Day 2 complete

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Le`fr एक मुलाक़ात दिल से….. आज ऑडी में बेनी दयाल ने सबको झमू ने पर वि​िश कर वदया| सारी वबट्वसयन जनता और बाहरी छात्र संगीत की लहर में सराबोर थे और क्यों न हो, शाम ही कुछ ऐसी थी| ओएवसस वहन्दी प्रेस जब उनसे िाता​ालाप हेतु पहचुँ ा तो िे अपना भोजन समाप्त कर रहे थे| लंबे समय तक गाते-गाते उनका गला रुँ ध चक ु ा था तथा िे काफी थके हए भी थे| वकन्तु जब उनके समक्ष साक्षात्कार का प्रस्ताि रखा गया तो उन्होनें बेहद जोश के साथ सबका स्िागत वकया और तब शरू ु हई िाता​ालाप की एक खबू सरू त घड़ी| क्योंवक सन् 2009 में बेनी दयाल पहले भी वबट्स आ चक ु े हैं, इसीवलए सबसे पहला प्रश्न उनसे यही पछ ू ा गया वक उस समय के और अब के वबट्स वपलानी के माहौल में क्या-क्या पररितान देखने में आए हैं| उनके अनसु ार सभागार भी िही था, मचं भी िही| फका था तो लोगों का सगं ीत के प्रवत चाि और शैली में| लेवकन यह पररितान वबट्स में ही नहीं हर जगह आया है| एक छोटे से रै वपड फायर राउंड में उन्होनें बताया वक िे हमेशा से ही म्यवू िक में अपना भविष्य बनाना चाहते थे| उनके इस कररयर को चनु ने के वनर्ाय पर पररिारगर् एक बार तो चौंक गए थे वकन्तु तत्पश्चात उन्होनें अपनी स्िीकृ वत दे दी| यह पछू े जाने पर वक एक विख्यात पररिार से न होने के कारर् क्या उन्हें अपना अवस्तत्ि स्थावपत करने में संघर्ा नहीं करना पड़ा तब उन्होनें चटखारे लेते हए कहा ”अरे यार! कई प्रख्यात भारतीय दयाल हैं|”

वफर उन्होनें गंभीरता से कहा वक िे अपने काया एिं गायन के प्रवत बेहद वनष्ठािान और सच्चे रहे हैं| जब उनके जीिन के सबसे महत्िपर्ू ा मोड़ के विर्य में पछ ू ा गया तब उन्होनें बताया वक ए.आर. रहमान से हई मल ु ाक़ात ने उनके जीिन का रख बदल वदया| एक पवश्चम भारतीय होने के कारर् उन्हें इस िजह से भी काफी मवु ककलें आई|ं रहमान का ‘वदल से रे !’ उनके वदल के बेहद करीब है और यही गीत है वजसके कारर् उन्हें गायन की प्रेरर्ा वमली| जब उनसे पछ ू ा गया वक िे लाइि प्रस्तवु त और पार्श्ागायन में वकसे श्रेयस्कर समझते हैं तो उनका कहना था वक उन्हे गायन पसदं है चाहे िह जहाुँ हो और जैसा हो! उनके अनसु ार उनको गायन की लत है| उन्हें हर रूप का गायन पसंद है, चाहे िह तेलुगू हो या वहन्दी! मलयालम हो या तवमल! अंत में बेनी ने यहाुँ के लोगों के विर्य में कहा वक वबट्वसयन जनता बहत खबू सरू त है| ऐसे ही रहें, खश े के साथ हमने बेनी दयाल से ु रहें! और हर एक वबट्वसयन को प्यार! इसी संदश अलविदा वलय।|


तावलयों से गुँजू रहा ऑडी, मस्ती से झमू रहे वबट्स के छात्र ि फै कल्टी, नाच-गाने ि मस्ती से भरी शाम- हम बात कर रहे हैं ओएवसस’14 के मख्ु य प्रॉफ शॉ “बेनी दयाल लाइि” की। वडपाटामेंट ऑफ लाइि इिेंट्स द्वारा आयोवजत इस शॉ के वलए यहाुँ की जनता काफी उत्सावहत थी। इसका अदं ाजा इसी से ही लगाया जा सकता था वक 8 बजे से शरु होने िाले समारोह के वलए एक घटं ा पहले से ही लोगों की कतार लगने लगी थी। इतने बड़े आयोजन में वकसी भी अवप्रय घटना से बचने के वलए ऑडी फोसा द्वारा सरु क्षा के कड़े इतं जाम वकए गए थे। खचाखच भरे ऑडी में जब मंच से पदा​ा उठा और कायाक्रम आरंभ हआ तो कुवसायों पर बैठी जनता अपने ही स्थान पर खड़ी होकर झमू ने लगी। झमू ते-नाचते हए बेनी दयाल ने वफल्म टू स्टेट्स के संगीत “लोचा ए उल्फत” से कायाक्रम की शरु आत की। इसके बाद क्रमशः “वदल से रे ”,

“वडस्को वदिाने”, “पानी दा”, “दार देसी”, “चम्ु मा-चम्ु मा”, “हम्माहम्मा”, “वबजरु रया”, “बदतमीज वदल” इत्यावद गानों की प्रस्तवु त हई। ् बेनी दयाल के प्रवसद्ध पंजाबी गीत जैसे तारे वगन वगन, बोलो तारा रारा, पधारो म्हारे देस का भी दशाकों ने खबू आनंद उठाया। छात्रों के जोश को देखकर बेनी दयाल ने अपनी प्रस्तवु त में अनेक विविधताएुँ वदखाई। भले ही िह गाते हए नाचना या दशाकों के बीच जाकर गाना या वफर अनेक गानों को एक ही गाने में वमलाकर गाना हो, इन सब चीजों ने दशाकों को खबू लभु ाया। लाइट्स ि साउंड की व्यव्स्था भी काफी अच्छी थी। बैण्ड का काया भी सराहनीय था। समारोह में बाहर से आए हए लोगों की सख्ं या भी काफी अच्छी थी। और उन्होंने भी इस समारोह का खबू आनंद उठाया।

ओएदसस कलाकृदतया​ाँ ए॰डी॰पी॰ के सदस्य शशांक ने िाता​ालाप के दौरान बताया वक इस ओएवसस में उनके वडपाटामेंट ने बहत मेहनत तथा लगन से स्रक्चसा तथा पैनल तैयार वकए हैं। उद्घाटन के वदन वडपाटामेंट ने ‘मैक’ के साथ 90 के दशक के प्रवसद्ध टी॰िी॰ शो “लेजेण्ड्स ऑफ वहडन टैम्पल“ पर आधाररत एक इिेंट आयोवजत कराया। दशाकों को 90 के दशक की झलक वदखाने के वलए 90 के प्रवसद्ध काटूान शो जैसे “स्पोंज बॉब”, “जेटससं ”, “स्कूबी डू”, “जॉनी ब्रािो” आवद के स्रक्चसा बनाए गए हैं। ऑडी के प्रिेश द्वार पर “बैटमैन” तथा “स्कूबी डू” के सभी वकरदारों के स्रक्चसा तैयार कर फे स्ट में आए लोगों को 90 के दशक से रूबरू कराया गया है| इसके अलािा क्लॉक टािर पर 45 फीट लंबा “ओएवसस फ़्लेक्स” बनाया गया है। सपं र्ू ा पररसर की साज-सज्जा की विम्मेदारी इस वडपाटामेंट ने बखबू ी वनभाई है। इसके अवतररक्त “वनजं ा टरटल्स” एिम “पािरपफ़ गल्सा” के फ़्लेक्स भी तैयार वकए गए हैं। ऑडी में ए॰डी॰पी॰ ने 4 पैनल लगाए हैं जो ऑडीटोररयम की शोभा बढ़ा रहे हैं| पहले फ़्लेक्स में एक समरु ाई अपनी तलिार पर पत्ती सतं वु लत कर रहा है, दसू रे में एक जापानीज गैशा पर आधाररत है िहीं तीसरा स्िप्न भवू म पर आधाररत है वजसमें एक परी वखड़की से वनकलती हई वदखाई देती है| इसके साथ ही FD2 में 90 के दशक के “कै सेट” के चलन को प्रदवशात करने के वलए “कै सेट लैनटना” लगाए गए हैं। ए॰डी॰पी॰ में कुल 45 सदस्य हैं वजन्होनें वसतबं र से ही

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ही ओएवसस की तैयारी शरू ु कर दी थी। ऑनलाइन पवब्लवसटी का सम्पर्ू ा काम ए॰डी॰पी॰ ने ही सभं ाला है। ए॰डी॰पी॰ के फ़े सबक ु पेज पर 20000 से ज्यादा लाईक्स आ चक ु े हैं। फ़े स्ट में भाग लेने आए अन्य कॉलेि के विद्यावथायों ने ए॰डी॰पी॰ के काम की सराहना करते हए कहा की इस वडपाटामटें की प्रस्तवु तयाुँ अद्भुत हैं। उन्हें 90 के दशक के फ़्लेक्स बहत पसदं आए। साथ ही ऑडी में लगे “बैटमैन” तथा “स्कूबी डू” के स्रक्चरों ने उनके बचपन की यादें ताजा कर दी। इसके अलािा उन्होने ए॰डी॰पी॰ के सदस्यों की सराहना करते हए कहा की विद्यावथायों का अपनी पढ़ाई के अलािा हर वदन 3-4 घटं े मेहनत करना कावबले तारीफ़ है।

कॉकटे ल ओएवसस वहदं ी प्रेस द्वारा आयोवजत ‘कॉकटेल’ सफल रहा एिं भारी संख्या में भागीदारी देखी गई| यगु ल टीम के कुल 64 दलों ने पंजीकरर् कराया था| प्रथम वनष्कासन दौर में ‘वपक कनेक्ट’, ‘वक्िज’ एिं ‘मिू ी डायलॉग’ के अनेक प्रश्नों के आधार पर वनष्कासन वकया गया| वनष्कासन होने के उपरान्त 5 दलों का चनु ाि वकया गया वजसमें एक नॉन-वबट्वसयन दल बी शावमल था| खेल का प्रथम दौर ‘ransay’ आयोवजत वकया गया, वजसमें दी गई एक पंवक्त एिं चंद शब्दों को कथा-बद्ध करना था| इसके उपरांत बजर राउंड हआ जो प्रवसद्ध चलवचत्रों के संिादों पर आधाररत था| 90 के दशक की वफल्मों पर ही आधाररत संिाद पहचानने हेतु वदए गए थे| तीसरा दौर ‘enact’ था वजसमें एक दल वनष्कावर्त वकया गया एिं दो दलों को ‘िाईल्ड-काडा’ द्वारा खेल में शावमल वकया गया|

अगला दौर “bull’s eye” अपने आप में ही अनोखा था, टीम में से एक प्रवतभागी को तीरंदाजी द्वारा एक श्रेर्ी का चयन करना था| श्रेर्ी का चयन करने के उपरान्त उस से सम्बंवधत कुछ सिाल पूछे गए| इस दौर के उपरान्त भी एक टीम का वनष्कासन वकया गया| इस रोमाचं क खेल का अगला दौर ‘ऑवडयो-visual’ था, वजसमें िीवडयो को मक ू करके वदखाया गया और वफर प्रवतभावगयों को िीवडयो में अपनी आिाि देनी थी| अतं में ‘गड़ु -गाुँि’ सभा आयोवजत हई वजसमें बचे हए दो दलों के बीच, वदए गए प्रश्नों पर बहस हई| मानविकी विभाग के प्रोफे सर गजेन्र चौहान आवखरी के दो चरर्ों के वलए वनर्ा​ायक थे| यह आयोजन हर िर्ा वहदं ी प्रेस की एक बेहतरीन प्रस्तवु त होता है|

तरं ग-संगीत का अनूठा संगम सगं ीत सदैि से भािनाओ ं को व्यक्त करने का एक सशक्त माध्यम रहा है| यह मन को सक ु ू न देता है| संगीत मे यह ताकत होती है वक यह रोते हए को भी हुँसा सकता है| संगीत वकसी भी प्रकार का हो, िह हमेशा गहरा प्रभाि ही छोड़ता है| इसी का एक उदाहरर् रहा ‘तरंग’ वजसमें प्रवतयोवगयों ने पवश्चमी ि शास्त्रीय सगं ीत का जबरदस्त मेल प्रस्ततु वकया|

वपलानी भी थे| म्यवू िक क्लब ने ‘बारी-बारी’ गाया ि यंत्र-िादन में ‘ताल’ का संगीत बजाया| गरु कुल ने ‘आइवगरी नंवदनी’ तथा ‘पटाखा गडु ् डी’ गाया वजसे भारी समथान प्राप्त हआ| प्रवतयोवगता में दशाक भी भारी संख्या में मौजदू थे| पररर्ाम बाद में घोवर्त वकया जाएगा|

वबट्स के यशिधान चामोली ने ‘पटाखा गडु ् डी’ गाया| उनके तरंग मे प्रवतयोवगयों को वनवश्चत समय सीमा के भीतर अपनी प्रस्तवु त अनसु ार ‘तरंग’ मे गाना एक बहत ही अच्छा, नया एिं रोचक देनी थी| उन्हें 8 वमनट के अतं राल में अपने यंत्र तैयार करने थे तथा अनभु ि था| उन्होनें कहा वक सभी टीमों ने बहत अच्छी प्रस्तवु त दी| 15 वमनट में अपनी प्रस्तवु त देनी थी| प्रस्तवु त में उन्हे दो गीत गाने थे सभी की मेहनत साफ झलक रही थी| और सभी के वलए यह एक एिं एक िाद्य विर्यक प्रस्ततु करना था| मक ु ाबले में 7 टीमों ने भाग मनोरंजक इिेंट रहा| वलया वजसमें म्यवू िक क्लब-वबट्स वपलानी तथा गरु कुल-वबट्स

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एक्सपोज़र: फोटोग प्रिर्शनी तस्िीरें यादों को कै द करने का एक अनठू ा जररया है, ये मनष्ु य को अपने जीिन के बेहतरीन पलों को एक बार वफर से जीने का मौका प्रदान करती है| फोटोग्राफी क्लब द्वारा आयोवजत काराई जा रही “एक्सपोिर” नामक प्रदशानी कुछ बेहतरीन तस्िीरों का संकलन है| प्रदशानी में अलग-अलग मद्दु ों पर कुछ तस्िीरें लेकर, पैनल्स तैयार वकये गए हैं| पहले पैनल में “life’s purpose” अथा​ात् जीिन के विवभन्न उद्देकयों को दशा​ाया गया है| समाज के प्रवत योगदान देने के उद्देकय को दशा​ाती हई तस्िीर में एक मधमु क्खी को वनमा​ार्ाधीन छत्ते में एक योगदान देते हए वदखाया गया है| कुछ अन्य वचत्र जो वक एक वनधा​ाररत लक्ष्य को प्राप्त करना, विशेर्ताओ ं को एक से दसू रे यगु में देने पर आधाररत है| दसू रे पैनल “killing me softly” में विवभन्न सामावजक समस्याओ ं जैसे कायाक्षेत्र में लैंवगक भेदभाि, कन्या भ्रर्ू हत्या, बाल मजदरू ी आवद को प्रदवशात वकया गया है| तीसरे पैनल “zodiac signs” में रावशयों को उनकी विवभन्न विशेर्ताओ ं से जोड़ा गया| चौथा पैनल “incomplete” है, वजसमें रयवु बक क्यबू अधरू ा रह जाने पर, मनष्ु य की वनराशा को दशा​ाया गया है| इसके अवतररक्त अन्य तस्िीरें भी मख्ु य रूप से अधरू े पन पर ही के वन्रत हैं| पांचिाुँ पैनल “moments memories”, बेहतरीन पलों को कै द वकए हई तस्िीरों का संकलन है| इसमें मनष्ु य की ख़श ु ी को वदखाया गया है, जो वक प्रत्येक व्यवक्त के वलए वभन्न-वभन्न प्रकार की होती है| छठा पैनल “sins & virtues” मनष्ु य की वजंदगी में अनेक अच्छे ि बरु े कायों को दशा​ाता है| दान-पण्ु य करने के पश्चात् प्राप्त होने िाले सख ु और दसू री ओर जलन, द्वेर् जैसी भािनाओ ं को दशा​ाते हए वचत्रों को संकवलत वकया गया है| सातिाुँ पैनल “sound abstractions”, अनेक प्रकारों की आिािों का विशेर् वि​िरर् है| वसक्कों की खनक, घघंु रओ ं की मधरु आिाि आवद विर्यों पर आधाररत तस्िीरों का सक ं लन वकया गया है| आठिाुँ पैनल “the inner self” विवभन्न प्रकार की सन्ु दरताओ ं पर आधाररत है| माुँ एिं वशशु के ररकते की खबू सरू ती, स्ियं की कला को पहचानना आवद को प्रदवशात वकया गया है| इन पैनल्स के अवतररक्त महोत्सि से सम्बंवधत तस्िीरें भी प्रदशानी का एक महत्त्िपर्ू ा वहस्सा है| अतं तः यह ही कहा जा सकता है वक “एक्सपोिर” छायावचत्रर् की कला का बेहतरीन संग्रहर् है|

The Violin Concert सदंु र तकनीक से सुसवज्जत संगीत दल ु ाभ होता है। उससे भी अवधक दल ु ाभ एिं दशानीय होता है िह संगीत वजसमें भाि प्रधान हो। ऐसे ही अनभु ि के पात्र बने कुछ चवु नन्दा लोग, जब विर्श् विख्यात मैसरू ब्रदसा की जोड़ी ने नए अकै डवमक ब्लॉक के ऑवडटोररयम में लगभग दो घटं े लबं ी प्रस्तवु त दी। ऑडी कायाक्रम प्रारम्भ होने से पहले ही खचाखच भर चक ु ा था वजस कारर्िश कुछ व्यवक्तयों को ऑडी के अदं र की सीवढ़यों पर आश्रय लेना पड़ा। श्री मैसरू नागराज और डॉ मंजनू ाथ की जोड़ी का साथ दे रहे थे मृदगं म िादक श्री अजानु कुमार एिं मंजीरा िादक श्री अमृत नटराज। कायाक्रम का शभु ारंभ सभी कलाकारों ि वबट्स वपलानी कै म्पस के डायरे क्टर श्री जी रघरु ामा द्वारा दीप प्रज्ज्िलन से हआ। यह प्रत्यक्ष था वक शुरू से ही दशाकों की नब्ि पर पकड़ बनाई जा चक ु ी थी। सक्षम हाथों के वक्रया-कलाप से मानो िाइवलन भी सजग हो उठी और अपने भीतर से उत्पन्न होने िाली धनु ों को भी जीितं करती चली गयी। इसीवलए हर प्रस्तवु त के पश्चात ऑवडटोररयम का तावलयों की गड़गड़ाहट से गंजू उठना स्िाभाविक ही था। बीच-बीच में डॉ मजं नू ाथ अपने हल्के -फुल्के स्िभाि में ही प्रस्तवु तयों का िर्ान भी करते रहे। उन्होनें सगं ीत कला को मानिता की एक अहम ख़ोज करार वदया। साथ ही उन्होंने प्रस्ततु वकए गए रागों जैसे हसं ध्िवन आवद को नावमत और िवर्ात भी वकया। कायाक्रम के मध्य में प्रस्ततु और सिा​ावधक अतं राल तक चले ‘रागम तालम पल्लिी’ को डॉ मंजनू ाथ ने अपनी मख्ु य प्रस्तवु त बताया। इसके उपरांत आयी दो रागमवलका श्रख ं लाओ ं पर दशाकों के खड़े हो कर वकए गए अवभिादन को कलाकारों ने हाथ जोड़कर स्िीकारा। कायाक्रम का अतं प्रवसद्ध कन्नड़ भजन “बारो कृ ष्र्य्या” और सिावप्रय गीत “रघपु वत राघि राजा राम” से वकया गया। सम्पर्ू ा कायाक्रम के दौरान रागमवलका सदस्य काफ़ी उत्सावहत निर आए और कलाकारों की ताल से ताल वमलाते वदखे। दशाकों का रिैया भी सहायक एिं संतोर्जनक रहा। संक्षेप में कहा जा सकता है वक यह वदन वबट्स के शास्त्रीय संगीत प्रेवमयों के वलए यादगार रहेगा।

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अंिोदलका- एक सुरीला घमासान म्यवू िक क्लब वबट्स वपलानी द्वारा आयोवजत अदं ोवलका नामक शास्त्रीय गायन प्रवतयोवगता का आयोजन ओएवसस के प्रथम वदिस पर हआ| इसके बारे में जानकारी लेने जब हम आयोजन स्थल के वनकट पहचुँ े तो िहाुँ जटु ी अवतउत्सावहत भीड़ को देख कर ही हमें इस प्रवतयोवगता की लोकवप्रयता का अनमु ान हो गया| म्यवू िक क्लब के प्रवतवनवध से हई बातचीत में हमें पता चला वक कुल 62 लोग इसमें भाग ले रहे हैं| उनके मतु ावबक प्रत्येक कॉलेज से हर श्रेर्ी में दो प्रवतभावगयों को वहस्सा लेना था परन्तु इससे भी अवधक लोगों ने वहस्सा वलया है जो वक इस प्रवतयोवगता को लेकर लोगों में उत्साह को दशा​ाता है| इस

प्रवतयोवगता का पहला दौर 1 तारीख देर रात 12 बजे तक समाप्त हो जाएगा एिं इसका अवं तम दौर 2 तारीख को दोपहर तीन बजे आयोवजत होगा| जहाुँ पहले दौर में म्यवू िक क्लब के अनभु िी िररष्ठ सदस्य ही वनर्ा​ायक की भवू मका में थे िहीं इसके अवं तम चरर् में क्लब के लेजेंड कहे जाने िाले 2009 बैच के यवु धवष्ठर दास गप्तु ा एिं 2004 बैच के श्रेयस तेंदल ु कर को यह कमान सौंपी गई है| अंवतम दौर के वलए चनु े गए प्रवतयोवगयों को म्यवू िक क्लब की ओर से गाने वदए जाएुँगे जो वक उन्हें सीवमत समय में तैयार करके वनर्ा​ायकों के समक्ष प्रस्ततु करने होंगे| यह एक मनोरंजक इिेंट रहा वजसमें प्रवतभावगयों ने ख़बू आनंद वलया।

रै प वॉसश आज िमाना हर क्षेत्र में बदल रहा है इसीवलए संगीत में भी समय के साथ काफी बदलाि देखने को वमल रहा है| भारत में रै प को लेकर जनु नू कहीं न कहीं इसी बदलाि को दशा​ाता है| आज की पीढ़ी में इसी उत्सक ु ता को देखते हए वबट्स वपलानी के पोइरी क्लब द्वारा ‘रै प िॉसा’ का आयोजन करिाया गया| इस आयोजन में देश भर से आए उच्च दिे के रै पसा ने भाग वलया| इस आयोजन में वनर्ा​ायक के तौर पर सैश को आमंवत्रत वकया गया वजन्होनें इसी आयोजन के दौरान अपना एक रेक ररलीि वकया, वजसे

सभी दशाकों द्वारा खबू सराहा गया| रै प िासा के इस संस्करर् के आयोजक पोएवटक जवस्टस थे और इस बार कुल 7 प्रस्तवु तयाुँ देखी गई|ं सभी प्रस्तवु तओ ं ने दशाको का खबू मनोरंजन वकया| हर खेल की तरह इस खेल में भी विजेता चनु ा जाना था वजसके वलए दो रै पसा में अवं तम चनु ाि मवु ककल सावबत हआ| अवं तम मक़ ु ाबले में बॉम्बे के आकाश खंडेलिाल (A.K.A) ने बाजी मारी तथा विजय प्राप्त की| इसी के साथ यह आयोजन सभी की निरों में खरा उतरने में सक्षम सावबत हआ|

दफल्मी मुक़ाबला वहदं ी एवक्टविटीि सोसाइटी द्वारा ‘वफल्मी मक ु ाबला’ का आयोजन करिाया गया जो वक आधे घटं े की देरी से शरू ु वकया गया| कायाक्रम का लत्ु फ़ उठाने के वलए ओएवसस वहदं ी प्रेस ने स्ियं इसमें भाग वलया| कायाक्रम के आयोजन की डोर मानिी एिं वक्षवतज के हाथों में थी| मक ु ाबले के पहले चरर् में कुल 20 उच्च स्तरीय प्रश्न थे वजसके आधार पर 7 टीमों का चयन वकया गया| दसू रे चरर् के बाद 6 टीम बच गई वजन्होंनें कायाक्रम के अतं तक का सफ़र तय वकया| िहाुँ बैठे एक साझी ने अपना तजबु ा​ा सभी के साथ बाुँटते हए कहा वक हालाुँवक िे लोग खेलने िालों तथा दशाकों के मनोरंजन के वलए बहत प्रयास कर रहे थे परन्तु िे कुछ हद तक ही इसमें सफल हो पाए| कुल-वमलाकर कायाक्रम मनोरंजक रहा वजसका सबसे ज्यादा श्रेय वनष्कासन चरर् के पश्चात् आयोवजत कराये गए वफलसा को जाता है| वहदं ी एवक्टविटी सोसाइटी के एक सदस्य ने बताया वक लागों ने काफी बढ़-चढ़कर कायाक्रम में वहस्सा वलया वजससे िे काफी प्रसन्न थे| कायाक्रम के विजेता रहे वबट्स के तीसरे ि के छात्र प्रवीन बंसल तथा मोहित अग्रवाल|

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संपािक की कलम से ‘रावत्र-जागरर्’ के पश्चात सबु ह सात बजे ‘नतू न’ से चाय पीकर लौटने के पश्चात जब सोने को चला, तो खदु से यह िादा कर वलया वक सबु ह दस बजे उठना है और ‘तरंग’ देखने जाना है| परंत,ु जब आुँख खल ु ी तो दोपहर के एक बज रहे थे| लेवकन िो कहते हैं वक जब जागो तभी सिेरा, ओएवसस के सदं भा में यह कहाित बहत ही सटीक है, क्योंवक वदन-भर कुछ-न-कुछ ‘हेप्पवनगं ’ होता रहता है| फे स्ट की इस चकाचौंध में वपलानी बहत ही संदु र लग रहा है| बाहर से आए प्रवतभावगयों की चहल-पहल ने फे स्ट में चार चाुँद लगा वदये हैं| M-Lawns में गाते-नाचते लोगों के निारे बहत ही मनभािने हैं| रोटुंडा का यह पहला ओएवसस है| आने िाले वदनों में काफी सारे इिेंट्स िहाुँ आयोवजत वकए जाएुँगे और िो देखना वनवश्चत रूप से वदलचस्प होगा| एन.एस.एस. स्टॉल पर हाथों की कारीगरी भी देखते ही बनती है| तकरीबन एक दजान NGOs को इस िजह से आवथाक मदद वमल रही है| प्रोफ शॉि में भी दशाकों की भीड़ उमड़ रही है| परू ा िातािरर् 90 के दशक के रंग में रंग गया है| मन कर रहा है वक वजतना इस मंिर को आुँखों में भर सकते हैं, भर लें क्योंवक जैसे-जैसे इिेंट्स एक-एक करके खत्म हो रहे हैं, िैसे-िैसे यह ख्याल वदमाग में जगह बनाता जाता है वक दो वदन बाद यह सब खत्म हो जाएगा| जीिन वफर से उसी तरह कक्षाओ ं की एकरसता की ओर अग्रसर हो जाएगा| अत: मेरा सभी से वनिेदन है वक वजतना हो सके उतना इन बचे हए दो वदनों को जी लें और अपने मन-मवस्तष्क में इन लम्हों की एक अवमट छाप बना लें| ओएवसस के आयोजन में बहत वदनों की मेहनत लगी हई है, यह मेहनत तभी िसल ू होगी जब हर कोई जमकर फे स्ट का लत्ु फ़ उठाएगा तथा एक वबट्वसयन होने के नाते हमें वदलोवदमाग से ‘अपने’ फे स्ट से जड़ु जाना चावहए| मैं हर एक व्यवक्त विशेर् को अब तक के सफल आयोजन के वलए बधाई ि भविष्य के इिेंट्स के वलए शभु कामनाएुँ देते हए अपनी िार्ी को आराम देता ह|ुँ हेि ए हेप्पी एंड हैपवनंग ओएवसस!

ओएहसस हिन्दी प्रेस परिवाि हसद्ांत ,वैभव अभय, आहतफ़, पािस, खुशबू, अनंत, अहनरुद् हमश्र, िाजेश, सोनाली, आहदत्य भट्ट प्रणय, आकृहत, िजत, अंहकता, यशवर्धन, इलाश्री, सयु श, प्रांजल, यशाहदत्य, सत्यम, प्रवीण, आवेश अंचल, गोहवन्द, हप्रयक ं , नीहतशा, महु िका, ऐश्वयाध, हनहर्, िोहित, वैभव, हशवांक, लोके श, हववेक सहलल, सयु श, तुषाि, अहभनव, हशवांगी, कमल, आहदत्य, हनलेश, हनहखल, कृहत।

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