Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2016 = 6.17, www.srjis.com UGC Approved Sr. No.49366, MAR–APR, 2018, VOL- 5/44
वैकल्पिक ल्िक्षा की अवधारणा एवं भारतीय संदभभ चन्द्र प्रकाि ल्संह1 & भरत कुमार िंडा2 1 पी एच.डी., शोध छात्र, शशक्षा शिद्यापीठ, Email.chandraprakashbhu@gmail.com 2 सहायक प्रोफे सर, महात्मा गााँधी अंतरााष्ट्रीय शहदं ी शिश्वशिद्यालय, िधाा, महाराष्ट्र
िैकशपपक शशक्षा की अिधारणा भारत एिं पूरे शिश्व की आगामी शैशक्षक मांग एिं अशधगम दृशिकोण है | िैकशपपक शशक्षा की शब्दािली अपने आप में शशक्षा का एक निीन पैराडाइम है, जो परम्परागत शशक्षा एिं उसके ढांचे को चुनौती देता है | इसका मख् ु य उद्देश्य बच्चों के जन्मजात क्षमताओ ं और रूशच को शिकशसत एिं प्रेररत करना है | सामान्य शिद्यालयों के पूिाशनधााररत पाठ्यक्रम एक शनधााररत ढांचे में शिद्याशथायों के समय एिं ज्ञान को उसके प्रकृशत के शिरुद्ध शनचोड़ रहें हैं | िहीं िैकशपपक शशक्षा प्रकृशत एिं समाज की मदत से शिद्याशथायों को अपने ढंग से शिकशसत होने में सहायक है | इस शोध पत्र में िैकशपपक शशक्षा से सबं शं धत कुछ प्रश्नों जैसे- िैकशपपक शशक्षा क्या है ? िैकशपपक शशक्षा शक आिश्यकता क्यों पड़ीं ? इसका सशं छप्त इशतहास क्या है ? इसकी सक ं पपना, मान्यताए,ं शशक्षण-अशधगम प्रशक्रया एिं मूपयाकन की सस्ं कृशत तथा भारतीय पररप्रेक्ष्य में पनपती िैकशपपक शशक्षा का शिश्ले षण प्रस्तुत शकया गया है | प्रमख ु शब्द – िैकशपपक शशक्षा, पैराडाइम, पोर्ा फोशलयो, शनकष सदं शभात परीक्षण, लशनिंग लाग्स, सध ु ारात्मक आक ं लन | Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com
वैकल्पिक ल्िक्षा का इल्तहास विश्व पटल पर अगर हम दृविपात करे तो पाते है वक मनष्ु य की विज्ञासाओ ं ने ही िैवश्वक पररदृश्य को बहु आयामी ढ़ंग से वनवमित वकया है, विक्षा के सन्दर्ि में ऐवतहावसक रूप से अगर हम देखें तो इसका प्रारम्र् 18वीं सदी के बाद खड़ा हुआ जब लोग ल्िधाभररत करिें लगे ल्क यहीं ल्िक्षा है | अतः ितिमान समय की मांग ने इस िैकवपपक विक्षा के पररदृश्य को िन्म वदया िो विवर्न्न दििनों पर आधाररत एक व्यापक पररप्रेक्ष्य है | पविमी देिों एिं र्ारत में इसकी उत्पवि कुछ मामलों में वर्न्नता रखते हैं िहााँ पविम में िद्ध ु िैचाररक बौवद्धकता, आधवु नकता एिं मनोिैज्ञावनक वसद्ातं ों का पररणाम था, िही ाँ र्ारत में आिश्यकता आधाररत था | ल्मलर के अनसु ार - “The History of alternative education is a story of social reformers and individualists, religious believers and romantics” उदाहरण स्िरुप अमेररका में होरेस मैि िो एक नेता एिं अमेररकी विक्षा सधु ारक थे उन्होंने िहां पर कें द्रीयकृ त विक्षा व्यिस्था का समथिन वकया,
Copyright © 2018, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies