िॉरन, कीवनष्या, िगरी, वसगापर, िम्यनी, सेशेलस, सरीनाम, कनारा आवद देशों में विदी का धिि लिराष्या गष्या। उक्त देशों में विश्व विदी वदिस की गवतविविष्यों की ररपोट्य इस अक में पढ़ें। पृ. 2-7 विश्व
10 िनिरी, 2022 को


विश्व विदी सवििालष्य ने वशक्ा, ततीष्यक वशक्ा, विज्ान एि प्रौद्ोवगकी मत्रालष्य तथा
भारतीष्य
11 फ़रिरी, 2022 को
कला एि सासकवतक िरोिर
मत्रालष्य तथा मिातमा गािी


ससथान के सिष्योग से तथा
क्त् की प्मख ससथा इफ़को
द्ारा िर 2021 के अतग्यत

श्ीलाल शकल समवत इफ़को

और
उचिाष्योग के ततिाििान में विश्व विदी
वशक्ा, ततीष्यक वशक्ा विज्ान एि
2-10
‘विदी और उसकी बोवलयों का अतससंबि’ विषयक िेब सगोष्ी 30 िनिरी, 2022 को विश्व



विदी सवििालष्य, केंद्ीष्य विदी
ससथान तथा अतरराष्ट्ीष्य
सिष्योग परररद के ततिाििान
में
सावितष्य सममान समारोि का
आष्योिन वकष्या गष्या, विसके

अतग्यत िररष् कथाकार
वशिमवत्य को सममावनत वकष्या
गष्या।
विदी की सिया श्ेष् गावयका लता मगेशकर का वनिन
6 फ़रिरी, 2022 को विदी की सि्यश्ेष् गावष्यका लता

मगेशकर का 92 िर की आष्य में वनिन िो गष्या। आप
प्वसद्ध पाश्व्यगावष्यका थीं, विनकी आिा़ि ने 6 दशकों
से भी अविक सगीत की दवनष्या को सरों से निा़िा िै।

विश्व विदी सवििालष्य की ओर से वदिगत आतमा को
भािभीनी श्द्धािवल िै। प.
10 िनिरी, 2022 को वशक्ा, ततीष्यक वशक्ा, विज्ान एि प्रौद्ोवगकी मत्ालष्य तथा भारतीष्य उचिाष्योग, मॉरीशस के सष्यक्त ततिाििान में विश्व विदी सवििालष्य के सभागार, फ़े वनकस में विश्व विदी वदिस समारोि का भवष्य आष्योिन वकष्या



गष्या। मॉरीशस की उपप्िान मत्ी, वशक्ा, ततीष्यक
वशक्ा, विज्ान एि प्रौद्ोवगकी मत्ी, माननीष्या श्ीमती लीला देिी दकन-लछमन, भारतीष्य उचिाष्यक्त, मिामविम श्ीमती के. नवदनी वसगला तथा विदेश, क्त्ीष्य एकीकर्ण एि अतरराष्ट्ीष्य



वष्यापार मत्ी, माननीष्य श्ी आलान गान ने काष्य्यक्रम

की शोभा बढ़ाई।
मखष्य अवतवथ के रूप में माननीष्या श्ीमती लीला देिी


दकन-लछमन ने विश्व विदी वदिस की शभकामनाएँ
देते िए विश्व विदी सवििालष्य की गवतविविष्यों की
सरािना की। उनिोंने किा “हिदी की प्रकहि और
हिशेषिा एकदम हिराली िै। य ि भाषा हिलमों द्ारा
मिोरजि िो करिी िी िै, द सरी ओर धम्म, ससकहि, दश्मि, परमपरा आहद की
िाहिका भी िै। जब से
िमारे पि्मजों के कदम
मॉरीशस में पड़े, िब से
हिदी का भी आगमि
िआ। उस समय से
आज िक हिदी आगे
बढ़िी गई। बैठका से हिकलकर हिश्वहिद्ालय िक
उसकी यात्ा हिहित् िै। अ िेक देशों के हशक्ा क्रम
में हिदी के आि से आज उसका सफल भहिषय
हिहचिि िै। हि दी को गहि देि के हलए िमें अपिा
योगदाि देिा िोगा। यिक हिदी हसखाि के िए
िरीकों से आकहष्मि िोंगे और हिदी का हिकास
िोगा।” उपप्िान मत्ी ने प्रौद्ोवगकी को वशक्ा का
एक मित्िप्ण्य अग बताष्या और किा वक तकनीकी
उपकर्णों की सिाष्यता से विदी को और गवत
वमलेगी।
इस अिसर पर भारत की विदेश राजष्य मत्ी, माननीष्या
श्ीमती मीनाक्ी लेखी ने िीवरष्यो ररकॉवरसं ग द्ारा
सभी को विश्व विदी वदिस की शभाकामनाएँ देते
विदी के प्वत समवप्यत उन सावितष्यकारों के प्वत
प्कट वकष्या,
श्ीलका, िीन, नष्य ़िीलैंर, िापान, ऑसट्ेवलष्या, वफ़िी, कनारा, अमेररका, दवक््ण अफ़्ीका, तऩिावनष्या, ष्यनाइटर वकगरम, पत्यगाल, िम्यनी, नीदरलैंर, उज़बेवकसतान, ताविवकसतान, कतर, दबई, सरीनाम आवद से विदी प्ेवमष्यों ने विदी के प्वत अपनी रुवि ि प्म का प्दश्यन

मिामविम श्ी नरें द् मोदी का सदेश पढ़कर सनाष्या। उनिोंने किा “भारि से बािर मॉरीशस िी एकमात् ऐसा देश िै, हजसि हिश्ववयापी सिर पर हिदी के प्रिार-प्रसार की हिममेदारी ली िै। हिश्व हिदी सहििालय भारि और मॉरीशस की अिोखी साझेदारी का प्रिीक िै। यहद लोग िँस िे-गाि हिदी सीखि लगें, िो हिदी को सयक्त राषट्र सघ की भाषा बिि में कोई देरी
किावनष्याँ’ (25 लेखकों की किावनष्यों का सकलन) तथा रॉ. बीरसेन िागावसि द्ारा रवित 150 कविताओ
के 13ि अक (मवद्त ि िेब प्ारूपों) का विमोिन वकष्या। इस अक में देश-विदेश के विदी विद्ानों द्ारा वलवखत 37 आलेख प्कावशत वकए गए िैं, िो विदी के उद्भि एि विकास, वलवप, सावितष्य और ससकवत, विदी का ई-ससार और िनमाधष्यम, विदी-वशक््ण, विदी के विविि आष्याम, विदी के क्ेत् में आि के प्श्न, विदी के पथप्दश्यक तथा वदिगत विदी सावितष्यकारों से सबवित िैं। ष्यि प्काशन सवििालष्य की िेबसाइट www. vishwahindi.com पर उपलबि िै।
विश्व विदी वदिस 2022 के उपलक्ष्य में सवििालष्य ने िर 2021 में ‘अतरराष्ट्ीष्य
अतरराष्ट्ीय ससमरण लेखन प्वतयोवगता
विक्टोररया, सेशेलस
10 िनिरी, 2022 को भारतीष्य उचिाष्योग, विकटोररष्या (मािे) सेशेल स द्ारा विश्व विदी वदिस


का आष्योिन वकष्या गष्या।
इस काष्य्यक्रम में उचिाष्यक्त िनरल दलबीर वसि
सिाग ने अपने समबोिन में विदी के प्ष्योग को
देने की बात की और विदेशों में विदी
के प्िार-प्सार की आिश्ष्यकता पर बल
वदष्या। विदी में प्श्नोत्तरी प्वतष्योवगता आष्योवित

की गष्यी थी, विसमें लगभग 30 प्वतभावगष्यों ने
भाग वलष्या। इनमें से कछ प्वतभावगष्यों ने समारोि में कविता-पाठ वकष्या। प्थम, वद्तीष्य और ततीष्य परसकार प्ाप्त करने िालों को नकद परसकार
ि प्शवसत-पत् प्दान वकए गए। विदी प्श्नोत्तरी
में प्तष्येक
का फ़सबक पष्
प्थम सत् का शभारभ दीप-प्जिलन तथा मॉरीशस और भारत के राष्ट्गान से िआ। काष्य्यक्रम के मखष्य अवतवथ मॉरीशस ग्णराजष्य के राष्ट्पवत, मिामविम श्ी पथिीरािवसि रूपन, िी.सी.एस.के. रिे। मॉरीशस की भारती ष्य उचिाष्यक्त, मिामविम श्ीमती के. नवदनी वसगला भी
बि रिि के हलए भी आिशयक िै।”

काष्य्यक्रम के आरभ में विश्व विदी सवििालष्य की उपमिासविि, रॉ. मािरी रामिारी ने उपवसथत मिानभािों तथा विदी प्ेवमष्यों का सिागत वकष्या और आविकाररक काष्या्यरभ वदिस मनाने के उद्ेश्ष्य पर प्काश राला। साथ िी, उनिोंने वित्तीष्य
रूपन ने सभी को आविकाररक काष्या्यरभ वदिस की शभकामनाएँ दीं। उनिोंने सवििालष्य की उपलवबिष्यों की सरािना की तथा विदी का प्िार कर रिीं सभी ससथाओ को बिाई दी। उनिोंने विदी के मित्ि को उिागर करते िए किा “आज हिदी िम सब के बीि जीहिि िै। आज बैठकाओ से हिकलकर
के प्रिार-प्रसार में अपिा पण्म सियोग देगी।”


का उललेख वकष्या और सवििालष्य की भािी गवतविविष्यों की ििा्य की।
समारोि के दरौरान सावितष्यकार श्ीमती कलपना लालिी की पसतक ‘अपराविता’ का लोकाप्य्ण मिासीन अवतवथष्यों द्ारा वकष्या गष्या। सवििालष्य की िावर्यक साविवतष्यक विदी पवत्का ‘विश्व विदी सावितष्य’ के ितथ्य अक का भी विमोिन वकष्या गष्या।




11 फ़रिरी, 2022 को वशक्ा, ततीष्यक वशक्ा, विज्ान एि प्रौद्ोवगकी मत्ालष्य तथा भारतीष्य उचिाष्योग, मॉरीशस के सष्यक्त ततिाििान में और

कला एि सासकवतक िरोिर मत्ालष्य तथा मिातमा गािी ससथान के सिष्योग से विश्व विदी सवििालष्य
ने अपने सभागार, फ़े वनकस में अपना 14िाँ
आविकाररक काष्या्यरभ वदिस भवष्य रूप से मनाष्या।
प्थम सत् में काष्या्यरभ वदिस समारोि मनाष्या गष्या
तथा वद्तीष्य सत् में ‘प्रौद्ोहगकी के माधयम से
हिदी साहितय का हशक्ण’ विरष्य पर ऑनलाइन
काष्य्यशाला आष्योवित की गष्यी।
आविकाररक कायायारभ वदिस समारोि
मिामविम श्ीमती के. नवदनी वसगला ने इस अिसर पर सभागार को सबोवित करते िए किा वक “14 िषषों के सघषषों के पचिाि आज सहििालय एक सदृढ़ सस्ा के समाि िै। स हििालय की स्ापिा का सिपि देखििालों को मैं िमि करिी िँ।” उनिोंने मॉरीशस की सथानीष्य विदी किावनष्यों का अनिाद फ़्ेंि, अग्रे़िी और वक्रष्योल भाराओ में करने तथा सोशल मीवरष्या के माधष्यम से अविक-से-अविक
लोगों को विदी से िोडने का भी सझाि वदष्या।
इस अिसर पर मिातमा गािी ससथान में गाष्यन विभागाधष्यक्ा, रॉ. अनीता वशिगलाम तथा गाष्यन कलाकार श्ीमती लवलता गोपी, सश्ी वप्ष्यिदा ितआर, श्ी ष्यशित िरन एि श्ी परमेश प्ष्याग ने मॉरीशस के प्वसद्ध विदी कवि रॉ. िेमरा ि सदर द्ारा रवित विदी गीत ‘विदी िमारी पििान िै’ का गान वकष्या।
विश्व वंदी सचििालय, मारीशस का 14िा
आचिकाररक कायायार भ वदिस
समाहजक पररिि्मि के हलए भी काय्म कर रिा िै।
सिाद िि कसौटी िै, हजसपर िम भाषा की प्रगहि
का सरल ढग से आकलि कर सकि िैं। मॉरीशस
में हस्ि बैठकाओ में हिदी का पठि-पाठि, सकलों
एि कॉहलजों में िो रि हि दी-हशक्ण के अिपरक
िैं।” भारतीष्य उचिाष्यक्त ने बैठकाओ को और
सदृढ़ बनाने में भारत ि मॉरीशस की सरकारों की
ष्योिनाओ का भी उललेख वकष्या।
कला एि सासकवतक िरोिर मत्ालष्य की सथाष्यी
सविि, रॉ. लीला देिी लकीनाराष्य्ण ने अपने
िक्तवष्य में सिाद-उतसि
की रोिकता का रेखाकन
वकष्या। उनिोंने किा वक
“सिाद-उतसि एक
बिि िी रििातमक
गहिहिहध िै। स िाद करि
में बचिों को बोलिाल
का अभयास करिा िोिा
ि और म ि पर आि का डर भाग जािा िै। आज
सासकहिक मलयों और हिदी की हशक्ा को स्ाहपि
करि के हलए बैठकाओ को पिजजीहिि करिा
अतयि मित्िपण्म बि गया िै। छात् ों को िए ढग

से िैज्ाहिक और िकिीकी उपकरणों की सिायिा
से हिदी हसखािी िाहिए। इसके सा् िी, िमें यि
भी सोििा िाहिए हक हिदी भाषा रोटी कमाि का
हिषय भी बि सके।”
वशक्ा मत्ालष्य की सथाष्यी सविि, श्ीमती शवबना
लोतन ने अपना िक्तवष्य देते िए किा वक“भाषा


सिी अ्षों में िभी जीहिि
रििी ि जब उसे स िाद
का रूप हदया जािा िै।
इससे िा के िल भाषा का
हिकास िोिा िै, ब हलक
िमारे सोििे, सिि और

बोलि की शहक्त का भी
हिकास िोिा िै।” उनिोंने
विवभनन सिाद प्सतवतष्यों की सरािना करते िए इस
प्कार के आष्योिनों में वशक्ा मत्ालष्य के सिष्योग
का आश्वासन भी वदष्या। इस अिसर पर विवभनन सामाविक तथा सासकवतक ससथाओ के विद्ावथ्यष्यों ने विदी में सिाद की प्सतवत की। सि्यप्थम विदी प्िारर्णी सभा
की आिश्ष्यकता पर प्काश राला गष्या।
सरसिती विदी पाठशाला, कावि्यष्य वमलीतेर
इसके बाद विदी सावितष्य सममेलन, लालमाटी के


छात्ों ने ‘दष्याल वष्यवक्त ससार का श्ेष् मानि िै’ पर अपना सिाद प्सतत वकष्या, विसमें श्ी आष्यर बलदान एि श्ी नवदकेश नोगािा ने भाग वलष्या। इस प्सतवत में छोटे-बडे, सभी के प्वत दष्या-भाि रखने





दे क्रे ओल के वशक्ावथ्यष्यों द्ारा ‘करौन देगा इस प्श्न का उत्तर’ पर एक िाता्यलाप िआ। सश्ी खशी देिी भतआ, सश्ी तपवसिनी राष्य रवसक एि सश्ी पाि्यती गोकल ने इसमें भाग वलष्या और लडवकष्यों का अनादर करने िालों पर प्श्न उठाष्या गष्या।
इसके उपरात सिामी

सश्ी सिना सकाल थे। उनिोंने ष्योग द्ारा िीिन में

सतलन बनाए रखने की ििा्य की।
अगला सिाद िाकिा सासकवतक सभा की विदी
पाठशाला की छात्ाओ ने प्सतत वकष्या। इस
िाता्यलाप का शीरक ‘उवित समष्य पर सिी
सकलप’ था, सश्ी कीवत्य रघबर एि सश्ी के वशका
गरवबन ने िीिन में समष्य का सदपष्योग करने का
सदेश वदष्या।
इसके पश्ात बदािन मवलट-पपपोस एिकेशनल
एसोवसएशन के छात्ों ने ‘उदासी’ विरष्य पर
िाता्यलाप प्सतत वकष्या, विसके दरौरान सश्ी मीठी
वकश्तो एि श्ी रेशि लखन ने दसरों का कष्ट दर
करने तथा उनकी खोष्यी िई खशी को िापस लाने
की प्र्णा दी।
हकया। इस प्रकार मॉरीशस में बिि साहितयकार उभरे। साहितयकारों ि जैसे मॉरीशस का गणगाि हकया, िैसे िी भारिीय ससकहि, धम और भाषा की महिमा का भी गाि हकया।”
ने अमत मिोतसि
सदभ्य में भारतीष्य उचिाष्योग की भािी ष्योिनाओ पर भी प्काश राला और विदी लेखक सघ को सममावनत वकष्या।
अवतम प्सतवत वशिोपासक सभा विदी पाठशाला,
लई नेलाँ सरकारी पाठशाला, ला लई़ि के छात्ों
द्ारा िई। ष्यि िाता्यलाप ‘िलो एक साथ फ़टबॉल
खेलें’ शीरक पर आिाररत था। श्ी आष्यर दकन
एि सश्ी िवम्यष्ा दकन ने इसमें भाग वलष्या। इसमें

ष्यि सदेश वदष्या गष्या वक ष्यवद मन में विश्वास िो, तो
िर काष्य सभि िो सकता िै।
सिाद उतसि में भाग लेने िाले विद्ावथ्यष्यों को प्वतभावगता का प्मा्ण-पत् तथा छात्ों को तैष्यार
करने िाले विदी वशक्कों को अवभनदन-पत्
प्दान वकष्य गष्ये। इसके अवतररक्त बैठकाओ के पसतकालष्यों के वलए पसतकें प्दान की गई। मिसिालन और िनष्यिाद-ज्ापन रॉ. मािरी रामिारी ने वकष्या।
लवश्व लिदठी सलिवालर की रिपोर
अमत सजन सममान
29 माि्य, 2022 को विश्व विदी सवििालष्य तथा
विदी लेखक सघ के सिष्योग से भारतीष्य उचिाष्योग, मॉरीशस ने विश्व विदी सवििालष्य के सभागार, फ़े वनकस में अमत सिन सममान का भवष्य आष्योिन
वकष्या।
समारोि के आरमभ में भारतीष्य उचिाष्योग, मॉरीशस की वद्तीष्य सविि (भारा ि ससकवत), श्ीमती सनीता पाििा ने उपवसथत मिानभािों तथा
समारोि के मखष्य अवतवथ श्ी िनमान दबे वगरिारी रिे। सा वितष्य सिाद की समनिष्यक, श्ीमती अि घरभरन ने मखष्य अवतवथ का पररिष्य देते िए किा

“मॉरीशस में बचिों एि
हशक्कों के हलए ि्ा
सामाहजक, सासकहिक सस्ाओ के अहधकाररयों
के हलए श्री ििमाि दबे हगरधारी गरु के रूप में
पजिीय िैं।”
कम्यठ विदी प्िारक श्ी िनमान दबे वगरिारी ने अपने सबोिन में किा “यिा पीढ़ी को हिदी
के भहिषय के हलए बिि कछ करिा िै। िषषों से हिहभनि सस्ाएँ यिा पीढ़ी को आगे बढ़ि के हलए
प्रेररि करिी आ रिी िै, पर ि अभी बिि कछ करिा शेष िै।” उनिोंने विदी के विकास में विदी प्िारर्णी सभा, आष्य सभा, आष्य रवििेद प्िारर्णी सभा, विद मिासभा, रामाष्य्ण सेंटर आवद के ष्योगदान को उिागर वकष्या।


विदी लेखक सघ की उपसविि, श्ीमती कलपना लालिी ने सघ की


इस अिसर पर विदी के उतथान में विशेर ष्योगदान िेत मॉरीशसीष्य विदी सावितष्यकारों – रॉ. इद्देि भोला इद्नाथ, रॉ. उदष्य नाराष्य्ण गग, श्ी खेमराि लीला, श्ी प्ह्ाद रामशर्ण, श्ी बलितवसि नरौबतवसि, श्ी विष््णदत्त मि, रॉ. बीरसेन िागावसि, श्ी रामदेि िरिर, रॉ. लालदेि अिराि, श्ी सतष्यदेि प्ीतम, रॉ. सररता बद्ध और श्ी सष्य्यदेि वसबोरत को ‘अमत सिन सममान’ से अलकत वकष्या गष्या। विश्व विदी सवििालष्य की उपमिासविि, रॉ. मािरी रामिारी ने िनष्यिाद करते िए उपवसथत कम्यठ सावितष्यकारों के प्वत कतज्ता-ज्ावपत की। मि-सिालन श्ीमती सनीता पाििा ने वकष्या। लवश्व लिदठी सलिवालर की रिपोर


