Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies, Online ISSN 2278-8808, SJIF 2019 = 6.380, www.srjis.com PEER REVIEWED & REFERRED JOURNAL, JAN-FEB, 2020, VOL- 7/57 स्नातक स्तय ऩय साभान्म एवॊ व्मावसायमक ऩाठ्मक्रभ भें अध्ममनयत ववद्मार्थिमों की अर्धगभ शैरी प्राथमभकताओॊ एवॊ व्मक्ततत्तत्तव शीरगुणों का अध्ममन – I ऩॊकज ऩायीक1, Ph. D. & ऩूर्णिभा नयार्णमाॊ2 1
भागिदशिक, प्राचामि भॊत्रभ ् मशऺक प्रमशऺण भहाववद्मारम, उदमऩुय याजस्थान
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शोधाथी, भो.रा.सु.वव.वव. उदमऩुय याजस्थान Abstract
फारक जन्भ के साथ ही अऩने व्मक्ततत्तव के आधाय ऩय वातावयण से अनुबव प्राप्त कय सम्फन्ध स्थावऩत कयने का प्रमास कयने रगता है मह अर्धगभ अनुबव उसकी व्मक्ततगत ववमबन्नता एवॊ सीखने के तयीके से प्रबाववत होते है प्रस्तुत शोध भें शोधाथी द्वाया मुवा छात्रों के द्वाया अऩने शैक्षऺक ववकास भें अऩनामी गई अर्धगभ शैमरमों प्राथमभकता चमन जो उनके व्मक्ततत्तवशीर गुणों से ककस प्रकाय सहसम्फन्ध यखती है ऩय अध्ममन ककमा गमा। अऩने शोध कामि भें सवेऺण ववर्ध का उऩमोग कयते हुए स्वयनमभित उऩकयण अर्धगभ शैरी प्राथमभकता
प्रश्नावरी तथा प्रभाऩीकृत उऩकयण ये भण्ड फी केटर द्वाया यनमभित 16 ऩी एप का प्रशासन 80 साभान्म एवॊ व्मवसायमक ऩाठ्मक्रभ के ववऻान एवॊ फीटे क सॊकाम भहाववद्मारम ववद्मार्थिमों ऩय ककमा गमा। साक्यमकीम प्रववर्धमों भें प्रयतशत, टीभान एवॊ सहसम्फन्ध का उऩमोग हुआ। शोध ऩरयसीभन ऺैत्र उदमऩुय सॊबाग यहा।
शोध यनष्कषि भें आमा कक फीटे क एवॊ ववऻान सॊकाम के छात्र शायीरयक शैरी को प्राथमभकता दे ते है । ववऻान सॊकाम के छात्र ववश्रेषणात्तभक सोच यखते हुए ऩरयक्स्थयतमों के अनुसाय व्मवहायों की कक्रमाक्न्वयत कयते है । फीटे क
सॊकाम के छात्र अन्र्तभुखी व्मक्ततत्तव के होते है । वह ऩरयक्स्थयतमों का तनाव नहीॊ रेते है । दोनों सॊकामों के फीच दृश्म एवॊ मरखना/ऩढना शैरी भें अन्तय ऩामा जाता है । रेककन ववऻान तथा फीटे क सॊकाम के ववद्मार्थिमों के व्मक्ततत्तव कायकों भें कोई साथिक अन्तय नहीॊ होता है । ववऻान एवॊ फीटे क सॊकाम के ववद्मार्थिमों भें अर्धगभ शैरी एवॊ व्मक्ततत्तवशीरगुणों भें कुछ कयकों के सन्दबि भें साथिक सहसम्फन्ध ऩामा गमा।
Scholarly Research Journal's is licensed Based on a work at www.srjis.com प्रस्तावना INTRODUCTION: & व्मक्तत के अनुकुरन भें उसका ऻानात्तभक ववकास भुयम बूमभका यनवािह कयता है । मह दो तत्तवों ऩय यनबिय कयता है प्रथभ ‘‘ऻान‘‘, द्ववतीम ‘‘ववश्वास‘‘। ऻान एक वस्तुयनष्ठ प्रत्तमम औय ववश्वास आत्तभयनष्ठ प्रत्तमम। जफ फारक ऻान को ववश्वास के साथ प्रमोग कयता है औय ऩयीऺण के उऩयान्त व्मवहाय की कसौटी ऩय खया उतयने ऩय उसे आत्तभयनष्ठा के रूऩ भें नवीन ऻान की यचना कयता है । Copyright © 2017, Scholarly Research Journal for Interdisciplinary Studies