MAHATMA JYOTIRAO PHULE : SHAIKSHNIK DRUSHTIKON KI SAMAJIK BHUMIKA

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Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2018 = 6.371, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFERRED JOURNAL, JULY-AUG, 2019, VOL- 7/52

महात्मा ज्योतिरावफुले: शै क्षतिक दृतिकोि की सामातिक भूतमका A Critical Analysis of the Social Role of Mahatma JyotibaPhule’s Educational Perspective कतविा ना. खोब्रागडे शोध छात्रा (पीएच.डी. शशक्षा शास्त्र ), शशक्षा शिभाग , महात्मा गा​ांधी अांतरराष्ट्रीय शहदां ी शिश्वशिद्यालय, िधा​ा, महाराष्ट्र. ई.मेल : kavitakhobragade18@gmail.com Abstract

इस शोध पत्र में महात्मा ज्योशतराि फुले के शैक्षशिक दृशिकोि की सामाशजक भशू मका का अध्ययन शकया गया है।भारत में िर्षों से चलतीआई ि​िाव्यिस्थाने शनचली जाशत और नारी शशक्षा की उपेक्षा की थी ।महात्मा फुले के काल में जाशतयता और ि​िाव्यिस्था परम शशखर पर थी। शनचली जाशत और नारी जाशत के शशक्षा की उस समय की शस्थशत अत्यांत गांभीर थी । महात्मा फुले तत्काशलन शस्थशत का अध्ययन कर चक ु े थे और िेंशशक्षा को मानिी शिकास का एकमात्र साधनमानते हैं।शशक्षा अपने अशस्ति के होने का एहसास शदलाती हैयह उनका मानना था ।उन्होनें शनचली जाशत और नारी शशक्षा के शिकास को लेकर हटां र आयोग में तत्कालीन शशक्षा व्यिस्था को चनु ौती देनेिाले शिचार रखे तथा तत्कालीन िांशचत,पीशित,दशलत और नारी आशद को मानो शशक्षा का एक शिकल्प प्रशतमान शदया।फुले द्वारा शदया गया शशक्षा का शिकल्प प्रशतमानआज भी प्रासांशगक है।यह शिकल्प प्रशतमान सामाशजक शशक्षा का एक अच्छा उदाहरि है।प्रस्तुत शोध द्वारा शोधकती ने महात्मा ज्योशतराि फुले के शैशक्षक दृशिकोि की सामाशजक भशू मका का अध्ययन शकया हैं । प्रस्तुत शोध गुिात्मक शोध शिशध के आधार पर ऐशतहाशसक शोध शिधाद्वारा पिू ा शकया गया है।प्रदत्त सांकलन हेतु प्राथशमक और शद्वतीय स्त्रोत के आधारपर प्रदत्तों को सांकशलत शकया गया हैं।ज्योशतराि फुले समाज पररितान के अग्रदतू रहे हैं।आज िांशचत, पीशित और दशलत समाज की शैशक्षक प्रगशत सोचनीय है।इस शपछिे समाज के शिकास का मद्दु ा हरदम शि​िाशदत रहा है पर आज तक समाधान कारक चचा​ा सामने नहीं आयी है।सही मायने में शपछिे समाज का सिा​ागीि शिकास शशक्षा व्यिस्था की बिी चनु ौती रही है।शैशक्षक शिकास हेतु महात्मा फुले ने तत्कालीन शस्थशत में शपछिे समाज के शिकास हेतु क्या प्रयास और सझु ाि शदए हैं और उनके शैशक्षक दृशिकोि की सामाशजक भशू मका क्या रही आशद का अध्ययन प्रस्तुत शोध व्दारा शकया गया हैं ।इस शोध द्वारा महात्मा फुले की सामाशजक शशक्षा और िांशचत, पीशित तथा दशलत समाज पर रहे प्रभाि को भी देखा गया हैं। मख्ु य शबांदु : महात्मा ज्योशतराि फुले, सामाशजक शशक्षा, समाज पररितान, शनचली जाशत, ि​िाव्यिस्था. Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com

प्रस्िावना : “ दबे-कुचले वगों में बुद्धिमत्ता,नैद्धतकता,प्रगद्धत एवं समृद्धि का द्धवकास करने हेतु द्धिक्षा की आवश्यकता सवा​ाद्धधक है।” --- महात्मा फुले Copyright © 2017, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies


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