VAISHWIK PARIDRUSHYA ME HINDI BHASHA ENAV MEDIA KA ANTAH SAMBANDH

Page 1

Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language, Online ISSN 2348-3083, SJ IMPACT FACTOR 2021: 7.278, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFEREED JOURNAL, AUG-SEPT, 2021, VOL-9/47 वै श्विक परिदृश्य में श्विन्दी भाषा एवं मीश्विया का अं तः संबंध अनीता िानी, Ph. D.

सहायक प्रोफेसर, हहन्दी हिभाग, सनातन धर्म र्हहला र्हाहिद्यालय, नरिाना

Paper Received On: 25 SEPT 2021 Peer Reviewed On: 30 SEPT 2021 Published On: 1 OCT 2021

Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com

14 हसतम्बर 1949 को संहिधान र्ें हहन्दी को राजभाषा का दजाम हर्ला। साहहत्य, हफल्म, कला, संस्कृहत, संचार, बाजार, हिक्षण इत्याहद सभी क्षेत्रो र्ें हहन्दी ने अपनी र्हता कायर् की है । यह भारत के करोड़ों लोगों द्वारा बोली ि सर्झी जाती है । हहन्दी भारत की आत्मा है । आधुहनकीकरण और िैश्वीकरण के युग र्ें हहन्दी का र्हत्त्व बढ़ा है। भारत के स्वतन्त्रता संग्रार् तथा भारत के पुनजाम गरण र्ें हहन्दी को सां स्कृहतक एकता की कड़ी र्ाना जाता है , ितमर्ान सर्य र्ें भी हहन्दी पूरे हिश्व के दे िों र्ें एक सां स्कृहतक कड़ी बनने का कार् कर रही है । हिश्व के कई छोटे , बड़े दे िों र्ें प्रिासी भारतीयों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है । दु हनयां के अने क दे िों के सार्ाहजक, आहथम क एिं सां स्कृहतक पररदृश्य र्ें भारतीय र्ू ल के नागररकों और हहन्दी भाषा की उपस्थथहत अब प्रभाि​िाली र्ानी जा रही है। आज हहन्दी का स्वरुप िैहश्वक हो चला है , िह अन्तराष्ट्रीय स्तर पर अपनी पकड़ र्जबूत कर रही है , साथ ही िह अपने स्वरुप को हनरन्तर पररष्कृत भी कर रही है । यहद हर् िैहश्वक पररदृश्य र्ें हहन्दी का प्रयोग करने िालों की स्थथहत का अिलोकन करे तो दे खते हैं हक िषम 1952 र्ें हहन्दी हिश्व र्ें पां चिे थथान पर थी। जबहक 1980 ई0 के आस-पास िह चीनी और अंग्रेजी के बाद तीसरे थथान पर आ गई। चीनी, स्पेनी के बाद हिश्व र्ें तीसरे थथान पर बोली जाने िाली भाषा हहन्दी है । हहन्दी हिश्व के 73 दे िों र्ें अपना थथान बना चुकी है । अभी हाल ही र्ें ‘एथ्नोलॉग’ पहत्रका ने 18 फरिरी, 2020 को दु हनयां की जीहित भाषाओं पर अपना िाहषम क डाटाबेस प्रकाहित हकया हजसर्ें उसने हहन्दी को दु हनयां की तीसरी सबसे अहधक बोली जाने िाली भाषा बताया है । आज दु हनयां र्ें लगभग 45 से अहधक दे िों के हिहभन्न हिश्वहिद्यालयों र्ें हहन्दी का पठनपाठन ि हिक्षण जारी है । हिश्व भर के अने क दे िों र्ें जहां हहन्दी भाषा का प्रयोग हकया जाता है , उनकी एक लम्बी सूची है । कुछ प्रर्ु ख नार्ों र्ें हर् अर्े ररका, ऑस्ट्रेहलया, इं ग्लैण्ड, इं डोने हिया, इटली, कनाडा, कोररया, जर्मनी, जापान, डे न्माकम, थाईलै ण्ड, नाइजीररया, फ्ां स, हफनलैण्ड, ब्राजील, बेस्ियर्, रूस, हियतनार्, हसंगापुर, स्पेन, स्स्वटजरलैण्ड, स्वीडन, हां गकां ग, हालै ण्ड, सोर्ाहलया, र्ं गोहलया, श्रीलं का, अफगाहनस्तान, पोलै ण्ड, चीन, स्पेन, नािे, कोलं हबया, दहक्षण अफ्ीका, पाहकस्तान, बां ग्लादे ि, नेपाल, भू टान, तुकी, न्यू जीलै ण्ड, सऊदी अरब, कुिैत, ईरान, डे न्माकम इत्याहद दे िों का नार् ले सकते हैं ।

Copyright © 2021, Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language


Turn static files into dynamic content formats.

Create a flipbook
Issuu converts static files into: digital portfolios, online yearbooks, online catalogs, digital photo albums and more. Sign up and create your flipbook.