Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2021 = 7.380, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, MAY-JUNE, 2022, VOL- 10/71
अनुसूचित जाचत/जनजाचत के सन्दर्भ में
बाचिका चिक्षा प्रचत अध्यापक ों की
अचर्वृचि का अध्ययन धमेन्द्र ना. िोंर्रकर1 & न मी2 1
सहायक प्र फेसर, म.गाों.अों.चहों .चव.चव., वधाभ (महाराष्ट्र)
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एम.एड., म.गाों.अों.चहों .चव.चव., वधाभ (महाराष्ट्र)
Paper Received On: 22 JUNE 2022 Peer Reviewed On: 27 JUNE 2022 Published On: 28 JUNE 2022
Abstract वर्ग और जाति के साथ समाज में जाति आधाररि लैंतर्क असमानिा दे खने को आसानी से तमल जािी है ।यह व्यवस्था स्कूल िक भी पहुँ चिी है । इस शोध का महत्व इसतलए बढ़ जािा है कक क्या तशक्षा और उसको संचातलि करने वाले स्कूल जैसी संस्थाएं वंतचि वर्ग की बातलकाओं को स्थान दे िी है ? विगमान समय में अनसूतचि जाति/जनजाति बातलका तशक्षा पर जजिने भी शोध हए हैं उनकी वववेचना से स्पष्ट होिा है कक बातलका तशक्षा पर अभी भी शोध करने की आवश्यकिा है । यह शोध तशक्षक समदाय से जडा है जो बिािा है कक ‘अनसूतचि जाति/जनजाति की बातलका तशक्षा के सन्दभग में तशक्षकों की अतभवृवि कैसी है ? वे इस समदाय के प्रति ककिने जार्रूक हैं और ककस िरह से इस वर्ग की बातलकाओं को ववद्यालय में अपने होने को महसूस करािे हैं । इस शोध से यह पिा चलेर्ा कक अध्यापकों का बातलका तशक्षा के प्रति दृवष्टकोण कैसा है ? जो बातलकाओं की
तशक्षा के प्रति
जार्रूकिा को बढ़ाने में कारर्र तसद्ध होर्ा।
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वर्तमान समय में शिक्षा समाज के शवकास के शिए महत्वपुर्त कड़ी है । शिक्षा एक ओर जहाां व्यक्ति के व्यक्तित्व का शवकास करने में सहायक होर्ा है वहीां दू सरी ओर समाज राष्ट्र के शिए श्रेष्ठ नागररक एवां युवा िक्ति र्ैयार करर्ी है ,साथ ही मानवीय आवश्यकर्ाओां की पूशर्त करने में सहायक होर्ी है । यह एक सोद्दे श्य प्रशिया है शजसमें सीखना समाशहर् है और इस सीखने में शनरां र्रर्ा होर्ी है । यह सीखने की शनरां र्रर्ा अनुभव द्वारा, अध्ययन द्वारा और सृजन द्वारा प्राप्त की जार्ी है । सीखने की प्रशिया औपचाररक और अनौपचाररक माध्यमोां द्वारा सांपन्न Copyright © 2022, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies