Shivna sahityiki january march 2021

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पु तक समी ा

कोरोना काल क दंश कथाएँ (िनबंध सं ह) समी क : दीपक िगरकर लेखक : अजय बोिकल काशक : िशवना काशन, सीहोर

दीपक िगरकर 28-सी, वैभव नगर, कनािडया रोड, इदौर- 452016 मोबाइल- 9425067036 ईमेल- deepakgirkar2016@gmail.com

हाल ही म अजय बोिकल क पु तक "कोरोना काल क दंश कथाएँ" िशवना काशन, सीहोर से कािशत होकर आई ह। यह कोरोना काल का एक िववेचना मक एवं िवचारो ेजक द तावेज़ ह। अजय बोिकल ने कोरोना काल क अपने अिव मरणीय अनुभव पर वैचा रक, िव ेषणा मक और आलोचना मक आलेख िक़ सागोई क अंदाज़ म िलखे ह। यह पु तक कािशत होते ही काफ चिचत हो गई ह य िक कोरोना काल और लॉकडाउन जैसे ज़ री और ासंिगक िवषय पर इतना यथाथ, सटीक और गंभीर िव ेषण िकसी भी समाचार प , पि का या पु तक म पढ़ने को नह िमला। लेखक ने सामािजक सम या एवं समसामियक समय क अनेक लंत मु पर अपनी कलम चलाई ह। यह अपनी तरह क पहली िकताब ह िजसम कोरोना काल क पूर प रवेश का यथाथ िच ण ह। लेखक ने इस पु तक म कोरोना काल म समाज से जुड़ सभी मु पर बेबाक से िलखा ह। अनेक स मान से स मािनत अजय बोिकल एक सजग प कार एवं दैिनक "सुबह सवेर" म व र संपादक ह। इस पु तक म शािमल सभी आलेख दैिनक "सुबह सवेर" म 'राइट क' क तहत कािशत ए ह। ी अजय बोिकल ने कोरोना काल क दंश कथा म तािकक एवं त या मक बात कही ह। लेखक िकसी िवचारधारा का प न लेते ए त य तथा तक क साथ सच को बयान करते ह। पु तक म कल ५४ आलेख शािमल ह। पु तक म लेखक ारा स ा, शासन, मीिडया, पुिलस, वा य िवभाग, डॉ टज़, अ पताल , प कार , कारोबा रय क भूिमका पर और आिथक संकट, बेरोज़गारी, राजनीित का नंगा नाच, समाज म फला अिव ास और दहशत का माहौल, भारतीय पारप रक जीवन शैली, वक ॉम होम, पुिलस ारा अपरािधय का एनकाउटर, चीनी माल का बिह कार, चीन पर िडिजटल ाइक, ई-लिनग पर िव तृत काश डाला गया ह। कोरोना काल और लॉकडाउन क अनेक त य एवं स य इन आलेख म उ ािसत ए ह। इस पु तक क भूिमका दैिनक "सुबह सवेर" क धान संपादक उमेश ि वेदी ने िलखी ह। उ ह ने िलखा ह "एक प कार क प म अजय बोिकल गुणव ा क कसौिटयाँ िनधा रत करते ह। कोरोना क इस दौर म मानवीय क णा को समेटते ए अपने प कारीय दािय व को अंजाम देना आसान काम नह ह। हर िदन कछ ऐसा घटता ह, जो उ ेिलत करता ह, हताश करता ह, िनराशा घोलता ह लेिकन बोिकल जैसे प कार क कलम हार नह मानती ह।" सुिव यात लेखक, सािह यकार एवं िच कार ी भु जोशी ने अपनी िट पणी म िलखा ह "अजय बोिकल क िलखे म 'देश और काल' बोलता ह। हाँ, रा भी बोलता ह, लेिकन रा वाद नह बोलता। उसक एक आँख पीठ म भी ह, जो 'पा टनेस ऑफ़ पा ट' को देखती ह और सामने क सचाई को अपनी ही दो आँख से नह ब क 'जन' क आँख से देखती ह।" पु तक म शािमल अनेक आलेख म अजय बोिकल क पीड़ा और बेचैनी िदखाई देती ह। लेखक इस पु तक का थम आलेख "मीिडया पर कसता िशकजा और मािफया क मीिडयािगरी" म िलखते ह - िजस म य देश क माटी ने कई शीष प कार िहदी प का रता को िदए ह, वही म य देश अब प कार क मुखौट म उन चेहर को ची ह रहा ह, िजनम डॉन, दलाल, शोषक, चोर और दबंग सब एकाकार हो गए ह। दुभा य से इनम से कछ का दावा यह ह िक वे अपने वाथ और सुिवधा क साथ प का रता क चीर को हरण होने से बचाए ए ह। इनम से कछ का यहाँ तक कहना ह िक यव था क लूप होल बेनकाब करने क कारण उनक मु क कसी जा रही ह। इसम आंिशक स ाई हो सकती ह। लेिकन िजस मकसद से इस मािफया क 'मीिडयािगरी' चल रही थी, वह समूचे मीिडया को आ मावलोकन पर िववश कर रहा ह। मािफया क इस मीिडयािगरी ने प का रता क लाल कालीन को ज़मीन क काले धंधे, गुटखे, शराब व शबाब क कारोबार तथा बेख़ौफ़ ट सचोरी क श म त दील करने म कोई कसर

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जनवरी-माच 2021 21


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