Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2018 = 6.371, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFERRED JOURNAL, JULY-AUG, 2019, VOL- 7/52
वधधा जिले के वडधर समदु धय की सधमधजिक –आजथाक जथथजि कध अध्ययन कजविध नध. खोब्रधगडे शोध छात्रा (पीएच.डी. शशक्षा शास्त्र ), शशक्षा शिभाग, महात्मा गाांधी ाऄांतरराष्ट्रीय शहदां ी शिश्वशिद्यालय, िधाा, महाराष्ट्र., ाइ.मेल : kavitakhobragade18@gmail.com Abstract
प्रस्ततु शोध प्रत्र में िधाा शजले के िडार समदु ाय की सामाशजक और ाअशथाक शस्थशत का ाऄध्ययन शकया गया हैं । िडार महाराष्ट्र राज्य में शिमक्त ु जनजाशत में से एक शनम्न घमु क्कड़ कहे जाने िाली जनजाशत हैं । िडार समदु ाय में तीन ाईपजाशत शजसमें गाड़ी िडार, माती िडार, पत्थर िडार हैं । व्यिसाय के कारण तीन ाईपजाशत में िर्ग्रीकृ त हुए ाआस समदु ाय का ाआशतहास बहुत परु ाना हैं । भारत के लगभग सभी राज्यों में यह समदु ाय ाऄलग-ाऄलग नामों से शनिाशसत हैं । ाआस समदु ाय की सभी राज्यों में सामाशजक और ाअशथाक शस्थशत ाऄत्यांत गांभीर हैं । सामाशजक न्याय और ाऄशधकाररता सरकार ने शिमक्त ु , घमु ांतु और ाऄधा-घमु ांतु जनजाशतयों (एनसीडीएनटी) के शलए जनिरी 2015 में एक राष्ट्रीय ाअयोगका गठन शकयाथा शजसके ाऄध्यक्ष ाआदाते महोदय शजन्होंने २०१८ में ाऄपनी प्रस्तुत ररपोटा भी ाआस समदु ाय की समस्या पर प्रकाश डाला हैं । िडार समदु ाय का ाईल्लेख शसन्धु सभ्यता मे , बौद्ध काल में , जैन काल और १२ िीं शताब्दी तक एक क्षशत्रय के रूप में शमलता हैं । िडार समदु ाय ने भारतीय गुफाओ ां में शजस कला कौशल्य का प्रदशान शकया है िह शिश्व स्तर पर भारतीय साांस्कृ शतक सांशचता का शदग्दशान कर रहा हैं । लेशकन शिशटश काल में ाआस समदु ाय को ाअपराशधक करार देकर समाज और गाि-ां शहरों के बाहर कर शदया । ाईस समय से ाआस समदु ाय की ाअशथाक और सामाशजक शस्थशत शबकट रही हैं । ाअजादी के ाईपराांत समदु ाय का सिाागीण शिकास ाऄपेशक्षत रहा हैं पर ितामान तक ाआस समदु ाय के शस्थशत में ाईनके सामाशजक सशशक्तकरण में काफी बदलाि जरुरी हैं ाआसी बदलाि को मद्देनजर रखते हुए प्रस्ततु शोध व्दारा िडार समदु ाय की सामाशजक-ाअशथाक शस्थशत का ाऄध्ययन कर शोधकती ने समदु ाय की सध्य शस्थशत और ाईसमें में हुए बदलाि को देखा हैं । प्रस्तुत शोधके ाईद्देश्य -1.िधाा शजले के िडार समदु ाय की रूपाांतररत प्रकृ शत और ितामान समस्या का ाऄध्ययन करना। 2. िडारसमदु ायकी ाअशथाक शस्थशत का ाऄध्ययन और शिश्लेषण करना । ३.िडारसमदु ायकीसामाशजकशस्थशतऔर ितामान में हुए बदलाि कााऄध्ययनकरना । शोधप्रश्न- 1.िडार समदु ाय की रूपाांतररत प्रकृ शत क्या हैं ? 2. िडार समदु ाय की ितामान समस्याएां क्या-क्या हैं ?3.िडार समदु ाय की ाअशथाक शस्थशत कै सी हैं? 4. ितामान में ाअशथाक शस्थशत में क्या बदलाि ाअए हैं ? 5. ाअशथाक शस्थशत के कारण ाईनके सामाशजक जीिन पर क्या प्रभाि हैं ? 6. िडारसमदु ायकीाअशथाकशस्थशतमें क्यासधु ार ाअए हैं ?7. िडारसमदु ायकीाअशथाकशस्थशताईनके शिकासपरक्याप्रभािकररहीहैं ?8.िडार समदु ाय की सामाशजक शस्थशत कै सी है ?9. िडारसमदु ायके सामाशजकशस्थशत में क्या-क्या बदलाि हुए हैं ? 10. क्या िडार समदु ाय ाअज भी रोजगार हेतू स्थानान्तरण करता है 11. ितामानमेंिडारसमदु ायकामख्ु यव्यिसायक्याहैं ? 12. क्यािडारसमदु ायकोाऄन्यशिकशसतसमाजसहजतासेशस्िकारता है यााँ ाआस समदु ाय को ाअज भी गोाँिों के बाहर जग्ु गी-झोपड़ीयों में शनिास करना पड़ताहै ?13.क्यािडार समदु ाय के शनरन्तर शिस्थापन और स्थानातां रण में कुछ बदलाि ाअए हैं ?योजना एिां शियाशिशध : शोध प्रशिशध:प्रस्ततु शोध काया की प्रकृ शत मल ू ताः गणु ात्मक हैं । शोध की शिशभन्न प्रशिशध में से िृत्तात्मक शोध शिशध का चयन शकया गया है । िृत्तात्मक शोध शिशध सामाशजक िास्तशिकता को जानने के शलए प्रदत्त् ों के सांकलन, शिश्लेषण तथा प्रस्तुशतकरण का एक ाऄांग हैं ।िृत्तात्मक शोध शिशध िस्तुत: गुणात्मक ाऄनसु न्धान का िह प्रकार है शजसमें शकसी एक ाआकााइ का गहन तथा यथासभां ि पणू ा ाऄध्ययन शकया जाता हैं । यह शिशध िडार समदु ाय की सामाशजक–ाअशथाक शस्थशत को जानने हेतु ाईपयक्त ु है । ाऄध्ययन क्षेत्र के शसशमत होने के कारण ाआस ाऄध्ययन में सक्ष्ू मता तथा गहरााइ Copyright © 2017, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies