Russia and India Business Report

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Navbharat Times in association with Rossiyskaya gazeta, Russia

WEDNESDAY, NOVEMBER 27, 2013

घूमता आईना

र्ा संबध ं राजनीितक संबध ं ों के तंभ ह

यवसाय शुू करने की सुिवधा देने में ूस का दजा् बढ़ा

ददन उपाध्याय

भारतीय र्ा मं ी ए. के. एंटनी द्वारा 16 नवंबर को सेवरे ोिद्वन् क के शेवमाश िशपयाड् में भारी िवमानवाही पोत आईएनएस िवक्रमािदत्य ( भूतपूव् ूसी एडिमरल गोश्कोव) को भारतीय नौसेना में औपचािरक ूप से शािमल िकया जाना िन संदह, यह घटना भारत-ूस र्ा संबधं ों को सुृढ़ बनाने में एक अभूतपूव् योगदान करेगी। इसके अलावा,यह इस ृि‍ से भी महत्वपूण् है िक बु तीि्त आईएनएस िवक्रमािदत्य को भारतीय नौसेना में मा को में 21 अ‍ूबर को ुई भारत-ूस 14वीं िशखरवाता् के लगभग चार स‍ाहों के भीतर ही शािमल कर िलया गया, जो उसके िनण्यों के तेजी से काया्न्वयन की िदशा में भी एक अहम कदम का द्योतक है। एंटनी ने मा को में 18 नवंबर को भारत-ूस सैिनकतकनीकी सहयोग आयोग की 13वीं बैठक की ूसी र्ा मं ी सेगईे् शोयगु के साथ सहअध्य्ता भी की, िजसके दौरान दोनों प्ों ने र्ा सहयोग से जुड़े मु‍ों पर चचा् की। भारतीय धानमं ी मनमोहन िसंह और ूसी रा£पित लादीिमर पुितन की दो दौर की बातचीत के जो ठोस नतीजे सामने आए, उन्होंने यह िसद्ध कर िदया िक हाल की िद्वप्ीय िशखरवाता् धानमं ी के ूप में िसंह के काय्काल में ुई सभी भारत-ूस िशखरवाता् में “सवा्िधक सफल और पिरणामदायी” रही न केवल िद्वप्ीय िहतों के सभी मुख्य मु‍ों पर, बि क अित‍लंत वैि‍क और ्े ीय नों पर भी ूस तथा

ITAR-TASS

Specially for RIBR

भारत के िमलते-जुलते या समान िवचारों से यह बात पु‍ हो जाती है। क्रेमिलन में िशखरवाता् के बाद पुितन और िसंह की उपि थित में दोनों प्ों ने पांच समझौतों पर ह ता्र िकए. इनके अलावा, बातचीत की उपलिब्धयों पर एक संय‍ ु व‍ य “िव‍ शांित और ि थरता के िलए रणनीितक भागीदारी का गहनीकरण” भी जारी िकया गया, जो दोनों देशों के बीच आिथ्क, यापािरक और िनवेश-संबधं ी सहयोग के ाथिमकता ा‍ िवकास पर

िवशेष बल देता है। जहां तक िद्वप्ीय आिथ्क और यापािरक ्े ों में सहयोग बढ़ाने की बात है, तो संय‍ ु य‍ य में दोनों प्ों ने 2012 में 11.4 अरब डालर मू य के कुल वािष्क आवत् पर संतोष कट करते ुए यह वीकार िकया िक िनवेश संबधं ी सहयोग आिथ्क सहयोग का एक महत्वपूण् घटक है,जो िद्वप्ीय िनवेश और यापार को बढ़ाने में भी सहायक िसद्ध हो सकता है। इस िसलिसले में उन्होंने

ाथिमकता ा‍ िनवेश पिरयोजना पर संय‍ ु काय्कारी समूह की पहली बैठक के पिरणामों के ूप में इन कई िनवेश पिरयोजना की िनशानदेही का वागत िकया । िशखरवाता् के एक महत्वपूण् नतीजे के ूप में पे ोल और गैस, औषधीय उद्योग, आटोमोबाइ स, उव्रक तथा नागिरक उ‍यन जैसे ्े ों में सहयोग की अहम संभावना पर जोर देने पर भी सहमित ुई। िन संदहे , नई िद‍ी और मा को का

बातचीत की उपलिब्धयों पर एक संयक्त ु वक्त य “िवश्व शांित और ि थरता के िलए रणनीितक भागीदारी का गहनीकरण” भी जारी िकया

मानना है िक दोनों देशों के बीच िनवेश और यापार को बढ़ाने हेतु ूस, बेलाूस और कजाख तान के तीन देशों के क टम्स यूिनयन के साथ भारत का एक यापक आिथ्क सहयोग समझौता (सीइसीए) होना चािहए। िशखरवाता् के बाद नई िद‍ी में 28 अ‍ूबर को एक सेिमनार में बोलते ुए भारतीय िवदेश मं ालय के यूरिे शयाई िवभाग के मुख अजय िबसािरया ने कहा िक भारत क टम्स यूिनयन के साथ यापक आिथ्क सहयोग समझौते पर ह ता्र

करने की संभावना पर गंभीरता से िवचार कर रहा है। अपने नाम का उ‍ेख न करने की शत् पर एक उ भारतीय ोत ने इस लेखक को बताया िक इस पिरयोजना को अंितम ूप लेने में कई साल लग जा सकते ह और आगे चलकर यह पाइपलाइन “टीएपीआई” से भी जुड़ जा सकती है। उ‍ेखनीय है िक भारत और ूस ने हाल ही में पि‍मो्र साइबेिरया में यमाल ायद्वीप पर तेल और गैस में सहयोग के एक काय्क्रम को अंितम ूप िदया। मा को-ि थत ाच्यअध्ययनसं थानके तहत भारतीय अध्ययन कें की अध्य् डॉ. ताितयाना शौम्यान ने कहा िक तेल और गैस के ्े में दोनों देशों के बीच इस सहयोग का आरभ एक नयी चीज़ है, िजस पर िसंह और पुितन ने गहराई से बातचीत की। संय‍ ु िनवेश के माध्यम से िद्वप्ीय यापार को बढ़ावा देने के िलए भारत ने ूस को 90 अरब डालर वाली िद‍ीमुबं ई औद्योिगक गिलयारे (डीएमआईसी) की बड़ी पिरयोजना में िशरकत करने का िनमं ण िदया है। वािणज्य और उद्योग मं ी आनंद शमा् ने ूस से आग्रह िकया है िक वह “डीएमआईसी” की कम-सेकम एक पिरयोजना में अव य िह सा ले। मरण रहे िक भारत सरकार द्वारा ायोिजत इस िवशाल पिरयोजना को 2017 में पूरा िकये जाने का ल य है। मा को िशखरवाता् के पूव् भारत-ूस अंतस्रकारी यापािरक और आिथ्क सहयोग आयोग की बैठक में भी इस मु‍े पर िव तृत ूप से बातचीत ुई। भारतीय सू ों ने बताया िक ूस “डीएमआईसी” में अपनी कंपिनयों की संभािवत िशरकत पर गंभीरतापूवक ् िवचार कर रहा है और उसने इसके बारे में भारत से सूचनाएं हािसल करने में िदलच पी िदखाई है। अिधक पढ़े indrus.in मे

क्या क टम्स यूिनयन, भारत को संगठन से जुड़ने के िलए आमंि त करेगी? िवक्टर कुि मन RIBR

बेलाूस, कजाख तान एवं ूस वृहद आिथ्क एकीकरण के िलए अपने अगले कदम की तैयारी कर रहे ह। क टम्स यूिनयन (सीयू) िजसके िक सभी तीनों देश सं थापक सद य ह, को 2015 तक यूरािशयन इकॉनोिमक यूिनयन (ईईयू) से ित थािपत कर दी जाएगी। वत्मान जानकारी के अनुसार टकी्, भारत एवं यहां तक िक सीरीया को भी नए संगठन से जुड़ने के िलए आमंि त िकया जा सकता है। ूसी से ीडेिशयल एकेडमी ऑफ नेशनल इकोनॉमी एण्ड पिब्लक एडिमिन श े न (रानेपा) के ोफेसर वालेरी अ ामोव बताते ह िक “ पसंदीदा यापार

बढ़ गया। इसके अलावा अभी तेल का पिरवहन, रेल रोड िकराया एवं उजा् आपूित् जैसे अनसुलझे मु‍े अभी भी बरकरार ह। वन दलाल अलपारी में मुख्य िव्‍ेषक अलेक्जेंडर राजुवायेव का िन कष् है िक अभी तक क टम्स यूिनयन ने केवल बेलाूस को ही फायदा पुचाया है। िमन् क ही मा को और कीव के बीच िर तों में संभािवत िबगड़ाव पर सबसे ज्यादा लाभ में रहेगा। िमन् क संगो‍ी की सबसे बड़ी सनसनी नजरबायेव का भावी ईईयू में टकी् और सीरीया को जोड़ने के िलए उन्ह आमंि त करने पर िवचार करने का ताव था। ूसी रा£पित लादीमीर पुितन ने कहा िक भारतीय धानमं ी ने उनसे उनके देश एवं क टम्स यूिनयन के मध्य एक मुफ्त यापार अनुबधं के िवचार पर िवचार करने के िलए कहा है हांलािक ूसी िवशेष्, ईईयू में भारत, टकी् और सीरीया की संभावना को लेकर आशािन्वत नहीं ह।

अभी इस समय यह महज ताव भर से ज्यादा कुछ नहीं है, इस तरह के कदम के िवरोध में बुत ज्यादा तक् ह, और इसके अलावा ऐसे भी देश ह जो जुड़ने के िलए कहीं ज्यादा ुिच रखते ह और उनकी दावेदारी को शीष् ाथिमकता िदए जाने की ज्यादा संभावनाएं ह। राजुवायेव इससे सहमत हैः “क टम्स यूिनयन का मुख्य िवचार भूतपूव् सोिवयत इलाकों को एकीकृत करने का था। न तो भारत, न टकी् और ना ही सीरीया कभी ूसी सा ाज्य या यूएसएसआर के अंग रहे।“ िवशेष् भारत की ईईयू संभावना को लेकर थोड़ा कम आलोचक हैः नई िद‍ी के यूिनयन में संभािवत सहवरण को चीन के बढ़ते भाव को संतिु लत करने के िलए उपयोगी होने के ूप में देखा जा रहा है,जो िक अिधकांश मध्य एिशयाई देशों के साथ अपने आिथ्क गठजोड़ों को मजबूत कर रहा है।

नतािलया रा दुलोवा RIBR

GETTY IMAGES/FOTOBANK

ूस में हाल ही में जोर पकड़ने वाले दर फॉर िस टर अिभयान में ऐसे युवक शािमल ह जो िबना पैसा या और कुछ िलए युवा मिहला को रात में सुरि्त उनके घर पुचाते ह। वे उनके घर के दरवाजे तक छोड़ने उनके साथ जाते ह, और यह काय् पूरी िन‍ा और शालीनता से करते ह। ये युवक, इस अिभयान के उद्दे य को बुत सौम्य लहजे में प‍ करते ह: ‘युवितयों से िमलना, देर रात उन्ह सुरि्त घर पुचाने के िलए उनके साथ जाना, कुछ सहायता की पेशकश करना-हमारा समूह यही करता है। हमारा अिभयान िकसी भी तरह से राजनैितक या धािम्क नहीं है। हमने केवल एक िवशेष सम या को हल करने के िलए यह शुू िकया है, िजसका सामना चे यािबं क में दरुड के पास रोजाना 10 कॉलें आती हैं। युवा मिहलाएं आग्रह करती हैं िक रात में घर तक उन्हें साथी िमल जाए। आजकल हमारे समुदाय कर रहे ह।’

युवितयों को रात में खतरों से बचाने के एकमा उद्दे य के साथ यह अिभयान सेंट पीट्सबग् में एक साल से कुछ अिधक समय पहले शुू िकया गया था। यह अिभयान थािपत करते समय डेिनस शोटीकोव 29 साल के थे, वे एक उपनगर में रहते थे और घोड़ों के अ तबल के संचालन में अपने दो तों की सहायता करते थे। डेिनस ने एक लोकि य ूसी सोशल नेटवक् वीकोंटक्े टे पर दर फॉर िस टर ग्रुप को लांच िकया और ‘ दस्’ बनने के िलए युवकों को आमंि त िकया। उन्होंने ‘िस टस्’ को भी आमंि त िकया िक वे संकोच मत कर और मदद हेतु अपने अनुरोध भेज।ें दर बनने के िलए उम्मीदवारों को कड़ी चयन िक्रया से गुजरना पड़ता है। इस समूह ने जो िमसाल पेश की, वह सोशल नेटवको्ं पर बुत लोकि य िसद्ध ुई। शीघ्र ही ूस भर के 25 नगरों में ऐसे ही समूह बन गए। चे यािबं क में अब 100 से अिधक दस् ह; सद य के ूप में वीकार करने से पहले हर उम्मीदवार की जांच की जाती है िक उसका कोई आपरािधक िरकाड् तो नहीं है। चे यािबं क शाखा का संयोजन करने वाले 19 वषी्य

पांचवीं पीढ़ी के लड़ाकू िवमान (एफजीएफए) की ूस के साथ संय‍ ु पिरयोजना में अनुसधं ान-तथा-िवकास काय् में भारत का िह सा, वत्मान में भारत की घरेलू औद्योिगक ्मता तक सीिमत है लेिकन पिरयोजना के िक्रयान्वयन के साथ यह क्रिमक ूप से बढ़ेगा।मॉ को ि थत सेंटर फॉर एनॉिलिसस ऑफ ग्लोबल आम्स् डे के हेड इगोर कोरोटचेंको ने कहा िक, ‘भारतीय प् द्वारा उ‍ेिखत आंकड़े, भारत के उद्योग, िवशेषकर िहन्दु तान एयरोनॉिटक्स िलिमटेड (एचएएल) कापो्रश े न की वत्मान ्मताएं दिश्त करते ह।

ूस के रा£पित लाडीमीर पुितन को फोब्स् द्वारा िव‍ के सबसे शि‍शाली यि‍ के ूप में दजा् िदया गया था। जनमत में उन्होंने अमेिरकी रा£पित बराक ओबामा को पछाड़ िदया । यह साल भी पुितन के िलए िनणा्यक ूप से महत्वपूण् होने जा रहा है, क्योंिक पि‍म जगत एक के बाद एक आिथ्क दलदल और राजनैितक गंदगी में फंसता जा रहा है, ‍ोडेन,सीिरया, जासूसी और कामबंदी इसके उदाहरण ह ।

कंसन् जनरल इन्वे ट में चेयरमैन िवसेन्जों ानी कहते हैः “ आम धारणा के िवपरीत, इटली, जो िक मुख्यतया िवशेष उत्पाद िनया्त करता है, भारत एवं चीन अपने उत्पादों के िलए नए बाजारों की तलाश में ह क्योंिक अमरीकी मांग में कमी आई है। अमरीका के बाद ूस उनकी पहली पसंद है। भारत के ईईयू से जुड़ने पर उसे (ूसी) बाजार में चीन को शीष् थान से हटाने में मदद िमलेगी। रानेपा के अ ामोव कहते ह, ूस एवं

दर फॉर िस टर वालंिटयस्ः युवा मिहला के िलए एक नए अिभयान से जुड़े पुूष वयंसवे ी, िबना पैसा या और कुछ िलए युवा मिहला को रात में सुरि्त उनके घर पुचाते हैं ,यह काय् पूरी िन ा और शालीनता से करते हैं।

एफजीएफए में भारत का िह सा बढ़ने की संभावना

लाडीमीर पुितन: फोब्स् ‍ारा िवश्व के शिक्तशाली यिक्त

PHOTOSHOT/VOSTOCK-PHOTO

्े और क टम्स यूिनयन को एकीकृत आिथ्क ्े और एक मु ा यूिनयन बनाने में िकसी भी (्े ीय) एकीकरण िक्रया में कई चरण समािहत होते ह । हालांिक क टम्स यूिनयन के भाव, हालांिक खास तौर पर बुत अच्छे नहीं रहे ह। जनवरी से जून 2013 के मध्य यूिनयन की आंतिरक संय‍ ु जीडीपी महज 1.7 ितशत की दर से बढ़ी, और उजा् ोतों को छोड़कर अन्य आपसी यापार में साल के पहले आठ महीनों में महज 2 ितशत की बढ़ोतरी ुई। फेडरल टेट टेिटि टक सिव्स के अनुसार जनवरी से अग त 2013 के बीच ूस का अन्य क टम्स यूिनयन देशों से यापार 4.5 ितशत घट गया है। यह बेलाूस के साथ तथाकिथत उव्रक युद्ध के प‍ात दोनों देशों के यापार में आई जबरद त िगरावट का पिरणाम है। इसी बीच, इसी अविध के दौरान कजाख तान के साथ यापार 16 ितशत के करीब

तािवत यूरािशयन इकॉनोिमक यूिनयन भारत, टकी् और सीरीया को समूह में शािमल होने के िलए आमंि त कर सकता है।

एक िरपोट् में ओईसीडी का कहना है, ूस ने िपछले दशक में अपने नागिरकों के जीवन- तर को सुधारने में “ गित” की है । औसत रिसयन पिरवार की खच् योग्य ित वष् आय $15,300 है, जोिक इसके पहले के पिरणामों से बेहतर है, हालांिक यह ओईसीडी के $23,000 के औसत से अभी भी नीचे है। आय में असमानता काफी अिधक है।

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भारत-ूस 14वीं िशखरवाता् दोनों देशों के शीष् थ राजनीितक नेतत्ृ व ि‍प्ीय रणनीितक भागीदारी को और मजबूत बनाने के अपने इरादे के ित पूवव् त ितब‍ हैं,संबध ं ों को सुृढ़ बनाने में योगदान करेगी।

© RIA NOVOSTI

दोनों देश अपनी रणनीितक भागीदारी को अिधकािधक मजबूत बनाने के िलए सतत यासरत हैं

डेिनलकुि यानोव के अनुसार, ‘ त्येक वालंिटयर को कम से कम तीन सा्ात्कार में उ्ीण् होना होता है। हम त्येक सद य की नेशनल आईडी की एक कॉपी भी रखते ह, ये ितयां एक पुिलस टेशन में भी रखी जाती ह। हमारे कुछ सद य वा तव में पुिलस अिधकारी ह, वे हमारे नए उम्मीदवारों की आपरािधक िरकाड् के िलए जांच करते ह। उम्मीदवारों से यह भी अपेि्त होता है िक वे उिचत ूप से िफट हों, उन्ह धू पान करने, शराब पीने या अभ भाषा का इ तेमाल करने की अनुमित नहीं होती।’ चे यािबं क में दरुड के पास रोजाना लगभग 10 कॉलें आती ह। ज्यादातर मामलों में, युवा मिहलाएं बस यह आग्रह करती ह िक रात में घर तक उन्ह कोई साथी िमल जाए। ऐसा लगता है िक यह पूरे देश में फैली एक बड़ी सम या है, युवा मिहला को उनके क्रोिधत पितयों या पुूष-िम ों द्वारा सताया जाता है,चे यािबं क में वालंिटयस् को अनेक बार क्रुद्ध पूव-् िे मयों से िनबटना पड़ा, ये लंपट लोग ज दी ही शांत हो जाते ह जब उन्ह पता चलता है िक उनके िशकार को सुर्ा देने के िलए कोई तत्पर है।

भारत का श यापार में एक सफल इितहास रहा है और दोनों दीघा्विध का मजबूत आिथ्क गठजोड़ रखते हैः “ इसिलए, ( भारत की संभािवत सद यता) इसे सीिमत महत्व वाली शतो्ं के साथ वीकार िकया जा सकता है, सबसे पहले भारत को ाथिमकता वाले रा£ का तर देकर इसकी शु​ुआत की जा सकती है। यह ऐसा कुछ नहीं है िजसे अंतररा£ीय संबधं ों, िजसमें डब् यू टीओ भी शािमल है, में ितबंिधत कर रखा हो।

भारत, ईरान, पािक तान, अफगािन तान और मंगोिलया ने ् े क की हैिसयत से ,तुकम ् िे न तान ने “िवशेष अितिथ” के ूप में िह सा िलया।

शीतकाल में भारत में और अिधक ूसी पय्टकों के आने की संभावना ूसी ऑपरेटर द्वारा इटरफेक्स को बताए गए के अनुसार, ूसी पय्टक एजेंिसयों का अनुमान है िक इस साल की सिद्यों की छुि‍यों में अिधक ूसी पय्टक भारत आएंगे । िबिब्लओ ग्लोबस वै ल एजेंसी के बंध िनदेशक, अलेक्जेंडर टगोलुकोव के अनुसार, “ भारत के िलए पैकज े के सौदे लगातार काफी लोकि य हो रहे ह ।” उन्होंने आगे बताया िक भारत के िलए एक पैकज े टुअर – “सुनहरा ि कोण (िद‍ी, आगरा, जयपुर) तथा गोआ में िरजोट् में वास” –सबसे अिधक लोकि य पसंद है।


WEDNESDAY NOVEMBER 27, 2013

सुर्ा

IN ASSOCIATION WITH ROSSIYSKAYA GAZETA, RUSSIA

िवक्रमािदत्य के शािमल होने से भारतीय नौसेना िवमान वाहकों के ्े में नया दौर शुू होगा

नवयुग का आरभः िवक्रमािदत्य भारतीय नौसेना के सुपदु ् पहले एडिमरल गोश्कोव के नाम से जाना जाने वाला यह पोत, 16 नवंबर को आिधकािरक ूप से भारतीय नौसेना में एक यु‍क इकाई के ूप में शािमल हो गया। एलीना क्रोविवदी

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RIBR

अग त और िसतंबर में बैरन्े ट्स सागर में डेक पर िमग िवमानों की िश्ण उड़ानें व लैंिडग कराई गईं। उस समय 57 उड़ानें पूरी की गईं, िजनमें से 47 उड़ानों में िवमानवाहक पोत पर लैंिडग कराई गई थी ,रात में टेक-ऑफ एक िवशेष उपलिब्ध थी हमारे ोतों के अनुसार, वह िदन एवं समय िनधा्िरत िकया जा चुका है जब िवक्रमािदत्य िवमानवाहक पोत को सेवमैश आउटिफिटग ‍े से रवाना िकया जाएगा, लेिकन मौसम की दशा -मुख्य ूप से हवा की बलता तथा िदशा के अनुसार इसमें थोड़ा-बुत बदलाव िकया जा सकता है। लेिकन कोमोडोर बेरी और उनके िक्रयू को आशा है िक वे नवंबर समा‍ होने से पहले अव य ही सेवरे ोडिवं क से रवानगी कर लेंगे और समु में अपनी या ा पर आगे बढ़ जाएंग।े इस ग्री म व शरत ऋतु में आईएनएस िवक्रमािदत्य ने फुल-पॉवर तथा िवमानन परी्णों की अपनी सीरीज सफलतापूवक ् पूरी की। 28 जुलाई की रात को िशप के मुख्य ोप शन िस टम को पूरी शि‍ दी गई-सभी आठ ब्वॉयलरों का तापमान ऊपरी सीमा तक बढ़ा िदया गया, और वे सफलतापूवक ् काय् करते रहे। 40,000 टन से अिधक िव थापन करने वाले इस भीमकाय जहाज ने 29.3 नॉट की गित ा‍ की, जो इसके िडजाइन िववरणों के अनुसार अपेि्त सीमा से ज्यादा थी। बाद में, अग त और िसतंबर में बैरन्े ट्स सागर में डेक पर िमग िवमानों की िश्ण उड़ानें व लैंिडग कराई गईं। उस समय 57 उड़ानें पूरी की गईं, िजनमें से 47 उड़ानों में िवमानवाहक पोत पर लैंिडग कराई गई। रात में 12 लैंिडग और टेक-ऑफ एक िवशेष उपलिब्ध थी, जो इस ूसी िवमानवाहक पर िवमानों द्वारा पहले नहीं की गई थीं। अनुमान है िक यह िवशालकाय युद्धपोत तटीय कना्टक में नविनिम्त करवार नौसैिनक अड्डे पर रहेगा।

आईएनएस िवक्रमािदत्य आधुिनकीकरण के पहले पृथक िकए गए भाग

आधुि​िनकीकरण के बाद

मुलाकात सूरज बेरी: आईएनएस िवक्रमािदत्य के कमांिडग ऑिफसर

ूसी नौसेना के पेशवे र अंदाज और सहयोग के िलए आभार -कोमोडोर बेरी आईएनएस िवक्रमािदत्य के कमांिडग ऑिफसर, कोमोडोर सूरज बेरी ने भारत को िवमानवाहक पोत के सौंपे जाने, भारतीय नौसैिनकों के िश्ण, तथा सेवरे ोदिवं क में अपने अनुभवों के बारे में बात की।

को चुना है िजनके पास समु में काय् का पया्‍ अनुभव है और इन कािम्कों को ूसी नौसेना द्वारा एक सघन, सुिनयोिजत तथा उत्कृ‍ िश्ण दान िकया गया है। सं्पे में मैं कहना चाूगा िक त्येक ूसी िक्रयू, अपने-आप में असाधारण सबसे पहले, एक मुख भारतीय-ूसी कुशल है और उन्होंने एक टीम की तरह सैन्य पिरयोजना के सफलतापूवक ् पूरे काय् िकया। होने पर हम आपको बधाई देना चाहगे। भारतकोआईएनएसिवक्रमािदत्यसौंपे भारतीय िक्रयू का िश्ण िकस जाने पर आप कैसा महसूस कर रहे ह? कार आयोिजत िकया गया? आपकी शुभकामना के िलए आपका क्या आप परी्णों के दौरान ूसी बुत-बुत धन्यवाद। इस भ य पोत की नौसैिनक अिधकािरयों व नािवकों कमान सौंपे जाने पर मैं खुद को बुत से आपसी यवहार पर कोई िटप्पणी करना चाहगे? सौभाग्यशाली अनुभव कर रहा ू। िवक्रमािदत्य, अभी तक भारतीय नौसेना ूसी तथा भारतीय नौसेना के बीच आपसी को ा‍ सबसे बड़ा पोत है। लगभग यवहार और पेशवे राना समझ बुत अच्छी 45,000 टन भार वाला यह पोत िन संदहे है तथा दशकों के समय की कसौटी पर ु िवशाल है। उ्‍त उपकरण और उत्कृ‍ यह खरी सािबत ुई है। िवप्ीय संय‍ णािलयां, िवशेष संचालन कुशलता व अभ्यास ‘इन् ’ जो दोनों देशों की नौसेना वीणता की मांग करती ह। इसके िलए द्वारा वािष्क ूप से आयोिजत िकया जाता भारतीय नौसेना ने बुत ही योग्य कािम्कों है, यह आपसी बेहतर व गम्जोशी भरे संबधं ों

NATALIA MIKHAYLENKO

इसे लांच िकए जाने के समारोह में िवमानवाहक पोत के िक्रयू तथा कमीशिनंग टीम के साथ ूसी उप धानमं ी ी दिम ी रोगोिजन तथा भारतीय ितर्ा मं ी ए. के. एंटनी ने भागीदारी की। उनकी उपि थित में, पोत के ह तांतरण तथा वीकृित माणप पर रोजोबोरोनएक्सपोट् के िडप्टी जनरल डॉयरेक्टर इगोर सेवा त्यानोव तथा एयरक्रॉफ्ट कैिरयर कमांडर कोमोडोर सूरज बेरी द्वारा ह ता्र िकए गए। सेवा त्यानोव के अनुसार, यह िवमानवाहक पोत दान िकया जाना, ‘आधुिनक भारतीय नौसेना के िवकास की िदशा में एक मह वपूण् कदम है।’ सेवमैश िशपयाड् में सघन नवीनीकरण करते ुए िवक्रमािदत्य पर एक आधुिनक फ्लाइट डेक, तथा जेट लड़ाकू िवमानों के उड़ने के िलए एक ि गं बोड्, नवीनतम नेिवगेशन और राडार णािलयां, दूरसंचार तथा िवमान िनयं ण णािलयां, तथा अन्य िवशेष कार के उपकरणों व एसेम्बलीज आिद को थािपत िकया गया। एक िदन पूव् भारतीय नौसेना के ितिनिध एडिमरल एस. मधुसदू न ने कहा िक िवक्रमािदत्य अगले 30 या 40 वषो्ं तक नौसेना हेतु काय् करेगा। उनका मानना है िक ‘िवक्रमािदत्य को सेवा में लेने से भारतीय नौसैन्य िवमान वाहकों के ्े में एक नया दौर शुू होगा और संचालनों का एक नया युग आरभ होगा।’ िवगत स‍ाह सैन्य-तकनीकी सहयोग पर मॉ को में ुई ूसी-भारतीय अंतस्रकारी कमीशन की बैठक में ए.के. एंटनी ने इस पर चचा् की थी िक इस पोत को ‍ेत सागर से िहद महासागर में वहां तक जाने में िकतना समय लगेगा जहां इसे तैनात िकया जाना है। एंटनी ने कहा, ‘मेरा मानना है िक िवक्रमािदत्य, अगली जनवरी की शुूआत में भारतीय तट तक पुच जाएगा ।’ ोतों के अनुसार, ूस में िनिम्त तथा उ्री सागर में सैन्य काय्वािहयां संप्‍ करने के िलए अनुकिू लत भारतीय नौसेना की एक ि गेट, बैरन्े ट्स सागर में ूसी जलसीमा में िवक्रमािदत्य से िमलेगी और िज ा टर के िनकट इस ए काट् में एक टारपीडो बोट डे ॉयर तथा भारतीय नौसेना की एक अन्य ि गेट शािमल हो जाएंग।े इसके अलावा, इस िवमानवाहक पोत में ईंधन भरने के िलए एक भारतीय टकर भी साथ में चलेगा। पूरे ह तांतरण के िलए िवमानवाहक पोत का भारतीय िक्रयू,183 ूसी िसिविलयनों की एक टीम की कमांड में है। इस िसिविलयन समूह का नेतत्ृ व इगोर िलयोनोव के पास है जो ह तांतरण हेतु उ्रदायी ह। उनके अनुसार, यह ूसी गारटी के अनुसार ािवधािनत है िजस पर ग्राहक की सहमित थी।

45,000 का आईएनएस िवक्रमािदत्य, 30 लड़ाकू जेट िवमान व हेलीकोप्टर ले जाने में स्म है।

को पिरलि्त करता है और एक-दूसरे के िलए हमारी ितबद्धता का माण है। थम रक के क‍ान इगोर रायबको की कमान में 12वें िक्रयू तथा भारतीय कमीशिनंग िक्रयू ने परी्णों के दौरान आपस में घिन‍ संबधं बना िलए ह। ि गेड टॉफ के साथ िक्रयू का संय‍ ु िनयोजन/समन्वय समूह, परी्णों के सफल आयोजन हेतु उ्रदायी है। पोत पर हमने मुख्य ोप शन प्लांट, पॉवर जेनरे श े न/िड ीब्यूशन िस टम्स, रेिडयो इलेक् ॉिनक ऐड्स, डेक पर िवमानों के संचालन की हडिलंग, बॉय को एंकिरग/ मूिरग, नौका के साथ काय् इत्यािद को पर पर तालमेल के साथ करते ुए हमने अनेक परी्णों की िजम्मेदािरयां संभालीं। हमारा आपसी सहयोग, पोत पर होने वाली खेलकूद व सां कृितक गितिविधयों में पार पिरक सहभािगता तक िव तृत रहा। यह जानना रोचक है िक ‍ेत सागर से िहन्द महासागर को जाते ुए यह िवमानवाहक पोत कौन सा माग् चुनगे ा।

भारत में करवार बंदरगाह पर अपनी नई जगह पर पुचने के िलए इस िवमानवाहक पोत के िलए केवल दो माग् ह िजनका वह अनुसरण कर सकता है। मुख माग् वेज नहर होकर गुजरता है। नहर से िनकलने हेतु सेवा उपलब्ध न होने की ि थित में यह पोत केप ऑफ गुड होप होकर भारत पुचेगा। सेवरे ोडिवं क में पोत के पुनरोद्धार से जुड़ी आपकी ि य यादें कौन सी रहीं? क्या आप यहां िफर से आना चाहगे? शायद उस देवदार वृ् को देखने के िलए, जो आपने खुद यहां लगाया.... सेवरे ोडिवं क मेरे िलए घर से दूर एक घर जैसा रहा है। इस सामुि क क बे में मुझे जो सत्कार, सम्मान और गम्जोशी िमली, वह अिव मरणीय है। मुझे िव‍ास है िक मैं आगे अपने जीवन भर सेवरे ोडिवं क को याद रखूगं ा। मैं िनि‍त ही िफर कभी न कभी यहां जूर आना चाूगा और वह देवदार देखगूं ा िजसे मैंने लगाया है।

माइक्रोमैक्स को ूसी माट्फोन बाजार में कड़ी ितयोिगता का सामना करना होगा ूस में माट्फोन्स पर नजर जमाए भारतीय हैंडसेट िनमा्ता को ग्राहकों के ांड जागुकता की कमी से उबरने के चलते कड़ी ित पधा् करनी पड़ सकती है। एलेक्सान् ा काट्ज RIBR

ITAR-TASS

माइक्रोमैक्स, िजसने हाल ही अंतरा्£ीय िव तार योजना की घोषणा की थी, ूसी बाजार में वेश करने वाला पहला भारतीय हडसेट िनमा्ता बनता िदख रहा है। हालांिक वैि‍क िनमा्ता जैसे सैमसंग, नोिकया, ब्लैकबेरी और एप्पल की ि थित भारत में मजबूत है, पर उनकी बाजार िह सेदारी थानीय िनमा्ता माइक्रोमैक्स एवं उसके ितयोिगयों जैसे कारबोन, लावा,इन्टेक्स एवं से कोन भारत की ही तरह,ूस में अब हर पांच में से दो हैंडसेट माट्फोन

WEBSITE of the embassy of the Russian Federation in India

के चलते लगातार िगरती जा रही है। माइक्रोमैक्स के उपकरण आधी कीमत पर बेचे जा रहे है। कैनवास 4 की भारत में कीमत 287 डॉलर है जबिक सैमसंग गैलक्े स एस 4 को खुदरा दरों पर करीब 529 डॉलर में बेचा जा रहा है। क्या ये सभी तत्व ूसी बाजार में भी उसी तरह से काम करगे जैसे वे भारत में करते ह? एक पैन-ूसी मोबाइल िरटेल चेन “यूरोसेट” के मुतािबक ूस में 2012 में हडसेट्स की कुल िबक्री (मोबाइल फोन एवं माट् फोन दोनों िमला कर) करीब 4करोड़ बीस लाख इकाईयां थी।बाजार आकार में 5.8 ितशत और मू य में 14.4 ितशत बढ़ा। भारत की ही तरह, ूसी माट्फोन बाजार ने भी जबरद त बढोतरी िदखाई जबिक मोबाइल फोन औऱ िफचड् फोन

( माट्फोन नहीं) की बाजार िह सेदारी बढ़ोतरी के कारण है और दूसरा उपकरण उ्रो्र िगरती रही। मॉ को में आईडीसी की औसत कीमत घट रही है।”। एमटीएस 2013 के पहले छह माह के के काय्क्रम अिधकारी िसमोन बेकर कहते ह “ूस में अब हर पांच में से दो हडसेट दौरान माट् फोन की औसत कीमत 322 माट्फोन होते ह”।

कड़ा मुकाबला जॉनसन एण्ड पाट्नस् कं लिटग के िनदेशक इ माइल बेलोव बताते ह िक ूस में अभी िबक रहे शीष् पांच ांड्स में सैमसंग, नोिकया, एप्पल, एचटीसी, एफएलवाई एवं एल जी ह। ूस की बड़ी िरटेल ख ृं ला में से या ोज (Svyaznoj) के एक व‍ा आरआईबीआर को बताते ह िक “ूस के माट्फोन बाजार में बढ़ोतरी को िनधा्िरत करने वाले दो बड़े ूझान ह, पहला यह माध्यम कीमत ण े ी के चलते बाजार में

माटफोन बाजार का दायरा 5.8 ितशत बढ़ा है डॉलर मानती है जो िक िपछले साल इसी अविध में आंकी गई कीमत से 0.7 ितशत कम है। माइक्रोमैक्स के िलए ूसी बाजार में पहले से थािपत चीनी ांड्स से मकाबले में कीमतें एक मुख्य तत्व होगा। इसके अलावा कई अन्य किमयां भी ह जो

भारतीय माट्फोन िनमा्ता की राह में खड़ी ह। इ माइल बेलोव कहते ह िक “इटरनेट से िमली जानकारी के आधार हम इस नतीजे पर पुचते ह भारतीय ांड को सबसे पहले चीनी ांड्स जैसे टैक्सेट, िे टिजओ, फ्लाई से मुकाबला करना होगा। ”माइक्रोमैक्स िकसी अन्य ांड के साथ ांड साझेदारी का अनुबधं भी कर सकती है,उदाहरण के िलए फ्लाई, िजसे िक ूस मे पहले से ही जाना जाता है या िकसी टेलीकॉम संचालक के साथ। हालांिक बाद वाला वूप अभी ूस में िवकिसत नहीं ुआ है। “ूसी बाजार में वेश करते समय माइक्रोमैक्स को उन्हीं किठनाईयों का सामना करना पड़ सकता है जैसी की अन्य समान ांड्स ने झेली थी और िफर

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भी अिधकांश ग्राहक उनके उत्पादों के बारे में नहीं जानते।” या ोज के िवशेष् कहते ह।“माइक्रोमैक्स को गैजट्े स को लोकि य बनाने के िलए खासे यास करने होंग।े ांिडग और मोशन के चलते भारतीय िनमा्ता के उपकरण आगे बढ़ सकते ह।” माइक्रोमैक्स जबरद त िवपणन िनवेश के िलए तैयार है। ताजातरीन माइक्रोमैक्स कैनवास टबो् माट्फोन के अवतरण के साथ ही भारतीय हड सेट िनमा्ता ने हग जैकमैन को अपना ांड एम्बेसडे र िनयु‍ करने की घोषणा की थी। हॉलीवुड िसतारे को िनयु‍ कर माइक्रोमैक्स ने अंतरा्£ीय छिव बनाने की जूरत के सवाल का ही जवाब िदया है। हालांिक जैकमैन ूसी ग्राहकों को भािवत कर पाएंगे या नहीं यह दूसरी बात है।


WEDNESDAY NOVEMBER 27, 2013

र्ा

IN ASSOCIATION WITH ROSSIYSKAYA GAZETA, RUSSIA

ुझान: भारत, चीन, ि टेन और बांग्लादेश से बेलाूस, पोलैंड और िफनलैंड के िलए, नए परमाणु ऊजा् संयं ों का िनमा्ण िकया जा रहा है

परमाणु ऊजा् पर भरोसा : पूव् फुकिु शमा तर वापस कुडनकुलम एनपीपी की पहली इकाई की शु​ुआत फुकिु शमा के बाद परमाणु ऊजा् उद्योग में एक मील का पत्थर सािबत होने वाली घटना है।

उ‍रण

इवान एं ीयुव की

आन् ईै रि चैंको RIBR

मा को में ुई ूसी-भारतीय सिम्मट इस तथ्य के िलए भी जानी जाएगी िक ूसी रा£पित लादीमीर पुितन और भारतीय धानमं ी मनमोहन िसंह को ऑन लाइन सूचना दी गई िक कुडनकुलम एनपीपी की पहली इकाई का िग्रड से संबधं जुड़ गया है जो िक लम्बे समय से ती्ारत था। सिम्मट के पिरणाम वूप जारी संय‍ ु बयान के मुतािबक, दोनों प् इस बात पर सहमत ह िक दूसरी इकाई के िनमा्ण को पूरा करने के िलए आव यक कदम उठाए जाएं। इसके अलावा, वे इसी संयं के िलए तीसरी व चौथी इकाई के िलए तकनीकी एवं यवसाियक ताव तैयार करने एवं सामान्य ढांचागत अनुबधं को पूरा करने को काम तो तेज गित से पूरा करने पर भी सहमत ुए। उन्होंने पहले के अनुबधं ों में कुडनकुलम थल पर अितिर‍ ऊजा् संयं ों के िनमा्ण व भारत में नए थानों पर ूसी िडजाइन पर आधािरत परमाणु ऊजा् संयं के िनमा्ण में सहयोग के वादों पर भी ृढ़ रहने की बात दोहराई। एनपीपी कुडनकुलम का िग्रड से ायोिगक संबधं जुड़ना ही ूस- भारत सिम्मट से एक मा संयोग नहीं है। महत्वपूण् खबरों का अन्य जगहों, जो अभी िनमा्णाधीन ह या जो अभी बातचीत के दौर गुजर रही ह, से भी आना जारी रहा। यहां बस उनकी एक संि्‍ सूची भर दी जा रही है। यूके सरकार एवं च ें ईडीएफ समूह ि िटश आई ले पर िहक्ले पॉइट सी एनपीपी पर दो नए परमाणु ऊजा् इकाईयों के िनमा्ण के िलए शतो्ं के अनुबधं पर पुच गए ह। िवशेष् बताते ह िक परमाणु िनयामक काया्लय (ओएनआर) यूके ने 20 साल में पहली बार िकसी एनपीपी के िनमा्ण के िलए थान उपयु‍ता माणप जारी िकया है। इसके अलावा, लंदन के अिधकािरयों ने अपने परमाणु ऊजा् उद्योग में चीनी कॉपोरेशनों के िनवेश की अनुमित भी दे दी है। वयं चीन में, कुडनकुलम में िजस ूसी िडजाइन पर परमाणु संयं बना है

ूसी यूिनयन ऑफ इजीिनयस् के धान

इस तरह के संयं का िनमा्ण भारतीय कंपिनयों के िलए एक तरह से परी्ण िकजहां वे इजीिनयिरग, िनमा्ण और तकनीकी उपाय जो उनका परी्ण कर रहे हैं। इन थानों में उ तकनीकी वाले िविश उपकरणों का उपयोग िकया गया है। इसके साथ ही सबसे बढ़ कर, सभी सुर्ा मानकों, िजनका तर फूकिु शमा में जो ुआ उसे ृि गत रखते ुए जबरद त बढ़ा िदया गया,कठोरता से पालन िकया गया है।

उसी पर ितआनवान एनपीपी में दो पहले से काय्रत वीवीईआर 1000 िरएक्टर के बाद तीसरी एवं चौथी इकाईयों का िनमा्ण का काय् शुू हो गया है। इससे ूसी परमाणु तकनीक एवं िडजाइन जो िक समय की परी्ा को भी पास कर चुके ह की ऊंची ित‍ा का एक बार िफर सत्यापन ुआ है। फुकिु शमा हादसे के बाद, चीन में एक नए परमाणु संयं ों के िनमा्ण पर एक मोरोटोिरयम जारी िकया गया था। इसने करीब दो साल तक सब कुछ एक तरह से थम गया था। ितआनवान ऊजा् संयं का दूसरा चरण चीन में हरी झंडी पाने वाला पहला संयं बना िजसने फूकिू शमा के बाद जारी िकए गए कड़े िनयमों को पूरा करने के कठोर परी्ण को पार िकया। यह 2012 के अन्त में ुआ जब चीन

AP

कुडनकुलम परमाणु ऊजा् केन् एक ुसी-भारतीय संयक्त ु पिरयोजना है जहां जल-जल ऊजा् िरएक्टस् का उपयोग िकया जा रहा हैं के रा£ीय परमाणु सुर्ा शासन ने तीसरी और चौथी इकाई के ूसी िडजाइन एईएस-91 पर िनमा्ण के िलए लाइसेंस जारी िकया। इसके अलावा, बेलाूस में पहले परमाणु ऊजा् संयं का िनमा्ण भी ारम्भ हो गया, जहां भारत एवं चीन के उदाहरणों का अनुसरण िकया गया, उन्होंने ूसी तकनीक को तरजीह दी। अक्टबर अन्त में बेलाूस की नेशनल सुपरवाइजरी अथॉिरटी ने पहली ऊजा् इकाई के िनमा्ण के िलए लाइसेंस जारी िकया। यह पड़ोसी िलथुआिनया में इग्नािलना एनपीपी की जगह पर एक परमाणु ऊजा् केन् के िनमा्ण की योजना भी बना रहा है, िजसे यूरोिपयन यूिनयन के अनुरोध पर रोक िदया गया था। हाल ही यह सूचना आई है िक पोलेंड के आिथ्क मं ालय ने परमाणु ऊ जा् के िवकास के िलए एक काय्क्रम का अनुमोदन िकया है। अक्टबर के ारम्भ में रोसातोम के

मुख सैगईे् िकिरयेन्को एवं बांग्लादेश की धानमं ी शेख हसीना ूपपुर परमाणु ऊ जा् संयं के भिव य थल के िनमा्णकाय् की शु​ुआत की। जो िक इस एिशयाई देश में पहला संयं होगा। इस थान पर तैयारी काय् 2014 के शु​ुआत में ारम्भ होने की योजना है, और मुख्य चरण का काय् 2015 में शुू होने की योजना है। ािधकािरयों के अनुरोध पर वीवीईआर िरएक्टस् के साथ दो ऊजा् इकाईयों िजनकी कुल ्मता 2 गीगावाट्स से ज्यादा होगी िक योजना बनाई गई है। एक और समाचार िफनलैंड से आया है, जहां फेनोवौइमा कंसन् ने नए हािन्हकीवी1 ऊजा् संयं के िलए रोसातोम को परमाणु तकनीक की आपूित् के िलए चुना है। इसके अलावा, कुडनकुलम के िग्रड से जुड़ने के कुछ िदन बाद ही, यह जानकारी आई है िक जॉड्न में पहले एनपीपी के िनमा्ण के िलए जारी अन्तररा£ीय िनिवदा

जीएसएलवी: भारत का िमशन इम्पॉिसबल िमसाइल काय्क्रम ूस से गुप्त सहायता ाप्त करने के बावजूद भारत का भारी-भरकम जीएसएलवी रॉकेट, उड़ान भरने में िवफल रहा। इसके संभािवत कारणों पर यहां िवचार िकया गया है। राकेशन कृ णन िसन्हा RIBR

REUTERS

मंगल अिभयान की लांच के बाद भारत की बढ़ी ुई अंतिर् संबधं ी मह वाकां्ाएं, शीघ्र ही नीचे आने के आसार ह। िविच लगता है? आइए इसकी वा तिवकता देख।ें भूतपूव् रॉकेट वै्ािनक नम्बी नारायणन, िजनको जासूसी के आरोपों से उ तम न्यायालय द्वारा बरी िकया गया है, के अनुसार भारत का अंतिर् खोज काय्क्रम अभी भी उ संिदग्ध आरोपों के अंतग्त की गई असमंजसपूण् िगरफ्तािरयों के भाव में उलझा ुआ है। भारत के वदेशी क्रायोजेिनक इजन के िवकास में लगे मुख वै्ािनकों को 1994 में इटेिलजेंस ब्यूरो (आईबी) और केरल पुिलस द्वारा जासूसी के आरोप में िगरफ्तार भारत का भारी-भरकम जीएसएलवी रॉकेट,उड़ान भरने में िवफल रहा,कारणों पर िवचार और लांच िकया गया था। सबसे गंभीर आरोप यह था िक वे एक िवदेशी, संभवतः पािक तान की वाले िववरण की खोज की। अपनी िरपोट् रोकने के िलए इसमें यवधान डाला और के िनमा्ण से संबिं धत ब् यूि ट्ं स, भारत को गु‍चर एजेंसी के िबछाए लुभावने जाल में सीबीआई ने उ‍ेख िकया िक इसरो रा£पित बोिरस ये तिसन पर दबाव डाला गु‍ ूप से उपलब्ध कराए।’ में फंस गए थे। में क्रायोजेिनक इजन के िवकास पर िक वे इस डील से पीछे हट जाएं। नलपत के अनुसार, ‘यह शीघ्र ही काम करने वाले सभी लोग-िजनमें भारत भारत-ूस गठबंधन को और ऊंचाईयों सीआईए को ्ात हो गया, िजसके बारे की मदद करने वाले ूसी वै्ािनक भी तक पुचाने के िलए अंतिर् समझौता में माना जाता है िक उसने इस काय्क्रम वा तव में क्या ुआ था? जांचों का कोई नतीजा न िनकलने शािमल थे-अिभयोिजत िकए गए। यूराल नई िद‍ी ि थत इ टीट्यूट फॉर िडफेंस के मुख्य वै्ािनकों को जेल िभजवाने के टडीज एंड एनािलिसस के अनुसार, दोनों इतजाम करते ुए इस काय्क्रम को अ्म पर उद्दे यों पर गौर करना चािहए। प् एक समझौता परक समाधान पर बनाने योजना पर काम िकया था। यद्यिप क्रायोजेिनक काय्क्रम की िवफलता से िकसे फायदा होगा, भारत के हैवीवेट रॉकेट क्रायोजेिनक काय्क्रम पुचे। ‘जहां ूस ने भारत को ौद्योिगकी आरोप पूरी तरह से झूठे पाए गए, लेिकन जीएसएलवी से िकसे खतरा होगा? प‍ की िवफलता से िकसे के वे घटक देने पर रोक लगा दी िजनका िनदो्ष सािबत होने में लगभग एक दशक ूप से पािक तान नहीं, जो िक अंतिर् में उपयोग दोहरे योजनों से िकया जा सकता का व‍ लग गया, और इस िक्रया के भारत से पधा् करने की ि थित में नहीं है। फायदा होगा ? था, वहीं ऐसी ौद्योिगकी का ह तांतरण चलते भारतीय काय्क्रम, इतने ही वष् पीछे िकया गया, जो दोहरे योजन के िलए नहीं चला गया।’ इस पृ‍भूिम में, नारायणन का यह आरोप िक अमेिरका भारत के अंतिर् काय्क्रम एिवएशन नामक िवमानन कंपनी पर भी मानी गई थी।’ तब ूस के िनि‍त ूप को असमथ् बनाना चाहता है,िवचार करने आरोप लगाए गए, िजसने भारत में ूसी से पि‍मी खेमे में होने के साथ भारत ने िनशाना भारत पर है लायक है। वै्ािनकों के अनुसार, उनकी क्रायोजेिनक इजन तथा अन्य संबिं धत चीजें अनुभव िकया िक ये तिसन के रा£पित अंितम ूप से क्रायोजेिनक टीम को ही िगरफ्तारीअमेिरकाकेएजेंडेकाएकिह सा पुचाई थीं। रहते, मॉ को से सहयोग एक सीमा में यवि थत ूप से िनशाना नहीं बनाया गया जाना-माना िववरण यह है िक 1991 में ही रहेगा। हालांिक, तंभकार तथा खोजी था। िवगत माह के.के. जोश और अभीश थी िजसे आईबी के दु‍ एजेंटों के साथ ूस ने भारत को क्रायोजेिनक ौद्योिगकी प कार माधव नलपत के अनुसार, िशवम की लाशें िवशाखापट्टनम नौसेना िमलकर सीआईए द्वारा पूरा िकया गया। ु थी में रेल पटिरयों भारत का कें ीय अन्वेषण ब्यूरो ह तांतिरत करने के िलए सहमित दी, हालांिक िबल िक्लंटन शासन चाहता था याड् के िनकट पेंडू (सीबीआई) िजसने अंततः मामले की लेिकन इससे िचंितत अमेिरका ने भारत िक भारत को क्रायोजेिनक इजनों की ूसी के िनकट बरामद ुईं। ये दोनों इजीिनयर, पड़ताल की, ने केरल पुिलस की केस को संभािवत सैन्य उपयोगों के िलए एक िबक्री न हो। ‘भारत के ित मै ीपूण् रवैया भारत की वदेशी नािभकीय ऊजा् चािलत डायरी से एक वा तव में चिकत करने शि‍शाली रॉकेट िवकिसत करने से रखने वाले ूसी वै्ािनकों ने ऐसे इजनों पनडुब्बी अिरहत के िनमा्ण से जुड़े थे।

में ूसी ताव को तरजीह दी जाएगी। के िनकट रहने वाले लोगों के िवरोध को रोसातोम के जनसंचार िवभाग ने आरजी उकसा रहे थे। को बताया िक, “हमें जॉड्न परमाणु ऊजा् इसी तथ्यात्मक तक् को आधार बना आयोग से हमारे ताव को तरजीह िदए कर, सेगईे् िकिरयान्को कहते ह 2030 तक परमाणु ऊजा् संयं ों के िनमा्ण की वैि‍क भिव यवाणी की ि थित फूकिु शमा पूव् की कुडनकुलम:ूसि थित में आ जाएगी। अक्टबर के अंत में सेंट पीटस्बग् में भारत सिमट का “न्यूिक्लयर फेिसिलटी, सोसाइटी एंड िसक्योिरटी” फोरम में बोलते ुए ी मा संयोग नहीं है िकिरयान्कों कहते ह िक “यह प‍ है िक जाने के िलए पसंद करने का एक प िमला इस भिव यवाणी में जम्नी, जापान और है। और हम पूरी िक्रया के िनकट भिव य कई यूरोिपयन देश शािमल नहीं ह। हालांिक में पूरा हो जाने की अपे्ा रखते ह।” यहां ि टेन है जो फूकिु शमा से पहले इसमें दूसरे शब्दों में 2013 के अिन्तम िदनों मौजूद नहीं था।” इसके कुछ िदन बाद ने, कुडनकुलम की पहली इकाई की मा कोमेंअन्तररा£ीयकॉन्ग्रेस“एटमइको शु​ुआत के बाद, उन सभी लोगों की 2013” यही िवचार उभर कर आए थे। ी ि थितयों को जोरदार तरीके से झकझोर िकिरयान्कों ने आ‍ा त िकया िक ूस में िदया है जो परमाणु ऊजा् में तेजी से िगरावट या ूस के बाहर ूसी िडजाइन पर बन रहे का अनुमान लगा रहे थे और िलख कर या सभी परमाणु ऊजा् संयं फूकिु शमा प‍ात िबना िलखे नए परमाणु उजा् उत्पादन केन् ों के सुर्ा मानकों को पूरा करते ह।

अंतिर् संबधं ी खतरों से िनबटने के िलए ूस को भारत से सहयोग चािहए पहले, फरवरी 2010 में एम. अय्यर, जो िक भाभा परमाणु अनुसधं ान कें (बीएआरसी) में एक इजीिनयर थे, अपने आवास पर मृत पाए गए। अय्यर का सोते समय गला घोंटा गया था। बुत कम लोग जानते ह िक बीएआरसी, वह अित गोपन इकाई है जहां भारत के नािभकीय हिथयार िनिम्त िकए जाते ह। नलपत कहते ह िक भारत सरकार के अनुसार, केवल तीन वष् की अविध में ही कम से कम नौ वै्ािनकों तथा इजीिनयरों को केवल बीएआरसी व दि्ण भारत में कैगा नािभकीय इकाई में अ वाभािवक मौतों का िशकार होना पड़ा है। वा तव में, यिद आप और अतीत में देख,ें तो पाएंगे िक भारतीय परमाणु काय्क्रम के जनक होमी भाभा की मृत्यु भी समान ूप से रह यपूण् थी, जो आ पस के ऊपर हवाई दुघट् ना में ुई थी। अग्रणी अंतिर् वै्ािनक िवक्रम साराभाई की भी 52 वष् की अव था में इसी कार मृत्यु ुई थी। मंगल अिभयान एक हािशए पर का काय्क्रम है, िजसमें केवल 75 िमिलयन डॉलर दांव पर ह। अपे्ाकृत कम चिच्त, लेिकन बेहद मह वपूण् यह है िक िदसम्बर में जीएसएलवी को लांच करने की योजना है। जीएसएलवी, भारत के रॉकेट श ागार में सबसे भ य है। इसकी तुलना कर: जहां बुचिच्त मंगलयान, केवल 15 िकग्रा. भार वाला उपकरणों का पैकज े ले जा रहा है, वहीं जीएसएलवी को 2020 के दशक के आरभ में भारतीय अंतिर्याि यों को चं मा पर ले जाने के िलए िडजाइन िकया गया है। भारत के अगली पीढ़ी के जासूसी उपग्रहों को ्ेिपत करने के िलए भी इस हैवी िलफ्ट रॉकेट की जूरत पड़ेगी, िजन्ह िवदेशी तटों से लांच िकया जाना ठीक नहीं माना जाता है। भारतीय, चीनी रॉकेट 2015 तक ूसी वाहकों की पधा् में होंगे अब इसे देख।ें मंगल अिभयान को अनुमित िमलने के बाद लांच होने में केवल 15 महीने लगे। दूसरी ओर जीएसएलवी पिरयोजना पर तीन दशकों से अिधक का समय यय िकया जा चुका है और अब भी नारायणन के अनुसार यह िकसी मुकाम पर पुचती नहीं िदखती है। जब आप पूरे पिरृ य पर िवचार करगे, तो संदहे की अंगिु लयां केवल एक ही िदशा में उठती िदखेंगी। हां ईरान अपने शीष् नािभकीय वै्ािनकों में से पांच की हत्या (संभवतः इजराइल द्वारा) होने के बाद उन्ह चौबीसों घंटे सुर्ा उपलब्ध कराता है, वहीं भारत, रणनीितक पिरयोजना पर काम करने वाले लोगों को औपचािरक सुर्ा भी नहीं दान करता है।

कुडनकुलम इकाई एक का पिरचालन भारतीय परमाणु ऊजा् िनगम िलिमटेड (एनटीपीआईएल) ने कुडनकुलम एनपीपी की पहली इकाई से िग्रड का संबध ं 22 अक्टबर को थानीय समयानुसार 02.45 बजे जोड़ा था। केन् के िनदेशक आर.एस. सुन्दर कहते हैं, “ पहली इकाई का िग्रड के साथ संयोजन 75 मेगावाट के ऊजा् तर पर िकया गया है। ”इसकेकुछदेरबाद,एनपीआईसीएल केकॉरपोरेटकम्युिनकेशनएवंप्लािनंग के िलए काय्कारी िनदेशक एन नगायच ने अन्य िववरणों के बारे में बताया। उनके अनुसार िग्रड के पहली इकाई के संयोजन के दौरान िरएक्टर की ऊजा् को 160

मेगावाट तक ले जाया गया। िनकट भिव य में कंपनी इकाई को 410 मेगावाट के तर पर ि थर करने की योजना बना रही है तािक शु​ुआती काय्क्रम के तहत परी्णों को पूरा िकया जा सके। एनपीसीआईएल के ितिनिध ने कहा िक इन परी्णों के दौरान, वे कई सारी योजनाब‍ ुकावटों को भी अंजाम देंगे और यावसाियक संचालन से पहले क्रमब‍ ऊजा् उत्पादन का पूरा काय्क्रम दो से तीन महीने तक चलेगा। इसमें ण े ीकृत ऊजा् का 50, 75, 90 एवं 100 ितशत के चरणों पर काय् िकया जाएगा और त्येक तर के िलए अिधकृतता भी ली जाएगी।

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बेलाूस में पहले परमाणु संयं का िनमा्ण आरभ

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$20 िमिलयन के िनवेश ‍ारा ूस में िनजी ्े का थम उपग्रह भेजने की तैयारी, जीवन अंतिर् में।ै

ूसी अंतिर् अिभयान में िनजी ्े की भूिमका बढ़ी अक्टबर में, अंतरा्£ीय वेंचर कैिपटल फम् I2BF ग्लोबल वेंचस् ने $20 िमिलयन िनवेश डाउिरया एयरो पेस में िकया जो ूस की पहली िनजी अंतिर् कंपनी है। डेिवड िमलर RIBR

1957 में सोिवयत संघ ने िव‍ का पहला उपग्रह पुतिनक लांच िकया था, तो इससे अंतिर् युग की शुूआत ुई थी और अंतिर् में महाशि‍ का दजा् हािसल करने के िलए अमेिरका के साथ पधा् शुू ुई थी। तब से, सुदरू अंतिर् में खोज, सरकारों के िलए ि य िवषय रहा है। इस शीतऋतु में डाउिरया एयरो पेस, एक सोयूज-2 कैिरयर रॉकेट द्वारा DX-1 नामक पहला िनजी ूसी अंतिर् उपग्रह लांच करेगी। यह अंतिर्यान, महासागरों व निदयों में जहाजों के नौवहन व िचन्हीकरण का काय् करेगा तथा इसकी लागत लगभग $3 िमिलयन होगी। डाउिरया एयरो पेस के सं थापक िमखाइल कोकोिरच ने एक व‍ य में बताया, ‘इस पिरयोजना के साथ, हमने सािबत कर िदया है िक एक िनजी कंपनी

भी एक उपग्रह को िडजाइन करने से लेकर लांच करने तक में स्म है। हमारी टीम का गहन अनुभव, तथा उ्‍त िडजाइन के कारण हम अंतिर् में िनजी ्े में अग्रणी ह।’ इसी व‍ य के अनुसार, यह उपग्रह ौद्योिगकी तथा सॉफ्टवेयर का परी्ण करने के साथ ‘छोटे अंतिर्यानों के िलए एक एकीकृत प्लेटफाम् िवकिसत करने’ की िदशा में काय् करेगा तािक नई पीढ़ी के उपग्रहों का उत्पादन शुू िकया जा सके। िरचड् ांसन के विज्न ग्रुप का अंग विज्न गैलिे क्टक ने अमीर पय्टकों के िलए अंतिर् उड़ानों की योजना बनाई है। डाउिरया का तरीका अलग है, लेिकन ल य इसके भी मह वाकां्ी ह। एक वष् से कम के उत्पादन समय में $10 िमिलयन से कम लागत वाले अपे्ाकृत स ते उपग्रह िनिम्त करना, डाउिरया की िबजनेस योजना में शािमल है। कंपनी का पूवा्नमु ान है िक वािष्क टन्ओवर $1 िबिलयन ितवष् से अिधक हो चुका होगा। डाउिरया और रोसकोसमोस अमेिरकी िव‍िवद्यालय,लावोचिकन िरसच् एंड ोडक्शन एसोिसएशन भी जुड़े ुए ह। डाउिरया की मॉ को ि थत शाखा कोलकोवो इनोवेशन सेंटर, आंतिरक

बाज़ार के िलए णािलयां बना रही है और कंपनी का मुख्यालय, जहां मुख्य सिव्स िडवीजन ि थत ह, यह म्यूिनख में है। अमेिरका में भी एक िडवीजन ि थत है जो अंतरा्£ीय बाज़ारों के िलए पेलोड तथा उपग्रह णािलयां िवकिसत कर रही है। डाउिरया के सं थापकों को िव‍ास है िक इस िबजनेस में ऐसी ही कंपनी कामयाब हो सकती है जो कई देशों तक िव तृत हो। हा​ालांिक कंपनी का मुख्यालय ूस में ि थत न होने का अन्य कारण भी है। कोकोिरच इसे प‍ करते ह, ‘दुभा्ग्य से, ूसी कर णाली की िवसंगितयों तथा आव यक उपकरणों के आयात-िनया्त की जिटलता के कारण, ूस के अंदर से अभी वैि‍क बाज़ार के िलए काय् करना किठन है।’ िवशेष्ों का कहना है िक राज्य ने अभी भी मुख्य अवसंरचना तथा िडलीवरी वाहनों पर कठोर िनयं ण िकया ुआ है। ूस में ॉ ट एंड सुलीवन के िबजनेस डेवल े पमेंटडॉयरेक्टरएलेक्सीवोलो तनोव कहते ह, ‘इसका अथ् यह हो सकता है िक यह ्े िनजी कंपिनयों के िलए तेजी से बंद हो जाएगा यिद इस तरह का िनण्य सरकारी तर पर ले िलया जाए। कहा जाता है िक बाज़ार संभावनाएं काफी ऊंची ह, िजसका अथ् है िक इस ्े में िनजी िनवेश को गंभीरतापूवक ् िलया जा सकता है। इसके अलावा, यह हमें ूसी अंतिर् ्े में थम िनजी पिरयोजना पर गौरवािन्वत होने से नहीं रोकता, इसका मुख्य कारण यही है िक इनमें से केवल कुछ ही कंपिनयां अि तत्व में ह। डाउिरया एयरो पेस का पूवा्नमु ान है िक यह बाज़ार $103 िबिलयन वािष्क के तर तक जा सकता है।’


WEDNESDAY NOVEMBER 27, 2013

या ा

IN ASSOCIATION WITH ROSSIYSKAYA GAZETA, RUSSIA

ांस साइबेिरयन माग् मा को को सूदरू पूव् और सी ऑव जापान से जोड़ता है, 1891 में शुू ुआ, 1916 में पूरा ुआ था रेलमाग्: सुपरलक्जरी और बजट िवक प

िव‍ का सबसे लंबा रेलमाग्

ूस को पार करने के िलए सबसे सुिवधाजनक तरीका गो डेन ईगल नामक एक पांचतारा रेलगाड़ी है, िजसमें भोजन, व ठहरावों पर मण सुिवधाएं शािमल होती हैं। गो डेन ईगल के ठहराव कज़ान, येका-टेिरनबग्, नोवोिसिब क्, इकुट् क, बैकाल झील, उलानउडे, उलान बटोर तथा खाबारो क शािमल हैं,और या ा का समापन लाडीवो टक में होता है। अगर यह आपकी कीमत रेंज से बाहर है, तो रोिसया नामक रेलगाड़ी का िवक प भी मौजूद है-जो मॉ को से रोजाना चलती है और एकतरफा ि प के िलए 475 से 848 डॉलर तक का िटकट है। ूस में रेलया ा कीमतें, दजे् पर अिधक िनभ्र हैं: पै नी वैगन (पहला दजा्) सबसे आरामदेह है ; कूपे (दूसरा दजा्) ; तथा प्लाट् कट्नी (हाड् क्लॉस) एक खुली डारमेटरी वाला िडब्बा होता है िजसमें 54 बथे्ं होती हैं। मॉ को

ITAR-TASS

ांस साइबेिरयन रेल लाइन का िनमा्ण सूदरू पूव् में 1891 में शुू ुआ था ,यह ूस से गुजरने वाला ऐसा गिलयारा बना िजसने यूरोप और एिशया को जोड़ा। दिम ी सेवाि तनोव RIBR

ांस साइबेिरयन रेल माग् को गीनीज बुक ऑफ िरकाड्स् में इसकी कुल लंबाई, इसके टेशनों की संख्या एवं इसके िनमा्ण में लगा समय एेसी तीन िे णयों में समािहत िकया गया है। 20 वीं शताब्दी की शुूआत में, रेलवे ने ूस के यूरोिपयन एवं एिशयन िह से को जोड़ने वाली एक िव‍सनीय पिरवहन सेवा मुहयै ा करवाई। इस माग् को यूरोप एवं एिशया शांत ्े को जोड़ने के िलए अंतररा£ीय पिरवहन गिलयारे के ूप में िवकिसत

करने की नई योजनाएं तैयार ह। ांस साइबेिरयन हर वष् 100 िमिलयन टन से ज्यादा माल एवं कई िमिलयन याि यों को ढोता है। इसका लोकि य पय्टन माग् मई से िसतंबर होता है जब इस माग् पर बेहद सदी् नहीं होती। मूलतया यह कई तरों और छह खंडों में िनिम्त ुआ था पहला-उ सेिरय् क रेलवे ( लािदवो तोक से खाबारोव क तक) था । पि‍म साइबेिरयन रेलवे, 1471 िकमी लंबा है और चे यािबन् क से ओब नदी तक है। इसे महज चार वषो्ं में ही बना िदया गया। तीसरा खंड, ओब नदी से इकुत्​् क तक 1830 िकमी लंबा है और मध्य साइबेिरयन रेलवे कहलाता है। इसे छह वषो्ं 1893 से 1899 के बीच िनिम्त िकया गया। इसे बनाना अिभयांि की ृि‍ से ज्यादा किठन था क्योंिक मैदानी इलाकों ने पव्तीय ्े ों को समािहत कर िलया था। यही वह

खंड था जहां पहली बार िनमा्ता और अिभयंता ने पूरी तरह से जमाव की सम या से मुकाबला िकया। 260 िकलोमीटर लम्बे सक्म- बैकल रेलवे के िनमा्ण को तकनीकी िदक्कतों के कारण थिगत कर िदया गया था। 1900 में 73 िकमी लंबे माग् पर बैकल

मूलतया यह कई तरों और छह खंडों में िनिम्त ुआ था झील के आर पार एक फेरी सेवा शुू की गई। बफ् तोड़ने वाले बैकल और अंगारा िजन्ह ि टेन से लाया गया था, नदी के दोनों ओर ने ों को पांच साल तक खींचते रहे। 1903-04 की सिद्यों में 45 िकलोमीटर दूरी मे रेल पटिरयां सीधे बफ् पर ही थािपत

की गईं। घोड़े वैगन्स और भाप के इिजन्स को झील के इधर उधर ले जाते थे। इस यव था की अ्मता को ूसजापान युद्ध के दौरान िश‍त से महसूस िकया गया। झील के िकनारे िकनारे एक रेल माग् पर 1902 में काम शुू ुआ और 1903-4 में इसने गित पकड़ी। ांस साइबेिरयन माग् मा को को सूदरू पूव् और सी ऑव जापान से जोड़ता है ा पोट् बैकल एवं कु तुक के टेशन्स के बीच (81िकमी लंबा) झील का तट च‍ानी ख ृं ला से भरा और झील से 400 मीटर ऊंचा है। माग् में चौदह िकलोमीटर लंबी सहारा देने वाली दीवारों का िनमा्ण िकया गया, िजसके साथ 445 लोहे के पुल, छह पत्थर की पुल, 47 च‍ानों को िगरने से बचाने के गिलयारे और 39 सुरग िजनकी कुल लंबाई 7.3 िकलोमीटर है भी बनाई गई। िव‍ में कोई भी और माग् इस खंड से

ूस

िनझनी- पम् नोवगोरोद येकातेिरनबग्

लागत, मापदंड और इसके िनमा्ण की जिटलता के मामले में मुकाबला नहीं कर सकता। िफर भी, इसे दो साल में बना िलया गया और यह अपने िनयत समय से एक साल पहले ही काय्शील हो गया। मई 1908 में ांस- साइबेिरयन के अंितम खंड अमूर रेलवे के िनमा्ण का िनण्य िकया गया। िजसमें सदैव जमे रहने वाले मैदान के बीच िव‍ की पहली सुरग का िनमा्ण भी शािमल है। 2178 िकमी लंबा अमूर रेलवे 1916 में थम िव‍युद्ध के दौरान काय् काय्शील ुआ इसके साथ पूरे ांस साइबेिरयन रेल माग् का िनमा्ण पूरा ुआ। यह रेल माग् न केवल साइबेिरया और सूदरू पूव् को शेष ूस से जोड़ता है बि क, सबसे दूर थ िह सों में नई बि तयों को भी बसाया।

बाइकाल झील उलान-उडे लाडीवो टक

Numbers

87 8

शहर ांस साइबेिरयन रेल माग् के िकनारे पर बसे हैं, इनमें से पांच की आबादी एक िमिलयन से ज्यादा है। स थानीय समय ्े (टाइम जोन) इस रेल माग् ‍ारा पार िकये जाते हैं, मॉ को से लािदवो तोक के बीच।

िवशेष्ों से नोट्स

भारत और रिशया के िर तों में अिधक मजबूती की संभावनाएं ह अजय कमलाकरन RIBR

लगभग उन िदनों जब नई िद‍ी लुक ई ट नीित का ितपादन कर रही थी, भारत उन पहले िवदेशी देशों में िजन्होंने लािदवो तोक में अपना दूतावास खोला था। वे ऐसे िदन थे जब दूर थ पूवी् रिशया में रहने वाले लोगों की इतनी आय नहीं थी िक वे सूदरू भारत घूमने के बारे में सोच तक सकें, पर िफर भी शहरवािसयों को लगा था िक इससे वे अंतररा£ीय मानिच पर िकसी नजदीकी ्े से जुड़़ गए ह। दूर थ पूवी् रिशया से भारतीय जुड़ा़व ओएनजीसी के सखािलन1 पिरयोजना में वृहद िनवेश के जिरए जारी है। सखािलन द्वीप, लािदवो तोक की ही तरह, िवदेिशयों के िलए बंद था और चार दशकों से यह शेष िव‍ से अलग-थलग था। द्वीपवासी वा तिवक भारतीयों को देख कर आ‍य्चिकत थे और खासकर एक पगड़ीधारी िसख यि‍ जो धारा वाह ुसी बोल सकता था कई लोगों की िनगाहों और जबरद त ‍ेह का कें था। इन सालों में द्वीप पर दो भारतीय रे टोरट भी खुल गए ह। भारत के िलए दूर थ पूवी् रिशया में िजस तरह की स‍ावना िवद्यमान है वैसी संभवतः िकसी अन्य की नहीं है। जहां कुछ लोग जनसंख्यात्मक हमले के चलते वा तिवक या का पिनक चाइनीज चुनौती देखते ह, वहीं भारत-सोिवयत िमलनसािरता के समय की सकारात्मक भावनाएं और देश से महीन दूरी ्े में भारत को प‍ फायदा दान करती ह। वहां, हालांिक केवल उजा् से कहीं ज्यादा अन्य कई अवसर ह। शु​ुआत के िलए, ्े में लािदमीर पुितन के ितिनिध ने हाल ही एक सा्ात्कार में सुझाया िक वहां भारतीय फामा् युिटकल कंपिनयों के िलए अवसर ह। एक ऐसा ्े जो जबरद त सदी्यों से िघरा रहता रहता है, सं किरत खाद्य पदाथ् एक आव यकता है और पिरवहन की लागत के बावजूद, भारतीय कृिष उत्पादों का यहां बाजार है। दूर थ पूवी् रिशया, भारतीय चाय उत्पादकों के िलए िफर से उस बाजार पर कब्जा जमाने की

एक बिढ़या शु​ुआत हो सकता है जहां िकसी समय उनका एकछ आिधपत्य था। इसके साथ ही सां कृितक आदान दान की बुत जबरद त संभावनाएं ह। दूरवती् याकूितआ में जैसी सराहना कु‍ीया‍म के दश्न को िमली उसे देखते ुए उम्मीद की जा सकती है िक रिशया के दूर थ थानों भारतीय कला और संगीत के दश्नों में कई लोग ुिच लेंग।े लािदवो तक आधािरत मुमीय ोल, रिशया के सव् िसद्ध रॉक बैंड्स में से एक, इस वष् हांग कांग और िसंगापुर में जीवंत दश्न करेगा। बैंगलौर और मुबं ई के रॉक शंसक िनि‍त ही बैंड के जीवंत दश्नों को उनके शहर में देख कर खुश होंग।े

‍ीपवासी वा तिवक भारतीयों को देख कर आश्चय्चिकत थे भारत और रिशया के बीच पय्टन अब तक एक अनछुआ उद्योग है दूर थ पूवी् रिशया और भारत के बीच पय्टन अभी तक अनछुई इड ी है। अब जबिक मा को और सेंट पीटस्बग् तक की या ा बुत असामान्य बात नहीं रह गई है, साइबेिरया के पूवी् इलाकों के िव तृत फैली जमीन, आ‍य्चिकत कर देने वाली कृित और मोहक शहर युवा भारत के िलए अगले मुकाम हो सकते ह। ूस अपने सूदरू पूव् को आधुिनक बनाने और इसके अंतररा£ीयकरण के िलए उत्सुक है जैसा िक सफल एपेक समीट 2012 ने दशा्या है। भारत को इस अवसर का उपयोग िर तों में और अिधक गहराई लाने के िलए करना चािहए। तेल एवं गैस के अलावा, दूर थ पूवी् रिशया के पास भारत को देने के िलए बुत कुछ है, साइबेिरया का पूवी् ्े न केवल उजा् से पिरपूण,् बि क उजा् से लेकर सं कृित और पय्टन तक फैले िविभ्‍ अवसरों से भरा पड़ा है।

इस समय माइनस िडग्री तापमान वाली बफी्ली सिद्यां पांच महीनों (नवंबर के आिखर से अ ल ै के शु​ुआत) तक रहती हैं। राजधानी में एेसी कई खास जगह हैं, जो पूरी सदी् में खाली रहती हैं और जहां पय्टक ताजी हवा में सांस ले सकते हैं, िविवध क्ा में िह सा ले सकते हैं, साथ ही खास यादगार उपहार भी खरीद सकते हैं।

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नववष् समारोह के काय्क्रम मा को में नववष् समारोह 20 िदसम् बर से 8 जनवरी तक चलता है एक बुत बड़ा एवं पूरे शहर में फैला ुआ समारोह होता है । इस समार ोह में 1300 से ज्यादा काय्क्रम होते ह िजनका हर साल करीब 50 लाख लोग आनंद लेते ह। मा कोवािसयों के िलए नववष् हर तरफ उमंगभरा होता है, मे ो में, पाक् में, िथएटर में, संग्रहालय में बफ् के िरग्स में एवं चौराहों पर। िक्रसमस मेले लगते ह। यहां होने वाल े सभी काय्क्रम पूरी तरह मुफ्त ह।

मुफ्त संग्रहालय

ूसी सदी्

चमक द्यों में लान्टन्स्, ुला संग्रहालय सि ल जाता है। आगंतुक ख ोए क न् े ोम ोल मा को का क तरीन पाक् में बद आवासों से गुजर स पेड़ों से एक बेह दमक और िक्रसम ोिवक के राजकीय क् और िनजी परपरागत लोक ाइल प ख आ िम । ई ै है क े ध एल जार ी सवारी भी उपलब् एवं नव वष् परपंराओँ का क ा ोइक ां यह िक्रसमस सकते ह। ते ह। कर वयं को ूसी खेलों में सहभािगता ह, िक्रसमस गीत एवं कैरोल सुन सक ते िह सेदार बना सक

िक्रसमस एवं नव वष् बाजार नव वष् समारोह के क्रम में मा को में एक के बाद एक मेले लगते ह। आप यहां के िक्रसमस बाजार से िडजाइनर िक्रसमस पेड़ सजावट, पािस्िलन िनक नैक, गम् कपड़े एवं बुत अन्य बुत से जूरत के सामान खरीद सकते ह, जो िक हर साल नवम्बर में िव ोिस काई िव तोिविकनी सेंटर में खुलता है। आप यहां िजंजर ेड बनाना सीख सकते ह, आप डेड मोरोज, ूसी सांता क्लॉज को एक तार भेजने में मदद भी पा सकते ह।

राजधानी में करीब 90 से ज्यादा संग्रहालय 2 से 8 जनवरी के बीच पूरी तरह मुफ्त रहते ह। इसके अलावा मा को िथएटर मुफ् त दश्न भी करते ह िजनमें आगंतुकों को भी ृ य के पीछे िदखाया जाता है । थानीय िसनेमा भी मुफ्त काय्क्रम, ूसी िफ म्स एवं सोिवयत िसनेमा की क्लािसक िफ मों का दश्न करते ह।


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