ं 83/2017 ◆ शु वार, 24 माच 2017 ◆ चै कृ ण 11, सं ◆ अक वत 2073 ◆ कुल पृ ठ : 14
दःु ख की उ पित का कारण िवषय के ित आसि - आचाय ी महा मण
आचाय ी शीतलसागरजी ने आचाय ी महा मण जी को भगवान की संा दी। 23.03.2017, वासुकु ड, मुज फरपुर (िबहार), JTN : आचाय ी महा मणजी अपनी क याणकारी अिहं सा या ा के ं धमसं थत भगवान महावीर की ज म थली प च ंकर तेरापथ घ के इितहास म एक
साथ वैशाली के वासुकु ड ग व
और नया कीितमान थािपत कर िदया। यह नह इसके साथ ही िदग बर समाज के आचाय ी शीतलसागरजी के साथ
ं पर उप थत वचन मच
ए और दोन आचाय ने एक साथ उप थत जनता को धम के
ित उ
ेिरत भी
ंािकया। भगवान महावीर की ज म थली म दो संदाय का आचाय का िमलन ऐसे ऐितहािसक हो गया जैसे गग जुमना का िमलन। एक भगवान की दो धाराओ ं का िमलन अपने आपम अिव मिरणय रहा। इस दौरान सैकड़ ालु इस अवसर के सा ी बने।
मश जारी....
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शेष क : द ुःख की उ पित का कारण िवषय के ित.....
पूरे
िव
म
थम
गणरा य के
प म
िव यात वैशाली
े
थत वासोकुं ड जैन
म
धम के 24व तीथकर और
जैन
धम
वतक
के
भगवान
महावीर की ज म थली के
प म जाना जाता
है ।
गु वार
आचाय ी
को अपनी
धवल सेना के साथ भगवान
महावीर
की
ज म थली की ओर िवहार िकया। लगभग तेरह िकलोमीटर का िवहार कर जब आचाय ी भगवान महावीर की ज म थली ग व वासुकु ड की सीमा म प च ंे तो लोग सहसा बोल उठे भगवान महावीर के
ितिनिध आज
वतः
भगवान महावीर की ज म थली पधार गए ह। आचाय ी जैसे ही भगवान महावीर के ज म थल पिरसर के समीप प च ंे जैन िदग बर समाज के आचाय ी शीतलसागरजी महाराज आचाय ी की अगुवानी को मु य एक भगवान के दो दो धाराओ ं के
ारा पर प च ं।े
ंा-जुमना के िमलन से कम नह था। दोन जब एक-दस मुख का िमलन गग ू रे से
ं रहा था। इसके साथ ही भगवान महावीर मारक िश टता के साथ िमल रहे थे तो पूरा ग व िविभ न जयघोष से गूज सिमित के पदािधकािरय व सद य भी आचाय ी का
वागत िकया और उ ह मिं दर पिरसर म ले आए। दोपहर
लगभग साढ़े बारह एक साथ एक भगवान के दोन धाराओ ं के
ंासीन मुख एक साथ मच
ालुओ ं ने पुनः
ए तो
गगनभेद ी जयघोष लगाया। उप थत जन समुद ाय को अपनी आचाय ी महा मणजी ने अपनी अमृतवाणी का रसपान कराते
ए कहा िक
दिु नया म हर ाणी द ुःख को ा त होता है । दिु नया म शायद ही ऐसा कोई छदम त होगा िजसे द ुःख नह होता। द ुःख होता है तो उसका कारण भी होता है । द ुःख की उ पित का कारण िवषय के
ित आसि
है । राग-
ष े के भाव ही
द ुःख के उ पित के मु य कारण होते ह। आदमी को द ुःख से पार पाने के िलए अपनी इ छाओ ं का सीिमत और राग -
ष े के भाव से दरू रहने का
यास करना होगा। भगवान महावीर राग- ष े की भावनाओ ं से मु
साधक थे। इसके सामने और अनुकूल और
ितकूल दोन पिर थितय आई,ं िक तु वह दोन ही पिर थितय म
समता भाव म रहे। अिहं सा भी समता का ही एक नैितकता और नशामुि
और समता के
प है । आचाय ी ने अिहं सा या ा के मु य उ े य स भावना,
का भी िववेचन िकया। आचाय ी ने कहा िक आज शीतलसागरजी से िमलना हो गया।
आज भगवान महावीर के ज म थली म िमलन हो गया। मश जारी....
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द ुःख की उ पित का कारण िवषय के ित.....
जी भी िव ान दजी महाराज से ब त बार िमलते थे। अिहं सा या ा आज िबहार के वैशाली
आचाय ी महा
े
जो भगवान महावीर की ज मभूिम भी है , प च ंी है । यह के लोग म भी भगवान महावीर की भ ित समता और अिहं सा की भावना जागृत हो सके। आचाय ी शीतलसागरजी महाराज ने कहा िक आज का िदन अ य त पावन है । मेरा मन ं के िस तेरापथ
आचाय ी महा मणजी का भगवान महावीर की ज म थली म आना
स न है ।
े ता बर
आ है । िदग बर और
ं पर भगवान के मिं े ता बर के आचाय का एक मच दर म उप थत होना कोई सामा य बात नह , मह वपूण बात है । उ ह ने आचाय ी
ारा
िणत या ा का िव तार से वणन िकया और आचाय ी महा मणजी को भगवान के
ए कहा िक आज के समय म सम त पिर ह का याग कर लोग को स भावना, नैितकता और
समान बताते
े देना और लोग के जीवन को उ कृ टता की ओर ले जाना िकसी भगवान के काय से कम नह का सं दश
नशामुि
है । उ ह ने दोन संदाय को होकर भगवान महावीर की बात को जन-जन तक प च ंाने के िलए भी
ालुओ ं को
अिभ िे रत िकया। ं धमसं इसके पूव तेरापथ घ की असाधारण सा वी मुखाजी ने भी
ंलवाणी का रसपान कराते ालुओ ं को अपनी मग
ए कहा िक िबहार की धरती अपने आप म ध यता और कृतपु यता का अनुभव कर रही है जह भगवान महावीर का ज म, लालन-पालन और िश ा आचाय
का मधुर
िमलन
ऐितहािसक
ई। यह के लोग भी ध य ह। आज भगवान महावीर की दो परं पराओ ं के
है । उ ह ने कहा िक दोन आचाय की
ारा
जाने
अमृतवष
वाली का हम
सभी समतल भूिम बनकर
वण कर
अपने
जीवन
को
अ छा
बनाने का
यास कर। काय म के म
ार भ
ही
भगवान
महावीर
मारक
सिमित
के
अथ यव था अ य
ी सतीशच
जैन, कायकारी अ य
से राजेश पटावरी ने भी अपनी भावनाओ ं की अिभ यि
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ंी सभा की ओर ी अिनल जैन व नेपाल-िबहार तेरापथ
दी और दोन आचाय से शुभाशीष ा त िकया।
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चास -बोकारो म
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ानशाला ारं भ
ं सभा के अत ंगत िकया गया। सव थम नम कार चास बोकारो म ानशाला का उदघा न तेरापथ ंलाचरण तृ त राखेच ा ने िकया। महामं के उचारण के साथ ारं भ आ। मग मु यअितिथ ानशाला के आं चिलक भारी ी पच द बोथरा के त वावधान म ानशाला ंीकृत आ। उ ह ने ानशाला की सारी जानकारी दी। वागत भाषण तेरापथ ं मिहला मड ंल के पज अ य
सुन ीता कोठारी ने िकया। महासभा झारख ड
अपने िवचार
भारी / JTN ितिनिध
ी मदन चोरिड़या ने
ं सभा के अ य तुत िकये। तेरापथ
ी स जन जैन ने भी अपने िवचार रखे। ी ं छलानी, श ितलाल लोढा, डॉ प नालाल ओसवाल, ी माणकचद ी बजरं ग चोरिड़या, ी ंल, तेयुप, ब चो सिहत लगभग 50 जन की अभयराज बेगवानी, जय ी राखेच ा, मिहला मड उप थती रही। काय म का कुशल सं च ालन ीमती अलका चोरिड़या ने िकया। ध यवाद ापन ं मिहला मड ंल की मंी रेणु चोरिड़या ने िकया। तेरापथ
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ंल ारा तेयुप िसरसा एवं िकशोर मड र
ं युवक पिरष तेरापथ
िसरसा कोट मे र
दान िशिवर का आयोजन ं िकशोर मड ंल िसरसा के सयु िसरसा एवं तेरापथ
यास से
दान िशिवर लगाया गया। इस िशिवर मे 80 यूिनट र
एकि त
िकया गया। िसरसा के सुपिरडट ऑफ़ पुिलस मु य अितिथ के तौर पर पधारे। उ ह ने कहा िक ं युवक पिरषद का अिखल भारतीय तेरापथ र
दान के
े
मे योगदान अभूतपूव है ।
िसरसा मे िनर तर र
दान िशिवर का आयोजन
करके ब त ही नेक काम कर रही है । स पूण कोट का इस लड कप मे पूण सहयोग रहा। रेड ॉस की टीम ने र
एकि त करने मे अपना
िवशेष सहयोग िदया। ं यूज़ तुित : अभातेयुप जैन तेरापथ www.jainterapanthnews.in
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'आओ चले ग व की ओर' : लुिधयाना
'आओ चले ग व की और' योजना के तहत लुिधयाना तेराप थ ंल दानामड ंी के ग व के कूल प च मिहला मड ंे । तेमम लुिधयाना अ य
ी मित पु पा देवी छालाणी ने अपनी तरफ से कूल के ब च
को कूल बैग िवतिरत िकये । ंल की अ य बहनो ने भी ब च को यूिनफाम, िकताबे, िकट मिहला मड ंल के सभी बहनो ने उ साहपूवक इ यािद िवतिरत िकये । मिहला मड भाग िलया ।
कूल के ब च ने भी किवता और नवकार म
इ यािद सुनाया ।
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जैन संकार िविध के बढ़ते चरण : पटना नामकरण :संकार
ं यूज़ ितिनिध पटना , JTN, 22 माच 2017 को जैन तेरापथ
ी िवनय
काश सेखानी एवं नेहा सेखानी के पु का नामकरण जैन संकार िविध से पूण मंोचार
ारा
कोलकाता
उपासक
ी मह
कोचर
से
आए
ारा स पन
आ। जैन संकार िविध से नवजात िशशु का नाम अिभ ान रखा गया।
ी
तोलाराम सेखानी एवं सुशीला देवी सेखानी सिहत सभी पिरवार के सद य ने आशीव द िदया। www.jainterapanthnews.in
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ं युवक पिरष ड िबवली ारा प च िदवसीय “गु शरणं तेरापथ या ा”
ं युवक पिरष ड िबवली, तेरापथ
ारा आयोिजत गु शरणं या ा आचाय महा मणजी के सा न य म ंा प च िदवसीय इस या ा म डो बवली के ावक ने सेवा, दशन तथा उपासना करते ए िबहार के िसमरा से दरभग ं युवक पिरष डो बवली के अ य जगदीश परमार के नेतृ व और रा ते की सेवा का लाभ िलया । तेरापथ सं योजक मनोज िसं घवी के सं योिजकीय मे गु देव आचाय ी महा मणजी िवशेष वचन मे फ़रमाया की राग डो बवली
यह द ुःख का मूल कारण है । मनु य के साथ देवताओ ं म भी द ुःख ही द ुःख से पार हो जाता है । सं सार म सुखी और दख ु ी दोन ाणी रहते है
आदमी को दख ु ी बनाता है ।कामना, आग, वृि
होता है । जो राग मु या वीतराग मु सं वाद मा से सुख भी द ुःख म पिरवितत हो जाता है । कम की वजह से द ुःख आना वाभािवक है । सुख आने पर जादा शी बनाने की आव यकता नही होनी चािहए । धम की साधना से भाव शु रखने पर देवता भी नम कार करते है । आप ी ने डो बवली के ावक समाज की सार सं भाल की । सभा संथाओ ं के पदािधकारीय ने िविभ न गितिविधय की
तुित दी । सभा अ य
भगवती पटवारी ने आचाय ी से डो बवली हेतु चातुम स का िनवेदन भी िकया । सा वी मुखा कनक भा और सा वीवाय की सेवा के सं ग अ य चािर आ मा साधू सा वय के सा न य म कायवाहक कायशाला की िविधवत 12
लास चली । मुिन योगेशकुमारजी के िनदशन म आयोिजत कायशाला म
मु य मुिन महावीर कुमारजी, मुिन िदनेश कुमारजी, मुिन िजत कुमारजी, मुिन कुमार मणजी, मुिन रजनीश कुमारजी, मुिन कीितकुमारजी, मुिन स य कुमारजी ने सामाियक, भाव पूजा, िज ासा और समाधान िकये।
मंी भरत कोठारी ने बताया िक आचाय
य पूजा, त व
ान जैसे अनेक िवषय पर
ंगत सदभावना, नैितकता, नशा मुि ी महा मणजी अिहं सा या ा के अत
े के सं दश के साथ गोवाहाटी चातुम स सं प न कर िसिलगुड़ी से िबहार का िवचरण करते
ए कोलकाता तक
तािवत इस 1000 िकलोमीटर की पैदल या ा कर अपनी धवन सेना के साथ िकतनी कठोर तप या से पूण कर रहे जो अनुकरणीय है । गु
ंी सभा, मिहला मड ंल और िकशोर मड ंल का शरणं या ा म तेरापथ
ितिनिध व करते
े बैद, अिजत कोठारी, महावीर बडाला, राकेश कोठारी, ए मंी ल मीलाल मादरेचा, सह सं योजक सुरश क छारा, सुं दरलाल परमार, आिद ने सेवा का लाभ िलया।
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काश
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