BHARAT ME AADIVASIYON KI SHAIKSHIK STITHI EANV

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Scholarly Research Journal for Humanity Science & English Language , Online ISSN 2348-3083, SJ IMPACT FACTOR 2016 = 4.44, www.srjis.com UGC Approved Sr. No.48612, OCT- NOV 2017, VOL- 4/24 https://doi.org/10.21922/srjhsel.v4i24.10328

भारत में आददवादसयों की शैदिक दथथदत एवं दशिक की भूदमका प्रश ांत भगत1 & गोप ल कृष्ण ठ कुर2 1 पी एच डी शोधार्थी (शशक्षाशास्त्र) म. गा.ां अ.ां श .ां शि. शि., िधा​ा-442001(म ाराष्ट्र) 2 शशक्षा शिभाग , म. गा​ां. अ.ां श .ां शि. शि., िधा​ा-442001(म ाराष्ट्र)

यह शोध ाअलेख देश के ाअददवासी बच्चों की शैदिक दथथदत की चचा​ा करते हुए ाईनके ाईत्थान के दलए दशिकों की भदू मका को रे खा​ांदकत करने का प्रयत्न करता है. थवतांत्रता प्रादि के 70 वषा बीत जाने बावजदू ाअददवासी समदु ाय ाऄदभ भी दवकास की मख्ु यधारा से ाऄलग-थलग ददखा​ाइ देता है. सरकारी एवां गैर सरकारी थतर पर ाईनके दवकास के दलए दकये जाने वाले ाऄनेकानेक प्रयत्नों के बावजदू ाईनकी दथथदत में दवशेष सधु ार नहीं हो पाया है एवां ाअददवादसयों की ाऄदधका​ाँश ाअबादी ाऄभी भी दवकास का मांहु नहीं देख पा​ाइ है. दवकास के एक मख्ु य मापदडां के रूप में दशिा के महत्त्व को देखते हुए यह ाअवश्यक है ाअददवादसयों की दशिा की व्यवथथा दकस रूप में हो रही है – ाआस पर ध्यान ददया जाए एवां दनष्पि ाअकलन दकया जाए. प्रथतुत ाअलेख ाअददवासी बच्चों की प्राथदमक, माध्यदमक, एवां ाईच्च दशिा की दथथदत की समीिा करते हुए दवषय-वथतु दवश्ले षण के माध्यम से एवां दितीयक ाअांकड़े के रूप में प्राि राष्रीय शैदिक योजना एवां प्रशासन दवश्वदवद्यालय तथा मानव सांसाधन दवकास मांत्रालय से प्राि ररपोर्टों ाअदद में वदणात तथ्यों के ाअधार पर ाईनके शैदिक थतर की ाऄद्यतन दथथदत का ाईल्लेख करता है . साथ ही महारष्र राज्य के दवशेष सदां भा में ाअददवासी बच्चों की दशिा के दलए दकये जाने प्रयासों की चचा​ा करता है. ाआस ाअलेख के माध्यम से ाआस बात पर बल देने की चेष्टा की गाइ है दक दवद्यालयी पररवेश में दशिकों की सथां कृ दत बदु िमत्ता के समदु चत ाईपयोग सदहत समाज के सभी दहतधारकों िारा ाअददवासी समदु ाय के दवकास हेतु ाईनकी शैदिक प्रदिया में गणु ात्मक सधु ार लाने के दलए ाऄपेदित प्रयत्न करने की ाअवश्यकता है. तभी हमारा समाज एवां देश ाऄपनी समग्रता एवां ाऄनेकता में एकता की ाऄवधारणा को सही मायने में चररताथा कर सके गा. प्रमुख प्रत्यय/शब्दावली: सािरता, सकल नामा​ांकन ाऄनपु ात, प्रदतधारण दर, ड्रॉप ाअाईर्ट दर Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com

प्रथतावना दशिा दकसी भी व्यदि, समाज एवां राष्र के दवकास का एक ाऄदत महत्वपणू ा मापदडां है. शैदिक प्रदिया एवां पररणाम की गणु वत्ता से व्यदि, समाज एवां राष्र के थथानीय व वैदश्वक दनदेशा​ांक तथा सचू का​ांक का पता चलता है. समाज की प्रगदत का ाअकलन ाईसके सदथयों की शैदिक दथथदत से दकया जाता है और दनथसदां हे दशिा व्यदि के ाअदथाक, सामादजक, सा​ांथकृ दतक एवां वैदश्वक पररवेश में गणु ात्मक पररवतान लाने में महत्वपणू ा भदू मका दनभाती है. परन्तु यह भी ाअवश्यक है दक शैदिक दवकास का ाअकलन समाज के प्रत्येक तबके की शैदिक दथथदत के समावेदशत ाअकलन के िारा पररलदित हो. दवदवध सामादजक-सा​ांथकृ दतक बहुलता व दवदशष्टता से यि ु भारत में ाऄन्य सामादजक वगों के साथ-साथ ाअददवादसयों की एक दवदशष्ट पहचान रही है. भारतीय थवाधीनता सांग्राम में ाअददवादसयों की महत्वपणू ा भदू मका ाआदतहास में दजा है. समाज के दवदभन्न वगों के साथ कदम से कदम दमलाते हुए दबरसा मडांु ा सदहत ाऄनेकों ाअददवादसयों ने देश को थवतांत्र कराने में सशि भदू मका दनभा​ाइ है. ऐसी दथथदत में यह देखना ाऄत्यतां ाअवश्यक है दक थवतांत्रता प्रादि के 70 वषों के बाद वतामान समय में ाअददवादसयों की दथथदत, दवशेषताः शैदिक दथथदत क्या है? भारतीय सांदवधान का ाऄनच्ु छे द 366 (25) ाऄनसु दू चत जनजादतयों का सांदभा ाईन समदु ायों के रूप में करता है दजन्हें सांदवधान के ाऄनच्ु छे द 342 के ाऄनसु ार ाऄनसु दू चत दकया गया है. सदां वधान के ाऄनच्ु छे द 342 के ाऄनसु ार, ाऄनसु दू चत जनजादतया​ाँ वे ाअददवासी या ाअददवासी समदु ाय या ाआन ाअददवादसयों और ाअददवासी समदु ायों का भाग या ाईनके समहू हैं दजन्हें राष्रपदत िारा एक Copyright © 2017, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies


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