सुलभ स्वच्छ भारत (अंक - 44)

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व्हाट्सएप पर चलता है 'पुलिस परिवार'

16 - 22 अक्टूबर 2017

इस परिवार में कुल एक हजार से ज्यादा जवान हैं, जो मिलकर पैसे इकट्ठा करते हैं और फिर अपने साथियों और उनके परिजनों की मदद करते हैं

शहीद जवानों के परिवरों को दी जा रही आर्थिक सहायता

अब तक आठ लाख 76 हजार रुपए की राशि का कुल सहयोग

त्तीसगढ़ की पुलिस के जवान सिर्फ नक्सलियों से लोहा लेना और अपराधियों की मुश्कें कसना ही नहीं जानते, बल्कि जरूरत पड़ने पर अपने साथियों की मदद करने में भी कोई कसर नहीं छोड़ते। जब भी इनके किसी सहयोगी के साथ कोई घटना घटती है, उसकी मदद को कबीरधाम पुलिस परिवार तत्काल सामने आता है। ये पूरा परिवार व्हाट्सएप पर चलता है। इस परिवार में कुल एक हजार से ज्यादा जवान हैं, जो अपनी-अपनी सामर्थ्य के हिसाब से पैसे जोड़कर इकट्ठा करते हैं और फिर उसको जरुरतमंद सहयोगी के परिजनों तक

गुब्बारों के जरिए सेलुलर कनेक्टिविटी

गू

पुलिस वालों ने अपने साथियों की मदद के लिए की पहल

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अल्फाबेट इंक प्रोजेक्ट लून के तहत तूफान प्रभावित प्यूटरे रिको में गुब्बारों के माध्यम से आपातकालीन कनेक्टिविटी सेवा मुहैया कराएगी

एक नजर

आईएएनएस/वीएनएस

गुड न्यूज

पहुंचा दिया जाता है। परिवार के सदस्य आरक्षक लवलेश परिहार ने कहा, ‘इस समूह का नाम ‘पुलिस परिवार’ दिया गया है। इसे व्हाट्सएप पर संचालित किया जा रहा है। यह समूह आकस्मिक-प्राकृतिक रूप से निधन हो जाने पर आपस में सहयोग राशि एकत्र करके मृतक के परिवार को सहयोग कर रहा है। साथ ही अपने साथी जवान या उनके परिवार में स्वास्थ्य संबधी कोई परेशानी होने पर आपस में आर्थिक रूप से भी पीड़ित परिवार का सहयोग कर रहा है।’ लवलेश ने कहा, ‘इस समूह ने 5 मार्च, 2015 को चिल्फी थाना में पदस्थ आरक्षक नीलकमल चंद्रवंशी की सड़क दुर्घटना में मृत्यु होने पर सभी

यह समूह आकस्मिक-प्राकृतिक रूप से निधन हो जाने पर आपस में सहयोग राशि एकत्र करके पीड़ित पुलिस वाले के परिजनों की अपने आर्थिक संसाधन से सहयोग कर रहा है

85,251 रुपए इकट्ठा कर शोकाकुल परिवार की मदद की थी। इसके बाद आरक्षक जगतु भुआर्य, आरक्षक विश्वनाथ राजपूत, आरक्षक छन्नू साहू, प्रतीक बघेल, सुरेश ठाकुर, आरक्षक मनीष यादव, प्रधान आरक्षक खगेश बंजारा, प्रधान आरक्षक परमानंद डहरिया एवं सहायक उपनिरीक्षक रेणु वैष्णव के निधन होने और प्रधान आरक्षक रामहू राम का स्वास्थ्य बिगड़ने पर आर्थिक मदद कर सहायता की थी।’ उन्होंने कहा कि पुलिस परिवार कबीरधाम के सभी अधिकारियों-कर्मचारियों ने मिलकर अब तक सात आरक्षक, तीन प्रधान आरक्षक और एक सहायक उपनिरीक्षक के लिए कुल आठ लाख 76 हजार रुपए की राशि का सहयोग कर चुके हैं। यह पहल छत्तीसगढ़ पुलिस के आपसी सौहार्द समरसता और आपसी भाईचारे को प्रदर्शित करता है, जो कि बहुत सराहनीय और अनुकरणीय पहल है। अभी तक ऐसे कार्य को सफल बनाने में आरक्षक से निरीक्षक स्तर तक के सभी जवान सहयोग दे रहे हैं।

गल की पैरेंट कंपनी अल्फाबेट इंक ने प्रोजेक्ट लून के तहत तूफान प्रभावित प्यूटरे रिको में गुब्बारों के माध्यम से आपातकालीन कनेक्टिविटी सेवा मुहैया कराने का संकेत दिया है। इस संबंध कंपनी के इंजीनियरों ने भी एक हफ्ते पहले ट्वीट किया था। कंपनी की इस योजना को अमेरिका के संघीय संचार आयोग (एफसीसी) ने हरी झंडी दे दी है। एफसीसी ने अल्फाबेट को प्यूटरे रिको और वर्जिन द्वीप के ऊपर छह महीनों के लिए 30 गुब्बारे उड़ाने की मंजूरी प्रदान कर दी है। अल्फाबेट के गुब्बारे अति तीव्रता के तूफान के कारण खराब हो गए हजारों सेलफोन टॉवरों की जगह वॉयस और डेटा सेवा मुहैया कराएंगे। एफसीसी को भेजे गए अल्फाबेट के आवेदन में प्यूटरे रिको में काम कर रहीं आठ वायरलेस कंपनियों के पत्र भी शामिल हैं, जिसमें 'लून' की फ्रिक्वेंसी का प्रयोग कर राहत कार्य चलाने तथा सीमित संचार मुहैया कराने की अनुमति देने की मांग की गई थी। अल्फाबेट के एक प्रवक्ता ने कहा कि 'लून' को दूरसंचार सहयोगियों के नेटवर्क के साथ एकीकृत करने की जरूरत है। गुब्बारों का यह नेटवर्क अकेले सेवा नहीं दे सकता। इससे पहले इस साल की शुरुआत में अल्फाबेट ने बाढ़ प्रभावित पेरू में भी लून के माध्यम से आपातकालीन फोन सेवाएं मुहैया कराई थी। (आईएएनएस)


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