SATTA, SAHITYA AUR ASMITA

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Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language, Online ISSN 2348-3083, SJ IMPACT FACTOR 2019: 6.251, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, JUNE-JULY, 2020, VOL- 8/40 सत्ता, साहहत्म औय अस्मभता विनीत कुभाय ससन्हा, Ph. D.

ऩी जी डी ए िी भहाविद्मारम (साॊध्म), हदल्री विश्िविद्मारम, हदल्री- 110065 binit_sinha2004@yahoo.com Abstract िैसे तो भहाबोज सभाज के तत्तकारीन याजनीततक विषम ऩय एक फेहतयीन विश्रेषणात्भक सभीऺा है, ऩयन्तु उनके द्िाया प्रमुक्त चरयत्र के भाध्मभ से हभने उस दशक भें साभर्थमय औय अस्मभता के उबाय के कायण दसभत िगय के सत्ता भें अऩना प्रतततनधधत्ि ् के प्रतत विशेष आग्रह को िैस्श्िक रूऩ से हदखाने का प्रमास ककमा है । सत्तय के दशक भें विश्ि के हय बाग से हाससए ऩय होने िारे सभुदामों के प्रतत धचॊता औय व्मिमथा एिॊ प्रकिमा द्िाया कुछ फेहतय कयने का बाि इस दशक की भहत्त्िऩूणय विशेषता है । रेककन मह फात उतनी ही सच है महाॉ केिर ऩूततय ऩऺ ही प्रबािी नहीॊ है की इस िगय को उधचत प्रतततनधधत्ि सभरे इसकी धचॊता हो यही है, ियन भाॊग ऩऺ बी अथायत हाससए ऩय यहने िारे दसभत सभाज बी उधचत प्रतततनधधत्ि रेने के सरए ऩूयी तैमायी कय चुका है । काॊशीयाभ जी का मह कहना कक िोट हभाया याज तुम्हाया नहीॊ चरेगा, याजनीतत के विसशष्ट िगीम चरयत्र को एक भजफूत चुनौती हदए जाने की एक दृढ़ याजनीततक प्रमास है । चाहे साहहत्म का भुख्म चरयत्र हो, याजनीतत के केंद्र भें इस िगय को राने की फाध्मता यही हो, ससद्ाॊतों की सॊयचना के भूर भें हीनतभ के नाभ ऩय इन्हें राने कोसशश हो मा कपय इनके सरए काभ कयने िारों को सम्भान दे ना हो, याजनीततक- साभास्जक प्रतततनधधत्ि के सरए आिश्मक ऩूततय औय भाॊग ऩऺ भें सॊतुरन की कोसशश के साथ ही सॊतुरन फनाने का एक प्रमास बी है । इस प्रमास भें बायतीम न्मामऩासरका के कुछ चुतनॊदा तनणयम इस भीर के ऩत्थय ससद् हुए हैं।

भुख्म शब्द: सत्ता, अस्मभता, दसभत, प्रतततनधधत्ि, ऩूततय- भाॊग ऩऺ, याजनीततक- साभास्जक प्रतततनधधत्ि, ससद्ाॊतों की सॊयचना, याजनीतत के विसशष्ट िगीम चरयत्र।

Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com प्रमतािना: भेया मह आरेख साहहत्म भें सत्ता की खोज भें अस्मभता औय उसऩय गिय कयने िारी प्रितृ त का याजनीतत ऩय ऩड़ने िारे प्रबाि की सभीऺा कयने की कोसशश है । मह सभीऺात्भक विश्रेषण भन्नू बॊडायी जी के भहाबोज उऩन्मास ऩय आधारयत है । भन्नू बॊडायी अऩने इस उऩन्मास के भाध्मभ से तत्तकारीन याजनीतत की दशा औय हदशा हदखाने का काभ ककमा है ।" रािारयस राश को धगद् नोच नोच कय खा जाते हैं" अऩने उऩन्मास को इस िाक्म से आयॊ ब कयने के कई भामने हो सकते है औय हभें रगता है कक मही िह िाक्म है जो भहाबोज भें िर्णयत साभास्जकयाजनीततक सभममाओॊ का िणयन फेहतय ढॊ ग से ककमा है । Copyright © 2020, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language


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