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14. ऩदों, सॊस्थानों के नाभों के भानक अनुवाद कय अयाजकता से फचने ,हहॊदी बाषी याज्मों भें सभस्त सयकायी काभ- काज कयने को सनु नजश्चत कयने

, सभस्त स्तयों ऩय लशऺा भाध्मभ

,

न्मामारमों, धचककत्सारमों, उद्मोग-व्माऩय भें हहॊदी के इस्तेभार कयने, ववद्मारमों भें बत्रबाषा पाभर ूथ ा का ऩारन कयने औय ननणथमों का ऩारन सुननजश्चत कयने के लरए सभस्त हहॊदी बाषी याज्मों के लरए एक अॊतय याज्मीम सॊस्था (आमोग , भॊडर अथवा प्राधधकयण) का गिन ककमा जाना अबीठि कामों की गनत को तीव्रता प्रदान कये गा । ऐसी सॊस्था को आधधकारयक रूऩ से ऐसे अधधकाय हदए जामें जो सभम-सभम ऩय कामथ प्रगनत की सभीऺा कय सके औय लरए गए ननणथमों को व्मवहाय भें राने के लरए सऺभ हो।

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