NTPC CBT STAGE-1 EXAM PREPARATION goverexamprep.blogspot.com/2019/09/ntpc-cbt-stage-1-exam-preparation_8.html
वायुमड ं ल म पाये जाने वाले कुछ मह वपूण गैस
NTPC CBT STAGE-1 EXAM PREPARATION
1. नाइटोजन : इस गैस क तशत मा ा सभी गैस से अधक है। नाइटोजन क उप थत के कारण ही वायुदाब, पवन क शि तथा काश के परावतन का आभास होता है। इस गैस का कोई रंग, गंध अथवा वाद नह होता। नाइटोजन का सबसे बड़ा लाभ यह है िक यह व तुओं को तेजी से जलने से बचाती है। यिद वायुमड ं ल म नाइटोजन न होती तो आग पर िनयं ण रखना किठन हो जाता। नाइटोजन से पेड़-पौध म ोटीन का िनमाण होता है, जो भोजन का मु य अंग है। यह गैस वायुमड ं ल म 128 िकलोमीटर क ऊँचाई तक फैली हुई है। 2. ऑ सीजन : यह अ य पदाथ के साथ िमलकर जलने का काय करती है। ऑ सीजन के अभाव म हम ईध ं न नह जला सकते। अतः यह ऊजा का मु य ोत है। यह गैस वायुमड ं ल म 64 िकलोमीटर क ऊँचाई तक फैली हुई है, पर तु 16 िकलोमीटर से ऊपर जाकर इसक मा ा बहुत कम हो जाती है। 3.काबन-डाइऑ साइड : यह सबसे भारी गैस है और इस कारण यह सबसे िनचली परत म िमलती है िफर भी इसका िव तार 32 िकमी क ऊँचाई तक है। यह गैस सूय से आने वाली िविकरण के लए पारग य तथा पृ वी से परावतत होने वाले िविकरण के लए अपारग य है। अतः यह काँच घर या पौधा घर (Green house) भाव के लए उ रदायी है और वायुमड ं ल के िनचली परत को गम रखती है। 4.ओजोन : यह गैस ऑ सीजन का ही एक िवशेष प है। यह वायुमड ं ल म अधक ऊँचाइय पर ही अत यून मा ा म िमलती है। यह सूय से आने वाली तेज पराबगनी िविकरण (Ultraviolet Radiations) के कुछ अंश को अवशोिषत कर लेती है। यह 10 से 50 िकमी क ऊँचाई तक के त है। वायुमड ं ल म ओजोन गैस क मा ा म कमी होने से सूय क पराबगनी िविकरण अधक मा ा म पृ वी पर पहुँच कर कसर जैसी भयानक बीमा रयाँ फैला सकती ह। 5.जलवा प : वायुमड ं ल म जलवा प सबसे अधक प रवतनशील तथा असमान िवतरण वाली गैस है । वायुम डल के स पूण जलवा प का 90% भाग 8 िकमी. क ऊँचाई तक सीिमत है। इसके संघनन होने के कारण बादल, वषा, कुहरा, ओस, तुषार, िहम आिद का िनमाण होता है। िवभ कार के तूफान को जलवा प से ही ऊजा ा होती है। जलवा प सूय से आने वाले सूयातप के कुछ भाग को अवशोिषत कर लेता है तथा पृ वी ारा िविक रत ऊ मा को संजोए रखता है। इस कार यह एक कंबल का काम करता है, ■जससे पृ वी न तो अ यधक गम और न ही अ यधक ठ डी हो सकती है।
1/3
जलवा प के संघनन से वृि होती है । वायुमड ं लक िव के मुख पठार
थरता भी जलवा प से िनयंि त होती है।
NTPC CBT STAGE-1 EXAM PREPARATION
1. ीनलैड का पठार : अ ध महासागर के उ री भाग म लगभग 21,75,600 वग िकमी े म िहम से ढंका िवशाल पठार है। इसे ीनलड का पठार कहा जाता है। 2. कोल बया का पठार : यह संयु रा य अमे रका के ओरगन वा○शगटन और इडाहो रा य के म य 4,62,500 वग िकमी े म िव तृत प म फैला है। 3. मै सको का पठार : यह पठार प म ■सयारामा े और पूव ■सयारामा पवत ेणय के म य थत है। 4. त बत का पठार : यह िहमालय के उ र और यूनलून पवत के द ण म 4,000 से 5,000 मीटर तक क ऊँचाई पर थत है। 5. मंगो लया का पठार : यह चीन के उ री म य भाग म मंगो लया गणरा य म थत है। 6. ाजील का पठार : द णी अमे रका के म य पूव भाग म यह पठार ि भुजाकार प म थत है। 7. बोलीिवया का पठार : यह पठार 800 िकमी ल बा और 128 िकमी चौड़ा तथा इसक औसत ऊँचाई 3,110 मीटर है। यह बोलीिवया के ए डीज पवतमाला े म िव तृत प म फैला है। 8.अला का का पठार : इसका िनमाण यूकन और उसक सहायक निदय ारा हुई है अतः इसे यूकन का पठार भी कहा जाता है। कनाडा क ओर इसक ऊँचाई लगभग 900 मीटर है। 9. ेट बे■सन का पठार : यह कोल बया पठार के द ण म कोलोरेडो और कोल बया निदय के म य 5,25,000 वग िकमी. े म िव तृत है। 10. कोलोरेडो का पठार : यह ेट बे■सन के द ण म थत है तथा इसका िव तार युटाह और एरीजोना रा य म पाया जाता है। 11. द न का पठार : यह पठार द णी भारत म थत है । इसे तीन ओर से पवत- ेणय ने घेर रखा है। इसके पूव म पूव घाट, प म म प मी घाट तथा उ र म व याचल एवं सतपुड़ा क ेणयाँ ह। 12. ईरान का पठार : इसे एशया माइनर का पठार या ईरान का म यवत पठार भी कहते ह। इसक औसत ऊँचाई 9001,500 मीटर के म य है।
2/3
NTPC CBT STAGE-1 EXAM PREPARATION
13. अरब का पठार : यह द ण-प म एशया म थत है। इसके पूव म फारस क खाड़ी, प म म लाल सागर, उ रप म म भूम य सागर और द ण म अरब सागर थत है। 14. अनातो लया का पठार : यह टी के ए टक एवं टारस ेणय के म य थत है। इसे टी का पठार भी कहते ह। इसक औसत ऊँचाई 800 मीटर है। 15. अबीसीिनया का पठार : यह पठार पूव अ का के इथयोिपया एवं सोमा लया के े म िव तृत प म फैला है। 16. मेडागा कर का पठार : मेडागा कर ीप अ का के द ण-पूव िह द महासागर म थत है। इस ीप के म यवत भाग पठारी है, ■जसे मेडागा कर या मालागासी का पठार कहा जाता है।
3/3