अगस्त क्रांति के 75 वर्ष
07 अगस्त - 13 अगस्त 2017
आवरण कथा
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l ब्रिटिश सरकार ने 9 अगस्त 1942 की सुबह ऑपरेशन जीरो ऑवर के तहत कांग्रेस के सभी महत्वपूर्ण नेताओं को गिरफ्तार कर लिया
l महात्मा गांधी और कांग्रेसी नेताओं की गिरफ्तारी के विरोध में जनता द्वारा जो आंदोलन चलाया गया, उसने भारत छोड़ो आंदोलन को राष्ट्रव्यापी विस्तार दिया
l कांग्रेस के तमाम शीर्षस्थ नेताओं को जेल में डाल दिए जाने के कारण भारत छोड़ो आंदोलन का नेतृत्व अरुणा आसफ अली, जयप्रकाश नारायण, डॉक्टर राम मनोहर लोहिया जैसे समाजवादी नेताओं द्वारा किया गया
l ब्रिटिश सरकार द्वारा गांधी जी को गिरफ्तार करके पुणे के आगा खां पैलेस में और कांग्रेस कार्यकारिणी के अन्य सदस्यों को अहमदनगर के दुर्ग में रखा गया
l सरोजिनी नायडू और कस्तूरबा गांधी को भी आगा खां पैलेस में रखा गया
l जवाहरलाल नेहरू को अल्मोड़ा जेल में, डॉ. राजेंद्र प्रसाद को बांकीपुर जेल (पटना) और मौलाना अबुल कलाम आजाद को बांकुड़ा जेल में रखा गया l कांग्रेस को अवैधानिक संस्था घोषित कर सरकार ने इसकी संपत्ति जप्त कर ली
l सरकार के इन कृत्यों से जनता भड़क उठी और नेतृत्व विहीन होकर तोड़फोड़ में जुट गई l परिणामस्वरूप इस आंदोलन में एक भूमिगत संगठनात्मक ढांचा भी तैयार हो गया था
l हजारीबाग के सेंट्रल जेल से भागने के बाद जयप्रकाश नारायण में भूमिगत होकर इस आंदोलन की बागडोर संभाली और आजाद दस्ता का गठन किया
l भारत छोड़ो आंदोलन राष्ट्रीय स्वतंत्रता संघर्ष का प्रथम आंदोलन था, जो नेतृत्वहीनता की स्थिति में भी अपने उद्देश्यों को पूरा कर सका
l इस आंदोलन के दौरान जनता का आक्रोश कई स्तरों पर प्रकट हुआ। जगह-जगह पर रेल पटरियां उखाड़ी गईं और बड़े पैमाने पर अंग्रेजी सत्ता के केंद्रों को नुकसान पहुंचाया गया
l इस आंदोलन के दौरान कितनी ही जगह आंदोलनकारियों द्वारा समानांतर सरकार की स्थापना की गई, जैसे मिदनापुर (बंगाल) बलिया (उत्तर प्रदेश) बस्ती (बिहार) सतारा (महाराष्ट्र) में समानांतर सरकार बनाई गई और विकास की एक बड़ी यात्रा तय की है। इस दौरान देश में रोजगारी बढ़ाने, गरीबी हटाने के लिए प्रयास हुए। प्रधानमंत्री मोदी ने अपील की कि 2017 के 15 अगस्त को ‘संकल्प दिवस’ के रूप में मनाएं।
पीएम ने कहा कि सफलता पाने के लिए काम करने की जरूरत है कि देशवासी नए संकल्पों की सिद्धि का अभियान चलाएं। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे ‘न्यू इंडिया’ के लिए संकल्प लें और उसे पूरा करने में जुटें। नए आइडिया पर विचार करें और
राष्ट्र के नवनिर्माण में एक नागरिक के नाते अपना योगदान दें। 15 अगस्त स्वाधीन भारत के इतिहास का सबसे अहम दिन है। यह पूरे देश की उम्मीद और भरोसे को जाहिर करने वाला दिन भी है। इस बात को प्रधानमंत्री मोदी ने अपने अंदाज में यूं रखा कि 15 अगस्त को लाल किले से कोई व्यक्ति नहीं बोलता, देश की आवाज बोलती है। उन्होंने कहा कि मैं उसके लिए लोगों से सुझाव मांगता हूं। पीएम ने कहा कि पिछले तीन बार से मुझे शिकायत मिली कि मेरा भाषण लंबा होता है। इस बार मैं भाषण छोटा करने का प्रयास करूंगा।
नया ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के आगामी स्वाधीनता दिवस को लेकर देशवासियों से एक खास अपील की है। उन्होंने कहा है कि इस 15 अगस्त को देशवासी ये संकल्प करें कि वे गंदगी, भ्रष्टाचार, आतंकवाद, जातिवाद, और संप्रदायवाद के खिलाफ साझे तौर पर ‘भारत छोड़ो’ आंदोलन छेड़ेंगे। उन्होंने ऐतिहासिक अगस्त क्रांति को नए भारत के संकल्प के साथ जोड़ने की बात कही और कहा कि इसके लिए इस 15 अगस्त को हर भारतवासी संकल्प करे, व्यक्ति के रूप में, नागरिक के रूप में कि वह अपने देश को उन सब समस्याओं से मुक्त कराएगा, जो भारत के नवनिर्माण के आगे बड़ी चुनौती हैं। उन्होंने देशवासियों से यह प्रेरक आह्वान करते हुए कहा कि इसके लिए हर देशवासी को पूरे मन से
संकल्पित होना होगा। ‘मैं देश के लिए इतना करके रहूंगा, परिवार के रूप में ये करूंगा, समाज के रूप में ये करूंगा, गांव और शहर के रूप में ये करूंगा, सरकारी विभाग के रूप में ये करूंगा, सरकार के नाते ये करूंगा’, जब तक यह भाव देश में हर तरफ नहीं दिखेगा, हम इस काम को सफलता के साथ पूरा नही कर सकते हैं। उन्होंने इसी मुद्दे पर आगे कहा, ‘आज आवश्यकता ‘करेंगे या मरेंगे’ की नहीं, बल्कि नए भारत के संकल्प के साथ जुड़ने की है, जुटने की है, जी-जान से सफलता पाने के लिए पुरुषार्थ करने की है।’
महाभियान में सभी जुटें
इस अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने प्रत्येक भारतवासियों, सामाजिक संस्थाओं, स्थानीय निकायों, स्कूल-कॉलेजों से ‘न्यू इंडिया’ के संकल्प के लिए कुछ न कुछ योगदान करने का आह्वान किया। इसके तहत उन्होंने युवा संगठनों, गैरसरकारी संगठनों से सामूहिक चर्चा का आयोजन करने, नए-नए आइडिया लेकर आने की भी अपील की। विशेष रूप से उन्होंने ऑनलाइन की दुनिया में सक्रिय युवाओं से भारत निर्माण में काम आने वाले ‘इनोवेटिव’ योगदान देने को कहा। उन्होंने भारत छोड़ो आंदोलन के नए अध्याय को पूरा करने के लिए युवाओं से तकनीक का इस्तेमाल करते हुए वीडियो-पोस्ट-ब्लॉग के जरिए इस मुहिम को जन-आंदोलन में परिवर्तित करने की भी अपील की।