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केंद्रीय भमू म अधिग्रहण कानन ू , 2013 में राज्यों द्वारा ककये जा रहे बदलाव पर एक ववश्लेषण
होमियार! भूमम अधिकार काययकर्ाय, ककसान, मछुआरे , एवं प्रभाववर् समुदाय अन्यायपूणय जमीन अधिग्रहण का खर्रा अभी टला नहीं
सरकार की भमू म अधिग्रहण वविेयक को पाररत करने की परु जोर कोमिि को िे िव्यापी जन आंिोलनों ने नाकाम कर
दिया। लेककन अब राज्य सरकारों को छूट िी जा रही हैं कक वह जबरिस्ती जमीन हधियाने के नए हिकंडे अपना सकें।
पेि है इन्ही का एक संक्षिप्र् ववश्लेषण:
1. केंद्रीय भमू म अधिग्रहण कानून में राज्य सरकारें ला रही जन-ववरोिी संिोिन
गज ं ाना, र्ममलनाडु, और झारखण्ड की राज्य सरकार जन-ववरोिी संिोिन पाररत करते हुए ु रार्, आंध्र प्रदे ि, र्ेलग अपने राज्यों में संिोधित कानन ू लेकर आयी हैं। इसमें कोई है रानी की बात नहीं है कक इनमें से लगभग सभी ने
संिोिन को लागू पहले की तारीख मतलब 1 जनवरी, 2014 से ककया है । ऐसा करते हुए केंद्रीय कानन ू जो मसतम्बर, 2013 में आया ही िा और ठीक से लागू भी ना हो पाया िा, उसके आसार इन राज्यों में ख़त्म कर दिए। ववमभन्न वगय की पररयोजनाओं को सहमतर् के प्राविान, सामाजजक प्रभाव आंकलन, आपवि, और स्थानीय संस्थाओं (जैसे ग्राम सभा) की सहभाधगर्ा इत्यादद से छूट
वविेयक की तरह इनमें भी ठीक वैसे ही ववमभन्न वगा की पररयोजनाएं, जैसे औद्योधगक कॉररडोर, एक्सप्रेस-वे, हाईवे,
और अन्य आिारभत ू संरचनाएं है , को बहुत महत्व के सहमतत के प्राविान, सामाजजक प्रभाव आंकलन, स्िानीय संस्िान जैसे ग्राम सभा का सामाजजक प्रभाव आंकलन और उसको प्रमाणणत करने जैसी प्रकियाओं से बाहर ककया जा
रहा है , जन-सन ु वाई, आपवि, और खाद्य सरु क्षा जैसे प्राविानों से छूट िी जा रही है । ये सभी प्राविान केंद्रीय कानन ू के जनपक्षीय आिार स्तम्भ हैं जजसके बबना कोई भी राज्य स्तरीय कानन ू जमीनों का मसर्ा बन्िरबााँट ही कर सकती
है । इसके साि कलेक्टर को ववश्वासी के तौर पर सभी छानबीन के मलए उनके संतजु ष्ट्ट पर छोड़ना और भी घातक मसद्ि होने वाला है । लोगों की आवाज को िबाने और बड़े स्तर पर भ्रष्ट्टाचार को न्योता िे ने जैसी बात है । भमू म वापस करने की नीतर्यों पर आघार्
केंद्रीय कानन ू ने पहले के अन्यायों को सि ु ारने की कोमिि में अधिग्रदहत की गयी और 5 वर्ा से ज्यािा अवधि से खाली पड़ी जमीन को वापस करने का प्राविान बनाया है । उसमें अवाडा पाररत होने के बाि लाभाजन्वतों को मआ ु वजा ना ममलने पर कर्र से मआ ु वजा िे ने की बात भी की गयी है । लेककन लगभग सभी राज्यों में जहााँ राज्य स्तरीय संिोिन आये हैं उनमें या तो पााँच वर्ा की अवधि को बढ़ाकर अधिग्रहण जारी रखने की कोमिि की गयी है और
अवाडा पाररत होने के बाि कोटा या राजकीय कोर् में मआ ु वजे के रक़म जमा कर नए अवाडा पाररत करने के लाभ से रोकने की भी कोमिि कर रही है राज्य सरकार।
स्वैजछछक भमू म अधिग्रहण और खंड 31A को जोड़कर पन ु वायस के लाभ के बदले पैसों का होगा खेल
आंध्र प्रिे ि और तेलग ं ाना सरकार ने ना ही केंद्रीय कानन ू को जन-ववरोिी और कमजोर करने का काम ककया बजल्क
इसके साि स्वैजछछक भमू म अधिग्रहण के प्राविान और खंड 31A को जोड़ते हुए मसर्ा भ-ू मामलकों के साि करार करने