मैत्री / Mytri 2022 - 24th issue

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बधाइयाँ प्रथम पुरस्ार (श्रेणी-I) – भारतीय भूवैज्ानि् सववेक्षण पुरस्ार प्राप्त ्र रही हैं श्ीमती सुगता वी.वी., निदश् और प्रमाण-पत्र प्राप्त ्र रह हैं श्ी सव्वजीत ्ुमार चंद्रवंशी, रसायिज् क्षेत्रीय राजभाषा परस्ार 2021-22 स सम्ानित िगर राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय I), नतरु्वितपर् ्षे दो सदसय ्ायायालय नतरु्वितपर् ् 20 जि्वररी, 2023 ्ो आयोनजतदनक्ण ए्व दनक्ण-पनचि् क्षेत्रों ्षे सयक्त राजभाषा सम्लि ् ्खय अनतनि ्षे रल ्षे ्ाििरीय राजयपाल श्री आररफ़ ्ोहम्द खाि स परस्ार प्ाप्त ्र रह हैं। ततीय परस्कार (श्रेणी-I) – ्ेंद्ीय ररज़र्व पलिस बि ग्प ्द् परस्कार प्कापत ्र रह हैं श्ी वरनोद ्कावत्, पलिस उप महकावनरीक्ष् और प्मकाण-पत्र प्कापत ्र रह हैं श्ी परन ्मकार, सहकाय् ्मकाडन्ट (रकाजभकाषका)

संरक्ष् श्ीमती नशउली बम्वि

मुखय पोस्टमास्टर जिरल, ्रे रल सर्ल

एवं अधयक्ष, िरा्ास (्ाया्वलय-I) नतरुविंतपुरम

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श्रीमतरी एस. रेखा वरिष्ठ अनुवाद अधिकािी

मुख्य पोस्टमास्टि जनिल कारायालर

श्रीमतरी आर. दरीपालक्षरी

कननष्ठ अनुवाद अधिकािी

मुख्य पोस्टमास्टि जनिल कारायालर

श्रीमतरी के.जरी. अर्चना

कननष्ठ अनुवाद अधिकािी

भाितीर भूवैज्ाननक सववेक्षण

श्रीमतरी गरीता ए.

वरिष्ठ अनुवाद अधिकािी

कमयाचािी भनवष्य ननधि संगठन, क्षषेत्ीर कारायालर

श्री प्रशांत हिदी सिारक लक्षीबाई िाष्टीर

पत्राचार पता संपाद् - " मैत्री" सहाय् निदश् (राजभाषा) एवं सदसय सनचव िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत (्ाया्वलय-I)

मुखय पोस्टमास्टर जिरल ्ाया्वलय, ्रे रल सर्ल, पीएमजी जंकशि नतरुविंतपुरम - 695033

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मुखय संपाद् श्ी सी. आर. राम्ृषणि निदश्,

24वाँ अंक नगर राजभाषा कारायान्वरन
संरोजक
समिति (कारायालर-।), तिरुवनंिपुरि
: िुख्य पोस्टिास्टर जनरल कारायालर, केरल सरकल, तिरुवनंिपुरि -695033
डा् सवाएं (मुखयालय) एवं प्रधाि, िरा्ास सनचवालय नतरुविंतपुरम संपाद् श्ीमती ्रे .आर. रं नजिी सहाय् निदश्
एवं सदसय सनचव,
नतरुविंतपुरम
(रा.भा.)
िरा्ास (्ाया्वलय-I),
शािीरिक शशक्षा मिानवद्ालर {ÉÊjÉEòÉ ¨Éå ´ªÉHò Ê´ÉSÉÉ® ±ÉäJÉEòÉäÆ Eäò ½é* {ÉÊjÉEòÉ {ÉÊ®´ÉÉ® B´ÉÆ ºÉÆ{ÉÉnxÉ ¨ÉÆb±É EòÉ <ºÉ¨Éå EòÉä<Ç nÉʪÉi´É xÉ½Ó ½è* अनुक्रमणिका 11 खुशी 12 क्या सेलफोन स्यास्थ्य के ललए खतरया पैदया करते हैं? 13 योग- जीवन जीने की एक कलया 15 बजरंगी 16 जेंडर इक्याललटि (लैंगगक समयानतया) और जेंडर न्यूट्याललटि (लैंगगक तिस्थतया) 18 नवजयात 19 खुशी की कंजी 20 आपके जीवन कया मल्य 21 अपनी एक अलग पहचयान बनयानया 22 नभ 23 बोणसयाई 24 योद्या 25 तक़दीर
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िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत, नतरुविंतपुरम ्रे 55 सदसय ्ाया्वलय हैं। यह सनमनत ए् ऐसा संयुक्त मंच है, जहाँ सभी सदसय ्ाया्वलय नमल्र राजभाषा ्ाया्वनवयि स संबंनधत ्ाय्व ्ी समीक्षा ्र्रे ्नमयों ्ो दूर ्रिरे ्रे नलए प्रभावी सुझाव दत है। सनमनत ्रे ततवावधाि में आयोनजत सभी ्ाय्वक्रमों में सभी सदसय ्ाया्वलय सक्क्रयता स भाग लत हैं। राजभाषा ्ाया्वनवयि में उत्ष्ट ्ाय्व ्रिरेवाल ्ाया्वलयों ्ो सनमनत प्रतयरे् वष्व िरा्ास राजभाषा पुरस्ार स सममानित भी ्रती है। सदसय ्ाया्वलयों द्ारा प्र्ानशत हहंदी पनत्र्ाओं में स सबस उत्ष्ट पनत्र्ाओं ्ो भी पुरस्त ्रती है । “मैत्री” सनमनत ्रे सभी सदसयों ्रे सनममनलत प्रयास है। पनत्र्ा ्ा 24वाँ अं् आप्रे समक्ष रखत हुए मुझ अतीव प्रसन्नता एवं गौरव महसूस हो रही है। यह पनत्र्ा सदसय ्ाया्वलयों ्रे अनध्ाररयों और ्म्वचाररयों ्रे हहंदी ्रे प्रनत लगाव ्ो क्दखाती है। मैं सभी रचिा्ारों और संपाद् मंडल ्ो बधाई दती ह और आशा ्रती ह क्् सर्ार ्ी राजभाषा िीनत ्रे ्ाया्वनवयि में आप सभी अपिा महतवपूण्व योगदाि देंग और हहंदी भाषा ्ो और आग ल जािरे ्रे नलए सतत प्रयासशील रहेंग । जय हहंद, जय हहंदी... नतरुविंतपुरम नशउली बम्वि 24.03.2023 मुखय पोस्टमास्टर जिरल, ्रे रल डा् सर्ल एवं अधयक्ष, िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत (्ाया्वलय-I)
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नतरुविंतपुरम– 695 033 ्रे .्रे . डरेनवस 24.03.2023 निदश्, डा् सवाएं (मुकयालय), ्रल डा् सर्ल एवं प्रधाि, िरा्ास सनचवालय
“मैत्री”, िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत (्ाया्वलय I), नतरुविंतपुरम द्ारा प्र्ानशत ई-पनत्र्ा ्ा 24 वाँ अं् मैं पाठ्ों ्रे समक्ष प्रसतुत ्रत हुए निससीम हष्व ्ा अिुभव ्र रहा ह। इस अं् में भी सदसय ्ाया्वलयों ्रे अनध्ाररयों और ्म्वचाररयों ्ी रचिाएं, राजभाषा ्ाया्वनवयि स संबंनधत नवनभन्न ्ाय्व्लापों ्ी ररपो्ट आक्द शानमल क््ए गए हैं। हमशा ्ी तरह राजभाषा स संबंनधत लखों ्ो प्रमुखता दी गई है। “मैत्री” ्रे इस अं् में शानमल सभी रचिाओं ्रे लख् तथा संपादि सनमनत ्रे प्रतयरे् सदसय बधाई ्रे पात्र हैं। पाठ्ों स अिुरोध है क्् “मैत्री” ्रे इस अं् ्रे बार में अपिी प्रनतक्क्रया, सुझाव आक्द स हमें अवगत ्रािरे ्ी ्ृपा ्रें । शुभ्ामिाओं सनहत, 9
अपिी संस्ृनत और भाषा पर जो समाज गव िहीं ्र स्ता, वह ्भी आतमसममाि ्रे साथ िहीं जी स्ता है। भारत तो नवनवधताओं ्ा दश है – जहाँ प्रांत नवशष में ्रे वल भाषा ही िहीं, बन्् वश-भूषा, रहि-सहि, खािपाि, रीनतररवाज़ आक्द अलग-अलग हैं। यह नवनवधता ही भारत ्ो श्रेष्ठ और महाि बिाती है। चूँक्् भारत बहुभाषी दश है, इसनलए सब्ा अपिी भाषा स लगाव होगा ही। बहुभाषी दशों में ऐसी संप््व भाषा ्ी अनिवाय्वता होती है, जो लोगों ्ो आपस में जोड़ स्रे । भारत में य भाषा हहंदी ही हो स्ती है, यह बात 19वीं सदी में महरष्व दयािंद िरे ्ही थी। क्िर इस पर महातमा गांधी िरे भी जोर डाला। य दोिों ही मूलत: हहंदी भाषी िहीं थ। क्िर भी उनहोंिरे हहंदी ्ी व्ाप्ता व सहजता ्ो समझत हुए य बात ्ही। नतरुविंतपुरम िगर में नसथत ्द्रीय सर्ारी ्ाया्वलयों में राजभाषा ्रे रूप में हहंदी ्रे प्रयोग ्ो बढावा दरेिरे ्ी क्दशा में िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत (्ाया्वलय-I), नतरुविंतपुरम द्ारा ्ी जा रही ्ई प्रयासों में ए् है सनमनत द्ारा प्र्ानशत हहंदी पनत्र्ा “मैत्री”। आशा ्रती ह क्् पनत्र्ा ्ा यह अं् आप सुधी पाठ्ों ्ो रोच् लगगा। आप्रे सुझाव और प्रनतक्क्रयाओं िरे हमशा हमें आग बढिरे ्ी ऊजा्व प्रदाि ्ी है। पनत्र्ा ्रे बार में आप्रे नवचार और सुझावों स हमें अवगत ्रािरे ्ी ्ृपा ्रें। शुभ्ामिाओं सनहत, ्रे .आर. रं सहाय् निदश् (राजभाषा) मुखय पोस्टमास्टर जिरल ्ा ्ाया्वलय, ्रे रल सर्ल एवं सदसय सनचव, िगर राजभाषा ्ाया्वनवयि सनमनत (्ाया्वलय – I), नतरुविंतपुरम नतरुविंतपुरम 24.03.2023
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भरी

हो िब िुरं ि आिक अिन अिरीि की उन बािदों को याद करना चादहए िो आिक लिए खुलशयदों स भररी

खुशी शहिन ििक आर. लिपिक, क्षेत्रीय िषेखा कायािय (रक्ा िषेखा पिभाग), पिरुिनंििुरम खुशरी िह है लिस शब्दों में िरन करना मुश्किि है। इस कषेिि महसूस ककया िा सकिा है। अच्ा िरीिन िरीन क लिए खुश होना बहद िरूररी है िषेककन दभायाग्य, ज्ादािर िोगदों क िरीिन स खुशरी गायब हो चुकी है। कई िोग खुशरी को िैस स िोड़िषे हैं और कई िोग इस ररश्दों स िोड़िषे हैं। िषे यह नहीं समझ िािषे हैं कक िब िक िषे खुद खुश नहीं रहेंग िब िक िषे अिन ररश्दों में भरी खुशरी का अहसास नहीं िाएंग। यहाँ नरीच कुछ िथ्य ददए गए हैं िो खुश रहन में आिकी मदद कर सकिषे हैं : 1. अपनी देखभाल करना - अिना ध्ान खुद रखें। दसर व्यपति को खुद स ज्ादा प्ाथममकिा न दें और उस भरी ऐसा ना करन द। 2. दसरों से िुलना न करें - खुश रहन का सबस आसान िररीका है कक आि खुद की ििना दसरदों स करना छोड़ दें। आिकि ज्ादािर िोगदों में य दखा िािा है कक उनक िास िो चरीि होिरी है िो उसकी अहममयि नहीं समझिषे, ऐस िोग बस िो करना चाहिषे हैं िो दसर कर रह हैं। हमाररी य आदि कई बार हमार दख का कारर बनिरी है। 3. खुद को सिर दें - खुश रहन क लिए िरूररी है कक आि खुद क साथ थोड़ा समय पबिाए। आि की भागिरी – दौडिरी लिदगरी में हम इिना व्यस्थ रहिषे हैं कक खुद क बार में सोच हरी नहीं िािषे। आि की िषेज़ रफ़ार लज़दगरी में सरीममि समय और असरीममि कायया क चििषे हमें अिन लिए हरी समय नहीं ममि िािा है कभरी हम boss क लिए काम करिषे हैं िो कभरी िररिार क लिए, िषेककन खुश रहन क लिए अिन आि क साथ समय गुिारना भरी िरूररी है। 4. सकारात्मक सोच लाए - िरीिन में होन िािरी हर घटना क दो िहि होिषे हैं – एक अच्ा और दसरा बुरा। आिक साथ िरीिन में िो भरी घटनाएँ होिरी हैं, यदद आि हमशा उनक सकारात्मक िहि िर ध्ान देंग िो खुलशयां आिक िास अिन आि आ िाएँगरी।
अच्ी बाि राद करें
हुई थरी। 6. चेिरे पर ििेशा िुस्ान रि - आिको हमशा अिन चहर िर मुस्ान रखनरी चादहए िथा िब भरी ककसरी स ममिषे िो अिन चहर िर हमशा मुस्राहट को रख। ऐसा करन स आसिास का िािािरर खुशनुमा बना रहिा है। 11
5. पुरानी
- िब कभरी
आिका मन उदास

हैं?

1. सषेिफोन रषेदडयोफ्ीक्सरी ऊिाया क पनम्नस्तर का उत्सियान करिषे हैं, एक प्कार का गैर-आयनरीकरर पिककरर।

2. रषेदडयोफ्ीक्सरी ऊिाया क संिकया में उििब्ध िैज्ापनक डटा ऊिक हरीरटग क अिािा ककसरी भरी प्पिकि िपिक प्भाि का कोई स्पष्ट प्मार नहीं ददखािषे हैं।

3. साियािपनक स्ास्थ्य

एक्स-र, रडॉन और कॉस्मिक ककरर शाममि हैं, उच्च आिपति और उच्च ऊिाया है। आयनकाररी पिककरर स ऊिाया डरीएनए को नुकसान िहुंचा सकिरी है। डरीएनए की क्पि िरीन में िररिियान का कारर बन सकिरी है िो कैंसर क खिर को बढा सकिरी है।

मानि शररीर उन उिकररदों स ऊिाया को अिशोपिि करिा है िो रषेदडयोफ्ीक्सरी पिककरर उत्सलिि करिषे हैं। मनुष्दों में रषेदडयोफ्ीक्सरी पिककरर अिशोिर का एक मात् िगािार मान्यिा प्ाप्त िपिक प्भाि िो आम

कुछ िोग मचपिि हैं कक सषेिफोन स रषेदडयोफ्ीक्सरी ऊिाया कैंसर या अन्य गंभरीर स्ास्थ्य खिरदों का कारर बनगरी। िियामान में उििब्ध िानकाररी क मूलांकन क आधार िर, िैज्ापनक प्मारदों क महत्व न रषेदडयो फ़ीक्सरी एक्सिोज़र सरीमा िर या उसस नरीच ककसरी भरी स्ास्थ्य समस्ा क साथ सषेिफोन क उियोग स रषेदडयोफ़ीक्सरी ऊिाया क संिकया को नहीं िोड़ा है। प्रिुख तबद:
डटा सषेिफोन क उियोग और स्ास्थ्य समस्ाओं स रषेदडयोफ्ीक्सरी ऊिाया क संिकया क बरीच कोई संबंध नहीं ददखािा है। क्ा सेलफोन से तनकलने वाला रे रिएशन िातनकारक िै? सषेिफोन इिषेक्ट्ो मैग्षेरटक स्पषेक्ट्म क रषेदडयोफ्ीक्सरी क्षेत् में पिककरर उत्सलिि करिषे हैं। दसररी-, िरीसररी- और चौथरी िरीढरी क सषेिफोन (2G, 3G, 4G) 0.7-2.7 GHz की आिपति रें ि में रषेदडयोफ्ीक्सरी का उत्सियान करिषे हैं। िांचिीं िरीढरी (5िरी) क सषेिफोन में 80 गरीगाहरिया िक आिपति स्पषेक्ट्म का उियोग करन का अनुमान है। य आिपतियाँ सभरी स्पषेक्ट्म की गैर-आयनरीकरर सरीमा में आिरी हैं, िो कम आिपति और कम ऊिाया है। डरीएनए को नुकसान िहुंचान कलिए ऊिाया बहुि कम है। इसक पििररीि, आयनकाररी पिककरर, लिसमें
िनिा का सामना कर सकिा है िह शररीर क उस क्षेत् को गमया करना है िहां एक सषेिफोन रखा िािा है (िैस, कान और लसर)। हािाँकक, यह िाि शररीर क मुख्य िािमान को मािन कलिए ियायाप्त नहीं है। रषेदडयोफ्ीक्सरी पिककरर स मानि शररीर िर कोई अन्य स्पष्ट रूि स स्थापिि खिरनाक स्ास्थ्य प्भाि नहीं हैं। क्या
स्यास्थ्य
रा. जजनु एम.टरी.एस. क्षे.िषे.का.(र.िषे.पि), पिरुिनंििुरम 12
सेलफोन
के ललए खतरया पैदया करते

िथा पनष्ािियाक

ककया िािा हैI ध्ानिियाक कायया करनषेिािा व्यपति

िािरिाहरी स काम करनषेिािषे स बहुि अच्ा होिा हैI

उस सभरी िसंद करिषे हैंI समय का सदियोग करना

उस आ िा हैI िह

योग व्यायाम नहीं अपिि िरीिन िरीन की एक किा है, िरीिन िद्धपि हैI इं दरियदों को पनयन्त्रिि कर मन को अंिमुयाखरी करना, मचन्ा की िपतियदों को शांि करना िथा इस में दःख और सुख क संस्ारदों को समाप्त कर, मचिन की स्स्थपि बनाना लिस स पििषेक का उदय हो, अिन में स्स्थि होना, आत्म अनुभूपि करना, अिन को दसरदों में और दसरदों को अिन में दखना आदद योग हैI आि क िैज्ापनक युग में छात्- छात्ाएँ, गृहररी, िृद्ध, दफ़र क कमयाचाररी िथा अध्ािकदों आदद को आि योग की िरम आिश्यकिा हैI कारर, उन् स्ास्थ्य चादहए, लिसस कक िषे सांसाररक काययों को सफििािियाक कर सकेंI मांस िषेलशयदों का संििन, रति का सुचारू रूि स संचार िथा युति ग्रन्थि स्ाि योग स हरी संभि हैI योग व्यपति क गुरदों को पिकलसि करिा हैI क्मािपति क्ोध को अिन अंदर समा िषेिरी हैI पनष्ाम कमया त्ाग स िोभ िथा स्ाथया समाप्त होिषे हैंI अिन स्रूि की व्यािकिा में राग और द्षेि नहीं रटकिाI व्यपति का समाि स संबंध िथा पनरायायक बुमद्ध का पनमायार योगाभ्ास द्ारा हरी होिा हैI िरीिन में आनषेिािरी अपि भािुकिा, भािािषेश, काम आदद पनयंत्र में रहें िो िरीिन साथयाक होिा हैI स्स्थ होन स कायया- क्मिा बढिरी है िथा िो भरी कायया ककया िािा है, उस मन िगाकर
हर कायया को िनाि रदहि होकर प्सन्निा िियाक करिा हैI इसलिए थकान का अनुभि नहीं होिा हैI उसक शररीर में कोिारुओं क बनन की अमधक िथा नष्ट होन की कक्या कम हो िािरी हैI आयु ियि युिा बनन का रहस् दसरा नहीं हैI योग- जीवन जीने की एक कलया िॉ जॉजया पी.आई. दहन्री पिभागाध्क् सैपनक स्ि, कि़क्ट्टम 13

अश्वत्ासन, अधयाचंरिासन,

हैंI इ) बैठकर ककए िान िािषे आसन:

िद्ासन, बािासन, सुखासन, िज्ासन, दण्ासन, पिििरी आसन,

ई) िषेट क बि ककय िानषेिािषे आसन

पनरािंबासन, शिभासन, धनुरासन, आकर धनुरासन, पििररीि मरुदंडासन आदद

रदहि भािना, सुखद बुढािा, सिग मन्स्तष् एकाग्रिा का समािषेश, मानलसक िनाि का अभाि, सदहष्ुिा,

उ)

िरीठ क बि ककय िान िािषे आसन ििनमुतिासन, मकरासन, चक्ासन, हस्तिादोतिासन, हिासन, सिायंगासन, मत्सासन,

महपि िििलि क अनुसार योग क आठ अंग कह गए हैंI ‘यम’- समाि क उद्धार क लिए हैंI ‘पनयम’- अिन व्यिहार को अच्ा बनान क लिए हैंI ‘प्ारायाम’- मानलसक पिकार दर करन क लिए हैंI ‘प्त्ाहार’- इन्न्यदों को अंिमुयाखरी बनान क लिए हैंI इस प्कार योग हमार पनिरी िरीिन स िषेकर सामालिक िरीिन िक सब कुछ व्यिस्स्थि कर दषेिा हैI रोगासन के प्रकार अभ्ास की दृमष्ट स योगासन को िाँच भागदों में पिभालिि ककया िा सकिा हैI अ) एकाग्रिा
सुखासन,
लसद्धासन, िद्ासन आदद एकाग्रिा और ध्ान क लिए महत्त्विूर आसन हैंI आ) खड़षे होकर ककए िानषेिािषे
गरुड़ासन,
कत्कोरासन, सूयया नमस्ार आदद खड़षे होकर करनषेिािषे आसन
एि ध्ान
लिए योगासन:
स्न्स्तकासन,
आसन:
आदद
िश्चिमोतिानासन, िानुलशरासन
लशमथिासन, भुिंगासन,
बािासन आदद शरीिायासन में लसर क बि समूच शररीर को स्स्थर करिा हैI प्ारायाम, मचति शुमद्ध साधना, ध्ान आदद का िािन योग क लिए आिश्यक हैI अंदर की शुमद्ध स िहिषे बाहर की शुमद्ध आिश्यक हैI शुमद्ध कक्याओं स िरीन प्मुख बािदों का िाभ ममििा है- दह शुमद्ध, स्ास्थ्य िमद्ध िथा रोग पनिपतिI रोगासन से लाभ स्स्थरिा िथा सुख की अनुभूपिI िििलि योग सूत् क अनुसार आसनदों का अभ्ास करन में उियुयाति दो बािदों िर बि ददया हैI ‘स्स्थरिा’ शररीर स संबंमधि है लिसमें हदडियदों, मांस िषेलशयदों, रतििादहनरी, नादड़यदों, ग्रन्थियदों िथा पनरं िर कायया करनषेिािषे महत्त्विूर अंग शाममि हैंI सुख का अनुभि मानलसक स्तर िर होिा हैI अिः यह सूक्म शररीर, मन, बुदद, मचति एि अहंकार स संबंमधि हैI इन सभरी आंिररक अिस्थाओं को पिकलसि कर उत्ष्ट बना दना हरी सुख की उििश्ब्ध हैI सािाजजक उपरोमगिा योगासन क अभ्ास स िररिार पनयोिन की संभािना बढिरी हैI व्यपतिगि स्ास्थ्य और सौन्यया बढिा हैI कायया करन की क्मिा बढिरी हैI पनरोगिा ि सान्तत्त्वक िपति क कारर समाि िर बोझ नहीं बनिा िरन् सहायक बनिा हैI संिुलिि ि सरि िरीिन, कुररीपियदों स बचाि, भदभाि
पििषेक िथा सुख- शांपि की उििश्ब्धयदों क सहार साधक समाि का ऋर उिारन की भािना स िरीन िगिा हैI अिः स्स्थ एि संस्ृि समाि क पनमायार में “योग” की महत्त्विूर भूममका हैI 14

का नाम बिरंगरी रखा था। रखिषे भरी क्दों नहीं, मंगििार क ददन िो िैदा हुए थ बाि हनुमान । अब बिरंगरी हैं िो कुछ िो अिग करेंग हरी, िो बिरंगरी न ‘िोरू का गुिाम’

नाम क गान िषे नाचना सरीख लिया। इसक बाद िो घर में कोई भरी महमान आिा था और छोट को आदश ममि िािा था।

"बिरंगरी िरा नाच क िो ददखा दो" । बिरंगरी भरी िहरी झट स

िैयार हो िािषे, हर बार नाच क बाद दादरी स कहििाकर

ििा नहीं हम बड़षे हो गए या सब कुछ छोटा, बचिन में संसार सा िगन िािा दादरी का घर आि इिना छोटा िग रहा था, मानो लसकु ड़ गया हो| लिस छति िषे चढक िगिा था कक आसमान छ िेंग आि ऐसा िग रहा है कक एक छिांग में कद िाऊंगा। पगरन स बचान िािरी ‘रलिग’ आि इिनरी छोटरी िग रहरी थरी। कद में इिना बड़ा अंिर आया है या सोच में। सोच हरी मािूम होिरी है। आस िास की इमारिदों की चमक क बरीच य छोटा सा घर छिा सा प्िरीि होिा है। शायद सच है महनि स बनायीं हुई चरीज़ की करि िहरी करिा है लिसन िो महनि की हो। सामन िािरी चाििा िरी की दकान भरी नहीं रहरी। बचिन म दादरी स लिए हुए िैस उड़ान की बहुि िोकपप्य िगह थरी िो। 1 ₹ में आया हुआ नटखट नमकीन इिनरी ख़ुशरी ददया करिा था लिसकी ििना करना असंभि है। रूिय भरी िो 1 या 2 हरी ममििषे थ। लिस ददन 5 ममि िाय उस ददन िो ठाठ हो िािषे थ। गममी क ददन में शंकर कुल्ी िािषे की घंटरी का इं िज़ार दोनदों बाबा िोिषे को सोन हरी नहीं दषेिा था, और दादरी को नहीं सोन दषेिषे थ हम दोनदों। आखखर िैस िो दादरी क िास हरी थ । और घंटरी की आिाज़ सुनिषे हरी दोनदों फट स उठ िािषे। "छोट िाओ 2 कुल्ी िो िषे आओ ज़रा, दादरी स िैस िषेिो।” छोट को भरी इस आदश का हरी िो इं िज़ार था। बस कफर क्ा 2 कुल्ी आ गयरी घर में। सुबह सुबह उठ क दादरी बाबा क साथ टहिन िान क लिए िो उत्सुकिा रहिरी थरी उसका िो कुछ मि हरी िमछय। बच्चषे को टहिन में भिा क्ा आनंद ममिषेगा। पबिकु ि सहरी टहिन क लिए िान िािषे को ममििा था ब्ड मक्खन खान का मौका िो भरी कोई ऐसरी िैसरी ब्ड मक्खन नहीं, कानिुर का िोकपप्य ब्ड मक्खन। दरीिाििरी भरी कानिुर की दखन िायक होिरी है । कानिुर क िोग होिषे हरी इिन शौक़ीन हैं । िटाख िब आिषे थ िो इिन आिषे थ की िूरा मोहल्ा उस चिा िषे। िर छोट स बच्चषे को कहाँ सरीको िटाख चिान का साहस, िर बचिना िो है हरी। िराक्म नहीं िो क्ा हुआ, मन िो है हरी। उसका भरी उिाय ढंढ लिया बाबा न। सरीको को एक िंब स बांस में फसा दषेिषे और आग की ओर रख कर दर स हरी फोड़ दषेिषे। िषेककन इसको भरी छोट दर बैठ क कान बंद करक बस दखिा।
न छोट
बाबा
दो रुिय िो ददििािषे थ बाबा। बस कफर क्ा, एक और नटखट। अब ना बाबा हैं न हरी िो बिरंगरी। दोनदों बाबा क साथ पबठर क शमशान घाट चिषे गए। अब उस घर में कभरी कभार छोट िो चिा िािा है िर बिरंगरी नहीं आिा। शायद अब छोट बड़ा हो गया है िरना बिरंगरी को िो आि भरी य घर िैसा हरी पिशाि प्िरीि होिा। बजरंगी देवांश मिश्ा न्यूरोइमषेलिग और न्यूरोइंटरिेंशनि रषेदडयोिॉिरी, श्री मचत्ा पिरुनाि आयुपिज्ान और प्ौद्ोपगकी संस्थान 15

िािा है।

िपगक िटस्थिा: िह (िु.) / िह (स्तरी.)क बिाय िषे लिखा िािा है।

िपगक समानिा: िुरुि और मदहिाएं स्पोरसया खषेििषे हैं,

िषेककन सदृश पिमभन्न िरीगदों में।

िपगक िटस्थिा:

िपगक भदभाि क मुद् िर हमार दश में खड़षे , बैठ और रास्तषे स िानषेिािषे सभरी िोग कई िरह की रटप्पखरयां कर रह हैं। दभायाग्य स, उनकी साररी चचायाएं साड़री, स्टया , िैंट, शटया , िद और स्ि क बेंचदों स भररी हुई हैं। िेंडर इक्ालिरट और िेंडर न्यूट्ालिरट क बरीच क अंिर को समझ पबना, िषे अक्सर उिरोति शब्दों का िरस्पर उियोग करक संिुष्ट हो िािषे हैं। िेंडर इक्ालिरट(िपगक समानिा) और िेंडर न्यूट्ालिरट (िपगक िटस्थिा) िूररी िरह स अिग अिधारराएं हैं, उदाहरर क लिए; िपगक समानिा: आिक संगठन में छह ररपतियदों क लिए िरीन सक्म मदहिाओं और िरीन िुरुिदों की पनयुपति की िािरी है। िपगक िटस्थिा: आिक संगठन की छह ररपतियदों में लिग की मचिा ककए पबना सबस प्पिभाशािरी िोगदों को काम िर रखिा है।
लिखा
िपगक समानिा: िह (िु.) क बिाय िह(िु.) / िह (स्तरी.)
आि लिग की मचिा ककए पबना एक हरी िरीग में एक साथ खषेििषे हैं। िब टरीम चुनरी िािरी है िो िुरुि या मदहिा होन की पगनिरी नहीं होिरी है। िपगक समानिा: िुरुिदों और मदहिाओं क लिए समान सुपिधाओं क साथ समान संख्या में शौचािय उििब्ध कराना। िपगक िटस्थिा: अिग स शौचािय नहीं। सभरी एक हरी शौचािय का उियोग करिषे हैं। जेंडर इक्याललटि (लैं लगक समयानतया) और जेंडर न्यूट्याललटि (लैं लगक तिस्थतया) सिीर एस. सहायक पिक्म साराभाई अंिररक् कें रि 16

कानून और अदाििरी फैसिषे हैं। इिना हरी नहीं, टसरी थॉमस, िरी टरी उिा, इं रिा नूयरी, साइना नहिाि, मररी कॉम, उिा ककरर, िरी िरी लसधु, दरीिा मलिक, गरीिा गोपिनाथ, गररमा अरोड़ा,

ऐस सैकड़दों उदाहरर लिख िा सकिषे हैं। िपगक समानिा और िपगक िटस्थिा दोनदों क फायद और नुकसान हैं। अंिरायाष्टरीय स्तर िर भरी अभरी िक कई मुद्दों िर सहमपि नहीं बन िाई है। स्तरी और िुरुि में प्कृ पि द्ारा ददए गए अनक मभन्निाएं हैं। यदद हम उस इक्ालिरट और न्यूट्ालिरट को प्ाप्त करना चाहिषे हैं लिनक बार में िियामान चचाया में कुछ प्पिभागरी बाि कर रह हैं, िो िुरुिदों और मदहिाओं को समान शररीर संरचना, समान अंगदों, समान शपति, समान भािनाओं, समान दर क शाररीररक पिकास और समान दर क मानलसक पिकास की आिश्यकिा होिरी है। अगर ककन्ीं दो मदहिाओं या दो िुरुिदों की बाि करें, िब भरी इनमें स कोई एक िैसा नहीं होिा है। दसर शब्दों में, यदद िुरुिदों और मदहिाओं को समान होना चादहए िैसा कक िषे कहिषे हैं, िो कोई िुरुि और मदहिा नहीं होगरी। कोई लिग नहीं होगा, कोई अिग यौन अंग नहीं होगा। सभरी िोग एक िैस हदोंग। िषेककन यह समझना िरूररी है कक य सभरी चचायाएं मदहिाओं क लिए हैं न कक िुरुिदों क लिए। दसर शब्दों में, चचाया दो समूहदों की िरह आग बढ रहरी है, िो सोचिषे हैं कक मदहिाएं अभरी भरी सबस नरीच हैं और िो सबस नरीच ददखना चाहिरी हैं। यद्पि िुरुिदों और मदहिाओं क बरीच मभन्निाएं हैं, कुछ क्षेत्दों में मदहिाएं मिबूि और श्षेष् हैं, िबकक िुरुि कुछ और क्षेत्दों में मिबूि और श्षेष् हैं। यूपनसफ का कहना है कक िपगक समानिा का अथया है कक "मदहिाओं और िुरुिदों, िड़ककयदों और िड़कदों को समान अमधकार, संसाधन, अिसर और सुरक्ा प्ाप्त हैं। इसका मििब यह नहीं है कक िड़ककयदों और िड़कदों, मदहिाओं और िुरुिदों को समान होना चादहए या उनक साथ समान व्यिहार ककया िाना चादहए।" िास्ति में हमें िपगक समानिा या िपगक िटस्थिा क लिए नहीं िड़ना चादहए। बस्कि, पबना लिग-भदभाि क सम्ान क लिए िड़ना चादहए। मुझ भरी ऐसा हरी िगिा है। सच्चरी समानिा िह है िहां समाि आिको लिग की िरिाह ककए पबना एक व्यपति क रूि में दखिा है। कानूनरी और सामालिक रूि स, िुरुिदों और मदहिाओं को िरीिन में समान अिसर और कियाव्य ददए िान चादहए। इसका मििब है कक उन् समान काम क लिए समान मिदररी का भुगिान ककया िाना चादहए, उन् अिन बच्चदों की िरिररश क लिए समान लिम्दाररी िषेनरी चादहए, उनस दश क लिए समान कियाव्य पनभान की उम्रीद की िानरी चादहए, और उन् समान स्तर की सुरक्ा दरी िानरी चादहए। . समाि में अमधकार, सुरक्ा और सामालिक सुरक्ा कभरी भरी उनक लिग िर आधाररि नहीं होनरी चादहए। कोई भरी सांप्दामयक, सामालिक, रािनरीपिक, आमथक, शैक्खरक या सांस्ृपिक संस्थान लिग क आधार िर भदभाि, उिहास या अिमान नहीं करगा। ऐसा करन स हरी हम उस समानिा क स्तर को प्ाप्त कर सकिषे हैं िो हमारा िक्ष्य है। हमार दश में िपगक समानिा क लिए कई
सुिमा स्राि, कपििा दषेिरी, अरुखरमा लसन्ा, दरीिा करमाकर, ममिािरी राि, अिपन चििदेदरी और दहमा दास िैसरी हिारदों मदहिाओं की शानदार गाथाएं भरी हैं। 17

नवजयात

िगर र जंग ना ि जीि पाई।

िेरी चािि थी रक िुझसे पूछ

जाजलि की नारी तबना र जिां कैसे चलिी?

जजस िां ने सीचा था िुझको लह से

क्ा आिा जिां ि जो दत्ार दे िी?

बेिाब ि दतनरा ि आने को लेकर िगर ना जाने र घुटन कैसी आई, वो आंखों के झरने का बििा सिंदर र पिली झलक िैंने िां की ि पाई। र चुभन कैसी िुझको रिां िो रिी िै? िेरी िां का आंचल किां खो गरा िै? खुला आसिां िेरी आंखों के ऊपर ि बेचैन थी, र क्ा िो रिा िै? िेरी िां ने िुझको र छोडा किां पर? अकेली ि कैसे रिां पर ह आई? अभी वक्त था िेरी शादी ि रफर भी जन्म लेि िी िेरी हुई क्ों तवदाई? वो आंखों के झरने का बििा सिंदर र
रकसी
िौि
ि
रिी
के खातिर
पिली झलक िैंने िां की ि पाई।
ने सुनी ना र आवाज िेरी
ने िुझसे वफा ि तनभाई,
लडिी
अपनी सांसो
एक िासूि की जान लेने से पिले क्ा िुझको थोडी दरा भी ना आई! वो आंखों के झरने का बििा सिंदर र पिली झलक िैंने िां की ि पाई। ना सिझ िुझको कलंरकि इस जिां रक
रुगों से िोिी ि लडकी पराई, ि ना रिी िो ि जन्मेगा कैसे? इसी िां की कोख ने ि िुझको बनाई। िि छीन र दतनरा िेरे हिस् की, िुझ ि िी, दतनरा ि पूरी सिाई वो आंखों के झरने का बििा सिंदर र पिली झलक िैंने िां की ि पाई। पवन किार प्रजापति पनम्न श्षेररी लिपिक पनदशक िषेखा (डाक) कायािय
रिां
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खुशी की कुंजी जसनी एस. मुख्य अध्ापिका कें रिरीय पिद्ािय, एसएिरी कैं ि, िषेरूरकड़ा, पिरुिनंििुरम अिन िरीिन में ककसरी व्यपति क चहर िर मुस्ान िान की कोलशश करना सबस नक काम है। स्थायरी सुख और िपप्त का सबस कुशि मागया कषेिि अिन दहि को हरी नहीं दखना है, बस्कि दसरदों क दहि को भरी दखना है। िब हम अिना ध्ान खुद स हटािषे हैं, िो हम अमधक अथया और अमधक योगदान का िरीिन िरीिषे हैं। िब हम इस बाि की मचिा ककए पबना दसरदों की सषेिा करिषे हैं कक हमें बदिषे में क्ा ममिषेगा, िो हम पनःस्ाथया िास्तपिक सुख की सुंदरिा का अनुभि कर िाएंग । हम अिना समय उन चरीिदों का िरीछा करन और िमा करन िर कें दरिि करिषे हैं लिनकी हमें आिश्यकिा नहीं है। य अपिररति संिपति हमार िरीिन िर िनाि, मचिा और बोझ डाििरी है। हमार िास िो है उसस संिुष्ट रहना और िरीिन क प्पि सकारात्मक दृमष्टकोर रखना हमशा क लिए खुश रहन की कुं िरी है। इस समय आिक िरीिन में अच्री चरीि हैं: आि िरीपिि हैं, आिको खखिाया िािा है, आि स्स्थ हैं, आिक िास िररिार और ममत् हैं, और आिक िास अथयािूर काम करन क लिए हर ददन अिसर हैं। हो सकिा है कक िषे सभरी अभरी आिक लिए सहरी न हदों, िषेककन पनश्चिि रूि स उनमें स कुछ हैं- लिसका अथया है कक आिक िरीिन में कुछ अच्ा है लिस िर आि ध्ान कें दरिि कर सकिषे हैं। यदद आि उदार बनन क लिए ियायाप्त धन की प्िरीक्ा कर रह हैं, िो आि िहां कभरी नहीं िहुंच िाएंग। इसरी िरह, यदद आि कृ िज् होन क लिए सब कुछ सहरी होन की प्िरीक्ा कर रह हैं, िो आि इस कभरी अनुभि नहीं कर िाएंग। आि आभाररी होना चुनें और अिन समय और धन क साथ उदार होना चुनें। उन दोनदों को अिन िरीिन में एक अनुशासन बनान क िरररामस्रूि आि ... और कि अमधक सुखरी होगा। हम सब अच्ा करें, अच्ा बनें िाकक दपनया हम सभरी क लिए एक बहिर िगह बन िाए । 19

आपके जीवन का मूल्य

कें रिरीय पिद्ािय,
कैं ि, िषेरूरकड़ा, पिरुिनंििुरम
ददन एक बटा अिन पििा क िास िािा है और कहिा है, ‘पििािरी, मर िरीिन का मूल क्ा है? पििा उस ित्र दषेिषे है और कहिषे है, “बटा, अगर िुम अिन िरीिन का मूल िानना चाहिषे हो, िो यह ित्र िषे िाओ और बािार िाओ और अगर कोई इस ित्र कीमि िूछ, िो मि कहना बस दो उंगलियां ऊिर उठा दना ।" कुछ िो िड़का
करिा
अचानक
औरि उसक िास आिरी है और कहिरी है, “यह ित्र ककिन का है?” िड़का एक शब् नहीं कहिा बस दो अंगुलियां ऊिर उठािा है, और औरि कहिरी है, “दो रुिए ?, मैं िषे िूँगरी।" बटा हैरान है और अिन पििा क िास िािस चिा िािा है, कहिा है पििािरी, बािार में एक बूढरी औरि थरी, िह मुझ ित्र क दो रुिय दना चाहिरी थरी। और पििा कहिषे हैं, बटा, अगिरी िगह मैं चाहिा ह कक िुम संग्रहािय िाओ, और अगर कोई कीमि िूछ िो कुछ मि कहना बस दो उंगलियां ऊिर उठा दना। िो बटा ित्र िषे िािा है और संग्रहािय में िािा है, िगभग बरीस ममनट क बाद सूट में एक अधड़ उम्र का आदमरी आिा है िो िड़क क िास िािा है, िह कहिा है, “सर, यह ित्र ककिन का है?” िड़का एक शब् नहीं कहिा और दो उंगलियां ऊिर उठा दषेिा है और आदमरी कहिा है, “2000 रुिय, मैं इस िूंगा"। िड़का आचिययाचककि हो गया और अिन पििा क िास घर चिा गया। पििा, संग्रहािय में एक आदमरी 2000 रुिए में इस ित्र को खररीदना चाहिा था। ठरीक है बटा, आखखररी िगह मैं चाहिा ह कक िुम ित्र को एक कीमिरी ित्र की दकान में िषेकर िाओ, दकान क अंदर चिो और अगर कोई कीमि िूछिा है, िो कुछ मि कहना बस दो उंगलियां ऊिर उठा दना। िो बटा कीमिरी ित्र की दकान की ओर दौड़िा है, उस िाकर िह उसक अंदर चिा िािा है और काउंटर िर एक बूढा आदमरी है और िैस हरी बूढा आदमरी ित्र को दखिा है, िह उछि िड़िा है और मचल्ािा है, ह भगिान, िुम्ार िास िह ित्र है िो मैं िरीिन भर ढंढिा रहा ह, िुम इसक लिए क्ा चाहिषे हो? यह ककिन का है? िड़का एक शब् नहीं कहिा और दो उंगलियां ऊिर उठा दषेिा है और बूढा कहिा 2 करोड़ रुिए? मैं इस िषे िूंगा। िड़क को इस िर पिश्वास नहीं हो रहा है, िह कदिा है और अिन पििा क िास दौड़िा है। पििािरी, कीमिरी ित्र की दकान िर बूढा आदमरी मुझ ित्र क लिए 2 करोड़ रुिय दना चाहिा था। दखा बटा, क्ा अब िुम् अिन िरीिन की कीमि समझ में आई है? िरीिन इस बार में है कक आि खुद को कहां रखिषे हैं। आि िय कर सकिषे हैं कक आि 2 रुिय का ित्र बनना चाहिषे हैं या 2 करोड़ रुिय का। कुछ िोग ऐस होिषे हैं िो आिस प्ार करिषे हैं या लिनक लिए आि हरी सब कुछ हैं। और कुछ िोग िुम् एक िस्तु की िरह इस्तषेमाि करेंग और उनक लिए िुम्ारा कोई मूल नहीं रह िाएगा। इसलिए मर बट, यह िुम िर है कक िुम अिन िरीिन का मूल िय करो। 20
रीिा जसि प्लशलक्ि स्ािक अध्ापिका
एसएिरी
एक
अिन पििा क कह अनुसार
है और बािार िािा है, िह इधर-उधर घूमिा है और
एक बूढरी
अपनी एक अलग पिचान बनाना कोई आसान काि निीं क्ोंरक िर रकसी के हिस् ि कािराबी नसीब निीं िोिी भीड ि अलग हदखना भी कोई आसान काि निीं क्ोंरक र वो भीड ि जजसि अलग ि िर रकसी की सोच पर भीड जजसके जलए खडी ि वो बनना भी कोई आसान काि निीं सबको साथ ले के चलना अपनी बाि सबके सािने रखना कोई आसान काि निीं संभलना और सिझना िो िि खुद िी िै। क्ोंरक िंसने वालों की किी निीं ठोकर िारने वालों की भी किी निीं अपनी एक अलग पिचान बनाना कोई आसान काि निीं र एिसास अपने अंदर जगाना खुद से जीिने की ज़िद रखना अपनी जीि को ििसूस करना और जीिने की आदि रखना िब जो पिचान छोड जाि िो वो एिसास एक अलग िी ि अपनी एक अलग पिचान बनाना कोई आसान काि निीं। अपिरी ए् अलग पहचाि बिािा आर. दीतति प्लशलक्ि स्ािक अध्ापिका कें रिरीय पिद्ािय, एसएिरी कैं ि, िषेरूरकड़ा, पिरुिनंििुरम 21
ि नभ ! तवश्व के पररधान तवश्व सत्य के आधार चंद्र अकया - िारागण के संगि क्त्र सतितषरों के वासस्ान इंद्रनील श्ाि- वणया सािंजस्य ििी के रत्न िुकट िेरे चरणों पर शि- शि निन। िुम्ारी नीजलि आभा से उहदि िै-सूरज के स्वरणि- रकरण पििी ििी पर जीवन का सत्य- धिया -प्रकाश इंद्रधनुष की आभा िुम्ारी िीछािी पर हदखिी । उन्ीं रकरणों की ऊजाया सिूचे तवश्व ि --रंगोली सजािी, अतवराि ---सुख-दख के जीवन रान ि -लज्ा िीन ििी- पुत्र लक्ष्य पूति की स्वाथया जसद्धि ि लक्ष्य िीन तवचरण ि लीन ---ि तवधािा !!! रिी नभ का दख िानव का स्वाथया- जसद्धि की पूति ििी िल पर द्चगारररां छोड, ििािारी, ििा दख, ििाप्रलर, ििारधि----ि ित्यया-------िुम्ारी तनराशाओं, दबयालिाओं असफलिाओं का अंि िो। संिार की तवनाश लीलाओं का --- अंि िो। अपना ले -… नभ शंभू आर. प्लशलक्ि स्ािक अध्ािक सैपनक स्ि 22

क बाद हरी नए बोरसाई क गमिषे में िगाएँ। यह अपि आिश्यक है कक

िड़ िर मचिकी ममट्टरी

‘बोरसाई’ का आपिष्िाया चैनरीस िोग हरी है । चैनरीस िोगदों स िािनरीस िोग इस प्रािरी को स्रीकृ ि ककया है । बोरसाई शब् का अथया है छोट-छोट िौध और िृक्दों को ममट्टरी क गमिषे में - िगाकर उसक उन्नपि, बडिन या िनिन एक प्त्क रूि में पनयंकत्ि करना । बोरसाई शब् िािानरी बोन (Bon= Shallow pan) िथा साई (Sai= Plant) स ममिकर बना है ।
लिसस
िाना । यह काष्रीय िौधदों को िघु आकार ककन् आकियाक रूि प्दान करन की एक िािानरी किा या िकनरीक है। इन िघुकृ ि िौधदों को गमिदों में उगाया िा सकिा है। इस किा क अन्गयाि िौधदों को सुन्र आकार दना, सींचन की पिलशष्ट पिमध िथा एक गमिषे स पनकािकर दसर गमिषे में रोपिि करन की पिमध शाममि हैं। िौधदों को छोट रूि में िैयार करना, अथायाि एक िौध को एक पिस्तार रूि िािषे गमिषे में बहुि ददन िक िगाकर उस बड िक् सदृश बढाना हरी है। य िौध दखन में बड िृक्दों की िरह है। िषेककन आकार छोट हरी हदोंग। इसरी प्कार हर िरह क िृक्दों को अिन कमर में िगा सकिषे हैं । बहुि िियों क सूक्ष्म िररीक्रदों क बाद िािनरीस िोगदों न इस प्रािरी को पिकलसि ककया और इसस उसकी उन्नपि हुई। यह प्रािरी िािनरीस िोगदों स संसार क सभरी िगहदों में फै ि गई । भारि में यह प्रािरी अभरी - अभरी बहुि प्चार में आया। कफक्स, गाडदेपनया, बोगनपिलिया और िमिरीन िैस कुछ िौध उगान क लिए अच् होिषे हैं। आि यह बहुि िोगदों की एक होबरी या मनोरं िन क लिए ककए िानषेिािा पिशषेि कायया है। इसको उगान क लिए बहुि उिाय भरी हैं - 1) शाखाओं को काटकर छोटा िगान स उसक मोटािन िगािार बड़षे िगिषे हैं । िब यह बड़षे िक् की िरह िगिषे हैं । 2) दसरा उिाय यह है कक शाखाओं को नरीच की ओर बडाकर बड़षे िक् की िरह िािना । िात् में बोरसाई िषेड़ को बरीच स थोड़ा हट कर िगाना अच्ा होिा है । बोरसाई क लिए ममट्टरी भुरभुररी होनरी चादहए िाकक िानरी आसानरी स बाहर पनकि िाए । बियानदों में िाि ममट्टरी, गोबर की खाद या केंचुआ खाद, रषेि ि ितिरी की सड़री खाद को बराबर-बराबर मात्ा में ममिा कर भरना चादहए। गमिषे स िषेड़ को पनकाि कर उसकी िड़ साफ करक िुरान गमिषे में िषेड़ क िन को पबना नुक़सान िहुँचाए ध्ान स पनकािकर िगाना चादहए। िषेड़ को गमिषे स पनकािन क लिए खुरिरी की आिश्यकिा होिरी है। िषेड़ की अपिररति िड़दों को काटन
बोनसाई का अथया (bonsai tree meaning in hindi होिा है, मछछिषे बियान में िौधा उगाना
उसक छोट रूि का रख - रखाि ककया
को ठरीक स झाड़ कर पबकिुि साफ करें। िौधदों क िड़ को ममट्टरी क ऊिर िगाकर बडाए िो यह बहुि बड़षे िक् की िरह िगिषे हैं। इसरी प्कार छोट-छोट िौधदों को बड़षे िक् की िरह िगना हरी ‘बोरसाई’ की पिशषेििा है । बोरसाई का उद्श्य दशयाकदों क दहस् िर प्पिपबब और उत्ादक क दहस् िर सरििा िैदा करना है । माना िािा है कक बोनसाई को घर में रखन स सदस्दों की प्गपि में रूकािट आिरी है। रास्तषे बंद हो िािषे हैं। बोरसाई दखन में भिषे हरी सुंदर िगिषे हो, िषेककन य आिकी समृमद्ध को नुकसान िहुंचािषे है।
लक्षी ए. प्िर श्षेररी लिपिक आकाशिाररी 23
बोणसयाई

योद्या

सोने सा खरा, िीरों से जडा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।।

इस क्ण ि ह परास्, ि ि तवजर, ि

बहुि सी लडाइराँ खुद से, लडा ह िैं, िार कर भी दो कदि बढा ह ि ।। दतनरा िुझे सूखा हुआ पेड सिझिी िै, रफर भी अपने दि पर, खडा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।। राि जगकर गु़िारी िै, हदन दौडकर, कर दरररा को पार, रे ि ि पडा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।। िंज़िलें अभी दर िैं, ि पत्थरों से भरा रास्ा, लेरकन िर पत्थर से, बडा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।। गुलाबों सा ििकि िै, शीशे सा चिकि ि लोग,
बना ि काल, ि ह अभर, िेरे लह से भरा घडा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।। ि अिावश ि जलपटा हुआ, ि िि ि ह प्रकाश, ि पुच्ल िारों का उजाला, ि घने अंधेरों सा तनराश, कर दर अँधेरा इस जग से, अपनी द्चिा पर चढा ह िैं। िार कर भी दो कदि बढा ह िैं।। पवन किार प्रजापति पनम्न श्षेररी लिपिक पनदशक िषेखा (डाक) कायािय 24
कुछ क्रदों क पििंब क कारर मररी ट्न छट गई थरी। मैं आसानरी स उस िर चढ सकिा था, िषेककन खझझक रहा था क्दोंकक एक िुलिस कममी मर ठरीक सामन खड़ा था। मुझ 3 साि में िहिरी बार काम िर िहुँचन में दर होन िािरी थरी। आि िक मररी ट्न कभरी छटरी नहीं थरी। एक ददन भरी नहीं। भिषे हरी ट्न िषेट हो, मैं समय स िहिषे अिन कायािय िहुँच िाया करिा था। िषेककन आि नहीं। कम स कम अगिषे एक घंट िक कोई ट्न नहीं होगरी। मैं िूछिाछ काउंटर िर गया और िहाँ उिस्स्थि व्यपति स ििा ककया, िो उन्दोंन बिाया कक अगिरी ट्न काफी 2 घंट बाद हरी आएगरी। बॉस नाराि हदोंग। आि मररी 3 ग्राहकदों क साथ बैठक थरी। िषे पनराश हदोंग। मैंन सोचा कक दर करन स बहिर है कक छट्टरी िषे िूं। मैंन अिन बॉस को संदश भषेिा कक मैं आि छट्टरी िर ह क्दोंकक मुझ बुखार है। संदश क प्ाप्त होन क कुछ हरी क्रदों क बाद उन्दोंन ििाब ददया कक मुझ कुछ भरी करक आना होगा और मैं छट्टरी नहीं िषे सकिा। मैंन उन् सूमचि ककया कक यदद ऐसा है िो मैं 11 बिषे िक हरी िहुंच िाउँगा लिसस िषे सहमि थ। मैं रषेििषे प्ाटफोमया क एक बेंच िर बैठ गया और अिनरी ककिाब खोि कर िढन िगा। िभरी एक ट्न आयरी, िोग पबना ककसरी पिशषेि कारर क चरीखिषे-मचल्ािषे हुए बाहर भाग रह थ। कुछ हरी ममनटदों में ट्न खािरी हो गई। यह आखखररी स्शन था। मैं िािस अिनरी ककिाब िढन िगा। िभरी मुझ एक बच्चषे क रोन की आिाज़ सुनाई दरी। मैंन चारदों ओर नज़र दौडाई िर कोई नज़र नहरी आया। रोन की आिाज़ बढिरी िा रहरी थरी। यह ट्न क अंदर स आ रहरी थरी। मैंन िुरं ि उठ कर आिाज़ की ओर बढा िो दखा कक बच्चा एक कोच की ऊिररी बथया िर बैठा रो रहा है। िह मुश्किि स 6 महरीन का था, शायद उसस भरी कम का। संसार में ऐस कौन स िोग है िो एक बच्चषे को ऊिररी बथया िर पबठा कर भूि गए ? मैं उस िषेकर बाहर आ गया। ककसरी न िानबूझकर ऐसा ककया होगा। मैंन उस अिन सरीन स िगा लिया। बच्चषे का रोना कम हो गया और उसन निरें उठाकर मुझ दखा। अचानक मर मन में यह आशय आया कक, क्ा यह बच्चा मुझ अिना पििा समझगा? नहीं, यह संभि नहीं है, इिना छोटा बच्चा ऐसा क्दों सोचगा । मैं उस स्शन मास्र क कायािय में िषे गया। स्शन मास्र अिन फोन िर बाि कर रहा था। िब उसन मुझ दखा िो िुरं ि खड़ा हो गया और मुझस बाहर पनकिन को कहा। उन्दोंन मुझ बोिन भरी नहीं ददया। मैंन उसस पिनिरी की। उसन अिनरी िषेबें दखीं और मररी ओर 10 रुिय का नोट फेंका। मैंन 10 रुिय उठाकर उनकी मज़ िर रख ददय। िभरी उन्दोंन दखा कक मर हाथ में एक बच्चा है और िूछा यह ककसका बच्चा है। मैंन उन् बिाया कक यह मुझ ट्न में ममिा था। उन्दोंन मररी आँखदों में दखिषे हुए लसर दहिाया। उनकी नज़रदों म कुछ गडबड िग रहा था। एक आदमरी िो 2 ममनट िहिषे एक ट्ांसिेंडर िर मचल्ा रहा था, उस पबना ककसरी संदह क मर कह िर पिश्वास हो गया। उसन बच्चषे को मुझस िषे लिया और अिनरी मषेि िर पबठा ददया और मुझस कहा िुम िाओ। उसन मुझस िादा ककया कक िह िुलिस को बुिाएगा। मैं बाहर िाकर इं ििार तक़दीर धनुष एस. नारर डाक सहायक मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय, करि सककि 25
करन िगा। बच्चषे को छोड़कर िान को मरा मन पबकिुि नहीं मान रहा था। मैंन दखा कक िषे अिना फोन उठा कर ककसरी को कॉि कर रहा है। मैंन सोचा, िुलिस हरी होगरी। मुझ िहां खड़ा दखकर उसन मुझ कफर स िहां स िान क लिए कहा। मैंन ििाब ददया कक िुलिस क आन िर मैं चिा िाऊंगा। उन्दोंन मुस्रािषे हुए मुझस कहा कक अगर िुलिस न मुझ दखा िो िषे मुझ िूछिाछ क लिए िषे िाएंग और यह मर लिए अच्ा नहीं होगा। मैंन उनस कहा कक हाँ यह िो आिन ठरीक कहा। िषे मचढ गए और िािस अन्र चिषे गए। मररी ट्न समय स िहिषे आ गई थरी। मैं राि 10 बिषे िक काम िर िहुंच सकिा था। मैंन अंदर स्शन मास्र की ओर दखा। मुझ इस बाि का बुरा िगा कक मैंन बच्चषे को िहाँ सौंि ददया है। मैंन दोबारा कुछ नहीं सोचा, अंदर गया, स्शन मास्र को निरअंदाि करिषे हुए, बच्चषे को िषेकर भागा। मैं लििनरी िषेिरी स दौड़ सकिा था दौड़ा। मैंन िरीछ मुड़ कर नहीं दखा, स्शन मास्र को िोगदों स मचल्ािषे हुए मुझ रोकन क लिए कहिषे हुए सुना। मुझ ककसरी न नहीं रोका मैं भागा, भागा और भागिा रहा। * * * * * * * * * * * * मैं पिछिषे 12 साि स दौड़ रहा ह। कभरी नहीं रुका। िह मर साथ सुरलक्ि है। िरीन साि िहिषे हरी मुझ ििा चिा कक िह मर हरी िैस िोगदों में स एक है। शुरू में, मैंन सोचा था कक शायद यहरी कारर है कक उसक मािा-पििा न उस छोड़ ददया है। िषेककन नहीं, य संभि नहीं था। िषे संभििः नहीं िान सकिषे थ कक िह क्ा बन सकिा है। उनक अिन कारर रह हदोंग। आि िक ककसरी भरी आत्मा न उस हापन नहीं िहुंचाई। िब िक मैं लिदा ह, ककसरी भरी िरशानरी को उस िक िहुँचन नहीं दँगा। * * * * * * * * * * * * मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय में 14 लसिंबर 2021 स 28 लसिंबर 2021 िक दहदरी िखिाड़ा मनाया गया। 14.09.2021 को दहदरी ददिस/दहदरी िखिाड़षे का उद्ाटन ककया गया। दहदरी ददिस/दहदरी िखिाड़ा समारोह क लसिलसिषे में सककि कायािय और ित् िुनःप्षेिर कें रि क अमधकाररयदों/ कमयाचाररयदों क लिए कोपिड़ नयाचार का अनुसरर करिषे हुए दहदरी में पिमभन्न प्पियोपगिाएं आयोलिि की गई, िैस सुिषेख, श्रुििषेख, पनबंध िषेखन, अनुिाद, रटप्पर और आिषेखन, मिृपि िररीक्र, िस्रीर क्ा बोििरी है, दहदरी गरीि, दहदरी कपििा िाठ, आशुभािर, दहदरी टंकर गपि िररीक्ा, प्श्ोतिररी,आदद। कायािय क अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों न प्पियोपगिाओं में उत्साह स भाग लिया। उनमें स 38 कमयाचाररयदों न नकद िुरस्ार प्ाप्त ककए। ििया 2020-21 क दौरान सरकाररी कामकाि दहदरी में करन क लिए रािभािा पिभाग की पितिरीय प्ोत्साहन योिना क अंिगयाि मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय क 6 कमयाचाररयदों न दािा प्स्तुि ककया। मूलांकन सममपि की बैठक में लिए गए पनरय क आधार िर इन कमयाचाररयदोंम को िुरस्ार प्दान ककए गए। मुख्य पोस्टमास्टर जनरल का कारायालर, केरल सरकल राजभाषा गतितितियाँ -2021-22 एक ररपोर 26

गया ।

• ििया 2020-21 में गृह मंत्ािय क दहदरी में 10,000 शब्

योिना क अंिगयाि मंडि कायािय क 40 कमयाचाररयदों को दहदरी में अमधकिम काम करन िर नकद िुरस्ार

प्दान ककया गया।

• मंडि कायािय

• मंडि कायािय में रािभािा उत्सि 2021 क लसिलसिषे में िहिषे चरर में कमयाचाररयदों क लिए दहदरी रटप्पर ि प्रूि, दहदरी पनबंध और दहदरी िाक प्पियोपगिाएं क्मशः ददनांक 11.08.2021, 12.08.2021 और 13.08.2021 को चिायरी गयरी और इन प्पियोपगिाओं में कु ि 16 कमयाचाररयदों न भाग लिया। हिदी वाक प्रतिरोमगिा-हदनांक 13.08.2021 • मंडि कायािय में रािभािा उत्सि 2021 क लसिलसिषे में दसर चरर में कमयाचाररयदों क लिए दहदरी सुिषेख, दहदरी शब् शपति, दहदरी गरीि और दहदरी प्शनोतिररी प्पियोपगिाएँ क्मशः ददनांक 07.09.2021, 08.09.2021 09.09.2021और 10.9.2021 को चिायरी गयरी और इन प्पियोपगिाओं में कु ि 35 कमयाचाररयदों न भाग लिया। हिदी शब्द शतक्त प्रतिरोमगिा-हदनांक 08.09.2021 • मंडि कायािय में रािभािा उत्सि- 2021 क लसिलसिषे में दहदरी में सरकाररी कामकाि करन को बढािा दन क उद्श्य स ददनांक 02.08.2021स 31.08.2021 िक अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों क लिए दहदरी म काम करन का पिशषेि अमभयान आयोलिि ककया गया। इस में क्मशः 3 अमधकाररी और 27 कमयाचाररयदों न भाग लिया और उनको नकद िुरस्ार भरी प्दान ककया गया। • मंडि कायािय क पिमभन्न शाखाओं में काययारि कमयाचाररयदों क लिए ददनांक 20.07.2021, 22.07.2021 एि 23.07.2021 को िरीन ददन की दहदरी काययाशािाएँ चिाई गई। काययाशािा में कु ि 24 कमयाचाररयदों को प्लशक्र ददया गया। हिदी गृि पतत्रका “संगि” 2020-21 अंक का तविोचन• ददनांक 28.09.2021 को मंडि कायािय में संिन्न रािभािा उत्सि 2021 क समािन समारोह क दौरान मंडि की दहदरी गृह िकत्का “संगम” 2021-22 का पिशषेि अंक (आज़ादरी का अमृिोत्सि) का पिमोचन मंडि रषेि प्बंधक क कर कमिदों स ककया
क आशुलिपिक एि टंककदों को कंप्टर में कायाियरीन काम दहदरी में करन िर ददए िानषेिािषे प्ोत्साहन भतिषे क अंिगयाि ििया 2020-21 में 16 आशुलिपिक एि टंककदों को िुरस्ृि ककया गया। • ििया 2020-21 में 10, 000 शब् स कम दहदरी शब्दों का प्योग कर दहदरी में काम करन क लिए मंडि कायािय क 23 कमयाचाररयदों को पिशषेि िुरस्ार प्दान ककया गया। राजभाषा गतितितियाँ -2021-22 एक ररपोर दनक्षण रलव नतरुविंतपुरम मंडल 27

टहंदी कयाय्यशयालया

रक्ा िषेखा पनयंत्क, चषेन्नै क पनदशानुसार, 11 ि 12 अतिबर 2021 को इस कायािय द्ारा दहदरी काययाशािा आयोलिि की

गई थरी। इस में, म.र.कें, िषेलल्गटन, िषे.िषे.का (अ.श्.) र.

सु.को., कण्र, र.िें.सं.का., कण्र, र.िें.सं.का., त्रीश्र, र.िें.सं.का, कोच्चरी, र.िें.सं.का. ितिनमपिट्टा, र.िें.सं.का. कोल्म, र.िें.सं.का. कोट्टयम, र.िें.सं.का. पिरुिनंििुरम, र.िें.सं.का. िषेल्र, र.िें.सं.का. बेंगिूर, र.िें.सं.का. पिशाखिट्टरम, र.िें.सं.का. लसकन्दाबाद, र.िें.सं.का. हैदराबाद

द्ारा काययाशािा में उिस्स्थि रह िथा सभरी रलिस्रदों में प्पिमष्टयाँ दहदरी में

िथा इस कायािय क अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों न काययाशािा में भाग लिया। काययाशािा का आयोिन WEBEX ऑनिाइन प्टफामया िर ककया गया िथा इसका संचािन इस कायािय में काययारि कपनष् दहदरी अमधकाररी द्ारा ककया गया।यह काययाशािा पिशषेि रूि स सभरी कायाियदों में प्योग ककए िान िािषे प्त्क रलिस्र में यथासंभि प्पिमष्टयाँ दहदरी में करन क लिए आयोलिि की गई थरी ।काययाशािा क लिए नाममि सभरी कायाियदों क प्पिभापगयदों न आबंरटि समय सारररी क अनुसार
ककए गए।इस कायािय को भरी काययाशािा क लिए नाममि ककया था ।इस कायािय में सभरी रलिस्रदों का अद्िन ककया गया।
दहदरी काययाशािा 2021
Figure 1:
दहदरी काययाशािा 2021 टहंदी पखवयाड़या कायािय में 14.09.2021 स 28.09.2021 िक दहदरी िख़िाड का आयोिन ककया गया । इस कायािय क साथ पिरुिनंििुरम ि पिरुनषेििषेिरी में स्स्थि कायाियदों क अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों को भरी इसमें शाममि ककए गए थ।मुख्य कायािय क पनदशानुसार ऑनिाइन में अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों क लिए 22.09.2021 को “ दहदरी पनबंध िषेखन ” ि 23.09.2021 को “ दहदरी िाचन ” की प्पियोपगिा का आयोिन ककया गया । कायाियदों क अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों न प्पियोपगिा में सकक्य रूि स भाग लिए। िुरस्ार िरीिनषेिािषे प्पिभापगयदों को प्भाररी अमधकाररी द्ारा नकद िुरस्ार स सम्ापनि ककया गया । प्पियोपगिाओं में भाग लिए अन्य कमयाचाररयां िो िुरस्ार प्ाप्त नहीं ककए हैं उनको प्ररा एि प्ोत्सादहि करन क लिए समाश्वासन िुरस्ार भरी ददए गए । Figure 3दहदरी िखिाडा प्पियोपगिा राजभाषा
28
Figure 2:
गतितितियाँ -2021-22 एक ररपोर क्षरेत्रीय लखा
्ाया्वलय (रक्षा लखा नवभाग)

सुगिा िरी.िरी., पनदशक, कायािय अध्क्, िकनरीकी समविय एि रािभािा अमधकाररी न पिगि ििया

भारतीय भूवैज्ानि् सववेक्षण राजय इ्ाई : ्रे रल एवं लक्षद्ीप ्ाया्वलय में हहंदी पखवाड़ा 2022 ्रे आयोजि पर प्रनतवदि भारिरीय भूिैज्ापनक सिदेक्र राज् इकाई, करि एि िक्द्रीि, पिरुिनंििुरम, कायािय में ददनांक 14.09.2022 स 29.09.2022 िक दहदरी िखिाड़ा मनाया गया। आिादरी का अमृि महोत्सि क महनरीय अिसर िर इस बार दहदरी ददिस समरोह का उद्ाटन समारोह माननरीय गृह मंत्री श्री अममि शाह िरी की अध्क्िा में कद्िरीय अखखि भारिरीय रािभािा सम्षेिन सूरि, गुिराि में ककया गया इस समारोह में संिूर भारि में स्स्थि कें रि सरकार, बैंक एि उिक्म क कायािय स प्पिपनमधयदों न भाग लिया है। राज् इकाई करि एि िक्द्रीि में ददनांक 14.09.2022 को उद्ाटन समारोह श्रीमिरी िाियािरी ए. एस., प्गोगशािा सहायक द्ारा ईश्वर िंदना क साथ शुरू हुआ। समारोह में श्री सियािरीि कुमार चंरििंशरी, रसायनज् न स्ागि भािर ककया। अध्क् भािर में श्री सुधरीब्ि राय, उिमहापनदशक महोदय न दहदरी ददिस क संिैधापनक महत्व िर प्काश डािा और सभरी स दहदरी का अमधक प्योग करन का अग्रह ककया। काययाक्म क दौरान श्रीमिरी सुगिा िरी. िरी., पनदशक एि कायािय अध्क् रािभािा अमधकाररी न माननरीय गृह मंत्रीिरी का संदश िाचन ककया। श्री रािषेि एस ., पनदशक न माननरीय खान मंत्रीिरी क संदश का अमभिचन ककया। श्री कौस्ति हािरा, रसायनज् द्ारा धन्यिाद ज्ािन क साथ उद्ाटन समारोह संिन्न हुआ। दहदरी िखिाड़ा क दौरान कमयाचाररयदों और अमधकाररयदों क लिए रटप्पर और आिषेखन, िस्रीर क्ा बोििरी है,गरीि गायन, दहदरी कपििािािन और दहदरी प्श्ोतिररी आदद प्पियोपगिाएं आयोलिि की गई। कायािय में इस अिधरी क दौरान कायाि क सार अनुभागदों में रािभािा पनररीक्र ककया गया ए रािभािा दहदरी क प्चार प्सार और पिकास में उत्ष्ट योगदान दन िािषे छ: िदधाररी को िुरस्ार स सम्ापनि ककया गया। कायािय में दहदरी िखिाड़षे क दौरान दहदरी में सबस सराहन कायया क लिए एक िदधाररी को िुरस्ार स सम्ापनि क गया। दहदरी िखिाड़ा क दौरान 19.09.2022 को रािभा काययाशािा आयोलिि की गई। काययाशािा में श्री धमदेन्द कुमार, सहायक पनदशक (टंकर एि आशुलििरी), दहदरी लशक्र योिना, कक्ानाड़,कोचरीन संकाय रह। काययाशािा “ टंकर, मैक्ो का अनुप्योग, िॉइस टाइपिग ” पििय िर था। काययाशािा में भाग लिए अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों की प्पिकक्या स व्यति हुआ कक इस काययाशािा स िषे अत्ंि िाभान्तविि हुए है। दहदरी िखिाड़ा का समािन समारोह एि िुरस्ार पििरर समारोह ददनांक 29.09.2022 को संिन्न हुआ। समािन समारोह बैठक श्री सुधरीब्ि राय, उिमहापनदशक क अध्क्िा में आयोलिि हुई। काययाक्म में श्रीमिरी मंि आनंदन, िररष् भूिैज्ापनक न माननरीय महापनदशक महोदय क संदश का अमभिाचन ककया। काययाक्म में श्री क. आर. पिल्ई, पनदशक (सषेिापनिति), भारिरीय भूिैज्ापनक सिदेक्र, मुख्य अपिमथ रह। श्रीमिरी
में रािभािा दहदरी िर हुई काययाकिािदों िर एक ररिोटया प्स्तुि ककया। प्स्तुि काययाक्म में िखिाड़ा क दौरान आयोलिि प्पियोपगिाओं क पििषेिाओं को िुरस्ार प्दान ककया गया। डॉ कफ्न्री आर. एम., पनदशक, द्ारा धन्यिाद ज्ािन क साथ समािन समारोह संिन्न हुआ। िुरस्ार पििरर समारोह 29

 रािभािा ििया

 रािभािा काययाशािा

 नराकास रािभािा िुरस्ार (रािभािा कायावियन में श्षेष् पनष्ादन और श्षेष् दहदरी गृह

न बैठक की अध्क्िा की।

उि पनदशक (कायावियन) क्षेत्रीय कायावियन कायािय (दलक्र-िश्चिम), रािभािा पिभाग, कोच्चरी की अनुिस्स्थपि में श्रीमिरी क.आर. रं लिनरी, सदस् समचि

क प्धान/प्शासपनक प्धान ि अन्य िररष् अमधकाररयदों न भाग लिया। ििया 2021-22 क लिए नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-I), पिरुिनंििुरम की दसररी बैठक 25.03.2022 अिराह्न 03.00 बिषे श्रीमिरी

वर 2021-22 के दौरान नगर राजभारा कारायान्वरन सममति (कारायालर-I), तिरुवनंिपुरम के कारकलाप नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-I), पिरुिनंििुरम क 55 सदस् कायािय हैं। सममपि का समविय कायया मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय, पिरुिनंििुरम – 695 033 द्ारा ककया िािा है। सममपि क 55 सदस् कायािय हैं, लिसक ब्ोर इसक अंि में ददए गए हैं। श्री रािरािन िरी. भा.डा.स., मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि डाक सककि 31.07.2021 िक सममपि क अध्क् रह। उनकी स्ैन्च्क सषेिापनिपति क िचिाि श्रीमिरी लशउिरी बमयान भा.डा.स., मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि डाक सककि न नराकास क अध्क् का काययाभार संभािा। श्री सईद रशरीद, पनदशक, डाक सषेिाएं (मुख्यािय), करि सककि नराकास समचिािय क प्धान क रूि में 17.07.2021 िक रह। उनका िदोन्नपि िर स्थानांिरर होन िर श्री सरी.आर. रामकृ ष्न, पनदशक, डाक सषेिाएं (मुख्यािय) न नराकास समचिािय क प्धान का काययाभार संभािा। श्रीमिरी क.आर. रं लिनरी, सहायक पनदशक (रािभािा), मुख्य िोस्मास्र िनरि का कायािय, करि सककि सममपि क सदस्-समचि हैं। वषया 2021-22
के दौरान आरोजजि कारक्रि  दो अद्धयािापिक बैठकें
िकत्का क लिए)  कायाियरीन कायया में दहदरी में मौलिक कायया करन क लिए पिशषेि प्ोत्साहन िुरस्ार  सममपि की िापिक दहदरी िकत्का “मैत्री” क 23ि अंक का प्काशन अधिया वातषक बैठकें ििया 2021-22 क दौरान सममपि की 02 बठकें आयोलिि की गई। िहिरी अद्धयािापिक बैठक 21.02.2022 को अिराह्न 03.00 बिषे स गूगि मरीट द्ारा आयोलिि की गई। श्रीमिरी लशउिरी बमयान, मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि डाक सककि एि अध्क्, नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-।), पिरुिनंििुरम
न सदस् कायाियदों स प्ाप्त पनष्ादन
की समरीक्ा की। इस बैठक में 35 कायाियदों
लशउिरी बमयान, मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि डाक सककि एि अध्क्, नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-।), पिरुिनंििुरम की अध्क्िा में संिन्न हुई। इस बैठक में 56 अमधकाररयदों ि कमयाचाररयदों न नराकास क सदस् कायाियदों का प्पिपनमधत्व करिषे हुए भाग लिया। राजभाषा पवया 2021 नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-I), पिरुिनंििुरम क ित्वािधान में 21.02.2022 स 04.03.2022 िक सभरी सदस् कायाियदों क सहयोग स पिमभन्न काययाक्मदों का आयोिन करिषे हुए रािभािा ििया 2021 का आयोिन 30
ररिोटयों

1. िस्रीर क्ा बोििरी है?

2. पनबंध िषेखन

3. सुिषेख (मात्

4. रटप्पर और आिषेखन

5. कपििा िाठ

6. आशुभािर (दहदरी भािा-भािरी राज्दों क प्पिभापगयदों क

ककया गया। संरुक्त हिदी कारशाला सममपि क सदस् कायाियदों क अमधकाररयदों और कमयाचाररयो क लिए 28.02.2022 को गूगि मरीट द्ारा "रािभािा दहदरी क प्गामरी प्योग िर पिमाहरी ररिोटया " िर रािभािा काययाशािा का आयोिन ककया गया। श्रीमिरी आर. महश्वररी अम्ा, सषेिापनिति उि पनदशक (रािभािा), इसरो िड़त्वरीय प्रािरी यूपनट, उति काययाशािा क संकाय रह।  हिदी प्रतिरोमगिाएं नगर रािभािा कायावियन सममपि, पिरुिनंििुरम क ित्वािधान में रािभािा ििया 2021 क आयोिन क लसिलसिषे में 02.03.2022 स 04.03.2022 िक ऑनिाइन द्ारा सदस् स्थािनाओं क अमधकाररयदों और कमयाचाररयदों क लिए पनम्नलिखखि प्पियोपगिाएं
की गई।
आयोलिि
एमटरीएस क लिए)
लिए)
आशुभािर (दहदरीिर भािा-भािरी राज्दों क प्पिभापगयदों क लिए) सिापन सिारोि एवं राजभाषा पुरस्ार सिारोि रािभािा ििया 2021 का समािन समारोह एि रािभािा िुरस्ार समारोह 25.03.2022 (शुक्िार) को अिराह्न 03.00 बिषे मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय, करि सककि, पिरुिनंििुरम क सम्षेिन कक् ‘प्गपि’ में आयोलिि ककया गया। श्रीमिरी लशउिरी बमयान, मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि सककि और अध्क्, नगर रािभािा कायावियन सममपि, पिरुिनंििुरम न समारोह की अध्क्िा की। श्री सरी.आर. रामकृ ष्न, पनदशक, डाक सषेिाएं (मुख्यािय), एि प्धान, नराकास समचिािय स्ागि भािर ददया। समारोह में प्पियोपगिा क पििषेिाओं को िुरस्ार पििररि ककए। नराकास राजभाषा पुरस्ार उत्कृष्ट राजभारा कार तनष्ादन के पुरस्ार तवजेिा श्णी (50 से अमिक कममरों वाले कारायालर) प्रथम पुरस्ार भारिरीय भूिैज्ापनक सिदेक्र तवििीर पुरस्ार इसरो िडत्वरीय प्रािरी यूपनट िकृिीर पुरस्ार पिक्म साराभाई अंिररक् कें रि तवशेर उल्ख आकाशिाररी श्री मचत्ा पिरुनाि आयुपिज्ान और प्ौद्ोपगकी संस्थान मंडि रषेि प्बंधक कायािय, दलक्र रषेििषे 31
7.
श्णी (11 से 50 िक काममकों वाले कारायालर) प्रथम पुरस्ार क्षेत्रीय िासिोटया कायािय तवििीर पुरस्ार भारिरीय खषेि प्ामधकरर, िक्ष्मरीबाई राष्टरीय शाररीररक लशक्ा महापिद्ािय िकृिीर पुरस्ार कें रिरीय पिद्ािय, एसएिरी कैं ि, िषेरूरकड़ा तवशेर उल्ख क्षेत्रीय िषेखा कायािय (रक्ा िषेखा पिभाग) कें रिरीय पिद्ािय, एएफएस, आक्ुिम कें रिरीय पिद्ािय, िांगोड श्णी (10 िक काममकों वाले कारायालर) प्रथम पुरस्ार कमयाचाररी भपिष् पनमध संगठन, अंचि कायािय तवििीर पुरस्ार स्थानरीय िषेखा िररीक्ा कायािय (सना) उत्कृष्ट हिदी गकृि पतरिका के नराकास राजभारा पुरस्ार प्रथम पुरस्ार गगन पिक्म साराभाई अंिररक् कें रि तवििीर पुरस्ार अक् इसरो िडत्वरीय प्रािरी यूपनट िकृिीर पुरस्ार मचत्िषेखा श्री मचत्ा पिरुनाि आयुपिज्ान और प्ौद्ोपगकी संस्थान तवशेर उल्ख भौम कैरिरी भारिरीय भूिैज्ापनक सिदेक्र संगम मंडि रषेि प्बंधक कायािय, दलक्र रषेििषे हिदी ि कारायालरीन कार करने के जलए तवशेष पुरस्ार रोजना नराकास रािभािा िुरस्ार प्दान करन क बाद, सदस् कायाियदों क उन 10 कमयाचाररयदों को नकद िुरस्ार स सम्ापनि ककया गया लिनका चयन उन कमयाचाररयदों में स ककया गया था िो प्त्क कायािय स ििया 2020-21 क लिए दहदरी में रटप्पर, आिषेखन एि अन्य कायाियरीन कायया में दहदरी क प्योग हषेि प्ोत्साहन योिना क अंिगयाि िुरस्ार पििषेिाओं को िुरस्ार पििररि ककए गए । पिशषेि िुरस्ार योिना क अधरीन िुरस्ृि कमयाचाररयदों की सूचरी नरीच दरी गई है: क्म सं. नाम और िदनाम कायािय का नाम 1. श्रीमिरी एस.एस. ममनरी िररष् सामालिक सुरक्ा सहायक कमयाचाररी भपिष् पनमध संगठन, क्षेत्रीय कायािय 2. स.उ.पन. (मं) लििषेन्द लसह िुलिस उि महापनररीक्क कायािय, कन्दरीय ररज़िया िुलिस बि, ग्रि कें रि 3. श्रीमिरी आशा ए.एस., िररष् सहायक इसरो िड़त्वरीय प्रािरी यूपनट 4. श्री सहरीर एस., सहायक पिक्म साराभाई अंिररक् कें रि 5. श्री ियचन्दन आर., िररष् िषेखा िररीक्क स्थानरीय िषेखा िररीक्ा कायािय(सना) 6. श्रीमिरी सुमरी एम.एस., डाक सहायक मुख्य िोस्मास्र िनरि कायािय, करि सककि 32
7. श्री पनपिन भासरी, कायािय अधरीक्क दलक्र िायु कमान मुख्यािय 8. श्री एन.क. रमषेि, मुख्य कायािय अधरीक्क मंडि रषेि प्बंधक कायािय, दलक्र रषेििषे 9. डॉ कफ्न्री आर.एम., पनदशक भारिरीय भूिैज्ापनक सिदेक्र 10. श्री िद्कुमार एम., िैयपतिक सहायक भा.कृ.अ.ि. कें रिरीय कंद फसि अनुसंधान संस्थान नराकास, तिरुवनंिपुरि की हिदी पतत्रका ‘ित्री’ के िेईसवें अंक का लोकापयाण 25.03.2022 को आयोलिि रािभािा ििया 2021 क समािन समारोह में श्रीमिरी लशउिरी बमयान, मुख्य िोस्मास्र िनरि, करि सककि और अध्क्, नगर रािभािा कायावियन सममपि (कायािय-I), पिरुिनंििुरम द्ारा नराकास., पिरुिनंििुरम की दहदरी ई-िकत्का “मैत्री” क िषेईसि अंक का िोकाियार ककया गया। 33
नदिा् 25.03.2022 ्ो आयोनजत राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।) ्ी दसररी बैठ् ्ी झलन्याँ नदिा् 21.02.2022 ्ो आयोनजत राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।) ्ी पहलरी बैठ् (अॉिलाइि) ्ी झलन्याँ 34
उत्ष्ट राजभाषा ्ायया निषपादि ्षे परस्ार न्वजता – श्णरी-। (50 स अनि् ्ान्या्रों ्वाल ्ायायालय) िगर राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।) ्षे राजभाषा परस्ार भारिीर भूवैज्ातनक सवक्ण तवक्रि साराभाई अंिररक् केंद्र श्ी द्चत्रा तिरुनाल आरतवज्ान और प्रौद्ोमगकी संस्ान इसरो जित्ीर प्रणाली रतनट आकाशवाणी ििल रेल प्रबंधक कारायालर, दरक्ण रेलवे 35
उत्ष्ट राजभाषा ्ायया निषपादि ्षे परस्ार न्वजता – श्णरी-।। (11 स 50 त् ्ान्या्रों ्वाल ्ायायालय) क्ेत्रीर पासपोटया कारायालर कें द्रीर तवद्ालर, एसएपी कैंप, पेरूरकडा कें द्रीर तवद्ालर, एएफएस, आक्लि भारिीर खेल प्रामधकरण, लक्षीबाई राष्टीर शारीररक जशक्ा ििातवद्ालर क्ेत्रीर लेखा कारायालर (रक्ा लेखा तवभाग) कें द्रीर तवद्ालर, पांगोि िगर राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।) ्षे राजभाषा परस्ार 36
उत्ष्ट राजभाषा ्ायया निषपादि ्षे परस्ार न्वजता – श्णरी-।।। (1 स 10 ्ान्या्रों ्वाल ्ायायालय) उत्ष्ट गह पनत््ा ्षे परस्ार न्वजता कियाचारी भतवष्य तनमध संगठन, अंचल कारायालर तवक्रि साराभाई अंिररक् केंद्र श्ी द्चत्रा तिरुनाल आरतवज्ान और प्रौद्ोमगकी संस्ान ििल रेल प्रबंधक कारायालर, दरक्ण रेलवे स्ानीर लेखा परीक्ा कारायालर (सेना) इसरो जित्ीर प्रणाली रतनट भारिीर भूवैज्ातनक सवक्ण िगर राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।) ्षे राजभाषा परस्ार 37
राजभाषा प्वया 2020-21 ्षे दौराि आयोनजत प्नतयोनगताओ ्षे न्वजताओ ्ो श्री्तरी निउलरी ब्याि, ्खय पोस्ट्ास्टर जिरल ए्व अधयक्, िगर राजभाषा ्ायायान्वयि सन्नत (्ायायालय-।), नतरु्वितपर् परस्ार प्दाि ्र रहरी हैं
हिंदी म सरािंनीय काय कर रिं पदधाररयों क लिए विशष प्रोतसािंन पुरसकार यरोजना क अंतरत विलिन्न कायाियों क पदधारी पुरसकार प्ाप्त कर रिं िं
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