ ु मंगल सभीका । भाग् �वधाता हो तम ु श् गणेशा, मंगलम�ु तर हो तम ु श् गणेशा । ....स्विस् करो कल्या सभीका

दःु खीजन�का सख ु ीजन�का, रोगीजन�का �नरोगीजन�का । �नधर्नजन�क धनवान�का, �नबर्लजन�क बलवान�का । ....स्विस् करो कल्या सभीका

द� ु जन�का दयालज ु न�का, दानीजन�का कंजुशजन�का । पापीजन�का पण र न�क । ु ्यजन�क, सज्जन�क दज ु ् ....स्विस् करो कल्या सभीका

संसार�जन�का साधुजन�का, लोभीजन�का त्यागीजन�क ।

भोगीजन�का वैरागीजन�का, प्रपंचीजन� भावक ु जन�का । ....स्विस् करो कल्या सभीका

अ�ानीजन�का �ानीजन�का, �वद्वानजन� अनपढजन�का । मढ ु जन�का सतकर्जन�क, क्रोधीजन� शांतजन�का । ....स्विस् करो कल्या सभीका

धा�मर्कजन�क अधा�मर्कजन�क, अन्यायीजन�क न्यायीजन�क । �वरह�जन�का प्रेमीजन�, स्वतंत्रजन परतंत्रजन� । ....स्विस् करो कल्या सभीका

शहर�जन�का ग्राम्यजन, आ�दवासीआन�का अछुतजन�का । गोरे जन�का कालेजन�का, उं चजन�का नीचजन�का । ....स्विस् करो कल्या सभीका

ब्र�जन� �त्रीयजन�, वैश्यजन�क शद ु ्रजन� ।

आयर्जन�क अनायर्जन�क, �व�के हरकोई �व�जन�का । ....स्विस् करो कल्या सभीका


वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक, प्रे भजो सौ स्विस् प्र�तक । अदभत ू अ�वचल अलौक�क प्र�तक, करनेको िजवन शभ ु मंगलम ् । ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक

ब्र तम ु हो सरस्वत तम ु हो, �ान शाण और �वद् तम ु हो । वेद तम ु हो �व�ान भी तम ु हो, स� ु हो । ृ ीके सजर्नहा भी तम ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक

�वष्ण तम ु हो श् ल�मी तम ु हो, धन वैभव और सख ु तम ु हो ।

सद ु शर् तम ु हो कमल भी तम ु हो, स� ु हो । ृ ीके संस्थाप भी तम ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक

शंकर तम ु हो पावर्त तम ु हो, क्र प्र और माततृ ् तम ु हो ।

�त्रश तम ु हो खडग भी तम ु हो, महाश��का प्रक भी तम ु हो । ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक

गजानन तम ु हो �र�द्ध�स तम ु हो, शभ ु लाभ और मंगल भी तम ु हो । �वघ्ने� तम ु हो वरदायक भी तम ु हो, संकट दःु खहार� भी तम ु हो । ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक

नर भी तम ु हो नार� भी तम ु हो, ई�रमय नार��र भी तम ु हो ।

परम�पता परमे�र भी तम ु हो, �व�पज ू ीत महा प्र� भी तम ु हो । ....वंदन करो सौ स्विस् प्र�तक


श् स्विस् करो कल्या ये जगका श् स्विस् करो कल्या ये जगका, श् स्विस् करो उध्धा सभीका । नमन करत ह� श् महा देव गणेशा, �वघ्नहर हर प्र सभी �व�जन�का ।

....श् स्विस् करो कल्या ये जगका

प्र स्ने �प्र और बढाओ, मोह माया ममताको �मटाओ ।

�वनय �ववेक सद्व्यवह बढाओ, धण ृ ा �धक्क �तरस्का �मटाओ ।

....श् स्विस् करो कल्या ये जगका

धमर ध्या और �ान बढाओ, काम क्र और लंपट �मटाओ ।

सेवा सदब�ु द सदभाव बढाओ, ईष्या अहं कार अ�भमान �मटाओ । ....श् स्विस् करो कल्या ये जगका

शांत सौम् संत� ु बनाओ, क्ले कलह और कंकाश �मटाओ ।

संस्कार सरु गी शश ु ील बनाओ, दग ु ् ुर दं भ दरु ाचार �मटाओ । ....श् स्विस् करो कल्या ये जगका

सभ् संयमी सदाचार� बनाओ, दं भ अहम घमंड �मटाओ ।

संस्कार सह ु ागी शश ु ील बनाओ, दग ु ् ुर दं भ दरु ाचार �मटाओ । ....श् स्विस् करो कल्या ये जगका

समानताका सत ू समजाओ, अनेकताम� एकताको �दखाओ । मानवताका पाठ पढाओ, संपण ु र �व�को स्वग बनाओ ।

....श् स्विस् करो कल्या ये जगका


स्विस् जगम� ह� स्विस् जगम� ह� सवर्महा, स्विस्तक नह�ं कोई दज ु ा समान ।

स्विस् जगम� ह� सव��म नाम, स्विस्तक करे हरकोई प्रण ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� सवर्श्रे�त नाम, स्विस् ह� सव�च्चताक नाम ।

स्विस् ह� परमप�वत्रता नाम, स्विस् ह� अतीशद ु ्धता नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� स्वा�भमानक नाम, स्विस् ह� स्वमानक नाम ।

स्विस् ह� सावर्भोमत्व नाम, स्विस् ह� स्वतं�यताका नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� आयर्अिस्मता नाम, स्विस् ह� आयर्महाधमर् नाम ।

स्विस् ह� आयर्संस्कृ�त नाम, स्विस् ह� आयर्परंपराक नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� सदभावका नाम, स्विस् ह� सद्व्यवहार नाम ।

स्विस् ह� सदगण ु का नाम, स्विस् ह� सवर्सदाचा नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� मानवताका नाम, स्विस् ह� जनसेवाका नाम ।

स्विस् ह� अनक ु म्पाक नाम, स्विस् ह� सवर्समभावक नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� जनजगह�तका नाम, स्विस् ह� सवर्समपर्ण नाम ।

स्विस् ह� बल�दानका नाम, स्विस् ह� जगकल्याणक नाम ।

.... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� शभ ु कमर्क नाम, स्विस् ह� मंगलकायर्क नाम ।

स्विस् ह� प्रभुभ�� नाम, स्विस् ह� परमाथर्क नाम । .... स्विस् जगम� ह� सवर्महा

स्विस् ह� सख ु शां�तका नाम, स्विस् ह� वैभव �वलाशका नाम ।

स्विस् ह� आध्यात्म नाम, स्विस् ह� परम परमे�रका नाम ।.... स्विस्


दे वा हो देवा मेरे देवा हो दे वा मेरे, स्विस् देवा रे ।

तम ु ह�तो हो मेरे, गणप�त देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

म� तो करु तम ु ्हार, �नत् नयी सेवा रे ।

दया कृपा करो हे, श् गणेश देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

स��संधुके जलसे, तम ु ्ह म� नहलाऊं रे ।

पंचांमत ु ्ह स्ना करऊं रे । ृ क� धारासे, तम

....देवा हो दे वा मेरे

नीतनये पत चढाऊं, तल ु सी के वडा दव ु ार रे ।

�व�वध फल फुल चढाऊं, म� ु ा फुल�क� माला रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

अ�बल गल ु ाल चढाऊं, कुमकुम �संदरु ा रे ।

के शर चंदन चढाऊं, नीतनयी सग ं ी रे । ु ध

....देवा हो दे वा मेरे

भावभ��से म� तो, तरे � आरती ऊतारु रे ।

मेवा मोदकका तम ु ्ह, भोग म� चढाऊं रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

दोनो कर जोडके तम ु ्ह, नमन �सधाऊं रे ।

षा�ांग प्रण करके , तरे ो गण ु म� गाऊं रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

तम ु ह� तो हो मेरे, आराध् देवा रे ।

प्र पज ू न करु , श् �वनायक देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे

अ�भलाषी हुं म� तो, तरे े दशर्नक रे । दशर् द् हमे हे, श् गणेश देवा रे ।


....देवा हो दे वा मेरे, स्विस् देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे, गणप�त देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे, गजानन देवा रे ।

....देवा हो दे वा मेरे, �वनायक देवा रे ।

स्विस् स्विस् महान है स्विस् स्विस् स्विस् महान है स्विस्, मानवको प्रभु महादान है स्विस् |

स्विस् स्विस् सव��म है स्विस्, पण ु ् प�वत प्र प्र� ह� स्विस् |

स्विस् स्विस् महान है स्विस्

प्र ह� स्विस् प्रक ह� स्विस्, मानवताका प्रम ह� स्विस् |

जीवन ह� स्विस् मौ� ह� स्विस्, चीर आयषु ्यक वरदान ह� स्विस् |

स्विस् स्विस् महान है स्विस्

संस्का ह� स्विस् सभ्यत ह� स्विस्, सल ु �णका प�रचय ह� स्विस् |

समानता ह� स्विस् सदभाव ह� स्विस्, आित्मयताक आदशर ह� स्विस् |

स्विस् स्विस् महान है स्विस्

श�� ह� स्विस् शौयर ह� स्विस्,शां�तका परमधाम ह� स्विस् |

धमर ह� स्विस् कमर ह� स्विस्,सेवाका सा�ात्का ह� स्विस् |

स्विस् स्विस् महान है स्विस्

एकत् ह� स्विस् बंधुत् ह� स्विस्,सदभावनांका महासागर ह� स्विस् |

सहचार ह� स्विस् सह-अिस्तत ह� स्विस्,�व�शां�तका शंदेश ह� स्विस् |

स्विस् स्विस् महान है स्विस्


�सम्बो �सम्बो �सम्बो �सम्बो �सम्बो, �सम्बो �सम्बो �सम्बो रे |

स्विस् स्विस् स्विस्, स्विस् स्विस्त ह� �सम्बो रे |

....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

�व�के हर कोने कोनेम� , स्विस्तक ह� �सम्बो रे |

आयर्धमर् पावन धरती पर, प्र हुआ ये �सम्बो रे | ....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

�व�के हर संस्कृ� धम�का, प्र प्र� ह� स्विस् रे |

सह� यग ु �से अ�वचल रहा ह�, स्विस्तक ये �सम्बो रे | ....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

मानवता मधुरता और मंगलताका, है तह ु � तो अग् �सम्बो रे | दया करुण और अनक ु म्पाक, है तह ु � तो सप ु र �सम्बो रे | ....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

प्र स्ने और समानताका, है तह ु � तो अदभत ू �सम्बो रे |

सदगण ु सभ्यत सहचारका, है तह ु � तो अमेइझींग �सम्बो रे |

....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

कमर धमर और सदाचारका, तह ु � तो ह� �डवाईन �सम्बो रे |

सदभाव सदभाग् और सदवतर्नक, तह ु � तो ह� होल� �सम्बो रे |

....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

सम�ृ द्और स्वतंत्रताका, अज तु ह� �सम्बो रे |

शभ ू कामना और सौभाग्यका, चमत्कार�तु ह� �सम्बो रे | ....�सम्बो �सम्बो �सम्बो

शभ ु लाभ और जनकल्याणक, �व�व्याप तु ह� �सम्बो रे | मानवधमर और परं पराका, तु ह� तो ह� अणमोल �सम्बो रे |

....�सम्बो �सम्बो �सम्बो


भज स्विस्तक भज स्विस्तक भज स्विस्तक भज स्विस्तक , भजले रे प्यार तुं स्विस्तक |

भज स्विस्तक भज स्विस्तक, भजले भावसे तुं स्विस्तक |

....भज स्विस्तक भज स्विस्तक

स्ने प्र हृद ह� स्विस्तक, ममता दया पवर् ह� स्विस्तक |

भाव भ�� भंडार ह� स्विस्तक, कृपा अनक ु ं पा सागर ह� स्विस्तक |

....भज स्विस्तक भज स्विस्तक

कल्या करुण सरोवर ह� स्विस्तक, �नमर् स्वच स�रता ह� स्विस्तक |

पण ु ् प�वत जलधारा ह� स्विस्तक, सम ु धुर सर ु ु�च अम ्र ह� स्विस्तक |

....भज स्विस्तक भज स्विस्तक

उजार श�� संचार ह� स्विस्तक, अणुं परमाणुं स्वर ह� स्विस्तक |

पंचतत् स्वर ह� स्विस्तक, पंचभत ू महारु ह� स्विस्तक |

....भज स्विस्तक भज स्विस्तक

शभ ु मंगल कतार ह� ह� स्विस्तक, सख ु शां�त दाता ह� स्विस्तक |

�रिध् �सिध् दाता ह� स्विस्तक, सवर्मनोर पण ु र करता ह� स्विस्तक |

....भज स्विस्तक भज स्विस्तक

स��संधु संस्कृ� ह� स्विस्तक, अयर्धम �चन् स्रू ह� स्िस्तकम |

दै वी स्वर प्र� ह� स्विस्तक, जय जय हो जय जय स्विस्तक | ....भज स्विस्तक भज स्विस्तक


तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्.... तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्, तरे ो बडो ह� नाम |

तेरो बडो ह� काम हे स्विस्, तरे ो बडो ह� काम |

....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नधर् को तम ु धन देवत हो.. [२], सख ु सम्प��क साथ...

....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नबर् को तम ु बल देवत हो.. [२], श�� भ��के साथ...

....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नव�श को तम ु संतती देवत हो.. [२], शां�त समिृ ध्धक साथ...

....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नमार्ल को तम ु प्र�त देवत हो.. [२], मान स्वमा के साथ.. ....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नवार्श् को तम ु आश् देवत हो.. [२], प्र सहानभ ु �ू तके के साथ.. ....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नर�र को तम ु �ान देवत हो.. [२], संस्का समज के साथ..

....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नरुत्सा को तम ु परमानंद देवत हो.. [२], भाग्य लाभके सा ....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

�नराशको तम ु सांत्वन देते हो..[२], शभ ु मंगल के साथ.. ....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्

सवर्जन के तम ु शभ ु �चंतक हो.. [२], तम ु हो कृपालु मेरे नाथ.. ....तेरो बडो ह� नाम हे स्विस्


स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम, स्विस् है सवर सख ु का नाम |

स्विस् नाम जय स्विस् नाम, भज प्यार तुं श् स्विस् नाम | ....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

प्र पज ू न करके करो सभी काम, मंगलमय होगा तरे ा कायर तमाम |

स्विस् करेगा तरे ा हर शभ ु काम, स्विस् करे गा तरे ा सब कल्या | ....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

उठते बैठते लो स्विस्तक नाम, हरते �फरते जपो स्विस्तक नाम |

�दन रात रटो स्विस्तक नाम, हर घडी पल भजो स्विस्तक नाम |

....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

अपर् करेगा वो धनधान् भंडार, देगा वो �रिध् �सिध् और बहुमान | स्विस् करेगा तरे ा महा कल्या, स्विस् देगा तम ु ्ह शभ ु आ�शवार् | ....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

खोल�गे वो सख ु वैभवके द्व, द� गे वो संतती सम्प� अपार |

द� गे वो सम्रुि शां�� �वपल ु अपार, कर� गे वो तम ु ्हार सदा बेडो पार |

....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

द� गे वो �दव् �ान �वशाल, द� गे वो बल ब�ु द भी तम ु ्ह�अपार |

खोल�गे वो तरे ा म�ु �का मागर, खल ु जाय�गे तेरे ल�ए स्वगर् द्व |

....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

पामोगे सत ् चीत ् आनंद तमाम, कर�गे सभी तम ु आध्याित् काम | भोगके सभी सख ु संसारके तमाम, अंतम� पाओगे तम ु मौ�का धाम | ....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

सत्यम �शवम सद ंु रम ह� स्विस्तक नाम, स्विस् ह� परमे�रका नाम |

स्विस्तक चरणम� ल�गे शरण तम ु वारं वार, तोह� होगा तम ु ्हार ईस भवपार |

....स्विस् ह� शभ ु लाभ का नाम

प्रेम बोलो सहु श् स्विस्तक नाम, भावसे भजो स्विस स्विस् नाम | ध्यानस गाओ स्विस्तक गण ु गान, श्रद् करो तम ु श् स्विस्तक प्रण | ..


प्रण तम ु करो, नमन तुम करो प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो, स्विस्तक प्र�तक नमस्का तम ु करो | आदर तम ु करो, सत्का तम ु करो, स्विस्तक प्र�तक सन्मा तम ु करो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� परम प्र� आयर धमर्क, स्विस् तो ह� पावन प्र� आयर

संस्कृ�तक |

स्विस्तक पज ू ो, स्विस्तक भजो, र� रं गम� शभ ु ां�कत स्विस् ध्वजक

लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्रभा� प्र� आयर नी�तका, स्विस् तो ह� प्रे प्र�

आयर र��तका |

स्विस्तक जानो, स्विस्तक मानो, लाल रं गम� शभ ु ां�कत स्विस् ध्वजक

लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्र प्र� आयर जन�का, स्विस् तो ह� प्र�त� प्र�

आयर परम्पराक |

स्विस्तक स्मर, स्विस्तक ग्र, लाल रं गम� शभ ु ां�कत स्विस् ध्वजक

लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्र प्र� आयर जीवनका, स्विस् तो ह� प्रच� प्र�

�व�जन�का |

स्विस्तक साधो, स्विस्तक आराधो, लाल रं गम� शभ ु अं�कत स्विस्

ध्वजक लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्र प्र� स्नेहभावक, स्विस् तो ह� प्रभा� प्र�

�व�संघका |


स्विस्तक �वचारो, स्विस्तक मननकरो, लाल रं गम� शभ ु ां�कत स्विस्

ध्वजक लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्र�स प्र� शभ ु भाग्यक, स्विस् तो ह� प्रमा� प्र�

मानवधमर्क |

स्विस्तक गाओ, स्विस्तक स्मर, लाल रं गम� शभ ु ां�कत स्विस् ध्वजक

लेचलो ।

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्रशा प्र� �व�शां�तका, स्विस् तो ह� प्रस प्र�

�व�मंगलका |

स्विस्तक िस्वकार, स्विस्तक अपनावो, लाल रं गम� शभ ु ां�कत श्रीस्वि

ध्वजक लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो

स्विस् तो ह� प्रता प्र� परमे�रका, स्विस् तो ह� प्र प्र� श्

महाश��का |

स्विस्तक नमो, स्विस्तक वंदो, लाल रं गम� शभ ु ां�कत श्रीस्वि ध्वजक

लेचलो |

....प्रण तम ु करो, नमन तम ु करो


गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान, हे साधो करनेको जग कल्या |

भजो भजो रे [२] स्विस् का नाम, हे भ�ो करनेको आत् कल्या | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� पण ु ् प्र�तक, स्विस् नाम ह� पावनताका | स्विस् नाम ह� परम प�वत्रता, स्विस् नाम ह� प्रभुता | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� ब्र �वष्णुक, स्विस् नाम ह� श् महेशका |

स्विस् नाम ह� ल�मी गौर�का, स्विस् नाम ह� सरस्वतीजीक | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� शभ ु लाभका, स्विस् नाम ह� मंगलताका |

स्विस् नाम ह� �शव श��का, स्विस् नाम ह� श् गणेशा | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� प्र स्नेहक, स्विस् नाम ह� दयाका |

स्विस् नाम ह� माया ममताका, स्विस् नाम ह� अनक ु म्पाक | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� कृपा करुणाक, स्विस् नाम ह� जनसेवाका |

स्विस् नाम ह� संतोष शां�तका, स्विस् नाम ह� जीवदयाका | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� समानताका, स्विस् नाम ह� आित्मयताक |

स्विस् नाम ह� महाबल श��का, स्विस् नाम ह� �व��वधाता |

....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� सख ु समिृ ध्धक, स्विस् नाम ह� महा वैभवका |

स्विस् नाम ह� धन संप��का, स्विस् नाम ह� भाग्य�वधात |

....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� स्वतंत्रत, स्विस् नाम ह� वैि�करणका |

स्विस् नाम ह� �व� बंधतु ्का, स्विस् नाम ह� एकात्मताक |


....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� सत् सद ंु रताका, स्विस् नाम ह� शीवजीका |

स्विस् नाम ह� कमर धमर्क, स्विस् नाम ह� परम� े रका | ....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस् नाम ह� पज ू न अचर्नक, स्विस् नाम ह� आध्याित्मकता | स्विस् नाम ह� महा मौ�का, स्विस् नाम ह� महा म�ु �का |

....गाओ गाओ रे [२] स्विस् के गान

स्विस स्विस स्विस स्विस स्विस स्विस स्विस स्विस, स्विस करदे स्विस्त !

शभ ु म ् करदे मंगलम ् करदे, सौभाग्यम करदे स्विस्त ! ....स्विस स्विस स्विस स्विस

धनम ् दे दे धान्यम दे दे, सम्प��म दे दे स्विस्त !

�वलाशम ् दे दे वैभवम ् दे दे, सम ्रृ�द दे दे स्विस्त ! ....स्विस स्विस स्विस स्विस

�र�द्ध दे दे �स�द्ध दे दे, व�ृ द्ध दे दे स्विस्त !

मानम ् दे दे �कत�म ् दे दे, प्र�स�द दे दे स्विस्त ! ....स्विस स्विस स्विस स्विस

लाभम ् दे दे फलम ् दे दे, प्र�त�ा दे दे स्विस्त !

अमत ृ म ् दे दे आरोग्यम दे दे, ऐ�यर्म दे दे स्विस्त !

....स्विस स्विस स्विस स्विस

आनंदम ् दे दे उत्साहम दे दे, उमंगम ् दे दे स्विस्त ! सख ु म ् दे दे शां�तम ् दे दे, संतोषम ् दे दे स्विस्त !

....स्विस स्विस स्विस स्विस

भ�� भ�� भ�� भ�� दे दे, भ�� दे दे स्विस्त !

श�� श�� श�� श�� दे दे श�� दे दे स्विस्त !

म�ु � म�ु � म�ु � म�ु � दे दे म�ु � दे दे स्विस्त !

....स्विस स्विस स्विस स्विस


करदे करदे करदे स्विस् करदे करदे करदे स्विस्, बेडा पार तुं मेरा अब करदे रे |

भरदे भरदे भरदे स्विस्, खाल� झोल� तुं मेर� अब भरदे रे | ....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो करुणाम तम ु हो दयामय, तम ु ह� तो हो माया ममतामय रे |

तम ु हो अनक ु म्पाम तम ु हो कृपामय, तम ु ह� तो हो परम प्रेमा रे | ....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो ई�र तम ु हो महे�र, तम ु ह� तो हो परम परमे�र रे |

तम ं ी सखाबंधु रे | ु हो �पता तम ु हो भ्रा, तम ु ह� तो हो संबध

....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो माता तम ु हो महे�र�, तम ु ह� तो हो मां नवदग ु ार रे |

तम ु हो श्रीदे तम ु हो �वधात्, तम ु ह� तो हो जग जननी रे |

....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो श�� तम ु हो भ��, तम ु ह� तो हो मौ� महाम�ु � रे |

तम ु हो प्र तम ु हो प्रता, तम ु ह� तो हो अंतरयामी रे |

....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो सजर् तम ु हो संस्थाप, तम ु ह� तो हो �वसजर् रे |

तम ु हो पालक तम ु हो पोषक, तम ु ह� तो हो द� ु �वनाशक रे | ....करदे करदे करदे स्विस्

तम ु हो स्वाम तम ु हो स्नेह, तम ु ह� तो हो सब मेरे रे |

तम ु हो दाता तम ु हो त्रा, तम ु ह� तो हो अ�ध�ाता रे |

....करदे करदे करदे स्विस्

वरदे वरदे वरदे स्विस्, शभ ु मंगल सब करदे रे |

वरदे वरदे वरदे स्विस्, आरोग् ऐ�यर्क वर दे रे |

....करदे करदे करदे स्विस्

वरदे वरदे वरदे स्विस्, �र�द �स�दका हम� वर दे रे |

वरदे वरदे वरदे स्विस्, सख ु शां�तका हम� वर दे रे | ....करदे करदे करदे


धन ु लगी धन ु लगी धन ु लगी रे हे....धुन लगी धन ु लगी धन ु लगी रे , हम� स्विस् नामक� धन ु लगी रे|

लगन लगी लगन लगी लगन लगी रे , हम� स्विस् नामक� लगन लगी रे|

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे

स्विस् प्र� तो हम� प्राण है प्यार, सुंदर शुशो�भत ह� लाडला दल ु ारा |

स्विस् प्र� हमारे धमर्क है तारा, पावन प्र� है वो प्रभुजी

हे....धुन लगी धन ु लगी धन ु लगी रे

न्यार |

स्विस् प्र� तो जगम� प्रच� सारा, �व�के कोने कोनेम� ह� वो ह� छाया |

स्विस् प्र� तो हमारे धमर्क है तारा, कोट� कोट� सुय�के प्रकाश है धारा |

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे

स्विस् प्र� तो है करुणाक धारा, स्विस्तक स्वर ह� अत्यं ह� �नराला|

स्विस् प्र� तो है अनक ु म्पाक काया, शुभ मंगलका वो है प्र� सबसे प्यार |

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे

स्विस् प्र� तो है श् गणेशजीका साया, दरू करे सदा वो सभीक� मोह-माया|

स्विस् प्र� तो है श्रीदेवीक� माया, बल बु�द श�� सवर अप� वो महामाया |

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे

स्विस् प्र�तक शुभ लाभ ह� समाया, भाग्योद करदे तरु ं त स्विस्तक ह� माया|

स्विस् प्र�तक सुख शा�त ह� समाया, समिृ ध् सम्प� सदा अपरण करे श्रीगणे |

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे

स्विस् प्र� तो ह� अ�वरत प्रेम ये धारा,गंगाजल जैसी शांतशीतल अमत ृ सी धारा| स्विस् प्र� तो ह� अ�वचल स��षर्क ये तारा, पावन प�वत शुद्धता है वो भारा | हे....धुन लगी धन ु लगी धन ु लगी रे

पुजन करो सवरप्र स्विस्तकस्वरुप श्र, दःु ख द�रद दग ु ् ुर सभी दरू कर� गे दे वा |

स्विस् प्र� तो है �व�का महा ई�देवा, जपले तुं पुजले तुं रटण करले तुं सेवा |

हे....धुन लगी धुन लगी धुन लगी रे


जय स्विस् गणनाथ दयालु जय स्विस् गणनाथ दयाल,ु शभ ु मंगल सब कतार रे |

जय स्विस् श् गणेश कृपाल,ु दःु ख द�रद सब हतार रे | ....जय स्विस् गणनाथ दयालु

सय र तेजोमर् ह� स्विस्, प्र जीवनके दाता रे | ु ्स्व

चन्द्रस शीतलमय ह� स्विस्, सख ु शां�तके दाता रे | ....जय स्विस् गणनाथ दयालु

ब्र�ास् सवर सजर् ह� स्विस्, वेद �ानके दाता रे |

�वष्णुस्व संस्थाप ह� स्विस्, तीन लोकके के राजा रे |

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

महेशस्वर सवर �वसजर् ह� स्विस्, द� ु दानवको संहारा रे | ई�रस्वर परमे�र ह� स्विस्, जगतके पालन हारा रे |

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

सरस्वतीस्व महा�ान ह� स्विस्, �वद् ध्यानक दाता रे |

ल�मीस्वर सख ु वैभव ह� स्विस्, धन धान्यक दाता रे |

....जय स्विस् गणनाथ दयालु

पावर्तीस्व परमे�र� ह� स्विस्, प्र प्रकोप कतारहतार रे |

श��स्वर प्र� ह� स्विस्, श्रीदेवीओं ह� उनका नाता रे | ....जय स्विस् गणनाथ दयालु

श्रीगणेशस् सवरप्र ह� स्विस्, �र�द �स�द्ध दाता रे |

करजोडी नमन करते है स्विस्, कल्या करो भाग्य�वधात रे | ....जय स्विस् गणनाथ दयालु


स्विस स्विस स्विस करदे स्विस स्विस स्विस करदे, स्विस करदे स्विस्त | �र�द �स�द व�ृ द प्र�सि, हमको सब दे दे स्विस्त | ....स्विस स्विस स्विस करदे

तम ु हो शभ ु मंगलके स्वा�, तम ु ह� तो हो पावन प�वत शद ु नामी रे |

तम ु हो सत् शीव सद ुं र स्वा�, तम ु ह� तो हो दयामय अंतरया�म रे |

....स्विस स्विस स्विस करदे

तम ु हो धन वैभवके स्वा�, तम ु ह� तो हो मान-सन्मानक स्वा� रे |

तम ु हो सख ु शां�तके स्वा�, तम ु ह� तो हो करुणाम कल्याण |

....स्विस स्विस स्विस करदे

तम ु हो धमर अथर कामके स्वा�, तम ु ह� तो हो मौ� म�ु �के स्वा� रे |

तम ु हो �ान ब�ु द्ध स्वा�, तम ु ह� तो हो प्रारबद पर�वतर्नकार रे |

....स्विस स्विस स्विस करदे

तम ु हो �शवशंकरक� महाभ��, तम ु ह� तो हो श्रीदेवी महाश�� रे |

तम ु हो अधर्नार�� स्वा�, तम ु ह� तो हो सवर्लोकक महास्वा� रे |

....स्विस स्विस स्विस करदे

तम ु हो महाप्रचल प्र� हे स्वा�, तम ु ह� तो �व�म� सवर् हो स्वा� रे |

तम ु हो सवर सन्मान�न स्वा�, तम ु ह� तो हो �व�म� दल ु ारे स्वा� रे |

....स्विस स्विस स्विस करदे

हमतो ह� लोभी मरु ख खल कामी, पापी प्रपं और महा अ�ानी रे |

तम ु हो महा भोले सवर द:ु खहार�, कृपा करो हे महा दयामय स्वा� रे|

....स्विस स्विस स्विस करदे


स्विस् तो है प्रभु नाम स्विस् तो है प्रभु नाम, भजले प्यार तुं स्विस्तक नाम |

स्विस् तो है सवर श��मान, रटले प्यार तुं स्विस्तक नाम |

....स्विस् तो है

स्विस् तो है मंगलका नाम, तरे ा करे गा स्विस् ह� कल्या | स्विस् तो है शभ ु का नाम, तरे ा धन् ह� होगा ये तुं मान |

....स्विस् तो है

स्विस् तो है लाभका नाम, तम ु ्ह करे गा स्विस् ह� धनवान | स्विस् तो है भाग् नाम, तरे ा होगा भाग्योद तुं ये जान |

....स्विस् तो है

स्विस् तो है दे व�का वरदान, पण ु र करे गा वो तरे ा हर काम |

स्विस् तो है प�वत्रता नाम, शध ु ् करे गा तेरे पापी काम | ....स्विस् तो है

स्विस् तो है शां�तका नाम, तरे ा िजवन सख ु मय होगा ये तुं मान |

स्विस् तो है भाततृ ्वक नाम, स्विस् ह� करे गा तम ु ्ह �कत�मान | ....स्विस् तो है

स्विस् तो है सदगण नाम | ु नाम, दरू करे गा वो हर दग ु ्णक ुर

स्विस् तो है समानता नाम, दरू करे गा वो भेदभावका नाम | ....स्विस् तो है

स्विस् तो है पावनताका नाम, तेरे गहक ृ ो करे गा वो �तरथधाम | स्विस् तो है प्रेम नाम, तेरे गहक ृ ो करे गा वो स्वग समान | ....स्विस् तो है

स्विस् तो है सीतारामका नाम, स्विस् तो है राधेश्यामक नाम | स्विस् तो है श् गणेशका नाम, जपले प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् तो है


आरती क�जीये श् स्विस्तक…. आरती क�जीये श् स्विस्तक, आरती क�जीये प्रके प्र�तक |

शभ ु मंगल कतार ये प्र�तक, लाभ कल्या कतार ये प्र�तक | ...आरती. तेर� कृपासे हर दख ु मीट जाय�, स्मरणस ह� क� दरू हो जाय� |

�व�जन सभी गण ु तरे ो गाय�, जो मांगे वो सब कुछ पाय�.

..आरती.

पज ंु र स्वर तरे ा सबको भाय� |. ु नसे पाप न� हो जाय�, सद

...आरती.

ध्यानस भाग्योद हो जाय�, जीवन सारा सफल हो जय� |

....आरती.

शां�त श�� सम ु ती आ जाय�, धन् धन् ये जीवन हो जाय�

|....आरती.

वंदनसे महा पण ु ् वो पाय�, जपते ह� नाम संकट दरू हो जाय� |

तपसे महा म�ु �को पाय�, दशर्नस मन पावन हो जाय� |

काम क्र मोह माया �मट जाय�, स्वाथ कपट तषृ ्ण नह�ं आय� | चतव ु �द�के महा अमत ु ीत श् गणेश स्वरुप | ृ रसक�, प्र पज

ब्र �वष्ण शीवके स्वरुप, ल�मी गौर� सरस्वतीक स्वरुप | ....आरती. जो जन भावसे आरती तेर� गाय�, स्विस्तक शभ ु ा�षश वो पाय� |

स्विस्तकानंद एक ह� ह� �बनती, हरो हर पीडा तरे े भ�जन�क� |....आरती.


जय स्विस् जय स्विस् जय स्विस् जय स्विस् जय स्विस् देवा | माता स्वर श् दे वीयां, �पता स्वर सवर्देव | ....जय स्विस् जय स्विस्

प्र �चन् �व�व्याप, चतभ धार� | ु ्ज ूर

लाल रं गम� ये शोभ,े अदभत ु स्रु धार� | ....जय स्विस् जय स्विस्

�नधर्नक धन दे त, दःु खीजनको सख ु सारा | ध्या धरे पज ु न करे, करे जो �नत् सेवा | ....जय स्विस् जय स्विस्

�नबर् को श�� दे त, भख ु ेको धान् ढेरा |

रोगीको स्वास् दे त, अंधेको वो दे नैनां |

....जय स्विस् जय स्विस्

अ�ानीको �ान दे त, अनपढको �वद्यामा | बंधीतको म�ु � दे त, हर क� हरे देवा |

....जय स्विस् जय स्विस्

शभ ु मंगल वो उनका कर� , जो करे उनक� सेवा | �रिध् �सिध् घरम� आय�, पाम� वो महा मेवा |

....जय स्विस् जय स्विस्

[ राग ; जय गणेश जय गणेश जय गणेश देवा ]


स्विस् तेर� म�हमां स्विस् तरे � म�हमां, जब �व�जन ये गाये |

भ��भावसे जो भजले, तो पावन सभी हो जाये |

....स्विस् तरे � म�हमां

तम ु दे व�का �चन् न्यार, शत शत नमन हमारां |

आये ह� तरे े द्वा, दशर्नक अ�भलाषासे |

....स्विस् तरे � म�हमां

करते ह� तरे � अराधनाएं, पण ु र करने मनोकामनाएं | वरदान दो शभ ु हम�, हमतो आये ह� तेरे शरणम� | ....स्विस् तरे � म�हमां

शभ ये रु तरे ा | ु लाल वणर तरे ा, अतीसन्द ु तेजोमर् ह� वणर तरे ा, अदभत ु स्वर तरे ा | ....स्विस् तरे � म�हमां

ह� प्र�तप्रणयका , ह� �चन्ह शुभलाभका भी| हे चतभ , तम ु ्जां वाल ुर ु ्हे कैसे प्रसन्न हम | ....स्विस्तक तेर� म�हम ह� शां�त मंत भी त,ु ह� श�� तंत भी तु |

हो कल्य करने वाले, शभ ु मंगल तु सवर करदे | ....स्विस् तरे � म�हमां

जगम� ह� तु ह� न्यार, प्राण� तु ह� प्यार |

सवर् जो ह� छाया, स्विस् प्र� हमारां | ....स्विस् तरे � म�हमां


जगको तो ये बतादो

जगको तो ये बतादो, स्विस् तो अ�त पावन ह� |

ये प्र� ह� जो पणु ्यक, परु े �व�पे वो छा गया ह� | ....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो साधना ह�, स्विस् तो आराधना ह� | स्विस् तो पज ू ा ह�, स्विस् तो अचर्न ह� | ....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो योग ह�, स्विस् तो तपस्य ह� | स्विस् तो भ�� ह�, स्विस् तो म�ु � ह� |

....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो धमर ह�, स्विस् तो संस्कृत ह� |

स्विस् तो परम्पर ह�, स्विस् तो संस्का ह� |

....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो सन्माननी ह�, स्विस् तो आदरणीय ह� |

स्विस् तो वंदनीय ह�, स्विस् तो पज ू नीय ह� | ....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो शभ ु कार� ह�, स्विस् तो लाभकार� ह� |

स्विस् तो मंगलकार� ह�, स्विस् तो कल्याणकार ह� |

....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो भ�� ह�, स्विस् तो श�� ह� |

स्विस् तो म�ु � ह�, स्विस् तो महामौ� ह� |

....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो परमे�र ह�, स्विस् तो परमे�र� ह� |

स्विस् तो श्रीगण ह�, स्विस् तो सवर्स ह� ह� | ....जगको तो ये बतादो

स्विस् तो प�वत ह�, स्विस् तो पावन ह� |

स्विस् तो आध्याित् ह�, स्विस् तो �नद�शी ह� | ....जगको तो ये बतादो


स्विस् करो कल्या हमारां स्विस् करो कल्या हमारां, स्विस् करो शभ ु सवर हमारां |

स्विस् करो मंगल हमारां, स्विस् हरो हर दःु ख हमारां |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो माता �पता भी तम ु हो, तम ु हो बंधु सखा भी तम ु हो |

तम ं ी भी तम ु हो भ�गनी भ्रा भी तम ु हो, तम ु हो �मत संबध ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो सजर् �वसजर् भी तम ु हो, तम ु हो पालक पोषक भी तम ु हो |

तम ु हो दे व दे वी भी तम ु हो, तम ु हो महाप्र परमे�र भी तम ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो तारक संहारक भी तम ु हो, तम ु हो र�क भ�क भी तम ु हो |

तम ु हो दाता �वधाता भी तम ु हो, तम ु हो कतार हतार भी तम ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो �श�क बोधक भी तम ु हो, तम ु हो गर ु स्वा� भी तम ु हो |

तम ु हो सहायक संचालक भी तम ु हो, तम ु हो दशर् द्र भी तम ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो �ान �व�ान भी तम ु हो, तम ु हो दशर् वेद� भी तम ु हो |

तम ु हो गीता रमायण भी तम ु हो, जगम� सवर श्र �चन्हभी तम ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां

तम ु हो श�� बल भी तम ु हो, तम ु हो भ�� म�ु � भी तम ु हो |

तम ु तो जगत के सव��र हो, �व�म� सवर महान भी तम ु हो |

....स्विस् करो कल्या हमारां


स्विस् हरे हर क� तमाम स्विस् हरे हर क� तमाम, स्विस् हरे हर दःु ख ये जान |

स्विस् करे हर मंगल काम, स्विस् करे हर शभ ु ये मान |

....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� भगवानका नाम, स्विस् ह� महाभगवतीका नाम | स्विस् तो ह� सवर श��मान, भजले प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� पावन गंगाका नाम, स्विस् तो ह� सवर �तथ�का धाम | स्विस् तो ह� सवर महान, रटले प्यार तुं स्विस्तक नाम |

....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� आयर्धम नाम, स्विस् तो ह� सेवाका नाम |

स्विस् तो ह� सश ु ्रुत नाम, जपले प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� प्रेम नाम, स्विस् तो ह� करुणाक नाम |

स्विस् तो ह� दयाका नाम, पज ू ले प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� मायाका नाम, स्विस् तो ह� स्नेहक नाम |

स्विस् तो ह� अनक ु म्पाक नाम, स्मरणल प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� सख ु का नाम, स्विस् ह� तो शां�तका धाम |

स्विस् तो ह� समिृ ध्धक नाम, आराधले प्यार तंु स्विस् नाम |

....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� वैभवका नाम, स्विस् तो ह� �रिध्ध�सिध्ध नाम |

स्विस् तो ह� ऐ�यर्क धाम, साधले प्यार तुं स्विस्तक नाम | ....स्विस् हरे हर क� तमाम

स्विस् तो ह� त्यागक नाम, स्विस् तो ह� वैराग्यक नाम |

स्विस् तो ह� बल�दानका नाम, अपर् करदे प्यार तुं अपना प्र |


....स्विस् हरे हर क� तमाम

जो ले स्विस्तक �नत् शभ ु नाम, स्विस् करे गा उनका कल्या | स्विस् तो ह� महा ई�रका नाम, भजले प्यार तुं स्विस् नाम |

....स्विस् हरे हर क� तमाम


वर दे वर दे वर दे वर दे वर दे वर दे हे स्विस् हम� तुं शभ ु मंगल वर दे |

कर दे कर दे कर दे हे स्विस् कल्या हमारां कर दे |

.... वर दे वर दे

सख ु वैभवका, धन धान्यक, �रिध् �सिध्धक वर दे |

.... वर दे वर दे

शां�त संतोषका, सवर सदभाव, संस्का संयमका वर दे | .... वर दे वर दे

शौयर सहसका, श�� सामथ्यर्, बल ब�ु द्ध वर दे |

.... वर दे वर दे

पद �कत�का, बहुमानका, यश �वजयका वर दे | .... वर दे वर दे

शभ ु �वद्या, शभ ु वाणीका, शध ु ् �वचार�का वर दे |

.... वर दे वर दे

सद बिु ध्धक, सदाचारका, सद व्यवहारक वर दे |

.... वर दे वर दे

सदकायर्क, शभ ु आदशर्क, सद वतर्नक वर दे |

.... वर दे वर दे

प्र भावका, जनसेवाका, प्रभुसेवा वर दे. .... वर दे वर दे

प्र भ��का, प्र प्रा��, आध्यित्म जीवनका वर दे | .... वर दे वर दे

भर दे भर दे भर दे जीवन मेरां, परमानंदसे तुं भर दे ।

कर दे कर दे कर दे जीवन मेरां, साथर् तुं कर दे |


भजले भजले भजले रे साधो तंु भजले भजले भजले रे साधो त,ुं भजले रे स्विस् नाम |

भजले भजले भजले रे सधो त,ुं करनेको आत् कल्या | ....भजले भजले भजले रे साधो तुं

शभ ु मंगलमय स्वर स्विस् ह�, पावन प्र प्र प्र� स्विस् ह� |

शभ ु मंगल भाग् और लाभको पाने, गाओ साधो श् स्विस्तक गान | ....भजले भजले भजले रे साधो तुं

श् गणेशजीके सवर स्वर है , सवर प्र�तक प्र पज ु ीत ह� |

हर कायर्क �न�वर्घ प�रपण ु र करने, नमो सौप्र स्विस्तक पास |

....भजले भजले भजले रे साधो तुं

�रिध् �सिध्धक दाता स्विस् ह�, धन धान्यक महाप�त स्विस् ह� |

सख ु समिृ ध् सम्प��क पाने, जपलो श् स्विस् नाम |

....भजले भजले भजले रे साधो तंु

ब्र �वष्ण महेश स्विस् ह�, ल�मी पावर्त सरस्वत स्विस् ह� |

�ान ध्या श�� वैभवको पाने, रटलो श् स्विस् नाम | ....भजले भजले भजले रे साधो तंु

अिग् ईन् रु स्विस् है , वायु वरु सय ु र स्विस् है |

�व�देव�के शभ ु ा�शषको पाने, स्मर करो स्विस् नाम | ....भजले भजले भजले रे साधो तुं

वसु यम सोम स्विस् ह�, नवग्रह� स्वर स्विस् ह� | आ�ध व्या� उपा�धको �मटाने, जपलो श् स्विस् नाम | ....भजले भजले भजले रे साधो तुं

सवर देवरु स्विस् सभीके ह�, दख ु द�रद सभीके हरते है |

हे परम कृपलु दयामय प्र मेरे, करदो कृपा हे भगवान |

....भजले भजले भजले रे साधो तुं


हे स्विस् हमारा कल्या करो जय जय हर� ॐ श् स्विस् बोल, जय हरे हरे श् स्विस् बोल |

जय श् स्विस् स्विस् बोल, हर� ॐ श् स्विस् स्विस् बोल | हे स्विस् हमारा कल्या करो, हम भ��का उत्कष करो | हर राग द्व �मटे मनसे, हे परम�पता उपकार करो |.. हे.. दया कर दो दःु खको हरलो, आ�धव्या�धक भी हरलो |

हर �वघ् �वप�ीको हरलो, हर क� दर�द्रको हरलो |.हे..

कृपा करदो हर पाप�को हरलो, हर कलह क्लेशकोभ हरलो

हम पापी प्रपं संसार� ह�, �फर भी हम तेरे पज ू ार� ह� |….. हे.. जय आध् दे व आराध् देव, जय चतभ ु ् ुर जय अ�ां�ग |

ये महे�र ह� ये महादे वी ह�, ये शभ ु कार� ह� मंगलकार� ह� |.हे..

हम पर कृपा य�द आप कर� , तो साथर् हो जाय� हमारां जीवन |

य�द हो जाय� हम� तरे े दशर्, तो हो जाय� धन् हमारां जीवन |.हे.. हे परु े �व�म� ह� तु ह� त,ु मंद�र और गफ ु ाओंमे तु ह� तु |

अणुं अणुंम� तरे ा अिस्तत्व ह�, परु े �व�का प�वत प्र� ह� तु |.हे..

जय जय हर� ॐ श् स्विस् बोल, जय हरे हरे श् स्विस् बोल |

जय श् स्विस् स्विस् बोल, हर� ॐ श् स्विस् स्विस् बोल | हम भोगी ह� खल कपट� ह�, हम क्रो है हम कामी ह� |

हम भ�जन� को �मा करदो, उपकार करो हे परोपकार� |.हे.. ये जगम� ह� पावन नाम तरे ा, हर मख ु पर ह� शभ ु नाम तरे ा | श्रध्ध सम ु न हम लाये ह�, प्र प्रेम ये िस्वका करो |.हे..

सकल स� ु परमे�र, तेरे जैसा वरदानी कोइ नह�ं | ृ ीके हो तम

तम ु सवर्क भाग्य�वधात हो, हम पर भी दयाक� दृ� करो |.हे..

म� तो बनकर याचक आया हुं, हम रं क पर प्र अनक ु ं पा करो | मेरे जीवनका कल्या करो, हम� सख ु शां�तका महा वरदान भी दो |.हे..


ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्, जय जय जय हर� ॐ श् स्विस् |

जय ॐ श्रीस्वि जय ॐ श्रीस्वि, जय जय जय हर� ॐ श् स्िस्त | ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्

आयर्जन�क महा प्र है स्विस्, आयर्संस्क़ृती धरोहर है स्विस् |

�व�धमर्क महा प्र� है स्विस्, आयर्धमर् महा �ान है स्विस् | ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्

वेद�का महा मल ू मंत ह� स्विस्, गीताजीका महा उपदे श है स्विस् |

पण ु ् प�वत पावन है स्विस्, �व�का अ�तउ�म प्र� है स्विस् | ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्

मंगलशभ ु सं�ाका संके त है स्विस्, जग कल्याणक नाम है स्विस् |

आत् शां�तका महा सत ु है स्विस्, तन सख ु का महा औषध ह� स्विस् | ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्

मानवताका महा बीज है स्विस्, सभ्यताक सोनामहोर है स्विस् |

प्रेमस्ने महा पषु ् है स्विस्, �मत्रभाव अमल ु ् रतन ह� स्विस् | ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्

�व�म� सवर प्रच� ह� स्विस्, जगका भाग् �वधाता ह� स्विस् | �व�म� वधुतम वंद�नय ह� स्विस्, पथ्वीपत परमे�र है स्विस् | ृ ॐ श् स्विस् ॐ श् स्विस्


ॐ जय श् स्विस्तक ॐ जय श् स्विस्तक, प्र ॐ श् स्विस्तक | आयर्जन�क संकट, तत �ण दरू करे | ॐ जय श् स्विस्तक

श्रध्ध जो भजले, दःु ख �मटे उनका..प्र [२]

�रिध् �सिध् घर आव� ..[२] क� �मटे भवका | ॐ जय श् स्विस्तक

तम ु हो ब्र स्वर, तम ु शीवक� श��..प्र [२] तम ु हो �वष्णुका सद ु शर् ..[२], तम ु अंतरयामी | ॐ जय श् स्विस्तक

तम ु हो अ� �वनायक, तम ु शभ ु लाभदायी..प्र [२] तम ु हो �वघ् �वनाशक..[२], तम ु हो कल्याण | ॐ जय श् स्विस्तक

तम ु हो भग्य�वधात, तम ु शां�तकार�..प्र [२] संत�त सम्प� दाता..[२], तम ु मंगलकार� | ॐ जय श् स्विस्तक

तम ु हो काल� भवानी, तम ु अंबीका मां..मां [२] सवर्देवीओंक श��, शत् �वना�शनी मां | ॐ जय श् स्विस्तक

सख ु कतार दःु ख हतार, तम ु र�क सवर्क..प्र [२] आनंद मंगल करदो. [भ�� भावसे भरदो] ., हे स्विस् मेरे स्वा� | ॐ जय श् स्विस्तक

भाव भ��से कोई, स्विस् गण ु गाव� ..प्र [२] भौ�तक सख ु को भोगके ..[२] मौ� परम पावे | ॐ जय श् स्विस्तक


जय बोलो जय जय स्विस्तक क�..... जय बोलो जय जय स्विस्... क�, श्रध्धासे बोलो जय स्व... क� | प्रेमसे बोलो जय स्वि... क�, मनसे बोलो जय स्विस्... क� |

.... जय बोलो जय जय स्विस्तक

सख ु कतार् दुःखहतार् स्वि... क�, �वघ्-�वकटहतार् स्विस... क� | संकट क�हतार् स्विस... क�, �पडा दर�द्रहतार् स्व क� |

.... जय बोलो जय जय स्विस् क�

आप�� हर हतार् स्विस... क�, �वप�� दरू कतार् स्विस... क� |

आ�ध-व्या�ध दूरकतार् स्वि... क�,भय-डर दरू कतार् स्विस... क� | .... जय बोलो जय जय स्विस्तक

�ान बिु ध्ध दता स्विस्... क�, सत ु सम्प�� देता स्विस... क� | समिृ ध्ध दाता स्विस... क�, सख ु -शां�त दाता स्विस्... क� |

.... जय बोलो जय जय स्विस्तक

धन वैभव देता स्विस्... क�, सवर् शुभम कतार् स्वि... क� |

मनोरथ पण र कतार् स्वि... क�, ईिच्छत वर देता स्विस क� | ु ्

.... जय बोलो जय जय स्विस्... क�

पभु प्र�तती कतार् स्व... क�, म�ु � मौ� अ�पर्ता स्विस... क� । �दव्य दशर्न देता स्वि... क�, भव्य िजवन कतार्स्विस्... क� ।

.... जय बोलो जय जय स्विस्... क� |


भजलो भजलो भजलो रे भैयां...... भजलो भजलो भजलो रे भैयां, श् स्विस्तक नामको भजलो र| जपलो जपलो जपलो रे बहेनां, श् स्विस्तक जापको जपलो र| ........भजलो भजलो भजलो रे भैयां

स्विस्तक नाम है पुण्य प्, स्विस्तक प्र�तक है पंचपरमे|

स्विस्तक नाम है कृपा कल्य, स्विस्तक प्र�तक है महामहे| ........भजलो भजलो भजलो रे भैयां

स्विस्तक नाम है महा मंगलका, स्विसक नाम है महा शभ ु कार� | स्विस्तक नाम है परम कृप, स्विस्तक नाम तो है परम दयाल| ........भजलो भजलो भजलो रे बहेनां

स्विस्तक नाम है सब सुखकत, स्विस्तक नाम है हर दुःख हता| स्विस्तक नाम है �वघ्न�वन, स्विस्तक नाम है महा फलदाय| ........भजलो भजलो भजलो रे भैयां

स्विस्तक नाम हमहा गण ु कार�, स्विस्तक नाम हमहा लाभकार� |

स्विस्तक नाम हमहा श��शाल�, स्विस्तक नाम हमहा भाग्यशाल | ........भजलो भजलो भजलो रे भैयां

स्विस्तक नाम है महा ॐका, स्विस्तक नाम है गगन�बहार|

स्विस्तक नाम है महा मौ�का, स्विस्तक नाम है मृत्युंजयका| ........भजलो भजलो भजलो रे बहेनां


स्विस् प्र� महान ह� जगम� .... स्विस् प्र� महान ह� जगम� , स्विस् प्र� प्र ह� जगम� |

स्विस् परमे�र नाम ह� जगम� , स्विस् मौ�का मागर ह� जगम� | .....स्विस् प्र� महान ह� जगम�

कोई कहे तम ु ब्र स्वर हो, कोइ कहे तम ु स�ृ � सजर् हो| ब्र��ान वेद तम ु ्ह हो, ब्र��� श�� भी तम ु ्ह हो! ...स्विस् प्र� महान ह� जगम�

कोई कहे तम ु �वष्ण स्वर हो, कोइ कहे तम ु जग पालक हो| �त्रलोक� संचालक तम ु हो, कमर धमर्क संर�कभी तम ु हो| ...स्विस् प्र� महान ह� जगम�

कोई कहे तम ु शीव स्वर हो, कोइ कहे तम ु महाश�� स्वर हो| स�ृ �के प्र कतार तम ु हो, द� ु �के संहारकभी तम ु हो! ....स्विस् प्र� महान ह� जगम�

कण कणम� तम ु प्र स्वर हो, स्विस् रुपम �त्रमु तम ु हो| मंगल लाभ-शभ ु कतार तम ु हो, भ��के र�कभी तम ु हो| ....स्विस् प्र� महान ह� जगम�


आरती करु म� श् स्विस् क�..... आरती करु म� श् स्विस् क�,

आरती करु म� जय श् गणेश क� | .... आरती करु म�..

सख ु कतार और दःु ख हतार क�,

�वघ्न�वनाय मंगल म�ू तर क� | .... आरती करु म�..

�रध्ध �सध्धीक प्र प�त क�, धन वैभवके महा दानी क� | .... आरती करु म�..

स्विस् रु महा परमे�र क�, देव�म� सवर्प् गणप�त क� | .... आरती करु म�..

बल बिु ध् अपर् कतार क�,

गजमख ु धार� श् गजानन क� | ... आरती करु म�..

संतती सम्प� अपर् कतार क�,

परम कृपालु �सध्ध �वनायक क� | ... आरती करु म�..

अ� �वनायक चतभ ु ् ुर �चन् क�, ज्यो�तमर श् गणा�धपती क� | ... आरती करु म�..

आरती िस्वकार मेर� भावभ�� क�, आ�शष दो मेरे शभ ु कल्या क� | ... आरती करु म�..


ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� ... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� , नमन हम कर� तम ु ्हार चरणम� |

ॐ श् स्विस् तम ु ्हार प्रणय , जीवन हम �बताय� तम ु ्हार स्मरणम | .... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

स्विस् ह� एक ऐसा प्र� ह� , जो मनम� शांती प्रगटा |

स्विस् ह� एक ऐसा स्वर ह� , जो जगको शभ ु मंगल बनाय� | .... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

स्विस् ह� एक ऐसा साधन ह� , जो सख ु का मागर �दखाय� |

स्विस् ह� एक ऐसा वरदान ह� , जो जीवन साथर् बनाय� | .... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

स्विस् ह� तो वो महामा रग ह� , जो मौ�का द्व �दखाय� | स्विस् ह� तो वो आराधन ह� , जहां ई�रको हम पाय� | .... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

स्विस् ह� तो प्रभु प्र�त ह� , जो हर संकटको �मटाय� | स्विस् ह�

तो प्रभु श�� ह� , जो हम� शरु वीर बनाय� |

.... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

स्विस् ह� तो प्रभु भ�� ह� , जहां वांिच्छतफ सभी पय� | स्विस् ह� तो जगजननी रु ह� , जो हम� अमत ृ रस �पलाय� | .... ॐ श् स्विस् तम ु ्हार शरणम� .

दोहा

स्विस् प्र� क्रु करो | करो ह्रुदय वास ||

मनोकमना मेर� �सध् करो | पर�पण र कर मेर� आश || ू ्


ॐ नमो स्विस्.... ॐ नमो स्विस् दःु खहतार, ॐ नमो स्विस् सख ु कतार |

ॐ नमो स्विस् शभ ं लकतार | ु कतार, ॐ नमो स्विस् सम ु ग .... ॐ नमो स्विस् दःु खहतार..

अदभत ू ह� आकार तम ु ्हार, ज्यो�तमर है प्र� तम ु ्हार | अतीसद ुं र ह� स्वर तम ु ्हार, मनमोहक ह� रु तम ु ्हार | .... ॐ नमो स्विस् सख ु कतार..

र�वणर ह� अ�त शभ ु कारा, तम ु ह� हो परु े �व�म� सारा |

चतभ ु ् ुर ह� महा श��वाला, जय बोले स्विस् जग सारा | .... ॐ नमो स्विस् शभ ु कतार ..

म�हमां ह� अपरम्पा तम ु ्हार, दशर्नसेह तेरे सबकुछ पाया |

स्मर करे तम ु ्ह कोईभी अभागा, मनोरथ पण ू र होजाये सारा | .... ॐ नमो स्विस् सम ं लकतार.. ु ग

पावन प्र प्र� ह� तम ु ्हार, शभ ु शां�तका सन्दे तम ु ्हार,

�व��वजयका उदघोष तम ु ्हार, �व�बंधुत्वक आदशर तम ु ्हार | .... ॐ नमो स्विस् दःु खहतार..

स्विस्तक गण ु जीसने गाया, ईस भवम� महा मो�को पाया |

स्विस्तकान हर हमेश ह� तरे ा, करो हर� वास ह्रदय मेरा | .... ॐ नमो स्विस् सख ु कतार..

दोहो

ॐ शां�तका मंत ह� स्विस् ह� शुभ लाभ ।

सवर मंगल स्विस् कर� , जो भावे भजे श् गणेश ।


स्विस् �सम्बल.. SWASTIKA SYMBOL हे SYMBOL,SYMBOL, SYMBOL रे , म� तो सबसे बडा हुं SYMBOL रे | हे SWASTIKA, SWASTIKA, SWASTIKA रे , म� तो परू े �व�का हुं SYMBOL रे |

..... हे SYMBOL,SYMBOL....

आ�दअना�द कालसे म� तो, मानवका मा�नता SYMBOL रे |

�व�के हर कोने कोने म�, व्याप ह� SWASTIKA का SYMBOL रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

आयर्धमर् उत्पन हुआ हुं, शभ ु SWASTIKA का हुं म� SYMBOL रे | आयर जाती संस्कृ�तक म� हुं, परम प�वत ये SYMBOL रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

आयर्वतर् प्र हुआ म�, शभ ु कार� मेरा ह� SYMBOL रे | SWASTIKA,SWASTIKA,SWASTIKA म� तो, आयर्जन�क SYMBOL रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

स� खंड�के सब जनसमह ु �म�, अग्रे है

मेरा सदा नाम रे |

भारत, चीन ्, जापन, पव र क देशोम� , जपे सभी शभ ु ् ु स्विस् नाम रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

शांती, सभ्यत, संस्कृतताक, म� हुं GENTLE SYMBOL रे | प्र, करुण, अनक ु ं पाका, म� हुं सनातन SYMBOL रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

परु े �व�के हर प्राणींजन�, म� तो सख ु कतार दःु खहतार रे |

शभ ु लाभका चमत्कार CHARM म�, सवर्जनका मै भाग्य�वधत रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

भातभ ृ ाव, सहचार, समानता, महा आदशर ह� वो हमारा रे |

शांती, शभ ु ेच्छ , शभ ु कामनाका, मै हुं PEACEFUL SYMBOL रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL.... मान मयार्द पर ु ुषो� म� हुं, आयर्जन�क हुं म� प्र रे |


जगम� दज ु ा कोई SYMBOL नाह�ं, जो कभी ना ले मेरा स्था रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

हर धम�के दे वदे वीओं से, मेरा ह� �नकटका नाता रे |

जन् से मतृ ्य तक हरजनने मझ ु ,े मंगल शभ ु कार� माना रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

HATE कभी ना मझ ु े भल ु सेभी करना, म� तो हुं PIOUS SWASTIKA रे | म� तो हुं SYMBOL GOOD LUCK का, मेरा HITLER से ना लेना देना रे | ..... हे SYMBOL,SYMBOL....

दोहा

जय स्विस्तक सदगुण प्, सा�ात ह� श्री गणेश स्व| हर�वघ्न हर� सवर् मंगल कर , हे श्री ब्र�ा �वष्णु |

दोहा

स्विस्तक सनातन धमर् प्र�, आयर्जन�का ह� स्वा�भमा|

स्विस्तक संस्कृ�तका मूल, पावन प�वत्र गंगाजलके समा| स्विस्तक श्री ब्र�ाका स, मां सरस्वतीका ह� �वद्याद|

स्विस्तक श�वष्णुका स्वरुप, मां महाल�मीका ह� वैभवदान | स्विस्तक श्री महेशका स्व, मां पवर्तीका ह� श��दान|

स्विस्तक श्री गणेशका स्व, मां �रिध्ध�सिध्धका ह� वरदा| स्विस्तक तो एक महा मंत्, महा तंत्र उसे तु मान

स्विस्तक तो एक महा य है , जो करता है जनकल्याण|


�व�का प्र प्र� ह� स्विस् �व�का प्र प्र� ह� स्विस्, करो स्विस्त �वनम प्रण | �व�के हर कोने कोनेम�, स्विस्तक ह� सव��म स्था | ....�व�का प्र प्र�..

यग ु � यग ु ोसे �व� ये सारा, करता रहा ह� अ�वरत बहुमान | �व�के हर प्रा� धम�म�, स्विस्तक है अग् स्था | ....�व�का प्र प्र�..

आयर धमर,संस्कृ�,सभ्यताक, स्विस् है प्र�त ध्व समान | �व�के सभी शभ ंु र स्विस् ह� सवर्महा | ु प्र�तको, अतीसद ....�व�का प्र प्र�..

पावन प्र प्र� ह� स्विस्, य�ह तो ह� प्रभु वरदान |

मानव सेवा और समानताका, ये तो है शभ ु प्र� महान | ....�व�का प्र प्र�..

पव ु र �व�के हर धम�म�, स्विस्तक है परम पज ू नीय स्था | ॐ नमो श् स्विस्तक गज ुं स,े करते है सब उसे प्रण | ....�व�का प्र प्र�..

प्र,भाग् और भ��का, स्विस् तो ह� बस एक प्रम |

शभ ु , शां�त, मंगल ये प्र�तक, कोट� कोट� तम ु करो प्रण | ....�व�का प्र प्र�..

�व�म� सख ु वैभव भोग�का, महामंत ह� स्विस् ये मान | रटलो प्रेम �व�जन� तम ु , हो जायेगा तम ु ्हाराकल्या | ....�व�का प्र प्र�..

�व�शां�तका दत ु ह� स्विस्, एकताके शभ ु सन्देशक नाम |

स्विस् प्र� तो ह� ई�र, करो �व�जन उनका सन्मा | ....�व�का प्र प्र�..

द� ु �के कुकम� के �लय,े ना छोडो अपना स्वा�भमा |


स्विस् था, ह� और रहेगा हमेशां, गौरवसे लो सब स्विस्तक नाम | ....�व�का प्र प्र�..

�व�के महारा� संघम� , स्विस्तक दो महापदका स्था |

�व�जन� सभी साथम� रहकर, गाओ ये स्विस्तक शभ ु गान | ....�व�का प्र प्र�..


स्विस्तक करो कल्याण हमारा.. स्विस्तक करो कल्याण हम, स्विस्तक करो शुभ सवर् हमा|

स्विस्तक करो मं सवर् हमार, स्विस्तक हरो हर क� हमार| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

हम तो ह� जन अ�भमानी घमंडी, छल कपटके ह� हम संगी | हम तो ह� जन पापी प्रपं, पाप हरो सवर् हमरे हे स्वा�| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

हम तो ह� जन भले ु भटके , कुकम�क� हमार� ह� हर करनी |

हम तो ह� जन द� ु अधम�, मागर् �दखाओ हम� सद् धम�क| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

हम तो ह� जन कामी क्रो, मोह माया ममताके रोगी |

हम तो ह� लालच लोभके भोगी, शां�त प्रदान करो हम� आत्मा| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

हम तो ह� जन मढ ु और ढ�गी, कुटे व कुल�णके ह� हम आद� |

हम तो ह� जन अहं कार� और भोगी, दग | ू ्ण�से हम� देदो महामु�� ुर ......स्विस्तक करकल्याण हमारा ..

हम तो ह� जन पतीत पाखंडी, अंधकारम� भटकते ह� हम प्राण|

हम तो है जन भोग �वलाशी, भौ�तक सख ु म� रचे ह� हम प्राण| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

हम तो ह� जन अबध ु अ�ानी, धमर् कमर्क� कोइ बात न जान| प्रभुभ��को कभी नह�ं मा, �मा करो प्रभु हर भुल हमार| ......स्विस्तक करो कल्याण हमारा

ज्योत जगाओ तुम महाभ��क, पावन करदो प्रभु प्राण हम| मागर् बताओ आध्यात्मक िजव, प्रभु भ��के महासंगमक| ......स्विस्तक क कल्याण हमारा ..


स्विस्तक न स्विस्तक न स्विस्तक न, स्विस्तक न, करो प्रेमसे स्विस्तक |

स्विस्तक स्, स्विस्तक स्, करो भ��से स्विस्तक स्म| ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा मंत्, स्विस्तक तो एक महा तंत्र|

स्विस्तक तो एक महा यंत्, स्विस्तक तो एक महा योह� | ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा �ान , स्विस्तक तो एक महा ध्यान | स्विस्तक तो एक महा जाप , स्विस्तक तो एक महा पाठ ह| ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा य� , स्विस्तक तो एक महा अनु�ान ह| स्विस्तक तो एक महा श�� , स्विस्तक तो एक महा भ�� ह| ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा �व�ान , स्विस्तक तो एक महा संसार ह| स्विस्तक तो एक महा तप , स्विस्तक तो एक महा आस्था | ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा धमर्, स्विस्तक तो एक महा कमर् |

स्विस्तक तो एक महा अथर्, स्विस्तक तो एक महा मौ� ह| ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन.

स्विस्तक तो एक महा सृ�� , स्विस्तक तो एक महा संसार ह| स्िस्तक तो एक महा मागर् , स्विस्तक तो एक महा पाथर् | ......स्विस्तक न,स्विस्तक नमन

स्विस्तक तो एक महा श्री गणेश, स्विस्तक तो एक महा त्रीदेव| स्विस्तक तो एक महा �सिध्ध, स्विस्तक तो एक महा �रिध्ध | ......स्विस्तक न, स्विस्तनमन..

स्विस्तक तो आय�का प्र�त, स्विस्तक तो आय�क� प्राण|


स्विस्तक तो आय�का स्वमान, स्विस्तक तो आय�का गवर् | ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

स्विस्तकको जो जन पूजता , वो आनंद मंगल पाता ह� |

स्विस्तकके शरणम� जो जाता , सख ु संप��को वो पाता ह� | ......स्विस्तक न, स्विस्तक नमन

आयर् धमर्का प्र�तक है स्

आयर् धमर्का प्र�तक है स्, आयर् धमर् ह� हमार|

शभ ु मंगल कल्याण है स्विस, स्विस्तक प्र�तक हम| ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

यग ु � यग ु �से ह� ये प्रच�, �व� प्र�तक ह� हमार|

हर जाती धम�म� आदरणीय, �व�जन� को है वो प्यारां| ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

सत्य शीव सुंदर ह� स्विस, प्रभु प्र�तक ह� न्य|

पण ु ्य प�वत्र अ�वचल है स्व, स��संधक ु � है वो धारां | ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

विृ ध्ध वैभव �वकाश है स्विस, जीवन आधार ह� वो हमारा | सख ु शां�त संमिृ ध्ध है स्विस, मौ�का मागर् है वो हमारा| ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

शां�त प्रेम सहचार है स्वि, एकताका यंत्र है हमार|

�व�शां�तका महामंत्र ह� स्वि, �व�दत ू है ये हमारां | ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

मानवताका महार� ह� स्विस्, सभ्यताका ह� वो ह�रा|

संस्कृ�तका महामोती ह� स्विस, अमल ु ्य प्र�तक है हमार| ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्व

आयर्भू�मका गौरव ह�स्विस्, आय�क� �कत�का ह� वो महातारा |

आयर्जन�का पूज�नय है स्विस, हर� ॐ स्विस्तकका है हमारां नार| ....आयर् धमर्का प्र�तक है स्वि


आरती �किजये श्री स्विस्

आरती �किजये श्री स्विस्, आरती �किजये पावन ये प्र�तकक| दःु खहार� भीड भंजनकार�क�, सख ु कार� महा मंगलकार�क� | ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तक जपको जप, धमर् कमर्म� महा उन्न�त पा| आ�ध व्या�ध कभी धरम� न आव, रोग क�को दरू हठाय� | ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तकके गुण गा, धन धान्य वैभवको पव� |

सख ु संप�� और शिन्त पाव, बल बिु ध्ध और श�� वो पाव�| ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तक नामको रट, भत ू प्रेत कभी पांस न आव| हर पल कुद्र��से बचा, �पचाश चुडेलको दरू भगाय� | ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तककभ��से भजल�, आप��-�वप�� कभी नह�ं आय� | संकट �वकट कभी द्वार न आ, अकस्मातसे तुम्ह� वो ह� बचाय| ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तक पर ध्यान लग, विृ ध्ध �वकाश समृिध्ध पाव|

�वनय �ववेक स�ु वचार मनम� लाव� , आध्यित्मकताको िजवनम�हराय� | ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तक शरणमे आ, स्विस्तक कृपासे स कुछ पाय� | मनवां�छत वो फलको पाय�, पण ु ्य प�वत्र पावन हो जा| ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तक पाठको पढ, तन मन ध्यानसे पुष्प चढाय| �कत� मान महा प्र�त�ाको पा, जगम� नाम सवर्महान बनाय�| ....आरती �किजये श्री स्विस्

जो जन स्विस्तकक� आरती गा, ईस भवम� परमानंदको पाव� | धमर् कमर्म� उन्न�त प , ईस िजवनम� ह� मो�को पाव� |

....आरती �किजये


स्विस्तक तुम्ह� शत शत स्विस्ततम ु ्ह� शत शत नम, स्विस्तक जपुं म� हर जन|

अपर्ण तुम्ह� करुं म� श्रध्ध, तेरे नामक� लागी ह� लगन | ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो ह� मेर� आस, स्विस्तक तो ह� मेर� आराधन| स्विस्तक तो ह� मेरसाधना, स्विस्तक तो ह� मेर� तप�य | ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो ह� मेर� महापू, स्विस्तक तो ह� मेर� अचर्| स्विस्तक तो ह� मेर� प्रा, स्विस्तक तो ह� मेर� संध्| ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो ह� मेर� भाव, स्विस्तक तो ह� मेर� मनोकामन| स्विस्ततो ह� मेर� यात्, स्विस्तक तो ह� मेर� पर�क्| ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो ह� भ�� मे, स्विस्तक तो ह� श�� मेर|

स्विस्तक तो ह� आत्मा म, स्विस्तक तो ह� ये देह मेर| ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो ह� मेरे देव, स्विस्तक तो ह� मेरमातक ृ ा |

स्विस्तक तो ह� मेरे सव��, स्विस्तक बीना ना है कोइ दुज| ....स्विस्तक तुम्ह� शत शत

स्विस्तक तो मेरा प्रा, स्विस्तक तो मेरा �ांस ह| स्विस्तक तो है मेरा िज, अपर्ण करुं मै तेरे शर| ....स्विस्तक तुम्शत शत नमन


भजलो भावसे श्री स्विस् भजलो भावसे श्री स्विस्, भजलो परम ये पण ु ्य प्र�तक| प्रेमसे श्री स्विस्तकको, परमे�रके शभ ु नामको रटलो | ....भावसे श्री स्विस्तकको ,

स्विस्तक तो ह� प्रथम पू, स्विस्तकतो है गणनाय|

स्विस्तक तहै श्री महा गणेश, �वघ्न हरता ह� वो �वनायक| ....भावसे श्री स्विस्तकको

स्विस्तक तो है महा सुखका, स्विस्तकतो है हर दुःखहार|

स्नेहसे जो स्मरणकर� स्विस्, क� रोग सब हो जाय� सारा | ....भावसे श्री स्विस्तकको

स्विस्तक तो है महा भग्य�वध, स्विस्तकतो है महा अ�भलाष| जो कोई ध्यान धरे स्विस्त, सख ु शां�त संप�� पामे भडवीरा| ....भावसे श्री स्विस्तकको

स्विस्तक तो है महा शुभकल्य, स्विस्तकतो है महा मंगलकार| स्विस्तकको भजले जो नरना, दरू भागे आप��-�वप�� सार� | ....भावसे श्रस्विस्तकको भज

स्विस्तक तो है महा �वघ्न�वन, स्विस्तकतो है महा पुण्यका| जो ले मागर् स्विस्तकके शर, दःु ख द�रद्र पीडा मीटे उन्ह�ं| ....भावसे श्री स्विस्तकको

स्विस्तक तो है आयर् धमर्क� , स्विस्तकतो है �व��वधात|

स्विस्तक तो ह� शां�जपमाला, जपले जपले हर �दन तुं सारा | ....भावसे श्री स्विस्तकको


....जय स्विस्तकम् जय स्विस ् जय स्विस्तकम् जय स्विस ्त, जय जय हो जय जय स्विस्तकम| जय स्विस्तकम् जय स्विस ्त, सव� भवन्तु सदा मंगलम्| ....जय स्विस्तकम् जस्विस्तक

तम ु श��का संचार हो, तम ु भ��का भंडार हो |

तेरे शरणम� आय� जो, उनका सदा कल्याण हो| ....जय स्विस्तकम् जय स्विस ्

तम ु �ानक� महा गंगा हो, तम ु समजके महा समद ु ्र ह| तेरे चरणम� कर� जो नमन, उनक सदा अहोभाग्य हो| ....जय स्विस्तकम् जस्विस्तक

तम ु �वघ्न�के �वनाशी ह, तम ु संकट�के �नवार� हो |

तेरे नामको भजल� भी जो, उनके क��का सवर्नाश हो| ....जय स्विस्तकम् जय स्विस ्

शभ ु -लाभके तो तम ु प्र�तक , सख ु शां�तक� तम ु स��सन्धु हो| तेरे प्र�तकको कोई पूजल� , उनके दःु ख�का हम� शा समन हो | ....जय स्विस्तकम् जय स्विस ्

तम ु �रिध्-�सिध्धके दानी ह, तम ु स्वस्थ्यके आयुव�द |

तेरे नामको ध्यानसे रटले ज, घरम� उनके सदा ल�मीका वास हो | ....जय स्विस्तकम् जय स्विस ्

तम ु ह� तो महा श्री यंत्, तम ु ह� तो महा ॐकार हो | तेरे पद�म� पषु ्प चढाय� ज, पाय� अवश्य महा मौ� वो| ....जय स्विस्तकम् जय स्विस ्


जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो जय हो, स्विस्तक प्र�तकक� जय| जय हो जय हो जय हो, आयर् धमर्क� जय ह|

आयर् धमर्के अ�वचल �चन्, जय जय जय जय जय हो | ....जय हो जय हो जय हो

यग ु � यग ु ोसे सवर्व्यापी , स्विस्तकका सव ह� सन्मान।

कई धम� और संस्कृ�तओम, प्रथम रहा है तुम्हारा स्| ....जय हो जय हो जय हो

�शव ्-शंकरक� प्रचंड श�� हो त, ब्र�ाजीका हो तुम वरदा|

�वष्णुदेवका�वनाशक चक्र हो त, श् स्विस्तक है तेरा ना| ....जय हो जय हो जय हो

सय र , ईन्द्वके हो वज्र सन | ु ्देवके �तमीर तेज हो तु

श्रीगणेशके श-लाभ स्वरुप त, करते हो सवर्का कल्या| ....जय हो जय हो जय हो

महाबुध्धके शां�त मंत्र , महावीरके अ�हंसा �ोत्र समा|

अषोक� अनक ु ं पा हो तम ु , गर ु ुगो�बंदक� धमर् सुर�ा सन्म| ....जय हो जय हो जय हो

आयर्धमर्के गौरव हो त, आयर्जन�क�तम ु हो प्रा|

आयर्वतर्के धमर्ध्वज हो, श् स्विस्तक तो ह� �व� मह | ....जय हो जय हो जय हो


स्विस् भजो स्विस् भजो स्विस् भजो स्विस् भजो, तन मनसे सब स्विस् भजो |

स्विस् भजो स्विस् भजो, सख ु शां�त पाने स्विस् भजो | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो महा मंत ह�, स्विस् ह� तो महा यंत ह� |

स्विस् ह� तो महा योग ह�, स्विस् ह� तो महा ध्या ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो महा य� ह�, स्विस् ह� तो महा पाठ ह� |

स्विस् ह� तो महा पज ु ा ह�, स्विस् ह� तो महा सत् ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो महा सत ु ह�, स्विस् ह� तो महा श� ु ह� |

स्विस् ह� तो वद े �ान ह�, स्विस् ह� तो गीता �ान ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो महा ब� ह�, स्विस् ह� तो महा �वष्ण ह� | स्विस् ह� तो महा शीव ह�, स्विस् ह� तो महा दे व ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो सरस्वत मात ह�, स्विस् ह� तो महाल�मी ह� | स्विस् ह� तो मां गौर� ह�, स्विस् ह� तो महा श�� ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो महा श� ह�, स्विस् ह� तो महा अ� ह� |

स्विस् ह� तो खडग वज ह�, स्विस् ह� तो �त्रश बाण ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो मंगलकार� ह�, स्विस् ह� तो कल्याण ह� | स्विस् ह� तो सख ु कार� ह�, स्विस् ह� तो शभ ु कार� ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो भाग्यदाय ह�, स्विस् ह� तो लाभदायी ह� |


स्विस् ह� तो करुणादाय ह�, स्विस् ह� तो फलदायी ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो वैभवका नाम ह�, स्विस् ह� तो आध्यत्म धमर ह� | स्विस् ह� तो भाग्यक काम ह�, स्विस् ह� तो मौ�का मागर ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो

स्विस् ह� तो सव��म प्र� ह�, स्विस् ह� तो सवर्श��मा ह� | स्विस् ह� तो सवर्सगु ह�, स्विस् ह� तो सवर्महा ह� | ....स्विस् भजो स्विस् भजो


भज स्विस्तक भज स्विस्तक भज स्विस्तक , भजले तुं प्यार श् स्विस्तक | भज श् गणेशम ् भज श् गणेशम ् , भजले तुं प्यार श् गणेशम ् | ....भज स्विस्तक

सुख समिृ ध् शां�तको पाने, मन वांछ�त सवर फलको पाने |

धन धान् सम्प��क पाने, सन्मा सौभाग् महापदको पाने | ....भज स्विस्तक

दख ु द�रद को दरू भगाने, आप�� �वप�� को दरू हठाने |

आ�ध व्या� को दरू भगाने, संकट क� को मूलसे मीटाने | ....भज स्विस्तक

भत ू प्रेत प्रकोप बचने, द� ु �के हर दमनसे बचने |

शत्रुओं अ�भश्राप बचने, सवर्�नवार कवचको पाने | ....भज स्विस्तक

मोह माया ममता को भगाने, स्ने प्रेम और बढाने | संबंधी �मत्र� सदभाव बढाने, िजवनम� अमत ृ बरसाने | ....भज स्विस्तक

जीवनम� आध्यित्मकतको लाने, जीवनको पावन प�वत बनाने | सत �चत आनंदको पाने, जीवनम� परमानन्दक लाने | ....भज स्विस्तक

प्रभु चरण शरणम� जाने, प्रभु परम प्रेम त्वर�तपाने |

मु��के महा मागर पर जाने , ईस भवम� परम मो�को पाने | ....भज स्विस्तक


जय स्विस्तक जय स्विस्तक जय स्विस्तक जय स्विस्तक, सत्यम �शवम ् अती सद ुं रम ् |

जय स्विस्तक जय स्विस्तक, करते ह� शत नमन स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

श् ब्र �वष्ण महेशम�, तम ु ह� तो हो ई�र स्विस्तक | हर नार� देवीके रुपम, तम ु ह� तो हो श�� स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर वाणी �लपी और शब्दम, तम ु ह� तो हो अ�र स्विस्तक | हर गीत लय और संगीतम�, तम ु ह� तो हो स्व स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर तंत मंत और यंत्र, तम ु ह� तो हो श्रध स्विस्तक |

हर भ�� पज ु ा समाधीम�, तम ु ह� तो हो आस्थ स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर लोकम� हर कालम� , तम ु ह� तो हो सवर् स्विस्तक |

हर आयर धमर्क संस्कार�म, तम ु ह� तो हो प्र स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर धमर कमर और कामम�, तम ु ह� तो हो कतार स्विस्तक | हर वनस्प� हर जीवम� , तम ु ह� तो हो प्र स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर शा� वेद परु ाणम�, तम ु ह� तो हो �ान स्विस्तक |

हर धमर संस्कृ� और देशम�, तम ु ह� तो हो पावन स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक

हर क� दःु ख और द�रद्र, तम ु ह� तो हो सहायक स्विस्तक | हर पल घडी हर �दनम�, तम ु ह� तो हो शां�तदायकम ् | जय स्विस्तक जय स्विस्तक


मंगलम ् कतार स्विस्

मंगलम ् कतार स्विस्, लाभम ् कतार स्विस्त | शभ ु म ् कतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः | दःु खम ् हतार स्विस्, क�म ् हतार स्विस्त |

संकटम ् हतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः | पीडाम ् हतार स्विस्, व्या�धम हतार स्विस्त |

उपा�धम ् हतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः | प� ू ीम ् कतार स्विस्, पापम ् हतार स्विस्त |

त� ु ीम ् कतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः | संत�तम ् अ�पर्त स्विस्, �वघ्नम हतार स्विस्त | वैभवम ् कतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः |

धनम ् अ�पर्त स्विस्, धान्यम अ�पर्त स्विस्त | सख ु म ् अ�पर्त स्विस्, स्विस्तक नमो नमः |

�रिध्धम अ�पर्त स्विस्, �सिध्धम अ�पर्त स्विस्त | �वद्या अ�पर्त स्विस्, स्विस्तक नमो नमः |

कल्याणम कतार स्विस्, आरोग्यम कतार स्विस्त | सौभाग्यम कतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः | श��म ् अ�पर्त स्विस्, भयम ् हतार स्विस्त | �वजयम ् कतार स्विस्, स्विस्तक नमो नमः |

आध्याित्म क कतार स्विस्, शां�तम ् कतार स्विस्त | मौ�म ् अ�पर्त स्विस्, स्विस्तक नमो नमः |


जय जय जय बोलो स्विसकायम ् ॐ नमो आयर्धमार्य , ॐ नमो आयर्देवायम |

ॐ नमो अयर्ग्रंथा , ॐ नमो श् स्विसकायम ् | ॐ नमो अयरप्र�तयम ् , ॐ नमो श् गणेशायम ् |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् |

जय जय बोलो चमत्कार� रूपम ् , हर हर बोलो र�वणार्यम ् | ॐ नमो त्रीदेवाय , ॐ नमो चतव ु �दायम ् |

ॐ नमो श्कृष्णायम , ॐ नमो श् गीतायम ् |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् | ॐ नमो जरथो�ीधमार्यम , ॐ नमो अहूरमझदायम ् | ॐ नमो अषोजरथ� ु ायम ् , ॐ नमो श् अवेस्तायम |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् | ॐ नमो अ�रहं ताणम ् , ॐ नमो जैनध मारयम ् |

ॐ नमो महावीरदेवायम ् , ॐ नमो अगमसत्र ु म् |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् | ॐ नमो बो�धसत्वाम ् , ॐ नमो अनक ु म्पयम ् | ॐ नमो बध ु ्धदेवायम , ॐ नमो धम्मपादाय |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् | ॐ नमो श् शीखधमार्यम , ॐ नमो श् गर ु ुननकायम ् | ॐ नमो दशगर ु ुदेवायम , ॐ नमो

श् गर ु ुग्रन्थ |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् |

जय बोलो श् जरथो�ीधमार्यम , जय बोलो श् जैनधमार्यम, | जय बोलो श् बौधधमार्यम , जय बोलो श् शीखधमार्यम |

जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् |

जय बोलो सवर आयर्धमार्य , जय बोलो श् सनातनधमार्यम | जय बोलो महा �व�धमार्यम , जय बोलो श् वे�दकधमार्यम | जय जय बोलो स्विसकायम ् , हर हर बोलो चतभ ु ज ुर ायम ् |


स्विस् परम परमे�र रु है …. स्विस् परम परमे�र रु है , स्विस् परम परमे�र� रु ह� |

अती पावन प�वत ये स्वर है , अती अदभत ु ये प्र प्र� ह� | ....स्विस् परम परमे�र रप है

परम शभ ु प्र� स्विस् ह�, परम लाभ प्र� स्विस् है |

परम मंगल प्र� स्विस् ह�, परम कल्यणी प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है

परम �रिध् प्र� स्विस् ह�, परम �सिध् प्र� स्विस् ह� | परम �कत� प्र� स्विस् ह�, परम �वजय प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है

परम श�� प्र� स्विस् ह�, परम भ�� प्र� स्विस् ह� | परम म�ु � प्र� स्विस् ह�, परम मौ� प्र� स्विस् ह� | .... स्विस् परम परमे�र रु है

परम आनंद प्र� स्विस् ह�, परम सख ु प्र� स्विस् ह� | परम प्र प्र� स्विस् ह�, परम शां�त प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है

परम आयर प्र� स्विस् ह�, परम धमर प्र� स्विस् ह� |

परम कमर प्र� स्विस् ह�, परम मानव प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है

परम योग प्र� स्विस् ह�, परम तप प्र� स्विस् ह� |

परम ध्या प्र� स्विस् ह�, परम �ान प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है

परम सत् प्र� स्विस् ह�, परम �दव् प्र� स्विस् ह� |

परम भौ�तक प्र� स्विस् ह�, परमाध्यित् प्र� स्विस् ह� | ....स्विस् परम परमे�र रु है


स्विस् भजो स्विस् स्मर…. स्विस् भजो स्विस् स्मर, स्विस् रटो स्विस् जपो |

स्विस् पज ु ो स्विस् वंदो, ह�र ॐ श् स्विस् नमो नमो | ....स्विस् भजो स्विस्

तम ु �ानका महाकोष हो, श् सरस्वतीक �वद्याद तम ु |

तम ु वैभव�का महाभंडार हो, श् महाल�मीका धनदान तम ु | ....स्विस् भजो स्विस्

तम ु श��का महासंचार हो, श् मां पावर्तीक वरदान तम ु | तम ु मातश ु | ृ ��का प्रम हो, श् दे वीओंका स्वर तम ....स्विस् भजो स्विस्

तम ु ब्र�ांड महाब् हो, परमब्र�ा शभ ु ा�शष तम ु | तम ु वैकंु ठके महा�वष्ण हो, श् �वष्णुक वरदान तम ु | ....स्विस् भजो स्विस्

तम ु शीवलोकके महादेव हो, श् शंकरके आ्�शवार् तम ु |

तम ु शभ ु लाभके श् गणेश हो, सवर देवदे वीके स्वर तम ु | ....स्विस् भजो स्विस्

तम ं ी तम ु ह� तो मेरे जन्मदात हो, बन्ध सखा और संबध ु | तम ु ह� तो मेरे अंतयार्म हो, सवर्स ह� तो मेरे हो तम ु | ....स्विस् भजो स्विस्


जय स्विस्तक जय स्विस्तक जय स्विस्तक जय स्विस्तक, जय जय जय हो स्विस्तक | जय स्विस्तक जय स्विस्तक, जय जय जय हो स्विस्तक | ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

आद� अनाद� कालस,े प्रच� प्र� तरे ा नाम ह� |

हर संस्कृ�तम तरे ा सन्मा ह�, तरे ा �व�व्याप नाम ह� | ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

जापानम� तझ ु े मांजी कहे, चीनम� वांग तरे ा नाम ह� |

�ब्रटन तझ ु े फायलफोट कहे, जमर्नीम हकेनकृएझ तरे ा नाम ह� | ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

ग्रीस तझ ु े गेम्माडीयो कहे, आईसल�डम� हाकाक्र तेरा नाम ह� | लेट�नम� तझ ु े कृ�गम्माट कहे, िस्वडनम हक्को तरे ा नाम ह� | ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

�फनल�डम� तझ ु े हकार�स्त कहे, नोव�म� हकेकोसर तरे ा नाम ह� |

ईटल�म� तझ ु े क्रो उिन्सनाट कहे,रुमा�नयाम कृईस इन्का�लर्गा तरे ा नाम ह�| ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

लत्वीयाम तझ ु े पक�कृस्ट कहे, डेन्माकर् हेकेनक्रुइ तरे ा नाम ह� | तीबेटम� तझ ंु ड्र कहे, के ल्ट�क् �ब्रजी क्र तेरा नाम ह� | ु े यग ....जय स्विस्तक जय स्विस्तक

[MANJI], [WANG], [FYLFOT], [ HAKENKRUEZ], [GAMMADION] , [HAKAKROSS], [KRUXGAMMATA], [HAKKOR], [HAKARISTI], [HAKEKORS], [CROSE UNCINATA], [CRUCE INCARLIGATA],

[PERKONKRUSTS], [HEKENKRUIX], [YUNG DRUNG], [BRIGIT'S CROSS]


भजले भजले भजले मनवा तंु भजले भजले भजले मनवा त,ुं भजले रे स्विस् नाम | भजले भजले भजले मनवा त,ुं करनेको आत्मकल्य | भजले भजले भजले मनवा तुं

दःु ख द�रद्र िजवनसे भगान�, आप�ी �वप�ीको मल ू से हठान� | ददर संकटको दरू भगान�, क�ाआ�ध-व्या�धक �नम्लस हठान� | ूर भजले भजले भजले मनवा तुं

धन �वद् और �ानको पाने, मान सन्मा महापदको पाने | �कत� प्रशं अगत्यताक पान�, जगम� परु े बहुनाम कमान�, भजले भजले भजले मनवा तंु सख ु शां�त संततीको पान�, भोग �वलास वैभवको पान� |

�रिध् �सिध् विृ ध्धक पान�, तन मनको सस ु ्वस बनान� | भजले भजले भजले मनवा तंु

आध्यत् ये िजवनको बनान�, प्रभु परम शरणम� जाने | योग �ान भ��से प्रभु पान�, अंतम� म�ु � धामको जान� | भजले भजले भजले मनवा तंु

स्विस् �ोक नमः ब्र रुपा, �वष्ण रुपा नमो नमः | नमः महेश रुपा, सव�देवो नमो स्तुत |

नमः सरस्वत रुपा, ल�मी रुपा नमो नमः | नमः पावर्त रुपा, सव�देवी नमो नमः |

नमः स्विस् प्र�तक, परमे�र रुपा नमो नमः | नमः श् श�� रुपा, स्विस् �चन्हा नमो नमः |


वर दो वर दो वर दो हे स्विस् वर दो वर दो वर दो हे स्विस्, हमको शभ ु मंगल वर दो |

भर दो भर दो भर दो हे स्विस्, हमार� खाल� झोल� भर दो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

क� हरो ददर दरू करो तम ु , �वघ्न�क �वनाश करो तम ु |

�वप�ी आप�ीको मल ू से �मटाके , हर संकट को हर लो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

दःु ख द�रद्र दरू करो तम ु , हर बंधनसे म� ु करो तम ु | धन सम्प� सख ु शां�त देके , हम� धन् धन् कर दो| वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

�वषय �वकारको न� करो तम ु , द�ु वर्चा से दरू रखो तम ु | आ�धव्या�धक तनमनसे �मटाके , सस ु ्वस हम� कर दो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

मोह मायासे म� ु करो तम ु , छल कपटसे �वर� करो तम ु | लोभ लालच लंपटतासे बचाक�, हम� शध ु ् पावन करदो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

पाप प्रपंच हम� म� ु करो तम ु , �हंसा असत्यस हम� दरू रखो तम ु | कुकम�से सदा हम� बचाके , हम� पावन प�वत्कर दो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्

क्र �तरस्कारक शमन करो तम ु , भोग �वलाशसे हम� म� ु करो तम ु | आध्यित्मकता मागर �दखाके , सवर शभ ु म ् मंगलम ् कर दो | वर दो वर दो वर दो हे स्विस्


मंगलम ् श् मंगलम ् मंगलम ् श् मंगलम ् , सव� भवन्त श्रमंगलम ् |

स्विस्तक श् स्विस्तक , सव� कृतवन्त श्रमंगलम ् | मंगलम ् श् मंगलम ्

दःु खम ् हरोती सव� जनाम ् , �वघ्नम हरोती हर �दनम ् |

शांतम ् करोती सव� जीवम ् , कल्याणम करोती हर पलम ् | मंगलम ् श् मंगलम ्

पापम ् हरोती सव� पापीनाम ् , म�ु �म ् प्रदा हर बंधीताम ् | शांतम ् करोती सव� जीवम ् , शभ ु म ् करोती हर कायर्कम | मंगलम ् श् मंगलम ्

सख ु म ् करोती साधुनाम ् , संकटम ् �नवारयती सद्नम ् |

द�रद्र हरती साधकम ् , भयम ् �नवारयती भ�भा�वकम ् | मंगलम ् श् मंगलम ्

मक ु ं म ् करोती वाचालम ् , पंगम ु ् लंघ यते गीर�म ् |

ध्यान धरती जो जनम ्, प्प्यतम आरोग् ऐ�यर्म | मंगलम ् श् मंगलम ्

श��म ् प्रदान �नबर्लम , शौयर्म सम�पर्तत वीरजनम ् | र�णं करोती साधन र नाम ु ाम ् , �वनाशम ् करोती सव� दज ु ्

|

मंगलम ् श् मंगलम ्

श् स्विस्तक शभ ु आ�शषम ् , लाभम ् भवन्त सव�जनाम ् |

परमानंदम ् प्राप् सव� जनाम ् , मौ�म ् प्राप् सव� जीवम ् | मंगलम ् श् मंगलम ्


स्विस् नमन

स्विस् नमन स्विस् नमन, महाश�� स्वरुप शत शत नमन |

श् श�� नमन श् श�� नमन, मां आराध् श��को शत शत नमन | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु पावर्तीक प्र हो, तम ु काल�काका क्र हो |

तम ु गौर�के गण ु गान हो, तम ु अम्बीकाक अंग हो | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु ल�मीका वैभव जो हो, तम ु वैष्णवीक वरदान हो | तम ु धनधान्यक भंडार हो, तम ु अ�ल�मीका रु हो | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु सरस्वतीक महा�ान हो, तम ु शरदाक� शभ ु वाणी हो | तम ु वेद�का महामंत हो, तम ु ब्र�ाणी स्वर हो | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु �व�क� जगजननी हो, तम ु स� ृ ीके सजर्नहा हो | तम ु श��के महाश� हो, तम ु भ��के महाभाव हो | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु ह� तो दग ु ार भवानी हो, तम ु ह� तो �रिध् �सिध् हो | तम ंु ा दे वी हो, तम ु ह� तो चमड ु ह� तो महाभद्रका हो | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु तंत मंत और यंत हो, तम ु ह� तो हो अधर्नारे�र |

तम ु ह� तो गायत् मात हो, तम ु ह� तो हो मां भव ु ने�र� | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु ह� तो दश महा�वद् हो, तम ु ह� तो हो त्रीपुरासुंद |

तम ु ह� तो पंद् �नत्य हो, तम ु ह� तो हो चौशठ योगीनी | स्विस् नमन स्विस् नमन

तम ु ह� तो नवदग ु ार मात हो, तम ु स�मातक ृ ाका स्वर हो |

तम ु ह� तो सवर्श��मा हो, तम ु ह� तो स्विस् स्वर हो | …स्विस्


ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तंु ले ले ले ले ले ले रे सत्संग त,ुं ले ले रे श् स्विस् नाम |

ले ले ले ले ले ले रे सद भागी त,ुं ले ले रे शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं

स्विस् नाम ह� आयर धम�का, स्विस् नाम ह� वेद गीताका | हर हर महादे वक� गजर्न करके , ले ले तुं शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं

स्विस् नाम ह� श् अषोजरथ� े ्त गाथाका | ु का, स्विस् नाम ह� अवस अहूर मझदा जय जय हो करके , ले ले तुं शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं

स्विस् नाम ह� श् महावीरजीका, स्विस् नाम है जैनसत्र� | ु

ॐ नमो अ�रहं ताणम ् मंत उच्चारत, ले ले तुं मंगल स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तंु

स्विस् नाम ह� श् महाबध ु ्धक, स्विस् नाम ह� धम्मपादक | धम्म शरणं गच्छाम बोलके , ले ले तुं शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तंु

स्विस् नाम ह� श् वाहे गर ु ुजीक, स्विस् नाम है गर ु ुग्रंथसा�ह | सत ् श् अकालक� गज ंु लगाके , ले ले तंु शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं

स्विस् नाम ह� श् आद� शंकरका, स्विस् नाम है महा भाष्य�क | शीवो अहम ् के महामंत्र रटके , ले ले तंु शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं

स्विस् प्र� ह� आयर्संस्कृती, स्विस् �चन् ह� आयर संप्रदाय� | आयर्धम�म एकता �मलनको लाके , भजले तुं शभ ु स्विस् नाम | ले ले ले ले ले ले रे सत्संग तुं


सत्यम शीवम ् अ�त संुदरम ्

सत्यम शीवम ् अ�त सद ंु रम ् , जय जय हो जय जय जय स्विस्तक | कृण्वंत आयर्म �व�कम ् , जय जय हो जय जय जय स्विस्तक, | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

सव� भवंतु मंगलम ्, सव� भवंतु शभ ु म् |

सव� भवंतु कल्याणम, सव� भवंतु सख ु ीम ् | ....सत्यम शीवम ्, सद ुं रम ्

सव� भवंतु पावनम ्, सव� भवंतु प�वत्र |

सव� भवंतु शद ु ्धोम ्, सव� भवंतु पण ु ्दायकम ् | ....सत्यम शीवम ् सद ंु रम ्

सव� भवंतु संत� ु म ् , सव� भवंतु शांतम ् |

सव� भवंतु ऐक्यम,, सव� भवंतु समानम ् | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

सव� भवंतु आरोग्यम, सव� भवंतु ऐ�यर्म | सव� भवंतु वैभवम ्, सव� भवंतु �नरमयाम ् | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

सव� भवंतु सदभावम ्, सव� भवंतु सदगण ु म् |

सव� भवंतु सदाचार�म ् , सव� भवंतु सदव्यवहारम | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

सव� भवंतु सहभागीम ्, सव� भवंतु सहयोगीनम ् |

सव� भवंतु सहचार�णम ् , सव� भवंतु सहकमरणीम ् | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

सव� करोती उज्वलम, सव� करोती अदभत ू म् |

सव� करोती अलौ�ककम ्, सव� करोती शश ु ो�भतम ् | ....सत्यम शीवम ् सद ुं रम ्

स्विस्तक जय स्विस्तक, सवर्म करोती स्विस कम ् |

जय जय हो जय जय स्विस्तक, सव� भवन्त सख ु ीनाम ् ....सत्यम शीवम ्


Swastika Symbol Symbol symbol symbol. Swastika is the greatest symbol. Symbol symbol symbol. Swastika is the universal symbol. You are the saviour. you are the protector. You are the Mightiest of all. …..symbol You are the oldest. You are an ancient. You are world’s number one symbol. ..…Symbol You are a beautiful. You are an adorable. You are the most loving symbol. ..…Symbol You are a darling. You are a charming. You are the most magnificent symbol. ..…Symbol You are a good luck. You are an auspicious. You are the most humble symbol. ..…Symbol You are compassionate. You are humane. You are the kindest of all symbol. ..…Symbol You are sympathetic. You are merciful. You are the most caring of all. ..…Symbol You are amazing. You are wonderful. You are the most miraculous symbol. …..symbol You are pious. You are holy. You are the most divine symbol. …..symbol


Sign Sign Sign Sign Sign Sign. Swastika is the greatest sign. Sign Sign Sign. Swastika is a wonderful sign. You are a lucky charm. You never do any harm. You are a wellbeing sign. ….. Sign Sign Sign. You are a sacred. You are a divine. You are the most holy sign. ….. Sign Sign Sign. You are a loving. You are a caring. You are not a hatred sign. ….. Sign Sign Sign. You are wonderful. You are considerate. You are not a horrible sign. ….. Sign Sign Sign. You are very kind. You are merciful. You are not a murderous sign. ….. Sign Sign Sign. You are a friendly. You are a compassionate. You are not a racist sign. You are a religious sign. You are revered sign. You are not at all Nazi sign. .….. Sign Sign Sign. You are transcendental. You are a mystique. You are the all mighty sign. ….. Sign Sign Sign.


Mine Mine Mine Mine Mine Mine. Swastika symbol is mine. Mine Mine Mine. Swastika is a lovely sign. It is a good luck sign. It is a wellbeing sign. It is all auspicious sign. ……. Mine Mine Mine It is a compassion sign. It is an emotional sign. It is not a hateful sign. ……. Mine Mine Mine It is a friendly sign. It is a kind sign. It is not at all racist sign. ……. Mine Mine Mine It is a humble sign. It is a humane sign. It is a peaceful sign. ……. Mine Mine Mine It is a blissful sign. It is a blessing sign. It is a transcendental sign. ……. Mine Mine Mine It is a sacred sign. It is a divine sign. It is all Godly sign. ……. Mine Mine Mine Don’t you ever hate it. Don’t you ever curse it. Don’t you ever abuse this sign. ……. Mine Mine Mine


Divine Divine Divine Divine Divine Divine, Swastika is mine, Never you hate him, never you blame him. Swastika is a Good Luck Sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is charming, Swastika is a beautiful. Swastika is only universal sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is lovely, Swastika is adorable. Swastika is a gentle sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is calm, Swastika is compassionate, Swastika is a peaceful sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is respectful, Swastika is feelingful, Swastika is the cool sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is holy sign, Swastika is divine sign, Swastika is an auspicious sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is sacred, Swastika is holy, Swastika is a spiritual sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is all powerful, Swastika is all wonderful, Swastika is almighty sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine. Swastika is the Goddess, Swastika is the God, Swastika is the Supreme Lord’s sign. .............Divine Divine Divine, Swastika is mine.


I am a gentle Swastika I am a gentle Swastika, I haven’t done anything wrong. Whatever sins Hitler did in war, I have nothing to do with them at all. I am a gentle Swastika I am a symbol of love and life, I have no distinction of Black and White. I am a symbol of Peace and Progress. I never preach any racial hatred. I am a gentle Swastika I am a symbol of Good Luck and Light, I have the wellbeing of all at my sight. I am so Friendley and very Kind, The Magnificent sign like me you’ll never find. I am a gentle Swastika I am Divine and Sacred sign, I am on the Temples and in the Churches. I am in the Mosques and in the Sinagogues, I am on the Pagoda and in the Caves. I am a gentle Swastika I am Auspicious and Holy Emblem, All the cultures Respect me Very Well. All the humans worship me as God, I am the Pretty and Lovely for them all I am a gentle Swastika I have no limit of East and West, I have no restriction of North and South. I have no boundries in the Whole World, I am the only Shining Sun of This World. I am a gentle Swastika I am the only Universal symbol of the World, All the religions Revered me Very Well, I was I am and I will be there for Peace, Bestowing the Blessings to all Mankind. I am a gentle Swastika


Swastika is the symbol of Swastika is the symbol of good and well, Whoever hates Him will go to Hell. …..Swastika is the symbol Swastika is the bestower of Health and wealth, Whoever worships Him will never go to Hell. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Love and God, Whoever respects Him will get them all. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of compassion and peace, Whoever prays Him will become so sweet. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Holiness and Bliss, Whoever comes to Him will become divine.. …Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Sacredness and Purity, Whoever meditates on Him will get Heaven’s Rich. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Life and Light, Whoever reveres Him will become very Bright. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Good Luck and Wellbeing, Whoever adores Him will get His Blessings. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Prosperity and Power, Whoever submits to Him will become very Strong. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of all Human Race, Swastika would never ever discriminate. …..Swastika is the symbol Swastika is the symbol of Protection and Perfection, Whoever takes refuge under Him will be saved. …..Swastika is the symbol Whoever abuses Swastika commits a Big Sin, Those will be punished by very cruel means. …..Swastika is the symbol


Swastika is all Mine. Mine.. Mine.. Mine.. Mine… Swastika is all Mine. I do Love Him I do adore Him. Swastika is all Mine. It is my darling. It’s all inspiring. It’s a Lovely Sign. Mine… It’s a sacred. It is divine. It’s a very very holy Sign. Mine…. It’s an auspicious. It is religious. It’s a Godly Sign. Mine…. It’s all compassionate. It is so kind. It’s a welfare Sign. Mine…. It’s a humble. It’s all caring. It’s a Peaceful Sign. Mine…. It’s a good luck. It’s all well wishing, It’s the wonderful Sign. Mine… It’s a magical. It’s a destiny, It’s the wellbeing Sign. Mine… It’s all mystic. It’s all transcedent. It’s the blissful Sign. Mine… It’s almighty. It’s all powerful. It’s the Saviour Sign. Mine…. Don’t you hate Him. Don’t you curse Him. Don’t you ever blame this Sign. Mine… Remember It’s an ancient Sign. Remember It’s an universal Sign. Remember It’s a friendly Sign. Remember It’s the Greatest Sign. Mine….


Swastika Song I am singing a Swastika song.[3] Don’t be hateful. Don’t be horrified. Just listen to what I sing. ……. I am Swastika isn’t a Barbaric sign. Swastika is neither a Wicked sign. It’s very Holy and a Sacred sign.

……. I am

Swastika isn’t a Brutal sign. Swastika is neither an Evil sign. It’s an Auspicious and divine sign.

……. I am

Swastika isn’t a hateful sign. Swastika is neither a racist sign. It’s a friendly and lovely sign.

……. I am

Swastika isn’t a Destructive sign. Swastika is neither a murderous sign. It’s a godly and a Blissful sign. ……. I am Swastika is a Good Luck sign. Swastika is a wellbeing sign. It’s welfare and a humane sign.

……. I am

Swastika is a gentle sign. Swastika is a humle sign. It’s all compassionate and kind sign. ….. I am Swastika is a Good Health sign. Swastika is a sympathetic sign. It’s all Powerful and Peaceful sign. I am singing a Swastika song.[3]


SWASTIKA

Swastika is an ancient ARYA SYMBOL which means it’s the noblest people’s Symbol. Swastika is not originally a Nazi Symbol. Swastika is an ancient Vedic Arya Symbol. Swastika had nothing to do with Nazi Clan. It had nothing to with Adolf Hitler’s men. Swastika had nothing to do with the holocaust. Don’t you blame innocent Swastika for the holocaust. Swastika means wellbeing for all human’s race. Swastika also means good fortune for them. Swastika means sacred and all auspiciousness. Swastika means all good and well. Swastika is the symbol of Wellbeing and Good Luck. Swastika is a symbol of love and life. Swastika is gentle and kind symbol. Swastika is friendly and nice symbol. Swastika is caring and compassionate symbol. Swastika is sympathetic and caring symbol. Swastika is not a horrific and cruel symbol. Swastika has never been a barbaric symbol. Swastika is not a wicked and a terror symbol. Swastika has never been inhumane symbol. Swastika is not racist and anti-semetic symbol. Swastika has always been an equality symbol. Swastika is not destructive in any way. Swastika has been constructive in every way. Swastika is a symbol of universalism and peace. Swastika is the symbol of prosperity and pride. Swastika is pious and sacred sign. Swastika is holy and divine sign. Swastika is allways a freedom sign. Swastika was never an oppressive sign. Swastika is symbol of positive divine power. Swastika is the symbol of celestial mind. SWASTIKA is a Super Natural symbol. Swastika is the symbol of all mighty God. To hate and blame such Swastika is a big shame. Swastika is a wonderful lovely name. Respect and revere this glorifying name. Don’t be a hypocrite and stop the blame game.



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